गुर्दे की खराबी या विफलता एक ऐसी स्थिति है जिसमें एक या दोनों गुर्दे काम करना बंद कर देते हैं। इस स्थिति को अंग्रेजी भाषा में किडनी फेलियर कहा जाता है। मधुमेह (Diabetes) और उच्च रक्तचाप (High blood pressure), किडनी खराब होने के दो मुख्य कारण हैं। किडनी फेल होने के पहले रोगी को कुछ लक्षण (Symptoms Of Kidney Failure in Hindi) दिखाई दे सकते हैं जिन्हें पहचान कर आप अपनी किडनी को खराब होने से बचा सकते हैं। इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको किडनी खराब होने के लक्षण (kidney kharab hone ke lakshan in hindi) और उपाय सहित किडनी फेल होने के कारण के बारे में विस्तार से समझा रहे हैं।
किडनी खराब होने के लक्षण (Symptoms of kidney failure in Hindi)
किडनी खराब होने से पहले कुछ लक्षण दिखाई देते हैं। किडनी खराब होने के लक्षण (Kidney Kharab Hone Ke Lakshan) निम्नलिखित हो सकते हैं।
1. यूरिन (मूत्र) में रक्त आना (Blood in urine)
यूरिन में ब्लड आना किडनी फेल होने के लक्षण (Kidney fail hone ke lakshan) हो सकता है। मूत्र में रक्त की मौजूदगी हेमट्यूरिया (Hematuria) के रूप में जानी जाती है। हालांकि यह कई बिमारियों (जैसे urinary tract infection-UTI) का कारण भी हो सकता है। इसलिए, अगर मूत्र में रक्त आए तो एक बार अपने डॉक्टर से इस सम्बन्ध में बात जरूर करें।
2. शरीर में सूजन (Body swelling)
गुर्दे का प्रमुख कार्य रक्त से अतिरिक्त तरल पदार्थों को शरीर से बहार निकलना है। पर जब किडनी फेल होती है तो ऐसा नहीं होता। जिस कारण अतरिक्त द्रव आपके शरीर में जमा होने लगता है और रोगी के एड़ी, हाथ, पैर और चेहरे में सूजन आ जाती है।
इसके अलावा किडनी खराब होने पर फेफड़ों और आंखों के आसपास में भी सूजन आ सकती है। इसलिए शरीर में सूजन किडनी खराब (किडनी फेल का संकेत) होने का संकेत हो सकता है।
3. पीठ दर्द और मांसपेशियों में ऐंठन (Back pain and muscle cramps)
किडनी खराब होने पर आप पीठ या बाजू में दर्द को महसूस कर सकते हैं। आमतौर पर यह दर्द पीठ के बीच के साइड की तरफ होता है।इसलिए अगर ऐसा कोई दर्द हो तो यह किडनी खराब होने का शुरुआती लक्षण हो सकता है।
4. त्वचा पे लाल चकत्ते या खुजली होना (Skin rash or itching)
आपके रक्त में अपशिष्ट उत्पादों का निर्माण त्वचा की प्रतिक्रिया का कारण बन सकता है, जिसके परिणामस्वरूप चकत्ते या गंभीर खुजली हो सकती है।
खुजली अक्सर रक्त में फास्फोरस के उच्च स्तर के कारण होती है, जो अक्सर किडनी पेशेंट में देखी जाती है। इसलिए त्वचा पे लाल चकत्ते या खुजली या सूखी त्वचा का होना किडनी खराब होने का संकेत हो सकता है।
5. सांस लेने में कमी (Shortness of breath)
जब गुर्दे अतिरिक्त तरल पदार्थों को शरीर से बहार नहीं निकाल पाते हैं, तो ये अतिरिक्त पदार्थ फेफड़ों में जमा होने लगते हैं, जिससे आपको सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
इसके अलावा खून की कमी भी सांस फूलने का कारण हो सकता है। इसलिए सांस लेने में कमी किडनी फेल होने का लक्षण हो सकता है।
