Crohn’s Disease in Hindi : इस पोस्ट में हमने क्रोहन रोग क्या है, क्रोन रोग के लक्षण, कारण और इसके जोखिम कारकों के बारे में बताया है। इसके अलावा क्रोहन रोग से बचने के उपाय, क्रोहन रोग में क्या नहीं खाना चाहिए और क्रोहन रोग के इलाज के बारे में भी बताया गया है।
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क्रोहन रोग क्या है? | Crohn’s disease meaning in Hindi
क्रोहन रोग (crohn’s disease in Hindi) छोटी आंत और कोलन में होने वाली एक सूजन (Inflammatory Bowel Disease-IBD) है जो हमारे पाचन तंत्र को प्रभावित करती है। कोलन बड़ी आंत का भाग होता है जिसे हम मलाशय भी कहते हैं।
आमतौर पर क्रोहन रोग छोटी आंत (इलियम) के अंतिम भाग में या बड़ी आंत (कोलन) के शुरुवाती भाग में होता है। हालांकि, यह रोग गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक (gastrointestinal (GI) tract) के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है।
क्रोहन रोग के मुख्य लक्षण पेट दर्द, आंत में अल्सर, मुंह में छाले, दस्त, थकान और एनीमिया हैं।
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क्रोहन रोग का क्या कारण है? | Causes of Crohn’s disease in Hindi
क्रोहन रोग (crohn’s disease in Hindi) के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। हालांकि, शोधकर्ताओं को लगता है कि एक ऑटोइम्यून प्रतिक्रिया (autoimmune reaction) इस रोग का कारण हो सकती है।
ऑटोइम्यून प्रतिक्रिया तब होती है जब आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली (आपकी एंटीबाडी) आपके शरीर में मौजूद स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला करती है।
कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि आनुवंशिक कारक (genetic factors) भी इस रोग का कारण हो सकता है।
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क्रोन रोग से ग्रस्त लोगों में बैक्टीरिया (Bacteria), वायरस ( Viruses), परजीवी (Parasites) और कवक (Fungi) से आंतों में संक्रमण होने की संभावना अधिक होती है जो क्रोहन रोग के लक्षणों को और भी खराब कर सकते हैं और साथ ही जटिलताएं भी पैदा कर सकते हैं।
क्रोहन में फंगल संक्रमण आम है जो फेफड़ों और आंतों के मार्ग दोनों को प्रभावित कर सकता है।
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क्रोहन रोग के लक्षण क्या हैं? | Cohn’s disease (IBD) symptoms in Hindi
पुरुषों और महिलाओं में क्रोहन रोग के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि आंत के किस हिस्से पर इस रोग ने हमला किया है।
क्रोहन रोग के आम लक्षणों में शामिल हैं:
- पेट दर्द,
- आंत में अल्सर,
- मुंह के छाले,
- दस्त,
- थकान,
- वजन घटाने,
- एनीमिया,
- गुदा से रक्तस्राव और गुदा विकार।
1. पेट दर्द होना क्रोहन रोग का लक्षण हो सकता है। (Pain in Crohn’s Disease in Hindi)
पेट दर्द क्रोहन रोग (इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज) का सबसे आम लक्षण है। पेट दर्द का स्तर हर एक व्यक्तियों में भिन्न हो सकता है और यह इस बात पर निर्भर करता है कि आंत में सूजन (Inflammatory Bowel Disease) कहां है। आमतौर पर, रोगी को पेट के निचले दाहिने हिस्से में दर्द का अनुभव होता है।
2. आंत में अल्सर क्रोहन रोग का लक्षण हो सकता है। (Gut ulcers in Crohn’s Disease in Hindi)
क्रोन रोग पेट में छाले (अल्सर) कर सकता है जिस कारण रोगी के मल में खून दिखाई दे सकता है।
3. मुंह के छाले क्रोहन रोग का लक्षण हो सकता है। (Mouth ulcers in Crohn’s Disease in Hindi)
क्रोहन रोग से ग्रस्त व्यक्ति के मुंह में छाले हो सकते हैं।
4. दस्त क्रोहन रोग का लक्षण हो सकता है। (Diarrhea in Crohn’s Disease in Hindi)
क्रोन रोग (इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज) से ग्रस्त व्यक्तियों में दस्त लगना आम है ऐसा इसलिए क्योंकि इस रोग से पीड़ित व्यक्ति अपने भोजन को ठीक से पचा नहीं पाते हैं। ग्रस्त लगने की स्थिति हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकती है।
