Amniotic Fluid in Hindi : प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिलाओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है जिसमें से एक समस्या है एमनियोटिक द्रव की कमी या एमनियोटिक द्रव की अधिकता का होना।
प्रेगनेंसी में एमनियोटिक द्रव (गर्भ का पानी) की कमी या अधिकता एक दुर्लभ समस्या है जो बहुत कम गर्भवती महिलाओं में देखी जाती है, परन्तु जो महिलाएं इस समस्या से हो कर गुजरती हैं उन्हें काफी दिखतों का सामना करना पड़ता है और कभी-कभी यह समस्या उनके शिशु पर भी नकरात्मक प्रभाव डालती है।
इसलिए प्रत्येक गर्भवती महिला को एमनीओटिक फ्लूइड के बारे में सही और सटीक जानकारी होनी चाहिए।
इस पोस्ट में हमने एमनियोटिक द्रव के बारे में बताया है। जिसमें आप जान पाएंगे कि एमनियोटिक द्रव क्या होता है, एमनियोटिक द्रव की कमी और अधिकता के लक्षण, कारण और इलाज क्या हैं।
तो आइये इस पोस्ट को अब शुरू करते हैं।
एमनियोटिक द्रव क्या है? | Amniotic fluid meaning in Hindi

गर्भ का पानी – Amniotic Fluid in Hindi
गर्भाशय के अंदर शिशु एक द्रव से भरे सैक में रहता है। इस सैक को एमनियोटिक सैक (Amniotic sac) या एमनियोटिक झिल्ली (Amniotic membrane) कहा जाता है और इसके अंदर मौजूद द्रव एमनियोटिक द्रव (Amniotic fluid) कहलाता है।
एमनियोटिक द्रव को देशी भाषा में गर्भ का पानी भी कहा जाता है।
एमनियोटिक द्रव (गर्भ का पानी) एक सुरक्षात्मक तरल पदार्थ है। जो गर्भाशय (Uterus) के अंदर शिशु को चारों तरफ से घेरे रहता है। यह एमनियोटिक द्रव शिशु को गर्भाशय (Uterus) के अंदर लगने वाले धक्के व दबाव से बचाता है और साथ ही यह शिशु के अच्छे विकास में भी मदद करता है।
हालांकि, प्रसव (Delivery) के दौरान एमनियोटिक झिल्ली टूट जाती है और यह द्रव बाहर निकल आता है। इस द्रव के बहार निकलने को देशी भाषा में पानी की थैली का फटना (Water Break) कहा जाता है।
और पढ़ें – जानिए दूसरी तिमाही में शिशु (भ्रूण) का विकास सप्ताह अनुसार।
एमनियोटिक द्रव का कार्य क्या है? | Function of amniotic fluid in Hindi
Amniotic Fluid In Pregnancy in Hindi
एमनियोटिक द्रव (गर्भ का पानी) कुशन के रूप में कार्य करता है ताकि भ्रूण (Embryo) को गर्भाशय के अंदर चोट न लगे और वह सुरक्षित रहे। इसके साथ ही एमनियोटिक द्रव बच्चे को गर्भाशय के अंदर चलने में मदद करता है, बच्चे के शरीर के अंगों को सामान्य रूप से विकसित करने में मदद करता है, बच्चे के तापमान को नियंत्रित रखता है, बच्चे को संक्रमित होने से बचाता है और गर्भनाल (Umbilical cord) को गर्भाशय (Uterus) के अंदर निचोड़ने से भी रोकता है।
और पढ़ें – जानिए कैसे होता है गर्भावस्था की पहली तिमाही में शिशु (भ्रूण) का विकास।
एमनियोटिक द्रव किस रंग का होता है? | Amniotic fluid color in Hindi
एमनियोटिक द्रव (गर्भ का पानी) हल्के पीले रंग का एक पतला तरल है जो योनि स्राव की तरह गाढ़ा नहीं होता। हालांकि, कभी-कभी एमनियोटिक द्रव में रक्त की हल्की धारियां भी देखी जा सकती हैं।