6. फास्फोरस, कैल्शियम, या विटामिन डी का असामान्य स्तर (Abnormal levels of phosphorus, calcium, or vitamin D)
गुर्दा की खराबी, इलेक्ट्रोलाइट के असंतुलन का कारण बन सकता है, जैसे कम कैल्शियम का स्तर या उच्च फास्फोरस के स्तर का होना, जिससे मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है।
मांसपेशियों में ऐंठन किडनी खराब होने के लक्षण हो सकते हैं।
7. असामान्य मूत्र परीक्षण (Abnormal urine tests)
प्रोटीन्यूरिया का होना, किडनी के खराब होने का संकेत हो सकता है। मूत्र में प्रोटीन की उच्च मात्रा प्रोटीन्यूरिया कहलाता है।
स्वस्थ गुर्दे अपशिष्ट और तरल पदार्थ को छानते हैं, जिससे प्रोटीन रक्त में वापस आ जाता है।
परन्तु ,जब गुर्दे ठीक से काम नहीं करते हैं, तो यह प्रोटीन आपके मूत्र के माध्यम से बाहर आ जाते हैं। जो किडनी खराब होने की पहचान है।
8. उच्च रक्त चाप (High blood pressure)
उच्च रक्तचाप किडनी की बीमारी का संकेत हो सकता है। गुर्दे की बीमारी के कारण अतिरिक्त तरल पदार्थ और सोडियम रक्त में बढ़ने लगता है, जो उच्च रक्तचाप का कारण बन सकता है।
उच्च रक्तचाप गुर्दे की रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचते हैं और समय के साथ गुर्दे की बीमारी को और भी ज्यादा खराब कर सकते हैं।
इसके अलावा उच्च रक्तचाप, सिरदर्द का कारण भी बन सकता है। जो किडनी फेल होने का लक्षण हो सकता है।
किडनी की बीमारी के प्रारंभिक लक्षण (Early symptoms of kidney disease in Hindi)
1. मूत्र उत्पादन में कमी (Decreased urine output)
यूरिन का कम आना किडनी की बीमारी के प्रारंभिक लक्षण में से एक है। यह स्थिति एक चेतावनी का संकेत हो सकता है कि गुर्दे की फ़िल्टरिंग इकाइयाँ क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं या क्षतिग्रस्त होने की प्रक्रिया में हैं।
2. थकान और सिरदर्द (Fatigue and headache)
गुर्दा की कार्य क्षमता कम होने से रक्त में विषाक्त पदार्थों (Toxins) का निर्माण हो सकता है जिससे आप में ऊर्जा की कमी हो सकती है।
इसके अलावा गुर्दे लाल रक्त कोशिकाओं को बनाने में मदद करते हैं, परन्तु किडनी के खराब हो जाने पर हमारे शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी हो जाती है जिसे एनीमिया कहा जाता है।
एनीमिया के कारण गुर्दे रोगियों में थकान, सिरदर्द, सहनशक्ति में कमी, चक्कर आना, कमजोरी आदि जैसे किडनी खराब होने के प्रारंभिक लक्षण (किडनी खराबी के लक्षण) दिखाई देते हैं।
3. भूख मे कमी (Loss of appetite)
शरीर में विषाक्त पदार्थों का निर्माण अपनी भूख कम कर सकता है। भूख की कमी से आप थका हुआ महसूस करेंगे और किसी भी कार्य में मन नहीं लगेगा। भूख की कमी किडनी फेल के शुरुवाती लक्षण हो सकता है।
Kidney खराब होने के कारण (Causes of kidney failure in Hindi)
1. मधुमेह और उच्च रक्तचाप (Diabetes and high blood pressure)
मधुमेह और उच्च रक्तचाप, किडनी खराब होने के दो मुख्य कारण हैं, जो किडनी फलिएर के दो-तिहाई मामलों के लिए जिम्मेदार होते हैं।
2. ग्लोमेरुलर रोग (Glomerulonephritis)
ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस गुर्दे की फ़िल्टरिंग इकाइयों में सूजन और क्षति का कारण बनता है। ये विकार गुर्दे की खराबी का तीसरा प्रमुख कारण है।
