बार–बार पेशाब आना (Frequent Urination in Hindi) एक सामान्य स्थिति है, परन्तु जरूरत से ज्यादा बार पेशाब आना किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। यदि आप भी बार–बार पेशाब आने की समस्या से परेशान हैं और इससे छुटकारा पाना चाहते हैं, तो हम आपको इसके कुछ घरेलू उपाय बता रहे हैं। तो आइए पढ़ते हैं पुरुषों और महिलाओं में बार-बार पेशाब आने के कारण और बचाव के घरेलू उपाय के बारे में।
24 घंटे में कितनी बार पेशाब करना चाहिए? (How many times should you urinate in 24 hours in Hindi)
अगर आप 24 घंटे में 6 से 8 बार यूरिन जाते हैं तो यह सामान्य है। हालांकि कुछ लोग इससे कम या इससे अधिक बार भी यूरिन जा सकते हैं। इसका मतलब यह बिलकुल भी नहीं है कि उन्हें सेहत से जुड़ी कोई समस्या है। क्योंकि यूरिन जाने की फ्रिक्वेंसी तीन चीजों पर निर्भर करती है।
- पहला, आपके ब्लेडर का साइज कितना बड़ा है।
- दूसरा, आप दिन में कितने लीटर पानी पीते है या कितनी लिक्विड डायट लेते हैं।
- तीसरा, अगर आप स्मोकिंग करते हैं तब भी आपको नॉन स्मोकर्स की तुलना में अधिक बार बाथरूम के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं।
अगर आप ज्यादा मात्रा में पेय पदार्थ नहीं पीते हैं और फिर भी आपको बार-बार पेशाब करने की इच्छा होती है, तो यह किसी इंफेक्शन का कारण हो सकता है।
बार-बार पेशाब क्यों आता है? (What are the causes of frequent urination in Hindi?)
बार-बार पेशाब आने का कारण (Bar bar peshab aane ka karan) वह बीमारियां हो सकती हैं, जो गुर्दे, मूत्राशय, मूत्रवाहिनी और मूत्रमार्ग सहित मूत्र पथ के कुछ हिस्सों को प्रभावित करती हैं। अन्य स्थितियां, जैसे मधुमेह, प्रोस्टेट की समस्याएं और गर्भावस्था भी बार-बार पेशाब आने के सामान्य कारण हैं। चलिए अब विस्तार से पुरुषों और महिलाओं को बार-बार पेशाब आने के कारण के बारे में जानते हैं।
1. यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई)
यूरिनरी ट्रैक्ट में इंफेक्शन होना अधिक बार पेशाब आने का सबसे आम कारण है। यूटीआई तब होता है जब बैक्टीरिया मूत्रमार्ग पर आक्रमण करते हैं। इसके लक्षणों में आमतौर पर पेशाब करते समय जलन, साथ ही कभी-कभी बुखार, पीठ के निचले हिस्से में दर्द, पेशाब में खून, या पेशाब में दुर्गंध आना शामिल है। यूटीआई की बीमारी महिलाओं और लड़कियों में सबसे आम हैं।
2. बढ़ा हुआ प्रोस्टेट
यदि आप प्रोस्टेट की समस्या से परेशान हैं, तो यह फ्रीक्वेंट यूरिनेशन का कारण हो सकता है। एक बढ़ा हुआ प्रोस्टेट मूत्रमार्ग (शरीर से मूत्र को बाहर निकालने वाली नली) पर दबाव डाल सकता है और मूत्र के प्रवाह को अवरुद्ध कर सकता है। इससे पेशाब की थोड़ी मात्रा होने पर भी मूत्राशय सिकुड़ने लगती है, जिससे बार-बार पेशाब लगने लगती है। हालांकि, ज्यादातर मामलों में यह स्थिति महिलाओं में नहीं देखी जाती है।
3. प्रेगनेंसी
