Leaking Amniotic Fluid in Hindi : इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको एमनियोटिक द्रव क्या है, एमनियोटिक द्रव के रिसाव के लक्षण, कारण और उपचार के बारे में विस्तार से समझा रहे हैं।
चलिए अब इस पोस्ट हो शुरू करते हैं ।
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एमनियोटिक द्रव क्या है? | Amniotic fluid meaning in Hindi
एमनियोटिक थैली |
प्रेगनेंसी के आखिरी दिनों में (यानी नवे महीने में) तरल पदार्थ का वजाइना से बहार निकलना (या रिसना), प्रसव पीड़ा का शुरुवाती संकेत हो सकता है। वजाइना से बहार निकलने वाला यह तरल पदार्थ एमनियोटिक द्रव कहलाता है।
एमनियोटिक द्रव एक झिल्ली के अंदर होता है जिसे एमनियोटिक थैली (amniotic sac) कहते हैं। यह एमनियोटिक द्रव गर्भाशय (Uterus) के अंदर शिशु को चारों तरफ से घेरे रहता है और गर्भाशय (Uterus) के अंदर शिशु को लगने वाले धक्के व दबाव से बचाता है।
एमनियोटिक थैली गर्भाधान के दो सप्ताह के बाद एमनियोटिक द्रव उत्पन्न करती है। एमनियोटिक द्रव में पानी, इलेक्ट्रोलाइट्स, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, लिपिड, खनिज, यूरिया (शिशु का मूत्र) और भ्रूण की कोशिकाओं सहित कुछ होर्मोनेस भी उपस्थित रहते हैं जो शिशु के स्वस्थ विकास के लिए महत्वपूर्ण होता है।
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एमनियोटिक द्रव का रिसाव | Leaking amniotic fluid in Hindi
डिलीवरी से पहले पानी आना
एमनियोटिक थैली का समय से पहले टूटना (या गर्भावस्था के दौरान पानी का रिसाव), प्रीटरम प्रीमेच्योर रप्चर ऑफ मेम्ब्रेन (Preterm premature rupture of membrane-PPROM) कहलाता है। इसका मतलब है कि गर्भावस्था के 37 सप्ताह से पहले ही एमनियोटिक द्रव का रिसाव होने लगाना।
एमनियोटिक द्रव का समय से पहले रिसना मां और शिशु दोने के लिए एक चिंता का विषय हो सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि एमनियोटिक द्रव का अधिक मात्रा में रिसाव होने से बच्चा ठीक से पनप नहीं पाता है, और जिस कारण शिशु में कई प्रकार की जटिलताओं के विकास का खतरा बना रहता है। हालांकि, ये समस्या केवल 3 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं में ही देखी जाती है। लेकिन फिर भी गर्भवती महिलाओं को एमनियोटिक द्रव के रिसाव के बारे में ठीक ढंग से पता होना जरुरी है।
एमनियोटिक द्रव का नॉर्मल स्तर | Normal level of amniotic fluid in Hindi
एमनियोटिक द्रव का स्तर हर एक गर्भवती महिलाओं में अलग-अलग हो सकता है। गर्भ में एमनियोटिक द्रव का सामान्य स्तर नीचे बताया गया है –
- प्रेगनेंसी के 10 वें सप्ताह में एमनियोटिक द्रव का स्तर लगभग 10-20 ml तक होता है,
- प्रेगनेंसी के 12 वें सप्ताह के गर्भ में, एमनियोटिक द्रव की औसत मात्रा लगभग 60 ml तक होता है,
- प्रेगनेंसी के 16 वें सप्ताह के गर्भ में, एमनियोटिक द्रव की औसत मात्रा लगभग 175 ml तक होता है,
- प्रेगनेंसी के 35 वें सप्ताह से लेकर 39 वें सप्ताह तक एमनियोटिक द्रव का स्तर लगभग 1000 ml तक होता है,