5. थकान क्रोहन रोग का लक्षण हो सकता है। (Fatigue in Crohn’s Disease in Hindi )
थकान लगना क्रोहन रोग का लक्षण हो सकता है। क्रोहन रोग वाले व्यक्ति अक्सर बहुत थका हुआ महसूस करते हैं। थकान के दौरान बुखार आना भी संभव है जो इन्फेक्शन के कारण से आ सकता है।
6. बदली हुई भूख क्रोहन रोग का लक्षण हो सकता है। (Altered appetite in Crohn’s Disease in Hindi)
क्रोहन (क्रोन) रोग में कभी-कभी व्यक्ति को भूख कम लगती है, तो कभी बहुत ज्यादा। इसलिए बदली हुई भूख क्रोहन (क्रोन) रोग के लक्षण हो सकते हैं।
7. वजन घटाने क्रोहन रोग का लक्षण हो सकता है। (Weight loss in Crohn’s Disease in Hindi)
क्रोहन (क्रोन) रोग में भूख की कमी के परिणामस्वरूप रोगी का वजन दिन प्रतिदिन घटने लगता है।
8. एनीमिया क्रोहन रोग का लक्षण हो सकता है। (Anemia in Crohn’s Disease in Hindi)
क्रोहन (क्रोन) रोग में अच्छे से पाचन ना होने से खून की कमी हो जाती है जिससे रोगी को एनीमिया हो सकता है।
9. गुदा से रक्तस्राव और गुदा विकार क्रोहन रोग का लक्षण हो सकता है। (Anal bleeding and anal disorders)
क्रोहन रोग में गुदा की त्वचा (anal skin) फट जाती है, जिससे दर्द और रक्तस्राव होता है।
क्रोहन रोग के अन्य संभावित लक्षणों में शामिल हैं:
- त्वचा, आंखों और जोड़ों की सूजन,
- जिगर (liver) या पित्त नलिकाओं (Bile ducts) की सूजन,
- किडनी में पथरी,
- त्वचा पे लाल चकत्ते और सूजन,
- बच्चों में देरी से वृद्धि या यौन विकास,
- आंखों में खुजली या दर्द,
- बुखार,
- जोड़ों में दर्द,
- जी मिचलाना।
कभी-कभी रोगी इन लक्षणों को खुद से ही किसी अन्य बीमारी से जोड़ देता है जैसे कि भोजन की विषाक्तता (Food poisoning), पेट खराब होना, या एलर्जी। यदि इनमें से कोई भी लक्षण बहुत दिनों तक बने रहते हैं तो आपको अपने डॉक्टर से तुरंत मिलना चाहिए।
क्रोहन (क्रोन) रोग के जोखिम कारक | Risk factors for crohn’s disease (IBD) in Hindi
कुछ जोखिम कारक ऐसे होते हैं जो क्रोन रोग (इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज) के होने की सम्भावना को बढ़ा सकते हैं। इन जोखिम करकों में शामिल हैं –
1. रोग का पारिवारिक इतिहास (Family history)
माता-पिता में क्रोहन रोग होने से यह रोग उनके बच्चों में आ सकता है।
2. धूम्रपान (Smoking)
धूम्रपान क्रोहन रोग के विकास के जोखिम को दो गुना तक बढ़ा सकता है।
3. दवाएं (Medicines)
कुछ दवाएं जैसे एंटीबायोटिक्स, गर्भनिरोधक गोलियां, और एस्पिरिन या इबुप्रोफेन। ये क्रोहन के विकास की संभावना को थोड़ा बढ़ा सकते हैं।
4. उच्च वसा वाला आहार (High fat diet)
उच्च वसा वाला आहार क्रोहन के जोखिम को थोड़ा बढ़ा सकता है।
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क्रोहन (क्रोन) रोग के प्रकार | Types of Crohn’s Disease (IBD) in Hindi
क्रोहन रोग के पांच प्रकार होते हैं, जो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक (Gastrointestinal track) के एक अलग अलग हिस्सों को प्रभावित करते हैं। क्रोहन रोग के प्रकार में शामिल हैं –
1. इलियोकोलाइटिस क्रोहन रोग (Ileocolitis)
2. आईलाइटिस क्रोहन रोग (Ileitis)
3. गैस्ट्रोडोडोडेनल क्रोहन रोग (Gastroduodenal Crohn’s disease)
4. जेजुनोइलाइटिस क्रोहन रोग (Jejunoileitis)
4. क्रोहन कोलाइटिस (Crohn’s colitis)
अल्सरेटिव कोलाइटिस और क्रोहन रोग में अंतर। Difference Between Ulcerative Colitis and Crohn’s Disease in Hindi
- अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative colitis in hindi) बड़ी आंत की सूजन है, जबकि क्रोहन रोग पाचन तंत्र (मुंह से गुदा तक) के किसी भी भाग में हो सकता है।
- अल्सरेटिव कोलाइटिस के मुख्या लक्षणों में म्यूकस के साथ मल में रक्त आना, मलाशय के भाग में दर्द, दस्त व भूख न लगना शामिल हैं, जबकि क्रोहन रोग में मतली, वजन घटना, उल्टी, और कभी-कभी मलाशय से रक्तस्राव हो सकता है।