बार-बार पेशाब लगने का तीसरा बड़ा कारण प्रेगनेंसी है । प्रेगनेंसी के दौरान यूटरस बड़ा हो जाता है जिसकी वजह से ब्लैडर पर दबाव बढ़ने लगता है। इसलिए, इस दौरान महिलाओं को बार-बार पेशाब करने की इच्छा होती है। गर्भावस्था के दौरान बार-बार पेशाब आना किसी चिकित्सकीय समस्या का संकेत नहीं है और यह आमतौर पर गर्भावस्था के आखिरी कुछ महीनों के दौरान ज्यादा होता है।
4. मूत्राशय की पथरी
अगर आप सोच रहे हैं कि बार-बार पेशाब क्यों आता है, तो मूत्राशय की पथरी इसका कारण हो सकती है। यह स्थिति तब होती है जब मूत्र में पाए जाने वाले खनिज क्रिस्टल परिवर्तित हो जाते हैं और आपस में चिपक जाते हैं। पेशाब के रंग में बदलाव, पेशाब में खून आना, प्रवाह बाधित होना और पेशाब करने की इच्छा में वृद्धि मूत्राशय की पथरी के सामान्य कारण हैं।
5. टाइप 1 या टाइप 2 डायबिटीज
अनियंत्रित टाइप 1 या टाइप 2 डायबिटीज बार-बार पेशाब आने का संकेत हो सकता है। जब मधुमेह नियंत्रित नहीं होता है, तो शरीर अतिरिक्त चीनी को मूत्र के मध्य से बार निकलती है जिससे आपको बार-बार पेशाब करने की इच्छा होती है।
6. हाई ब्लड प्रेशर
हाई ब्लड प्रेशर में ली जाने वाली दवाएं भी फ्रीक्वेंट यूरिनेशन का कारण हो सकता है। ये दवाएं किडनी पर अतिरिक्त लिक्विड को बाहर निकालने का दबाव बनाती हैं। इसी वजह से इस तरह की दवाओं के इस्तेमाल से भी व्यक्ति को बार-बार पेशाब होने लगती है।
7. डर या चिंता
बार बार पेशाब आने का कारण केवल शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक कारण भी हो सकते हैं। डर या चिंता के कारण आपको अधिक बार पेशाब आ सकती है।
8. बहुत अधिक शराब या कैफीन पीना
शराब और कैफीन मूत्रवर्धक के रूप में कार्य करते हैं, जिससे बार-बार पेशाब आती है। शीतल पेय, कृत्रिम मिठास और खट्टे फल मूत्राशय में जलन पैदा करते हैं, जिससे आप बार-बार पेशाब आने का अनुभव करते हैं।
9. बार-बार पेशाब लगने के अन्य कारण
बार-बार पेशाब आने के अतिरिक्त चिकित्सा कारणों में शामिल हो सकते हैं:
- ब्लैडर कैंसर,
- प्रोस्टेट कैंसर,
- मूत्राशय की पथरी,
- गुर्दा संक्रमण (पायलोनेफ्राइटिस),
- विकिरण चिकित्सा,
- मूत्रमेह,
- योनिशोथ,
- पेल्विक ट्यूमर,
- ओवरएक्टिव ब्लैडर सिंड्रोम।
पुरुषों की तुलना में महिलाओं को बार-बार पेशाब आने की समस्या क्यों होती है? (Why are women more prone to frequent urination than men in Hindi?
- बार-बार पेशाब आने या यूटीआई की समस्या पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा होती है। क्योंकि महिलाओं का मूत्रमार्ग पुरुषों की तुलना में छोटा और खुला होता है। बैक्टीरिया आसानी से मूत्रमार्ग से मूत्राशय में चले जाते हैं, जिससे मूत्र मार्ग में संक्रमण हो जाता है।
- कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि रजोनिवृत्ति (Menopause) के बाद महिलाओं में भी मूत्र मार्ग में संक्रमण होने की संभावना अधिक होती है। जो एस्ट्रोजन के निम्न स्तर के कारण हो सकता है।
- इसके आलावा जो महिलाएं जन्म नियंत्रण के लिए डायाफ्राम और शुक्राणुनाशक एजेंटों का उपयोग करती हैं उन्हें संक्रमित (UTI) होने का अधिक खतरा हो सकता है।
बार-बार पेशाब आने के लक्षण क्या हैं? (What are the symptoms of frequent urination in Hindi?)