- प्रेगनेंसी के 39 वें सप्ताह के बाद, एमनियोटिक द्रव की मात्रा कम होने लगती है जो लगभग 600 ml से ले कर 800 ml तक हो जाता है।
एमनियोटिक द्रव के रिसाव के लक्षण | Symptoms of amniotic fluid leakage in Hindi
एमनियोटिक द्रव के रिसाव के लक्षण |
एमनियोटिक द्रव रिसाव की पहचान
मूत्राशय (Urinary bladder) पर गर्भाशय (Uterus) के दबाव के कारण महिलाएं अक्सर यूरिन और वाइट डिस्चार्ज (प्रसव प्रक्रिया को आसान बनाने में मदद करता है) के रिसाव का अनुभव करती हैं।
परन्तु, कुछ महिलाओं में कभी-कभी एमनियोटिक द्रव का रिसाव भी होने लगता है। जो कि एक गंभीर समस्या है। क्योंकि ये तीनो ही पदार्थ लगभग एक जैसे ही होते हैं।
इसलिए गर्भवती महिलाओं का इन पदार्थों के बीच भेद करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन कुछ सामान्य पैटर्न एमनियोटिक द्रव, यूरिन और योनि द्रव को आपस में अलग कर सकते हैं। जिसे नीचे टेबल के मध्य से बताया गया है।
यदि एमनियोटिक द्रव की बात करें तो एमनियोटिक द्रव में हल्की मीठी गंध हो सकती है। ये देखने में स्पष्ट दिखाई देता है, इसमें सफेद धब्बे हो सकते हैं, या थोड़ी मात्रा में बलगम या रक्त हो सकता है। इसके अलावा एमनियोटिक द्रव के रिसाव में महिला का कोई नियंत्रण नहीं होता है। एमनियोटिक द्रव का रिसाव कुछ ही महिलाओं में देखने को मिलता है।
यूरिन (मूत्र) में आमतौर पर अमोनिया जैसी गंध होती है और इसका रंग पीला या हल्का पीला होता है। गर्भवती महिलाओं में अक्सर कुछ मात्रा में यूरिन का रिसाव होता है, यूरिन के रिसाव में महिला का नियंत्रण होता है, जबकि योनि द्रव या एमनियोटिक द्रव के मामले में ऐसा नहीं है। इसलिए, यदि आप “इस रिसाव” को रोकने की कोशिश करते हैं तो भी यह तरल पदार्थ लीक होते रहता है। योनि द्रव आमतौर पर सफेद या पिले रंग का होता है।
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नीचे टेबल के माध्यम से हमने इन तीनो पदार्थों के बीच अंतर बताया है –
Symptoms of amniotic fluid leakage in Hindi |
एमनियोटिक फ्लूइड के रिसाव के कारण | Causes of Amniotic Fluid Leakage in Hindi
एमनियोटिक द्रव के रिसाव का सबसे आम कारण प्रसव पीड़ा है। हालांकि, कई अन्य कारणों से दूसरी तिमाही या तीसरी तिमाही के शुरुवाती चरण के दौरान एमनियोटिक द्रव का रिसाव हो सकता है। जो निम्न कारणों से हो सकते हैं।
- योनि, गर्भाशय ग्रीवा या गर्भाशय में संक्रमण,
- गर्भाशय या ग्रीवा क्षेत्र पर सर्जरी का इतिहास,
- जुड़वां या एक से अधिक गर्भधारण,
- मां का खराब आहार,
- प्रसवपूर्व चरण में शराब, ड्रग्स या धूम्रपान का सेवन,
- जीवाणु संक्रमण,
- दुर्घटनाओं के कारण एमनियोटिक थैली को आघात,
- गर्भाशय का असामान्य विकास,
- आकस्मिक आघात,
- पॉलीहाइड्रमनिओस (एमनियोटिक थैली में बहुत अधिक एमनियोटिक द्रव),
- ओलिगोहाइड्रामनिओस (एमनियोटिक थैली में बहुत कम एमनियोटिक द्रव),
- पोषक तत्वों की कमी और कम वजन।
एमनियोटिक द्रव के रिसाव से होने वाली जटिलताएं | Complications of leaking amniotic fluid in Hindi
एमनियोटिक द्रव के रिसाव होने से कई प्रकार की जटिलताएं या समस्याएं हो सकती हैं। इसमें शामिल हैं-
- गर्भपात,