एमनियोटिक द्रव मूत्र की तुलना में अधिक स्पष्ट होता है जिसकी गंध थोड़ी मीठी सी हो सकती है।
यदि एमनियोटिक द्रव हरे या भूरे रंग का है तो इसका मतलब है कि गर्भ में शिशु ने पहली बार मल त्याग किया है। गर्भ के अंदर किया जाने वाला मल मेकोनियम (Meconium) कहलाता है। आमतौर पर, जन्म के बाद बच्चे का पहला मल त्याग होता है।
यदि बच्चा गर्भ में मेकोनियम करता है, तो वह एमनियोटिक द्रव के माध्यम से शिशु के फेफड़ों में जा सकता है। इससे शिशु को सांस लेने में गंभीर समस्या हो सकती है, जिसे मेकोनियम एस्पिरेशन सिंड्रोम (Meconium aspiration syndrome) कहा जाता है। जिसकारण जन्म के तुरंत बाद शिशु को उपचार की आवश्यकता पड़ सकती है।
और पढ़ें – मैटरनिटी बैग: प्रसव के समय हॉस्पिटल ले जाने वाला जरुरी समान।
एमनियोटिक द्रव किस चीज़ का बना होता है? | Composition of amniotic fluid in Hindi
एमनियोटिक द्रव (गर्भ का पानी) इलेक्ट्रोलाइट्स, पानी, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, लिपिड, खनिज, यूरिया (शिशु का मूत्र) और भ्रूण की कोशिकाओं से बना होता है।
प्रेगनेंसी में एमनीओटिक फ्लूइड कितना होना चाहिए? | Amniotic fluid level during pregnancy in Hindi
एमनियोटिक द्रव सूचकांक (एमनीओटिक फ्लूइड इंडेक्स) क्या है? – Amniotic fluid index (AFI) meaning in Hindi
एमनियोटिक द्रव सूचकांक (AFI meaning in Hindi), गर्भावस्था में एमनियोटिक द्रव की मात्रा का सही आकलन करने का एक मानकीकृत तरीका है। एमनियोटिक द्रव सूचकांक का उपयोग उन गर्भवती महिलाओं में किया जाता है जिनकी प्रेगनेंसी कम से कम 24 सप्ताह की होती है।
एक पर्याप्त एमनियोटिक द्रव सूचकांक 5 से 25 सेमी तक होता है। इसलिए यदि गर्भ में एमनियोटिक द्रव की मात्रा 5 से 25 सेमी के बीच है, तो इसका मतलब है कि आपके गर्भ में पर्याप्त (adequate) मात्रा में एमनियोटिक द्रव है।
(Amniotic fluid adequate का मतलब है गर्भ में एमनियोटिक द्रव की पर्याप्त (adequate) मात्रा का होना।)
जब तक एमनियोटिक संतुलित मात्रा में होता है, तब तक भ्रूण को कोई नुकसान नहीं होता, लेकिन इसके अधिक हो जाने पर या कम होने पर यह शिशु के लिए हानिकारक भी हो सकता है।
25 सेमी से अधिक एएफआई (AFI) का मतलब है ज्यादा एमनियोटिक द्रव होना, और 5 सेमी से नीचे एएफआई का मतलब है कम एमनियोटिक द्रव का होना।
डॉक्टर की भाषा में कम एमनियोटिक द्रव, ओलिगोहाइड्रेमनियोस (Oligohydramnios) कहलाता है और एमनियोटिक द्रव का ज्यादा होना पॉलिहाइड्रेमनियोस (Polyhydramnios) कहलाता है।
और पढ़ें – प्रेग्नेंसी के 8 आवश्यक पोषक तत्व और उनसे जुड़ी सावधानियां।
एमनियोटिक द्रव का नॉर्मल स्तर (सप्ताह अनुसार) – Normal level of amniotic fluid in Hindi
- प्रेगनेंसी के 10 वें सप्ताह में एमनियोटिक द्रव का स्तर लगभग 10-20 ml तक होता है,
- प्रेगनेंसी के 12 वें सप्ताह के गर्भ में, एमनियोटिक द्रव की औसत मात्रा लगभग 60 ml तक होता है,