बार बार पेशाब आना ही फ्रीक्वेंट यूरिनेशन (Frequent Urination) का मुख्य लक्षण है। यदि इस बीमारी का इलाज ना करवाया जाए, तो रोगी कुछ समय बाद अन्य लक्षण को भी अनुभव कर सकते हैं। इसके अन्य लक्षणों (Bar bar peshab aane ke lakshan) में शामिल हैं –
- मूत्र का बदबूदार होना,
- पेशाब में हल्का सफेद पन होना,
- पेशाब में खून आना,
- मूत्र त्याग करने में दर्द,
- पेशाब करने में कठिनाई,
- यूरिन पास होने में बहुत समय लगना,
- पेट में दर्द,
- मूत्राशय नियंत्रण ना कर पाना,
- मतली या उलटी,
- बुखार।
फ्रीक्वेंट यूरिनेशन का निदान कैसे किया जाता है? (How is frequent urination diagnosed in Hindi?)
इस बीमारी के निदान के लिए डॉक्टर कई परीक्षण कर सकते हैं। यह निर्धारित करने के लिए कि क्या आपको बहुमूत्रता है, डॉक्टर यह माप सकते हैं कि आप 24 घंटे की अवधि में कितना पेशाब करते हैं। यदि आपके डॉक्टर को संदेह है कि आपको मूत्र पथ का संक्रमण या प्रोस्टेट संक्रमण है, तो वे मूत्र का नमूना ले सकते हैं और मूत्र परीक्षण कर सकते हैं। जिसमें मूत्र का कल्चर भी शामिल होगा। डॉक्टर आपके मूत्राशय के अंदर देखने के लिए सिस्टोस्कोपी भी कर सकते हैं या आपके मूत्राशय या अन्य अंगों का निरीक्षण करने के लिए अल्ट्रासाउंड भी कर सकते हैं।
यदि आपके डॉक्टर को लगता है कि आपका प्रोस्टेट बढ़ा हुआ है, तो वे आपके रक्त में प्रोटीन-विशिष्ट एंटीजन (PSA) के स्तर को मापने के लिए रक्त परीक्षण कर सकते हैं और फिर प्रोस्टेट की बायोप्सी कर सकते हैं। आपका डॉक्टर मधुमेह के परीक्षण के लिए आपके रक्त शर्करा के स्तर को भी माप सकता है। अतिरिक्त परीक्षणों में सीटी स्कैन और एमआरआई भी शामिल हो सकते हैं।
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बार-बार पेशाब आने की समस्या का घरेलू उपाय (Home remedies for frequent urination in Hindi)
बार बार पेशब आने के घरलू उपाय (Bar bar peshab aane ke gharelu upay) में शामिल हैं-
1. बार बार पेशाब आने का घरेलू उपाय है करौंदा (क्रैनबेरी)
क्रैनबेरी, मूत्र पथ के संक्रमण के इलाज में प्रभावी हो सकता है और बार-बार पेशाब आने की समस्या को रोक सकता है। यह E.coli जैसे बैक्टीरिया के खिलाफ असरदार माना जाता है। आप क्रैनबेरी को जूस के रूप में भी ले सकते हैं, जो मार्किट में व्यावसायिक रूप से उपलब्ध है। इसके अलावा आप घर में भी इसका जूस बनाकर पी सकते हैं। जूस बनाने के लिए सूखे क्रैनबेरी को पानी में कुछ देर के लिए भिगो दें, फिर इसे ब्लेंडर में ब्लेंड करके इसका जूस बना लें।
2. पेशाब की समस्या की समस्या का घरेलु उपाय है तिल के बीज
तिल का बीज खनिजों और कई सक्रिय सामग्रियों का एक समृद्ध स्रोत है, जो मूत्राशय के कार्यों को नियंत्रित कर सकता है। बार-बार पेशाब आने पर तिल का सेवन करने के लिए इसे गुड़ में मिलाकर दिन में दो-तीन बार खाएं।
3. बार बार पेशाब आने का घरेलू नुस्खा है तुलसी
