सीने में दर्द दिल का दौरा पड़ने का सबसे आम लक्षण है, लेकिन कुछ महिलाओं को यह पुरुषों की तुलना में अलग तरह से अनुभव हो सकता है इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण, कारण और उपाय के बारे में बता रहे हैं। इसके अलावा हार्ट अटैक के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल और उनके जवाब के बारे में भी जानकारी दे रहे हैं। तो चलिए शुरू करते है Heart Attack in Females in Hindi पोस्ट।
हार्ट अटैक क्या है? | Heart attack means in Hindi
दिल का दौरा, जिसे मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन भी कहा जाता है, एक जानलेवा स्थिति है जो हृदय में रक्त प्रवाह के अवरुद्ध (रुकावट) होने के कारण आती है। यदि रुकावट का जल्द इलाज ना कराया जाए, तो हृदय की मांसपेशियों का हिस्सा मर सकता है और अंततः हृदय की विफलता (Heart failure) का कारण हो सकता है। दिल का दौरा अक्सर कोरोनरी हृदय रोग (coronary heart disease) या कोरोनरी आर्टरी डिजीज (coronary artery disease) के कारण होता है। यह एक ऐसी स्थिति है जब हृदय में रक्त पहुंचाने वाली धमनियां (artery) आंशिक या पूर्ण रूप से बंद हो जाती हैं।
धमनियों का आंशिक या पूर्ण रूप से बंद होने का मुख्य कारण कोलेस्ट्रॉल के कणों का कोरोनरी धमनियों की दीवारों पर जमा होना है। इसके अलावा धमनियों के बंद होने का कारण कैल्शियम कणों और असामान्य प्रोटीन (एमिलॉयड) का जमा होना भी हो सकता है।
हालांकि, कोरोनरी धमनियों के अंदर मोमी पदार्थ (या कोलेस्ट्रॉल/ कैल्शियम/ प्रोटीन) का निर्माण कई वर्षों में होता है और इसके लक्षण तब तक दिखाई नहीं देते हैं जब तक धमनी का संकुचन गंभीर ना हो जाए। इसलिए इसकी रोकथाम के लिए डॉक्टर के अनुसार समय समय पर हृदय की जाँच कराते रहनी चाहिए।
हार्ट अटैक कितने प्रकार का होता है? | Types of heart attack in Hindi
हार्ट अटैक तीन प्रकार के होते हैं –
1. एसटी सेगमेंट एलिवेशन मायोकार्डियल इन्फार्कशन (स्टेमी)
स्टेमी दिल का दौरा गंभीर होता है और इस पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता होती है। इस प्रकार का दौरा तब पड़ता है जब कोरोनरी धमनी पूरी तरह से अवरुद्ध हो जाती हैं, जिससे रक्त हृदय के बहुत से भाग तक पहुंच नहीं पाता है।
2. नोन-एसटी सेगमेंट एलिवेशन माइओकार्डियल इन्फार्कशन (एनस्टेमी)
एनस्टेमी दिल का दौरा तब होता है जब कोरोनरी धमनी आंशिक रूप से बंद हो जाती हैं और रक्त प्रवाह गंभीर रूप से प्रभावित हो जाता है। हालांकि, इस प्रकार का हार्ट अटैक स्टेमी दिल के दौरे से कम खतरनाक होता है।
3. अस्थिर एनजाइना या कोरोनेरी ऐंठन
इस ऐंठन को साइलेंट हार्ट अटैक या अस्थिर एनजाइना भी कहा जाता है। इस प्रकार का हार्ट अटैक तब होता है जब हृदय से जुड़ी धमनियां सिकुड़ जाती हैं, जो हृदय में रक्त के प्रवाह को रोकती हैं। साइलेंट हार्ट अटैक में कभी-कभी कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। साइलेंट हार्ट अटैक शुगर रोगी में ज्यादा देखा गया है।
चलिए अब पढ़ते है महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण और उपाय क्या हैं।
महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण क्या हैं? | Symptoms of Heart Attack in Females in Hindi
महिलाओं में हार्ट अटैक (Heart Attack in Females) आने से पहले के संकेत