क्रोहन रोग किसे हो सकता है? । Who might get Crohn’s disease in Hindi
क्रोहन रोग का निदान कैसे किया जाता है?। How is Crohn’s disease diagnosed in Hindi
1. रक्त परीक्षण द्वारा क्रोहन रोग की जाँच (Blood test for Crohn’s disease in Hindi)
2. मल परीक्षण द्वारा क्रोहन रोग की जाँच (Stool test for Crohn’s disease in Hindi)
3. एमआरआई स्कैन द्वारा क्रोहन रोग की जाँच (MRI Scan for Crohn’s disease in Hindi)
4. सीटी स्कैन द्वारा क्रोहन रोग की जाँच (CT Scan for Crohn’s disease in Hindi)
5. एंडोस्कोपी द्वारा क्रोहन रोग की जाँच (Endoscopy for Crohn’s disease in Hindi)
एंडोस्कोप एक पतली और लचीली ट्यूब होती है जिसके सिरे पर एक कैमरा होता है। डॉक्टर इसे मलाशय (rectum) के माध्यम से आंत तक पहुँचता है।
एंडोस्कोप विभिन्न प्रकार की होती हैं, जिसमें कोलोनोस्कोपी (colonoscopy) या सिग्मोइडोस्कोपी (sigmoidoscopy) शामिल हैं।
कोलोनोस्कोपी के दौरान डॉक्टर पूरे कोलन की जांच करते हैं जबकि सिग्मायोडोस्कोपी के दौरान डॉक्टर कोलन के केवल बहरी भाग की जांच करते हैं।
6. बायोप्सी परीक्षण द्वारा क्रोहन रोग की जाँच (Biopsy for Crohn’s disease in Hindi)
क्रोहन रोग के उपचार | Crohn’s disease treatment in Hindi
1. दवाएं द्वारा क्रोहन (क्रोन) रोग का इलाज (Medicine)
- स्टेरॉयड (Steroids)
- दस्त रोधी दवाएं (Anti-diarrheal drugs)
- एंटीबायोटिक दवाएं (Antibiotics)
- एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं (Anti-inflammatory drugs)
2. सर्जरी द्वारा क्रोहन (क्रोन) रोग का इलाज (Surgery)
क्रोहन रोग के घरेलू उपचार | Home remedies for crohn’s disease in Hindi
1. पाचन तंत्र को आराम दे कर क्रोहन रोग का घरेलू उपचार (Bowel rest)
2. डाइट में बदलाव लाकर क्रोहन रोग का घरेलू इलाज (Change in diet)
क्रोहन रोग में डॉक्टर रोगी को उच्च फाइबर खाद्य पदार्थ, डेयरी, चीनी, उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थ और मसालेदार भोजन ना खाने की सलाह देते हैं।
इसके अलावा डॉक्टर अधिक पानी पीने, प्रोबायोटिक लेने, एसेंशियल ऑयल्स का सेवन करने, छोटे-छोटे अंतराल में भोजन खाने, तले हुए खाने के बजाए उबले हुए भोजन लेने की सलाह दे सकते हैं।
3. मछली के तेल द्वारा क्रोहन रोग का घरेलू इलाज (Fish Oil)
क्रोहन रोग में क्या नहीं खाना चाहिए? | What not to eat in Crohn’s disease in Hindi
क्रोहन रोग में क्या नहीं खाना चाहिए, इस बारे में सटीक जानकारी डॉक्टर ही दे पाएंगे। फिर भी हमने कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों के बारे में बताया है जो क्रोहन रोग में नहीं खाने चाहिए। जिनमें शामिल हैं –
- शराब (मिश्रित पेय, बीयर, शराब)
- कार्बोनेटेड शीतल पेय
- कॉफी, चाय, चॉकलेट
- चीज़, मक्खन, मियोनीज
- मक्का
- मसालेदार भोजन
- दूध और दूध के उत्पाद
- वसायुक्त भोजन (तला हुआ भोजन)
- फाइबर युक्त भोजन
- गैस पैदा करने वाले खाद्य पदार्थ (दाल, बीन्स, फलियां, पत्ता गोभी, ब्रोकली, प्याज)
- नट्स और बीज (जैसे मूंगफली और अखरोट का मक्खन)
- कच्चे फल
- कच्ची सब्जियां
- लाल मांस और सूअर का मांस
- साबुत अनाज
ऊपर बताए गए खाद्य पदार्थ उच्च फाइबर, लेक्टोस, फैट या ग्लूटेन से भरपूर होते हैं, जो क्रोहन रोग के लक्षण को और भी ख़राब कर सकते हैं । इस वजह से इन्हें आहार में शामिल ना करने की सलाह दी जाती है।
निष्कर्ष | Conclusion
Disclaimer : ऊपर दी गई जानकारी पूरी तरह से शैक्षणिक दृष्टिकोण से दी गई है। इस जानकारी का उपयोग किसी भी बीमारी के निदान या उपचार हेतु बिना विशेषज्ञ की सलाह के नहीं किया जाना चाहिए। इसके अलावा किसी भी चीज को अपनी डाइट में शामिल करने या हटाने से पहले किसी योग्य डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ (Dietitian) की सलाह जरूर लें।
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