- प्रेगनेंसी के 13 वें सप्ताह में एमनियोटिक द्रव की औसत मात्रा बढ़ कर लगभग 175 ml तक हो जाता है,
- प्रेगनेंसी के 20 वें सप्ताह के बाद से, एमनियोटिक द्रव की मात्रा में अधिक अंतर आने लगता है,
- तीसरी तिमाही में आने पर एमनियोटिक द्रव की मात्रा में 5-10 ml/ दिन तक वृद्धि होती है,
- प्रेगनेंसी के 32 वें सप्ताह में एमनियोटिक द्रव का स्तर लगभग 600 ml तक होता है,
- प्रेगनेंसी के 33 वें सप्ताह में, एमनियोटिक द्रव की औसत मात्रा लगभग 800 ml तक हो जाता है,
- प्रेगनेंसी के 35 वें सप्ताह से लेकर 39 वें सप्ताह तक एमनियोटिक द्रव का स्तर लगभग 1000 ml तक होता है,
- प्रेगनेंसी के 39 वें सप्ताह के बाद, एमनियोटिक द्रव की मात्रा लगभग 600 ml से ले कर 800 ml तक होती है। 39 वें सप्ताह के बाद, एमनियोटिक द्रव की मात्रा लगभग 125 ml/ सप्ताह के हिसाब से घटने लगती है, जिसके चलते 40 वें सप्ताह से आगे, एमनियोटिक द्रव की औसत मात्रा में कमी आती है।
एमनियोटिक द्रव की कमी | Oligohydramnios in Hindi
प्रेगनेंसी में एमनियोटिक द्रव की कमी ओलिगोहाइड्रेमनियोस (Oligohydramnios) कहलाता है। ओलिगोहाइड्रेमनियोस गर्भावस्था की एक सामान्य समस्या है। इसका मतलब है कि भ्रूण के आसपास एमनियोटिक द्रव का कम होना।
ओलिगोहाइड्रेमनियोस के कई कारण हो सकते हैं जिसे नीचे बताया गया है।
एमनियोटिक द्रव के कम होने का कारण क्या है? | Causes of oligohydramnios in Hindi
ओलिगोहाइड्रेमनियोस के कारण – Causes of low amniotic fluid in Hindi
- पानी की थैली का फटना,
- गर्भवती को हाई ब्लड प्रेशर होना,
- गर्भवती को डायबिटीज होना,
- प्लेसेंटा का डिलीवरी से पहले गर्भाशय की अंदरूनी दीवार निकल जाना,
- दवाओं का उपयोग गलत ढंग से करना,
- भ्रूण की वृद्धि ठीक से न होना,
- एक से अधिक प्रेगनेंसी होना उदाहरण के लिए गर्भ में जुड़वां या तीन बच्चे का होना,
- जन्म दोष, जैसे कि गुर्दे की असामान्यताएं।
एमनियोटिक द्रव की कमी के लक्षण क्या हैं? | Oligohydramnios Symptoms in Hindi

ओलिगोहाइड्रेमनियोस के मुख्य लक्षण- Oligohydramnios meaning in Hindi
- गर्भाशय के विकास में कमी आना,
- पेट की परेशानी होना,
- एमनियोटिक द्रव का रिसाव होना,
- भ्रूण की हलचल कम हो जाना,
- गर्भाशय संकुचन होना,
- गर्भाशय का छोटा होना,
- वजन का न बढ़ना,
- बच्चे की हृदय गति अचानक से गिर जाना,
- भ्रूण की गतिविधि में कमी,
- वेजाइनल रिसाव होना,
- भ्रूण गतिविधि में उल्लेखनीय कमी,
- आपकी योनि से तरल पदार्थ रिसना।
एमनीओटिक फ्लूइड कैसे बढ़ाएं? | How to increase amniotic fluid in Hindi
- खूब पानी पिएं,
- उचित आहार लें,
- एमनियोइन्फ्यूजन
- एल-आर्जिनिन (L-arginine) सप्लीमेंट लें,
- शराब न पिएं,
- हर्बल सप्लीमेंट से बचें,
- नियमित रूप से हल्के व्यायाम करें।

1. एमनियोटिक द्रव बढ़ाने के उपाय खूब पानी पिएं – Drink plenty of water to increase amniotic fluid in Hindi
