प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है जिसमें से एक समस्या है पॉलिहाइड्रेमनियोस। प्रेग्नेंसी में एमनियोटिक द्रव का अधिक होना (उच्च एमनियोटिक द्रव होना) पॉलिहाइड्रेमनियोस (Polyhydramnios in Hindi) कहलाता है।
पॉलिहाइड्रेमनियोस एक दुर्लभ समस्या है जो बहुत कम गर्भवती महिलाओं में देखी जाती है, परन्तु जो महिलाएं इस समस्या से गुजरती हैं उन्हें काफी दिखतों का सामना करना पड़ता है और कभी-कभी यह समस्या उनके शिशु पर भी नकरात्मक प्रभाव डालती है। तो चलिए इस पोस्ट में पॉलिहाइड्रेमनियोस क्या है इसके कारण, लक्षण और उपचार के बारे में विस्तार से पढ़ते हैं।
एमनीओटिक फ्लूइड (एमनियोटिक द्रव) क्या है? (What is Amniotic fluid in Hindi)
गर्भ का पानी – Amniotic Fluid in Hindi
गर्भाशय के अंदर शिशु एक द्रव से भरे सैक में रहता है। इस सैक को एमनियोटिक सैक (Amniotic sac) या एमनियोटिक झिल्ली (Amniotic membrane) कहा जाता है और इसके अंदर मौजूद द्रव एमनियोटिक द्रव (Amniotic fluid) कहलाता है। एमनियोटिक द्रव को देशी भाषा में गर्भ का पानी भी कहा जाता है।
एमनियोटिक द्रव (गर्भ का पानी) एक सुरक्षात्मक तरल पदार्थ है। जो गर्भाशय (Uterus) के अंदर शिशु को चारों तरफ से घेरे रहता है। यह एमनियोटिक द्रव शिशु को गर्भाशय (Uterus) के अंदर लगने वाले धक्के व दबाव से बचाता है और साथ ही यह शिशु के अच्छे विकास में भी मदद करता है।
एमनियोटिक द्रव का नॉर्मल स्तर (Normal level of amniotic fluid in Hindi)
एमनियोटिक द्रव का स्तर हर सप्ताह बदलता रहता है। गर्भ में एमनियोटिक द्रव का सामान्य स्तर इस प्रकार है-
- प्रेगनेंसी के 10 वें सप्ताह में एमनियोटिक द्रव का स्तर लगभग 10-20 ml तक होता है,
- प्रेगनेंसी के 12 वें सप्ताह के गर्भ में, एमनियोटिक द्रव की औसत मात्रा लगभग 60 ml तक होता है,
- प्रेगनेंसी के 16 वें सप्ताह के गर्भ में, एमनियोटिक द्रव की औसत मात्रा लगभग 175 ml तक होता है,
- प्रेगनेंसी के 35 वें सप्ताह से लेकर 39 वें सप्ताह तक एमनियोटिक द्रव का स्तर लगभग 1000 ml तक होता है,
- प्रेगनेंसी के 39 वें सप्ताह के बाद, एमनियोटिक द्रव की मात्रा कम होने लगती है जो लगभग 600 ml से ले कर 800 ml तक हो जाता है।
एमनियोटिक द्रव का अधिक होना क्या है? (Polyhydramnios meaning in Hindi)
प्रेगनेंसी में एमनियोटिक द्रव का सामान्य से अधिक होना पॉलीहाइड्रमनिओस (Polyhydramnios in Hindi) कहलाता है। इसका मतलब है कि भ्रूण के आसपास एमनियोटिक द्रव की मात्रा जरुरत से ज्यादा है। बहुत अधिक एमनियोटिक द्रव की समस्या आमतौर पर गर्भावस्था के आखिरी महीनों में देखी जाती है।
आमतौर पर गर्भावस्था के अंतिम सप्ताह तक एमनियोटिक द्रव का स्तर 600-800 मिली तक होता है, जो कि एक सामान्य स्तर है। परन्तु पॉलीहाइड्रमनिओस (High amniotic fluid) कि स्थति में ये स्तर 2000ml तक चला जाता है जो चिंता का विषय होता है।
पॉलिहाइड्रेमनियोस (पॉलिहाइड्रेमनियोस इन हिंदी) एक दुर्लभ समस्या है जो केवल 1% महिलाओं में देखी जाती है। पॉलीहाइड्रमनिओस के कई कारण हो सकते हैं जिसे नीचे बताया गया है।
क्या कारण हैं पॉलीहाइड्रमनिओस के? (Causes of Polyhydramnios in Hindi)