पुरुषों की तुलना में महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण थोड़े अलग होते हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में हार्ट अटैक के मुख्य लक्षण हैं –
- जी मिचलाना,
- पसीना आना,
- उल्टी,
- नींद ना आना,
- गर्दन, जबड़े, गले, पेट या पीठ में दर्द।
इसके अलावा महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण पुरुषों के सामान ही होते हैं। जिसे नीचे बताया गया है।
महिलाओं में हार्ट अटैक के अन्य लक्षण
- सीने में दर्द या बेचैनी,
- ऊपरी शरीर में बेचैनी और दर्द,
- सांस लेने में कमी,
- कंपकंपी के साथ पसीना,
- बाएं हाथ में दर्द,
- असामान्य हृदय ताल (Abnormal heart rhythm),
- चेतना (Consciousness) का नुकसान,
- चिंता की भावना (Feeling of worry),
- होठों, हाथों या पैरों का नीला पड़ना,
- थकान महसूस होना,
- तेजी से वजन बढ़ना,
- सिर चकराना या अचानक चक्कर आना,
- पैरों में सूजन।
घ्यान रहे हार्ट अटैक के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं। हार्ट अटैक का मुख्य लक्षण सीने में दर्द या बेचैनी है। इसलिए, यदि ऊपर बताए हुए लक्षणों में से किसी भी लक्षण का अनुभव सीने में दर्द या बेचैनी के साथ होता है तो यह लक्षण हार्ट अटैक का हो सकता है।
webmd– Symptoms of Women’s Heart Attacks
Medicalnewstoday– What are the signs of heart attack in a woman?
महिलाओं में हार्ट अटैक का मुख्य कारण क्या है? | Reason of heart attack in female in Hindi
पुरुषों और महिलाओं में हार्ट अटैक का कारण (causes of Heart Attack in Females) समान ही होता है जिसमें प्रमुख कारण है हृदय रोग हैं। हृदय रोग में शामिल हैं-
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कोरोनरी हृदय रोग (या इस्केमिक हृदय रोग),
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जन्मजात (कंजेनाइटल) हृदय रोग,
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एरिथमिया रोग,
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रूमेटिक (आमवाती) हृदय रोग,
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कार्डियक अस्थमा,
- हार्ट अटैक के विभिन्न जोखिम कारक।
कोरोनरी हृदय रोग (या इस्केमिक हृदय रोग), हार्ट अटैक का मुख्य कारण है यह स्थिति धमनियों के आंशिक या पूर्ण रूप से बंद होने के कारण आती है।
क्या हैं महिलाओं में हार्ट अटैक के जोखिम कारक? | Risk factors of Heart attack in female in Hindi
जोखिम कारक से यह पता चलता है कि आपको हृदय रोग होने की संभावना कितनी है। महिलाओं में हार्ट अटैक के जोखिम करक हैं-
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अधिक वजन होना,
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मधुमेह होना,
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उच्च रक्तचाप होना,
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कोलेस्ट्रॉल के स्तर का अनियंत्रित रहना,
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धूम्रपान करना,
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अत्यधिक शराब पीना,
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शारीरिक रूप से निष्क्रिय रहना,
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अस्वास्थ्यकर आहार लेना,
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रक्त में उच्च सी-रिएक्टिव प्रोटीन का होना,
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अनियंत्रित तनाव, अवसाद और क्रोध।
