आमतौर पर महिलाओं का मासिक चक्र 4 से 5 दिनों का होता है। अगर ये साइकल बहुत लम्बी या बहुत छोटी रहने लगे तो इसे अनियमित पीरियड्स कहा जाता है।
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पीरियड के अनियमित होने का प्रमुख कारण प्रेगनेंसी, गर्भ निरोधक दवाइयों का इस्तेमाल करना या रजोनिवृत्ति (menopause) होना है। इसके अलावा पीरियड न आने का कारण अधिक तनाव, कम वजन, मोटापा, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम,अनियंत्रित मधुमेह या थायराइड हार्मोन्स का गड़बड़ाना हो सकता है।
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पीरियड्स अनियमित होने की वजह से महिलाओं को कई तरह की परेशानियां होती हैं जैसे यूट्रस (पेट) में दर्द होना, भूख में कमी, स्तन, हाथ, पैर और कमर में दर्द होना, जी मिचलाना, उल्टी, कब्ज आदि।
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वैसे पीरियड लाने की बहुत सी दवाइयां हैं, लेकिन कुछ घरेलू उपाय अनियमित पीरियड्स की समस्या में कारगर हो सकते हैं। अनियमित पीरियड के घरेलू उपाय में शामिल हैं -
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शोध से पता चलता है कि विटामिन डी ओव्यूलेशन को विनियमित करने में मदद कर सकता है। विटामिन डी पाने का सबसे अच्छा स्रोत सूरज की किरणें हैं। इसके अलावा अंडा, संतरा, दूध, मशरूम, दही ,अनाज, मीट, वसायुक्त मछली भी विटामिन डी के अच्छे स्रोत हैं।
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मासिक धर्म को प्रेरित करने के लिए विटामिन सी की खुराक आवश्यक है। विटामिन सी, एस्ट्रोजन के स्तर को बढ़ाकर मासिक धर्म को प्रेरित कर सकती है। इस हार्मोन का बढ़ा हुआ स्तर गर्भाशय को संकुचन कर सकता है, जो बदले में रक्तस्राव को उत्तेजित करता है। विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थों में शामिल हैं खट्टे फल (जैसे कीवी और संतरे) और सब्जियां (जैसे टमाटर, ब्रोकली और शिमला मिर्च)।
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प्रारंभिक शोध से पता चलता है कि सेब का सिरका पीने से पीसीओएस (PCOS) वाली महिलाओं का ओव्यूलेशन (पीरियड) नियंत्रित किया जा सकता है। इसके अलावा, सेब का सिरका वजन कम करने में भी लाभदायक है। एक ग्लास पानी में एक से दो चम्मच सेब का सिरका डालकर पिया जा सकता है।
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अदरक का सेवन अनियमित पीरियड पर असरदार हो सकता है। इसलिए प्रत्येक दिन दो कप अदरक की चाय पियें। हालांकि, कई लोग चाय पीना पसंद नहीं करते हैं। इसके लिए आप रोज सुबह अदरक की हर्बल टी पी सकते हैं।
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हल्दी, अनियमित पीरियड्स सहित कई स्वास्थ्य स्थितियों के लिए एक लोकप्रिय घरेलू उपचार है।हल्दी, गर्भाशय और श्रोणि क्षेत्र (pelvic region) में रक्त प्रवाह को उत्तेजित कर सकती है और मासिक धर्म को प्रेरित कर सकती है। एक ग्लास दूध में एक चम्मच हल्दी पाउडर दाल कर गुनगुने दूध पिया जा सकता है।
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पपीते में कैरोटीन पाया जाता है जो कि महिलाओं के पीरियड को जल्दी लाने में मददगार कर सकता है। कच्चा पपीता खाने से एस्ट्रोजेन नाम का हॉर्मोन स्रावित होता है, जो पीरियड के लिए महत्वपूर्ण है।
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अजवायन और गुड़ का मिश्रण मासिक धर्म में ऐंठन से राहत दिलाने के अलावा मासिक धर्म को प्रेरित करने में भी मदद करते हैं। 1 चम्मच अजवायन को 1 गिलास पानी में 1 चम्मच गुड़ के साथ उबालकर सुबह खाली पेट सेवन किया जा सकता है।
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धनिया के बीज अनियमित मासिक धर्म के लिए सबसे प्रभावी घरेलू उपचार माना जाता है। पीरियड्स से कुछ दिन पहले 1 चम्मच धनिया के दानों को 2 कप पानी में उबाल लें। फिर छान कर उसे दिन में तीन बार पिया जा सकता है।
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सौंफ रुका हुआ पीरियड को लेन में मदद कर सकती है। इसके आलावा पीरियड के पैन को कम करने भी मदद करती है। सॉस पैन में ढाई कप पानी उबालें, अब उसमें दो छोटे चम्मच सौंफ को डाल दें, फिर 7-10 मिनट तक पानी को उबलने दें, उबलने के बाद 10 मिनट पानी को ढक दें, फिर इस चाय को छान लें, बस तैयार है आपकी सौंफ की चाय।
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