यदि आपके गर्भ में जुड़वां या इससे अधिक बच्चे हैं, तो इस बात की अधिक संभावना है कि पॉलीहाइड्रमनिओस से गुजरे। इसके अलावा उच्च एमनियोटिक द्रव (High amniotic fluid) के कारण कई और भी हो सकते हैं। जिनमें शामिल हैं –
- माँ का Rh-नेगेटिव रक्त और भ्रूण (fetus) का Rh-पॉज़िटिव रक्त होना,
- मां को डायबिटीज होना, जिसे डॉक्टर गर्भकालीन मधुमेह भी कहते हैं।
- भ्रूण के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट या सेंट्रल नर्वस सिस्टम में जन्म दोष,
- भ्रूण के गुर्दे संबंधी विकार जिसके परिणामस्वरूप गर्भावस्था के दौरान मूत्र उत्पादन में वृद्धि होती है,
- भ्रूण के मूत्र पथ में रुकावट, या मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी का असामान्य विकास,
- डाउन सिंड्रोम और एडवर्ड्स सिंड्रोम जैसी क्रोमोसोमल असामान्यताएं,
- भ्रूण में रेड ब्लड सेल्स (लाल रक्त कोशिकाओं) की कमी,
- गर्भ में भ्रूण की एमनियोटिक द्रव निगलने की क्षमता कम होना,
- गर्भावस्था के दौरान मां को इन्फेक्शन होना।
“डाउन सिंड्रोम और एडवर्ड्स सिंड्रोम जैसी क्रोमोसोमल असामान्यताएं, पॉलीहाइड्रमनिओस का सबसे चिंताजनक कारण हैं, लेकिन सौभाग्य से ये सबसे कम आम भी हैं।”
पॉलीहाइड्रमनिओस के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Polyhydramnios in Hindi)
- सांस लेने में तकलीफ या सांस लेने में असमर्थता
- पेट का अधिक बढ़ना,
- वजन का प्रेगनेंसी के अनुसार बहुत ज्यादा बढ़ना,
- पेट की दीवार में सूजन आना,
- गर्भाशय संकुचन होना,
- अल्ट्रासाउंड में भ्रूण की ब्रीच प्रस्तुति (भ्रूण का सिर नीचे की ओर न आना),
- पैर, जांघ, कूल्हे, टखने और/या पैर में सूजन आना,
- मल त्याग में कठिनाई या कब्ज होना,
- खट्टी डकार आना।
हाई एमनियोटिक फ्लूइड से होने वाली जटिलताएं (Complications of Polyhydramnios in Hindi)
- ब्रीच प्रेगनेंसी का जोखिम (अधिक एमनियोटिक द्रव होने से, बच्चे का सिर नीचे की ओर आने में परेशानी होना) बढ़ता है,
- गर्भनाल आगे की ओर बढ़ सकता है,
- एमनियोटिक झिल्ली समय से पहले टूटना सकती है, जिससे समय से पहले प्रसव हो सकता है
- शिशु के जन्म के बाद रक्तस्राव का खतरा बढ़ सकता है,
- एमनीओटिक फ्लूइड के ज्यादा होने से प्लेसेंटा टूटने (Placental abruption) का खतरा बढ़ सकता है, जहां बच्चे के जन्म से पहले ही प्लेसेंटा गर्भाशय की दीवार से अलग हो जाती है।
एमनीओटिक फ्लूइड कम करने के उपाय (Polyhydramnios treatment in Hindi)
एमनियोटिक फ्लूइड को दो तरह से कम किया जा सकता है, जिसमें पहला तरीका है एमनियोसेंटेसिस और दूसरा है दवा का सेवन।
1. एमनियोसेंटेसिस (Amniocentesis)
एमनियोसेंटेसिस में अतिरिक्त एमनियोटिक द्रव को गर्भाशय से बाहर निकला जाता है। हालांकि एमनियोसेंटेसिस के कारण समय से पहले लेबर पेन या डिलीवरी होने का रिस्क बढ़ जाता है।
2. दवाएं (Medicines)
एमनियोटिक द्रव कम करने के लिए डॉक्टर आपको इंडोमेथेसिन नामक ओरल मेडिसिन दे सकते हैं। यह मेडिसिन एमनियोटिक द्रव के स्तर को कम करने में मदद करती है। यह आमतौर पर डिलीवरी से 31 सप्ताह पहले दिया जा सकता है।
इसके अलावा पॉलीहाइड्रमनिओस का इलाज एक ऐसी दवा से भी किया जा सकता है जो भ्रूण द्वारा उत्पादित मूत्र की मात्रा को कम करती है। हालांकि ध्यान रहे इस दवा से बच्चे के दिल को नुकसान पहुंचने का खतरा होता है, इसलिए आपको अपने बच्चे के दिल की धड़कन पर नजर रखने के लिए नियमित जांच करानी होगी।