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बढ़ती उम्र,
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हृदय रोग का पारिवारिक इतिहास और,
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आनुवंशिक कारक (genetic factors)।
महिलाओं में हार्ट अटैक रोकने के उपाय | Prevention of heart attack in female in Hindi
ज्यादातर मामलों में डॉक्टर परुषों या महिलाओं में हार्ट अटैक आने पर एस्पिरिन की एक सामान्य खुराक (325 मिलीग्राम) लेने की सलाह देते है, यदि आपके डॉक्टर ने पहले से आपको सलाह दी हैं तो आप इसे ली सकते हैं।
दिल के दौरे के दौरान, एस्पिरिन रक्त के थक्के बनने की गति को धीमा कर देती है। हालांकि, अगर आपको इससे एलर्जी है या आपके डॉक्टर ने एस्पिरिन ना लेने की सलाह दी हो तो इसका सेवन बिलकुल भी न करें। इसके आलावा हार्ट अटैक आने पर जब तक मदद नहीं मिलती है तब तक रोगी को धीमी और गहरी साँस लेते रहनी चाहिए।
हार्ट अटैक के घरेलू उपाय | Home remedies for heart attack in female in Hindi
निम्नलिखित आदतों में सुधार करके हार्ट अटैक को रोका जा सकता है। हार्ट अटैक से बचने के उपाय में शामिल हैं –
- नियमित रूप से व्यायाम करें,
- ऐसी कार्यों से बचें जो तनाव देते हों,
- स्वस्थ वजन बनाए रखें
- रक्तचाप को सामान्य (सिस्टोलिक: 120 mm Hg से कम डायास्टोलिक: 80 mm Hg से कम ) बनाए रखें,
- अपने कोलेस्ट्रोल स्तर को 130 एमजी/ डीएल तक रखिए
- गुटके का सेवन करते हैं तो इसे पूरी तरह छोड़ दें,
- अपने आहार में पौष्टिक चीजों को शामिल करें जैसे उच्च फाइबर युक्त आहार, वसा रहित डेयरी खाद्य पदार्थ, साबुत अनाज, जैतून का तेल आदि।
- यदि आपको मधुमेह या कोलेस्ट्रॉल रोग है तो हार्ट अटैक से बचने के लिए इनके स्तर को नियंत्रित रखें।
हार्ट अटैक के बाद सावधानियां क्या करनी चाहिए? | Precaution tips after heart attack in Hindi
हार्ट अटैक के बाद रोगी को निम्नलिखित सावधानियां रखनी चाहिए। इन सावधानियों में शामिल हैं –
- धूम्रपान करते हों तो इसे तुरंत बंद करें। तंबाकू का सेवन हृदय रोग के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक है।
- रक्तचाप को नियंत्रित करें।
- कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करें।
- मधुमेह की जाँच करें।
- मधुमेह के स्तर को नियंत्रित रखें।
- अपने आहार में पौष्टिक चीजों को शामिल करें।
- ऐसी कार्यों से बचें जो तनाव उत्पन्न कर सकते हों।
- हृदय रोग के बचाव के लिए स्वस्थ वजन बनाए रखें।
क्या महिलाओं को हार्ट अटैक कम आता है? | Do women get less heart attacks in हिंदी?
यदि आप यह सोचते हैं कि हार्ट अटैक महिलाओं में नहीं आता है तो यह बिलकुल गलत है। हार्ट अटैक (हृदय रोग) पुरुषों और महिलाओं दोनों की मृत्यु का प्रमुख कारण है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं को सीने में दर्द या बेचैनी की समस्या कम हो सकती है, जिस कारण महिलाओं को बिना छाती के दबाव के दिल का दौरा पड़ सकता है। इसके अलावा मेनोपॉज (Menopause) के बाद महिलाओं में हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा होता है।
और पढ़ें – किडनी रोगियों के लिए कम प्रोटीन डाइट
हार्ट अटैक के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | About heart attack FAQ in Hindi
Q1. हार्ट अटैक कितने समय तक रह सकता है?
Q2. साइलेंट अटैक कैसे आता है?
Q3. हार्ट अटैक का दर्द कहाँ होता है?