3. वंशानुगत रोग (Hereditary disease)
जैसे कि पॉलीसिस्टिक किडनी रोग, इसके कारण गुर्दे में बड़े सिस्ट बन जाते हैं और आसपास के ऊतकों को नुकसान पहुंचने लगते हैं।
4. उम्र (Age)
आपकी उम्र गुर्दे की बीमारी का जोखिम कारक है, विशेष रूप से 60 साल से अधिक होने पर क्रोनिक किडनी रोग (सीकेडी) होने की सम्भावना अधिक होती है।
5. ल्यूपस (Lupus) रोग
जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करते हैं और गुर्दे की खराबी का कारण बनते हैं।
6. गुर्दे की पथरी (Kidney stone)
ट्यूमर या बढ़े हुए प्रोस्टेट ग्रंथि जैसी समस्याओं गुर्दे की खराब का कारण बनता है।
7. यूरिन इन्फेक्शन (Urine infection)
बार-बार यूरिनरी इन्फेक्शन (Urinary infection) होना भी गुर्दे की खराब का कारण हो सकता।
गुर्दे की खराबी का निदान कैसे किया जाता है? (How is kidney failure diagnosed in Hindi?)
डॉक्टर कुछ परीक्षण करवा के गुर्दे की खराबी का निदान कर सकते हैं। जिसमें निम्नलिखित परीक्षण शामिल हो सकते हैं –
1. रक्त परीक्षण (Blood Test)
इसमें सीरम क्रिएटिनिन (serum creatinine) और यूरिया नाइट्रोजन प्रमुख है, इन टेस्ट में यह देखा जाता है कि रक्त में कोई अतरिक्त अवशेष उत्पाद (Waste product) तो नहीं है।
2. मूत्र परीक्षण (Urine Test)
गुर्दे के फेल की जांच के लिए मूत्र परीक्षण किया जा सकता है, जिसमें प्रोटीन की मात्रा का पता लगाया जाता है।
3. इमेजिंग टेस्ट (Imaging Tests)
जैसे मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (magnetic resonance imaging- MRI) स्कैन, कम्प्यूटेड टोमोग्राफी स्कैन (CT scan) और अल्ट्रासाउंड का उपयोग किडनी कि संरचना देखने के लिए किया जाता है।
4. किडनी बायोप्सी (Kidney Biopsy)
किडनी बायोप्सी, जहां गुर्दे के ऊतकों का निरीक्षण प्रयोगशाला में किया जाता है
5. ग्लोमेरुलर निस्पंदन दर (Glomerulofiltration Rate -GRF) परीक्षण
जीएफआर (GRF) यह अनुमान लगाता है कि कितने मिलीलीटर अपशिष्ट किडनी द्वारा प्रति मिनट फिल्टर किया जा सकता है। अगर आपका GFR बहुत कम है तो इसका मतलब है कि किडनी अच्छी तरह से कम नहीं कर पा रही हैं और शरीर में टॉक्सिन्स जमा हो रहे हैं। आमतौर पर एक स्वस्थ व्यक्ति के गुर्दे >90 मिलीलीटर से अधिक अपशिष्ट प्रति मिनट फ़िल्टर कर सकते हैं।
6. छाती का एक्सरे (Chest X-Ray)
इसका उद्देश्य पल्मोनरी एडिमा की जाँच के लिए किया जाता है। पल्मोनरी एडिमा फेफड़ों में अतिरिक्त तरल पदार्थ के कारण होने वाली स्थिति है।
किडनी बचाव के घरेलू उपाय (Kidney disease home remedies in Hindi)
कुछ घरेलू उपायों को अपना कर आप किडनी खराब होने से बचा सकते हैं। किडनी बचाव के घरेलू उपाय में शामिल हैं-
- किडनी बचाव के लिए खूब पानी पिएं,
- क्रैनबेरी जूस पीने से आप किडनी का बचाव कर सकते हैं,
- अनार का रस पीने से किडनी का बचाव हो सकता है,
- तुलसी का रस पीने से किडनी स्वस्थ रहती है,
- नींबू का रस किडनी के बचाव के लिए लाभ दायक होता है,
- इसके अलावा अजवाइन का रस पियें,