“कुछ गंभीर मामलों में डॉक्टर 37 सप्ताह से कुछ दिन पहले लेबल पैन करवाने की सलाह देते हैं।”
कैसे किया जाता है पॉलीहाइड्रमनिओस का निदान? (Diagnosis of Polyhydramnios in Hindi)
अल्ट्रासाउंड द्वारा उच्च एमनियोटिक द्रव (पॉलिहाइड्रेमनियोस) की पहचान या निदान किया जाता है।
यदि अल्ट्रासाउंड में एमनियोटिक द्रव सूचकांक ≥ 25 सेमी से अधिक आता है तो इसका मतलब गर्भ में एमनियोटिक द्रव की मात्रा सामान्य से अधिक है।
एक समान्य एमनियोटिक द्रव सूचकांक 5 सेमी से 25 सेमी तक होता है। इसके विपरीत, एमनियोटिक द्रव सूचकांक का <5 सेमी से नीचे होना एमनियोटिक द्रव की कमी (ओलिगोहाइड्रेमनियोस) को दर्शाता है।
और पढ़ें – एमनियोटिक द्रव की कमी (Low Amniotic Fluid) के लक्षण, कारण और उपाय
निष्कर्ष (Conclusion)
प्रेग्नेंसी में एमनियोटिक द्रव का जरुरत से ज्यादा होना पॉलिहाइड्रेमनियोस कहलाता है। आमतौर पर गर्भावस्था के अंतिम सप्ताह तक एमनियोटिक द्रव का स्तर 600-800 मिली तक होता है, जो कि एक सामान्य स्तर है। परन्तु पॉलीहाइड्रमनिओस कि स्थति में ये स्तर 2000ml तक चला जाता है। पॉलिहाइड्रेमनियोस एक दुर्लभ समस्या है जो बहुत कम गर्भवती महिलाओं में देखी जाती है। उच्च एमनियोटिक द्रव का मुख्या कारण गर्भ में जुड़वां या इससे अधिक बच्चे होना है। इसके अलावा गर्भकालीन मधुमेह, भ्रूण के गुर्दे संबंधी विकार या भ्रूण में सेंट्रल नर्वस सिस्टम में जन्म दोष होना भी उच्च एमनियोटिक द्रव का कारण हो सकता है। डॉक्टर एमनियोसेंटेसिस या दवाओं द्वारा पॉलिहाइड्रेमनियोस का उपचार करते हैं
ये है उच्च एमनियोटिक द्रव (पॉलिहाइड्रेमनियोस) के लक्षण, कारण और उपाय के बारे में दी गई पूरी जानकारी। कमेंट में बताएं आपको Polyhydramnios in Hindi पोस्ट कैसी लगी। अगर आपको एमनीओटिक फ्लूइड इन हिंदी पोस्ट पसंद आई हो तो इसे शेयर जरूर करें।
वेब पोस्ट गुरु ब्लॉग में आने और पोस्ट पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद।
Disclaimer : ऊपर दी गई जानकारी पूरी तरह से शैक्षणिक दृष्टिकोण से दी गई है। इस जानकारी का उपयोग किसी भी बीमारी के निदान या उपचार हेतु बिना विशेषज्ञ की सलाह के नहीं किया जाना चाहिए। इसके अलावा किसी भी चीज को अपनी डाइट में शामिल करने या हटाने से पहले किसी योग्य डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ (Dietitian) की सलाह जरूर लें।
सन्दर्भ (References)
1. March of Dimes, Pregnancy Complications: Polyhydramnios.
https://www.marchofdimes.org/complications/polyhydramnios.aspx
2. NHS, Polyhydramnios (too much amniotic fluid).
https://www.nhs.uk/conditions/polyhydramnios/Pages/polyhydramnios.aspx
3. Mayo Clinic, Diseases, and Conditions: Polyhydramnios.
https://www.mayoclinic.org/diseases-conditions/polyhydramnios/basics/definition/con-20034451
4. Hamza A, Herr D, Solomayer EF, Meyberg-Solomayer G. Polyhydramnios: Causes, Diagnosis and Therapy. Geburtshilfe Frauenheilkd. 2013 Dec;73(12):1241-1246. doi: 10.1055/s-0033-1360163. PMID: 24771905; PMCID: PMC3964358.