Ans. हार्ट अटैक का दर्द सीने में या ऊपरी शरीर में होता है। दिल के दौरे के समय अधिकांश लोग छाती के बीच या बाईं ओर दर्द महसूस करते हैं। इसके अलावा ऊपरी शरीर में दर्द या बेचैनी के दौरान रोगी पीठ, कंधों, गर्दन, जबड़े या पेट के ऊपरी हिस्से (नाभि के ऊपर) में दर्द महसूस कर सकते हैं।
Q4. हार्ट अटैक आने से पहले क्या होता है?
Q5. हार्ट अटैक का दर्द कैसे पहचाने?
Ans. हार्ट अटैक (About Heart Attack In Hindi) का दर्द सीने में होता है। दिल के दौरे के समय अधिकांश लोग छाती के बीच या बाईं ओर दर्द महसूस करते हैं। इसके अलावा ऊपरी शरीर में दर्द या बेचैनी के दौरान रोगी पीठ, कंधों, गर्दन, जबड़े या पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द महसूस कर सकते हैं। साथ ही सांस लेने में तकलीफ, ठंडा पसीना, जी घबराना, थकान या चक्कर आना जैसे लक्षण भी हार्ट अटैक के सूचक हो सकते है।
Q6. महिलाऐं हार्ट अटैक से बचने के लिए क्या खाएं?
Ans. हृदय को स्वस्थ रखने के लिए आप निम्नलिखित खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट चार्ट (कार्डियक डाइट चार्ट) में शामिल कर सकते हैं। जिनमें शामिल हैं – ओमेगा 3 वसा, असंतृप्त वसा, फल और हरी सब्जियां, लो-फैट डेयरी उत्पाद, नट, बीज, फलियां, उच्च फाइबर युक्त आहार आदि। इसके अलावा हार्ट अटैक से बचने के लिए डॉक्टर के अनुसार फाइबर युक्त डाइट, फ्लेक्सिटेरियन डाइट या लो कार्ब डाइट का सेवन भी कर सकते हैं।
Q7. किसकी अधिकता के कारण महिलाओं को हृदय रोग होता है?
Ans. हार्ट अटैक के विकास के जोखिम कारकों में शामिल हैं अधिक वजन, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर, धूम्रपान, अत्यधिक शराब, शारीरिक रूप से निष्क्रियता, अस्वास्थ्यकर आहार, रक्त में उच्च सी-रिएक्टिव प्रोटीन, अनियंत्रित तनाव, अवसाद और क्रोध।
Q8. हार्ट अटैक कितनी उम्र में आ सकता है?
Ans. उम्र के साथ हृदय रोग का खतरा बढ़ता है। माना जाता है की 45 वर्ष या उससे अधिक उम्र के पुरुषों और 55 वर्ष या उससे अधिक उम्र की महिलाओं को युवा पुरुषों और महिलाओं की तुलना में हार्ट अटैक पड़ने की संभावना अधिक होती है।
Q9. कमजोर दिल को मजबूत कैसे बनाएं?
Ans. कमजोर दिल को मजबूत बनाने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें, ऐसी कार्यों को करने से बचें जो तनाव उत्पन्न करते हों, स्वस्थ वजन बनाए रखें, रक्तचाप को सामान्य बनाए रखें, तंबाकू या पान मसाला का सेवन करते हैं तो इसे पूरी तरह छोड़ दें, अपने आहार में पौष्टिक चीजों को शामिल करें।
Q10. हार्ट के मरीज को कौन सा फल खाना चाहिए?
Q11. हार्ट के मरीज को कौन सा तेल खाना चाहिए?
Q12. हार्ट की बीमारी में क्या क्या दिक्कत होती है?
Q13. क्या हार्ट अटैक में दर्द होता है?
Q14. दिल कमजोर होने के लक्षण क्या हैं?