यदि महिलाओं में एमनियोटिक द्रव का स्तर सामान्य से थोड़ा कम है, तो वे अधिक पानी पीकर (एमनीओटिक फ्लूइड बढ़ाने के उपाय) एमनियोटिक द्रव के स्तर को बढ़ा सकती हैं। एमनियोटिक द्रव बढ़ाने के लिए आप नारियल पानी भी पी सकती हैं।
पीने का पानी एमनियोटिक फ्लूड इंडेक्स को बढ़ाने का सबसे आसान और सरल तरीका है।
2002 में किये गई एक अध्ययन के अनुसार, 122 गर्भवती महिलाओं को 2 घंटे के अंतराल में जब 2 लीटर पानी पिलाया गया था तो उनके एमनियोटिक द्रव के स्तर में वृद्धि देखी गई।
और पढ़ें – जानिए प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण क्या हैं, और कब दिखते हैं।
2. गर्भ का पानी बढ़ाने का तरीका उचित आहार लें – Take proper diet to increase amniotic fluid in Hindi
इसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें जिनमें पानी की मात्रा अधिक हो।
गर्भावस्था के दौरान एमनियोटिक द्रव बढ़ाने वाले कुछ खाद्य पदार्थ हैं जिनमें खीरा, सलाद पत्ता, पालक, मूली, ब्रोकली, फूलगोभी, स्ट्रॉबेरी, तरबूज, टमाटर, खरबूजा, अंगूर आदि शामिल हैं।
3. एमनियोटिक द्रव को बढ़ाने के लिए एमनियोइन्फ्यूजन – Amnioinfusion to increase amniotic fluid in Hindi
एमनियोइन्फ्यूजन डॉक्टर द्वारा किये जाने वाली एक विधि है जिसमें खारे पानी (Saline water) के घोल को एमनियोटिक थैली में डाला जाता है। यह विधि कम से कम अस्थायी रूप से एमनियोटिक द्रव के स्तर को बढ़ा सकता है।
ध्यान रहे, कभी कभी डॉक्टर एमनियोइन्फ्यूजन, अल्ट्रासाउंड से पहले बच्चे की दृश्यता बढ़ाने के लिए भी कर सकते हैं।
और पढ़ें – Amniotic Fluid की कमी या अधिकता के लक्षण, कारण और इलाज।
4. एमनियोटिक द्रव को बढ़ाने के लिए सप्लीमेंट लें – Take supplements to increase amniotic fluid in Hindi
2016 के एक अध्ययन में ऑलिगोहाइड्रामनिओस (एमनियोटिक द्रव का स्तर बहुत कम होना) से ग्रष्ट गर्भवती महिलाओं के इलाज के लिए एल-आर्जिनिन (L-arginine) सप्लीमेंट के उपयोग की जांच की गई।
इस अध्ययन में, 100 गर्भवती महिलाओं को एल-आर्जिनिन के 3-ग्राम पाउच दिन में तीन बार दिए गई। अध्ययन में निष्कर्ष निकाला गया कि एल-आर्जिनिन, एमनियोटिक द्रव के स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकता है साथ ही एल-आर्जिनिन गर्भावस्था की अवधि को लंबा करने और गर्भावस्था की जटिलताओं के जोखिम को भी कम करने में मदद करता है।
5. एमनियोटिक द्रव को बढ़ाने के लिए गर्भावस्था के दौरान शराब से बचें – Avoid alcohol to increase amniotic fluid in Hindi
गर्भावस्था के समय शराब पीने से बचें क्योंकि शराब पीने से आप डिहाइड्रेट (शरीर में पानी की कमी) हो सकती है जिससे आपके शरीर में एमनियोटिक द्रव के स्तर में कमी आ सकती है।
और पढ़ें – गर्भावस्था के दौरान 8 महत्वपूर्ण पोषक तत्व
6. गर्भ का पानी बढ़ाने के उपाय हर्बल सप्लीमेंट से बचें – Avoid herbal supplements to increase amniotic fluid in Hindi