- सेब का सिरका लें,
- खजूर खाएं,
- शराब की मात्रा को नियंत्रित रखें,
- कैफीन की मात्रा को सीमित रखें।
और पढ़ें – जानिए क्या हैं किडनी बचाव के 11 घरेलू उपाय (विस्तार से)
निष्कर्ष (Conclusion)
गुर्दे की बीमारी का जल्द पता लगाने से किडनी की खराबी को बढ़ने से रोका जा सकता है। उच्च रक्तचाप और मधुमेह किडनी के खराब होने का प्रमुख कारण है। मूत्र में प्रोटीन का होना, यूरिन का कम आना, थकान, सिरदर्द, भूख मे कमी आदि किडनी खराब होने के शुरुवाती लक्षण हैं। हालांकि, कुछ घरेलू उपायों को अपना कर किडनी को खराब होने से बचा सकते हैं।
ये हैं किडनी खराब होने के लक्षण और उपाय की पूरी जानकारी। कमेंट में बताएं आपको यह पोस्ट कैसी लगी। अगर पोस्ट पसंद आई हो तो इसे शेयर जरूर करें।
Disclaimer : ऊपर दी गई जानकारी पूरी तरह से शैक्षणिक दृष्टिकोण से दी गई है। इस जानकारी का उपयोग किसी भी बीमारी के निदान या उपचार हेतु बिना विशेषज्ञ की सलाह के नहीं किया जाना चाहिए। इसके अलावा किसी भी चीज को अपनी डाइट में शामिल करने या हटाने से पहले किसी योग्य डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ (Dietitian) की सलाह जरूर लें।
संदर्भ (References)
- Bindroo S, Quintanilla Rodriguez BS, Challa HJ. Renal Failure. [Updated 2021 Aug 13]. In: StatPearls [Internet]. Treasure Island (FL): StatPearls Publishing; 2021 Jan-. Available from: https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK519012/
- Vaidya SR, Aeddula NR. Chronic Renal Failure. [Updated 2021 Jul 16]. In: StatPearls [Internet]. Treasure Island (FL): StatPearls Publishing; 2021 Jan-. Available from: https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK535404/
- Benjamin O, Lappin SL. End-Stage Renal Disease. [Updated 2021 Feb 4]. In: StatPearls [Internet]. Treasure Island (FL): StatPearls Publishing; 2021 Jan-. Available from: https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK499861/
- Goyal A, Daneshpajouhnejad P, Hashmi MF, et al. Acute Kidney Injury. [Updated 2021 Aug 14]. In: StatPearls [Internet]. Treasure Island (FL): StatPearls Publishing; 2021 Jan-. Available from: https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK441896/
- Murtagh FE, Addington-Hall J, Edmonds P, Donohoe P, Carey I, Jenkins K, Higginson IJ. Symptoms in the month before death for stage 5 chronic kidney disease patients managed without dialysis. J Pain Symptom Manage. 2010 Sep;40(3):342-52.
- Fraser SD, Blakeman T. Chronic kidney disease: identification and management in primary care. Pragmat Obs Res. 2016;7:21-32. Published 2016 Aug 17.
- Acute kidney injury (AKI). (n.d.).https://www.kidney.org/atoz/content/AcuteKidneyInjury.
- Choosing a treatment for kidney failure. (2018).https://www.niddk.nih.gov/health-information/kidney-disease/kidney-failure/choosing-treatment.