Ans. दिल कमजोर होने के लक्षण में शामिल हैं –
शरीर के एक हिस्से में झुनझुनाहट, सांस लेने में कमी, कंपकंपी के साथ पसीना,बाएं हाथ में दर्द, उच्च रक्तचाप, थकान और बेचैनी।
Q15. किन लोगों को अपने हृदय की जाँच करवानी चाहिए?
Ans. हृदय की जाँच उन लोगों को करनी चाहिए जिनका वजन अधिक हो, मधुमेह हो, उच्च रक्तचाप हो, कोलेस्ट्रॉल का स्तर अनियंत्रित हो ,धूम्रपान करते हों, अत्यधिक शराब पीते हों, अस्वास्थ्यकर आहार (unhealthy diet) लेते हों , रक्त में उच्च सी-रिएक्टिव प्रोटीन का स्तर हो, उम्र 40 – 50 से ऊपर हो।
Q16. हार्ट अटैक पेशेंट कौन सा ड्राई फ्रूट्स के लिए लाभ पहुंचाता है?
Ans. हार्ट अटैक पेशेंट ड्राई फ्रूट्स या नट्स में बादाम, काजू, अखरोट और पिस्ता खा सकते हैं। सूखे मेवे अच्छे वसा और कैलोरी का एक समृद्ध स्रोत हैं। इसके अलावा इनमें (अखरोट) में उच्च मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है जो हार्ट के लिए काफी फायदेमंद है।
Q17. हार्ट अटैक आ जाने के बाद कितने दिन तक सीने में दर्द रहता है?
Ans. हार्ट अटैक के बाद सीने में दर्द कुछ मिनटों से लेकर कुछ घंटों तक रह सकता है। हालांकि, कई दिनों, हफ्तों या महीनों से सीने में दर्द होना, हार्ट अटैक नहीं माना जाता है। तब भी यदि ऐसा है तो एक बार डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।
Q18. माइनर हार्ट अटैक में क्या दिक्कत होती है?
Ans. माइनर (हल्का) दिल का दौरा हृदय की मांसपेशियों के छोटे हिस्से को प्रभावित करता है जो हृदय को ज्यादा नुकसान नहीं पहुँचता है। माइनर हार्ट अटैक में सीने में दर्द, बेचैनी और भारीपन जैसी दिक्कतें आती हैं।
Q19. हार्ट अटैक कब आता है?
Ans. दिल का दौरा तब पड़ता है जब एक या एक से अधिक कोरोनरी धमनियां अवरुद्ध हों। इसके अलावा जन्मजात (कंजेनाइटल) हृदय रोग, एरिथमिया रोग, रूमेटिक हृदय रोग और कार्डियक अस्थमा भी हार्ट अटैक का कारण हो सकता है।
Q20. हार्ट अटैक में टांग में दर्द होता है?
Ans. हार्ट अटैक से पहले टांग में दर्द हो सकता है। जब ऐसा होता है, तो इसे परिधीय धमनी रोग (Peripheral Arterial Disease) कहा जाता है जो हार्ट अटैक की ‘प्रारंभिक चेतावनी’ के रूप में माना जाता है।
Q21. हार्ट अटैक कितनी बार आता है?
Q22. हार्ट फेल व हार्ट अटैक में क्या अंतर है?
Q23. हार्ट अटैक का दर्द कितने दिनों तक रह सकता है?
Q24. क्या तीसरे हार्ट अटैक से बचा जा सकता है?
ये हैं महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण, कारण और उपाय के बारे में पूरी जानकारी। कमेंट में बताएं आपको Heart Attack in Females in Hindi पोस्ट कैसी लगी। अगर यह पोस्ट पसंद आई हो तो इसे जरूर शेयर करें।
ऊपर दी गई जानकारी पूरी तरह से शैक्षणिक दृष्टिकोण से दी गई है। इस जानकारी का उपयोग किसी भी बीमारी के निदान या उपचार हेतु बिना डॉक्टर या विशेषज्ञ की सलाह के नहीं किया जाना चाहिए।
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