हर्बल सप्लीमेंट मूत्रवर्धक (यूरिन का ज्यादा बनना) के रूप में कार्य करते हैं। हर्बल सप्लीमेंट लेने से बार–बार पेशाब जाना पड़ सकता है। जिसकारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है और जिससे प्रेग्नेंट महिला डिहाइड्रेट हो सकती है।
शरीर में पानी की कमी होने पर एमनियोटिक द्रव के स्तर में भी कमी आने लगती है। इसलिए एमनियोटिक द्रव के स्तर को बनाए रखने और इसे बढ़ाने के लिए हमेशा हाइड्रेटेड रहें यानी हर्बल सप्लीमेंट न लें और खूब पानी पियें।
और पढ़ें – प्रेगनेंसी में पौष्टिक आहार, जानें पूरा डाइट चार्ट
7. एमनीओटिक फ्लूइड बढ़ाने के उपाय नियमित रूप से हल्के व्यायाम करें – Do light exercise to increase amniotic fluid in Hindi
प्रेग्नेंट महिला को हर दिन लगभग चालीस मिनट तक व्यायाम (जिसमें वजन उठाना शामिल नहीं है) करना चाहिए। जिसमें नियमित रूप से चलना शामिल है।
व्यायाम करने से आपके शरीर के विभिन्न हिस्सों में रक्त के प्रवाह में बढ़ोतरी होती है। यदि प्लेसेंटा और गर्भाशय में रक्त का प्रवाह बढ़ता है, तो इसका असर एमनियोटिक द्रव के स्तर पर भी पड़ सकता है। डॉक्टर के अनुसार नियमित रूप से व्यायाम करने पर एमनियोटिक द्रव की मात्रा में बढ़ोतरी होती है। इसलिए नियमित रूप से व्यायाम करने पर एमनियोटिक द्रव के स्तर को बढ़ाया जा सकता है।
यह है प्रेगनेंसी में एमनियोटिक द्रव की पूरी जानकारी। कमेंट में बताएं आपको यह पोस्ट कैसी लगी। अगर यह पोस्ट पसंद आई हो तो इस पोस्ट को शेयर जरूर करें।
एमनियोटिक द्रव का अधिक होना | Polyhydramnios in Hindi
प्रेगनेंसी में एमनियोटिक द्रव की अधिकता पॉलीहाइड्रमनिओस (Polyhydramnios) कहलाता है। पॉलीहाइड्रमनिओस (Polyhydramnios) गर्भावस्था की एक सामान्य समस्या है। इसका मतलब है कि भ्रूण के आसपास एमनियोटिक द्रव की अधिक मात्रा है।
पॉलीहाइड्रमनिओस के कई कारण हो सकते हैं जिसे नीचे बताया गया है।
प्रेगनेंसी में एमनियोटिक द्रव के अधिक होने का कारण क्या हैं? | Causes of high amniotic fluid in Hindi
पॉलिहाइड्रेमनियोस के कारण – Causes of Polyhydramnios in Hindi
- माँ का Rh-नेगेटिव रक्त, बच्चे का Rh-पॉज़िटिव रक्त होना,
- बच्चे के पेट में समस्या,
- मां को डायबिटीज होना,
- बच्चे के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट या सेंट्रल नर्वस सिस्टम में जन्म दोष होना,
- बच्चे में रेड ब्लड सेल्स की कमी होना,
- गर्भ में बच्चे की निगलने की क्षमता कम होना,
- गर्भावस्था के दौरान मां को इन्फेक्शन होना।
एमनियोटिक द्रव के अधिक होने के लक्षण क्या हैं? | Symptoms of high amniotic fluid in Hindi

Polyhydramnios meaning in Hindi
पॉलिहाइड्रेमनियोस के मुख्य लक्षण – Polyhydramnios Symptoms in Hindi
- सांस लेने में तकलीफ होना या सांस लेने में असमर्थता
- पेट का अधिक बढ़ना,
- वजन का प्रेगनेंसी के अनुसार बहुत ज्यादा बढ़ना,
- पेट की दीवार में सूजन आना,
- गर्भाशय संकुचन होना,
- अल्ट्रासाउंड में भ्रूण की ब्रीच प्रस्तुति (भ्रूण का सिर नीचे की ओर न आना),
- पैर, जांघ, कूल्हे, टखने और/या पैर में सूजन आना,