- समय से पहले शिशु का जन्म,
- भ्रूण की धीमी वृद्धि,
- गर्भनाल का संकुचित होना जिससे बच्चा ऑक्सीजन से वंचित हो सकता है,
- सिजेरियन डिलीवरी की संभावना बढ़ना,
- गर्भ में संक्रमण,
- नवजात के मस्तिष्क की क्षति।
एमनियोटिक द्रव के रिसाव का उपचार | Treatment of amniotic fluid leakage in Hindi
एम्नोयोटिक फ्लूइड के रिसाव का इलाज
एमनियोटिक द्रव के रिसाव का उपचार हर एक महिला में अलग-अलग होता है जो रिसाव के कारण, भ्रूण की उम्र, भ्रूण के स्वास्थ्य और भ्रूण के विकास पर आधारित होता है। सामान्य परिस्थितियों में डॉक्टर निम्नलिखित उपचारों द्वारा प्रेगनेंसी की जटिलताओं को कम करते हैं।
- एमनियोटिक द्रव के रिसाव के उपचार के लिए डॉक्टर पीड़ित महिला को आराम के लिए बोलते हैं, जिसका अर्थ है कि महिला को अपनी गतिविधियों को कम करना चाहिए और दिन के अधिकांश समय आराम करना चाहिए।
- संक्रमण से बचने लिए डॉक्टर एंटीबायोटिक्स शुरू करवा सकते हैं जो गर्भावस्था के दौरान लेने पर सुरक्षित मानी जाती हैं।
- भ्रूण के फेफड़े की परिपक्वता में तेजी लाने के लिए प्रसवपूर्व कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स दे सकते हैं।
- भ्रूण के मस्तिष्क की रक्षा के लिए मैग्नीशियम सल्फेट दिया जा सकता है।
- यदि प्रसव का समय बिलकुल पास है, तो डॉक्टर ऑक्सीटोसिन नामक दवा का उपयोग करके श्रम शुरू करने का विकल्प चुन सकते हैं।
- यदि प्रसव आने में अधिक समय हो तो डॉक्टर टॉलिटिक्स नामक दवाएं शरू कर सकते हैं जो समय से पहले प्रसव को रोकने में मदद कर सकती हैं।
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अगर एमनियोटिक द्रव का रिसाव हो तो डॉक्टर से कब परामर्श करें | When to call a doctor
Treatment of amniotic fluid leakage in Hindi |
निम्नलिखित परिस्थितियों में आप अपने डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं। यदि-
- 37 सप्ताह से पहले ही एमनियोटिक फ्लूइड का रिसाव शुरू हो जाए,
- एमनियोटिक फ्लूइड का रिसाव के साथ बुखार भी महसूस हो रहा हो,
- फ्लूइड में एक हरा रंग या गहरा भूरा रंग दिखाई दे। जो बच्चे के मल की ओर इशारा करता है। मेकोनियम की उपस्थिति जन्म के समय शिशु के सांस लेने में कठिनाई पैदा कर सकता है,
- लगातार एमनियोटिक फ्लूइड का रिसाव हो रहा हो,
- वेजाइना से खून बहना,
- तीव्र हृदय गति,
- वजन में कमी या वृद्धि की कमी हो रही हो,
- गर्भाशय कोमल लग रहा हो।
हालांकि, यदि आप 38 सप्ताह में एमनियोटिक फ्लूइड के रिसाव को नोटिस करती हैं, तो इसका यह अर्थ है कि आपको लेबर पैन शुरू होने वाला है।
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ये है प्रसव से पहले एमनियोटिक द्रव का रिसाव की पूरी जानकारी। कमेंट में बताएं आपको यह पोस्ट कैसी लगी। अगर पोस्ट पसंद आई हो तो इसे शेयर जरूर करें।
Disclaimer : ऊपर दी गई जानकारी पूरी तरह से शैक्षणिक दृष्टिकोण से दी गई है। किसी भी उपचार या दवाई को शुरू करने से पहले किसी योग्य डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
संदर्भ (References)
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