तुलसी विभिन्न बैक्टीरिया, कवक और वायरस के खिलाफ प्रभावी है। आयुर्वेद में, इसका उपयोग कई संक्रमणों को प्रबंधित करने के लिए किया जाता है, जैसे मूत्र पथ के संक्रमण (बार-बार पेशाब आने का एक सामान्य कारण)। आप तुलसी की कुछ पत्तियों को पीसकर थोड़े से शहद के साथ खा सकते हैं या इसकी दो-तीन पत्तियों को सीधा चबा सकते हैं। इसके अलावा आप तुलसी के पत्तों को थोड़े से पानी में उबालकर काढ़ा बनाने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
4. पेशाब में जलन की समस्या के लिए है आंवला
आंवले में बहुत से पोषक तत्व होते है। यह बार बार पेशाब आने की समस्या से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। सर्वोत्तम परिणामों के लिए, कुछ आंवले को पीसकर रस निकालें, इसे शहद के साथ मिलाएं या एक चम्मच आंवले का रस को एक गिलास पानी में मिलाकर इसका सेवन करें।
और पढ़ें- इन बिमारियों में हैं खाली पेट आंवला जूस पीने के फायदे।
5. यूरिन इन्फेक्शन के लिए है जीरा लें
जीरा मूत्राशय के कार्यों को नियमित करता है इसके अलावा ये यूटीआई को भी रोकता है। इसे आप चाय के रूप में ले सकते हैं। इसके लिए आप 2 कप साफ पानी में 1 चम्मच जीरा उबालें। जब तक कि पानी आधा न हो जाए। इसे ठंडा होने दें। फिर इसे छान लें और फिर पी लें। आप इसे सामान्य चाय के बजाय दिन में दो बार शहद के साथ पी सकते हैं।
6. पेशाब में जलन और दर्द की समस्या के लिए है अनार
अनार के दाने ई.कोली नामक बैक्टीरिया के खिलाफ विशेष रूप से प्रभावी है, जो मुख्य रूप से मूत्र पथ के संक्रमण के लिए जिम्मेदार होते है (जिसके कारण बार-बार पेशाब आ सकता है)। इसके अलावा आप अनार के छिलके का पेस्ट बनाइये और उसे पानी के साथ दिन में दो बार खाएं।
7. जल्दी जल्दी पेशाब की समस्या का घरेलु उपाय है कुलथी
कुलथी में कैल्शियम, आयरन और पॉलीफिनॉल होता है, जो कि एंटीऑक्सीडेंट से भरा होता है, जो बार-बार पेशाब आने की समस्या से छुटकारा दिला सकता है। थोड़ी सी कुलथी को गुड के साथ रोज सुबह लेने से मूत्राशय की समस्या दूर हों सकती है।
8. बार-बार पेशाब आने का घरेलू इलाज है तिल
तिल के दानों में एंटी ऑक्सीडेंट्स, मिनरल्स और विटामिन्स होते हैं जो बार-बार पेशाब आने की समस्या । आप इसे गुड़ या फिर अजवाइन के साथ सेवन कर सकते हैं।
9. बार बार पेशाब की समस्या के लिए दही खाएं
यदि आप बार बार पेशाब से परेशान हैं तो आपके लिए दही का सेवन लाभकारी हों सकता है। इसमें मौजूद प्रोबायोटिक ब्लैडर में खतरनाक बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकता है। यह यूटीआई का भी बेहतर उपाय है और पेट में अच्छे बैक्टीरिया पैदा करता है।
10. पेशाब की समस्या के लिए बेकिंग सोडा
बेकिंग सोडा भी यूरिन इन्फेक्शन में लाभकारी हो सकता है। यह पेशाब के पीएच बैलेंस को नियंत्रित करता है। आधा चम्मच बेकिंग सोडा को एक गिलास पानी के साथ मिक्स कर के पी सकते हैं।
11. यूरिन इन्फेक्शन के लिए है सेब का सिरका
सेब का सिरका यूरिन इन्फेक्शन के लिए लाभदायक माना जाता है। दो चम्मच सेब का सिरका और एक चम्मच शहद को एक गिलास गुनगुने पानी में मिलाकर पिएँ।
पेशाब की समस्या या जलन में क्या परहेज करें? (What to avoid in urination problems in Hindi?)