- मल त्याग में कठिनाई या कब्ज होना,
- खट्टी डकार आना।
उच्च एमनियोटिक द्रव से क्या जटिलताएं हो सकती हैं? | Complications of high amniotic fluid in Hindi
पॉलिहाइड्रेमनियोस के जोखिम और जटिलताएं – Polyhydramnios complication during pregnancy in Hindi
- एमनीओटिक फ्लूइड के ज्यादा होने से ब्रीच प्रेगनेंसी का जोखिम (अधिक एमनियोटिक द्रव होने से, बच्चे का सिर नीचे की ओर आने में परेशानी होना) बढ़ता है,
- एमनीओटिक फ्लूइड के ज्यादा होने से गर्भनाल आगे की ओर बढ़ सकता है,
- एमनीओटिक फ्लूइड के ज्यादा होने से एमनियोटिक झिल्ली समय से पहले टूटना सकती है, जिससे समय से पहले प्रसव हो सकता है
- एमनीओटिक फ्लूइड के ज्यादा होने से शिशु के जन्म के बाद रक्तस्राव का खतरा बढ़ सकता है,
- एमनीओटिक फ्लूइड के ज्यादा होने से प्लेसेंटा टूटने (Placental abruption) का खतरा बढ़ सकता है, जहां बच्चे के जन्म से पहले ही प्लेसेंटा गर्भाशय की दीवार से अलग हो जाती है।
एमनियोटिक द्रव कम करने के उपाए | Polyhydramnios treatment in Hindi
एमनियोटिक द्रव को दो तरीकों द्वारा कम किया जा सकता है जिसमें पहला एमनियोसेंटेसि प्रक्रिया और दूसरा तरीका मेडिसिन का इस्तेमाल करके है। जो की डॉक्टर द्वारा निर्धारित किया जाता है।
एमनियोसेंटेसिस: यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो डॉक्टर द्वारा की जाती है जिसमें आपके शरीर से अतिरिक्त एमनियोटिक द्रव को बाहर निकला जाता है। हालांकि एमनियोसेंटेसिस के कारण समय से पहले लेबर पेन या डिलीवरी होने का रिस्क बढ़ जाता है।
एमनियोटिक द्रव कम करने के लिए डॉक्टर आपको इंडोमेथेसिन नामक ओरल मेडिसिन दे सकते हैं। यह मेडिसिन एमनियोटिक द्रव के स्तर को कम करने में मदद करती है। यह आमतौर पर डिलीवरी से 31 सप्ताह पहले दिया जा सकता है।
और पढ़ें – हर्बल चाय (हर्बल टी) के 8 फायदे और नुकसान।
ये है एमनियोटिक द्रव (Amniotic Fluid In Hindi) के बारे में दी गई पूरी जानकारी। कमेंट में बताएं आपको यह पोस्ट कैसी लगी। अगर आपको एमनीओटिक फ्लूइड इन हिंदी पोस्ट पसंद आई हो तो इसे शेयर जरूर करें।
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Disclaimer : ऊपर दी गई जानकारी पूरी तरह से शैक्षणिक दृष्टिकोण से दी गई है। इस जानकारी का उपयोग किसी भी बीमारी के निदान या उपचार हेतु बिना विशेषज्ञ की सलाह के नहीं किया जाना चाहिए। इसके अलावा किसी भी चीज को अपनी डाइट में शामिल करने या हटाने से पहले किसी योग्य डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ (Dietitian) की सलाह जरूर लें।
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- https://www.birthinjuryhelpcenter.org/amniotic-fluid-excess.html
- https://www.childrensmn.org/services/care-specialties-departments/fetal-medicine/conditions-and-services/polyhydramnios/
- https://en.wikipedia.org/wiki/Amniotic_fluid
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