अधिक बार पेशाब होने की समस्या में इन चीजों का परहेज करें-
- यदि आपको UTI की समस्या है तो चीनी से बनी चीजें एवं मीठी चीजों का सेवन बिल्कुल ना करें। मीठे से बने पदार्थ मूत्र के रास्ते के बैक्टेरिया की वृद्धि को बढ़ावा दे सकते हैं,
- क्रेनबैरी जूस का सेवन करें, लेकिन इसमें चीनी ना मिलाएँ,
- बार पेशाब होने की समस्या के दौरान केक, कुकीज, कार्बोनेटेड, ड्रिंक और चीनी से बने पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए,
- कॉफी का सेवन ना करें। इससे यूरिन करते समय जलन की समस्या अधिक हो सकती है,
- शराब और कैफीन के सेवन से जितना हो सके, दूर रहें,
- सोडा या सॉफ्ट ड्रिंक्स को ना लें,
- मसालेदार भोजन खाने से बचें।
“बार-बार पेशाब आने के कारण अगर आपकी रात की नींद खराब हो रही है तो सोने से लगभग 3 घंटे पहले पानी या अन्य तरल पदार्थों का सेवन न करें।”
बार-बार पेशाब आने का इलाज क्या है? (What is the Treatment of frequent urination in Hindi)
बार-बार पेशाब आने का उपचार इसके कारण पर निर्भर करता है। इसके लिए आपके डॉक्टर सबसे इसके कारण को तलाशेंगे। यदि यह बीमारी बैक्टीरिया या अन्य संक्रमण के कारण हैं तो डॉक्टर इससे छुटकारा पाने के लिए एंटीबायोटिक्स लिख सकते हैं।
डॉक्टर मूत्राशय में मांसपेशियों की ऐंठन को नियंत्रित करने वाली दवाएं लिख सकते हैं। ये मूत्र असंयम को कम करने में मदद कर सकती हैं। इसके अलावा डॉक्टर फ्रीक्वेंट यूरिनेशन को ठीक करने के लिए पैल्विक व्यायाम (कीगल एक्सरसाइज) करने का सुझाव भी दे सकता है।
“अतिरिक्त वजन भी आपके मूत्राशय पर दबाव बढ़ा सकता है और बार बार पेशाब का कारण बन सकता है। इसलिए आप अपना अतरिक्त वजन कम करें।”
रात में बार-बार पेशाब आना कैसे बंद करें? (how to stop frequent urination at night in Hindi?)
- यदि आप ऐसी दवाई ले रहे है जिसमें यूरिन अधिक आती है (water pills) तो ऐसी दवाओं को रात की बजाए दोपहर में लें,
- सोने से दो या तीन घंटे पहले अपने तरल पदार्थों की मात्रा सीमित करें,
- अगर नींद संबंधी विकार है, जैसे अनिद्रा या स्लीप एपनिया, तो तुरंत इसका इलाज करवाएं,
- कैफीन और अल्कोहल वाले पेय पदार्थों से परहेज करें,
- स्वस्थ वजन बनाए रखना, क्योंकि अतिरिक्त वजन आपके मूत्राशय पर दबाव डाल सकता है।
डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए? (When should I go to the doctor in Hindi?)
अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे रहे हों तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें –
- आपको बुखार है,
- आपको उल्टी हो रही है,
- यदि आपको पीठ में दर्द है (पीठ के निचले हिस्से में और बगल में—गुर्दे के ऊपर),
- आपके पेशाब में खून आता है,
- अगर आपकी योनि या लिंग से डिस्चार्ज आ रहा है।
निष्कर्ष (Conclusion)
जरुरत से ज्यादा पेशाब होना या बार बार पेशाब करने का मन करना किसी को भी परेशान कर सकता है। फ्रीक्वेंट यूरिनेशन का मुख्य कारण UTI, मधुमेह, बड़ा हुआ प्रोस्टेट या आपकी प्रेगनेंसी हो सकता है। कुछ प्राकृतिक घरेलू उपचार जैसे कि आंवला, क्रैनबेरी, सेब का सिरका और अनार, कुल्थी, व्यायाम आदि आपके बार-बार पेशाब करने की इच्छा को कम करने में मदद कर सकते हैं। बार बार पेशाब आने को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यदि आपको इस बीमारी के साथ कुछ अन्य लक्षण भी दिखाई दे रहे हो जैसे – बुखार, उल्टी, पीठ में दर्द या यूरिन से ब्लड आना आदि, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें और अपना इलाज शुरू करवाएं।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
Q. जल्दी जल्दी पेशाब आने का कारण क्या है?
Ans. मधुमेह, प्रोस्टेट, प्रेगनेंसी, हाई ब्लड प्रेशर, मूत्राशय की पथरी, डर, चिंता, बहुत अधिक शराब, कैफीन , ब्लैडर कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर आदि अधिक बार पेशाब आने का कारण हो सकते हैं।
Q. अगर बार बार पेशाब आए तो क्या करें?
Ans. यदि आपको बार बार पेशाब आती है और आप इसका इलाज नहीं करवाते है। तो ये रोग किसी गंभीर संक्रमण का कारण बन सकता है। इसके अलावा फ्रीक्वेंट यूरिनेशन के साथ आपको यदि बुखार,उल्टी, पीठ में दर्द , पेशाब में खून, योनि या लिंग से डिस्चार्ज भी हो रहा है तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
Q. दिन में कितनी बार पेशाब आना नॉर्मल है?
Ans. एक स्वास्थ्य व्यक्ति 24 घंटे की अवधि में औसतन छह से आठ बार पेशाब जाता है। लेकिन 8 से अधिक बार पेशाब लगना, आंतरिक स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है। दिन में 6-8 बार यूरिन करना नॉर्मल है।
Q. रात में कितनी बार पेशाब आना नॉर्मल है?
Ans. एक्सपर्ट का कहना है कि रात में एक या दो बार टॉयलेट जाना सामान्य है, लेकिन इससे ज्यादा बार पेशाब आना खराब सेहत की तरफ इशारा कर सकता है। यदि आपको रात में ज्यादा पेशाब आती है, तो सोने से ३-4 घंटे पहले पेय पदार्थों का सेवन ना करें।
Q. महिला में बार बार पेशाब आने का क्या कारण है?
Ans. महिलाएं में इस समस्या का आम कारण यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (यूटीआई) है। जब बैक्टीरिया मूत्रमार्ग से मूत्राशय में जाते है तब ऐसा होता है। इसके अलावा महिलाओं की प्रेगनेंसी और मूत्राशय की पथरी भी इस बीमारी का कारण बन सकता है।
Disclaimer : ऊपर दी गई जानकारी पूरी तरह से शैक्षणिक दृष्टिकोण से दी गई है। इस जानकारी का उपयोग किसी भी बीमारी के निदान या उपचार हेतु बिना विशेषज्ञ की सलाह के नहीं किया जाना चाहिए। इसके अलावा किसी भी चीज को अपनी डाइट में शामिल करने या हटाने से पहले किसी योग्य डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ (Dietitian) की सलाह जरूर लें।
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