Myocardial infarction | पुरुषों और महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण और उपाय

मायोकार्डियल इंफार्क्शन (Myocardial infarction in Hindi) को साधरण बोल चाल की भाषा में दिल का दौरा (हार्ट अटैक) कहा जाता है। हार्ट अटैक एक अत्यंत खतरनाक स्थिति है, जो हृदय की मांसपेशियों में रक्त के प्रवाह में कमी के कारण होती है। यदि इस स्थिति का समय रहते इलाज न किया जाए तो यह स्थिति जानलेवा भी हो सकती है। इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको पुरुषों और महिलाओं में मायोकार्डियल इंफार्क्शन (हार्ट अटैक) के लक्षण और उपाय बता रहे हैं।

मायोकार्डियल इंफार्क्शन (हार्ट अटैक) क्या है? |  Myocardial infarction in Hindi

दिल का दौरा जिसे मायोकार्डियल इंफार्क्शन (Myocardial infarction) या एमआई (MI) भी कहा जाता है एक जानलेवा स्थिति है, जो हृदय में रक्त प्रवाह के अवरुद्ध होने के कारण आती है।

मायोकार्डियल इंफार्क्शन में “मायो” का अर्थ है मांसपेशी, “कार्डियल” का अर्थ हृदय से है, और “इंफार्क्शन” का अर्थ है रक्त की आपूर्ति की कमी के कारण ऊतक की मृत्यु।

हृदय में रक्त प्रवाह की आपूर्ति अवरुद्ध होने के कारण हृदय की मांसपेशियों को कार्य करने के लिए आवश्यक पोषक तत्व व ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है, और यदि यह स्थिति 20 से 40 मिनट तक ऐसी ही बनी रहे, तो हृदय की मांसपेशियों की मृत्यु होने लगती है, जो अन्तः कार्डियक अरेस्ट (दिल की धड़कन का बंद होना) का कारण बन सकता है। 

दिल का दौरा (मायोकार्डियल इंफार्क्शन) अक्सर कोरोनरी हृदय रोग (coronary heart disease) या कोरोनरी आर्टरी डिजीज (coronary artery disease) के परिणामस्वरूप होता है। यह एक ऐसी स्थिति है जब हृदय में रक्त पहुंचाने वाली धमनियां (artery) आंशिक या पूर्ण रूप से बंद हो जाती हैं। 

धमनियों का आंशिक या पूर्ण रूप से बंद होने का मुख्य कारण प्लाक नामक मोमी पदार्थ (कोलेस्ट्रॉल के कण) का कोरोनरी धमनियों की दीवारों पर जमा होना है। इसके अलावा धमनियों के बंद होने का कारण कैल्शियम कणों और असामान्य प्रोटीन (एमिलॉयड) का जमा होना भी है। 

धमनियों में मोमी पदार्थ का जमा होना एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) कहलाता है। एथेरोस्‍कलेरोसिस में धमनियां सख्त या सिकुड़ जाती हैं, जोकि हार्ट अटैक का कारण बनता है।

हालांकि, कोरोनरी धमनियों के अंदर मोमी पदार्थ या कैल्शियम/ प्रोटीन का निर्माण कई वर्षों में होता है और इसके लक्षण तब तक दिखाई नहीं देते हैं जब तक धमनी का संकुचन गंभीर ना हो जाए। 

पुरुषों और महिलाओं में मायोकार्डियल इंफार्क्शन (हार्ट अटैक) के लक्षण | Myocardial infarction  (Heart Attack) Symptoms in Hindi 

Heart Attack Symptoms In Hindi, हार्ट अटैक के लक्षण,Heart attack means in Hindi

सीने में दर्द और बेचैनी, हार्ट अटैक के सबसे आम लक्षण हैं। इसके अलावा थकान, पसीना और चक्कर आना भी हार्ट अटैक के लक्षण हो सकते हैं। हालांकि, महिलाओं में कुछ अन्य लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं। हार्ट अटैक के लक्षण (हार्ट अटैक सिम्पटम्स) हल्के या अधिक, तीव्र और अचानक हो सकते हैं। परन्तु इन लक्षणों की शुरुवात महीनों पहले ही हो जाती है। इसलिए आपकी थोड़ी सी सतर्कता आपको हार्ट अटैक से बचा सकती है। 
अमेरिकी स्वास्थ संस्था (The Centers for Disease Control and Prevention) के अनुसार, हार्ट अटैक (Myocardial infarction) के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं। इसलिए हर एक व्यक्ति इसका अलग अनुभव कर सकता है। इसके आलावा पुरुष और महिलाएं भी अलग-अलग लक्षण महसूस कर सकती हैं। 

पुरुषों में मायोकार्डियल इंफार्क्शन (हार्ट अटैक) के लक्षण – Heart attack symptoms in male in Hindi

पुरुषों में हार्ट अटैक (Myocardial infarction) के मुख्य लक्षणों (Sign of heart attack in Hindi) में शामिल हैं:

1. हार्ट अटैक के लक्षण सीने में दर्द या बेचैनी – Chest pain or discomfort in heart attack in Hindi

सीने में दर्द या बेचैनी हार्ट अटैक का सबसे आम लक्षण है। दिल के दौरे के समय अधिकांश लोग छाती के बीच या बाईं ओर असुविधा महसूस करते हैं। रोगी सीने में होने वाली बेचैनी को भारीपन, जकड़न, दबाव, दर्द, जलन, सुन्नता या सुस्त दर्द के रूप में भी महसूस कर सकते हैं।

छाती में होने वाला यह दर्द या बेचैनी एंजाइना (Angina) कहलाता है। आमतौर पर यह दर्द या बेचैनी कुछ मिनटों तक रह सकती है। हालांकि, यह स्थिति कुछ अंतराल बाद फिर से  वापस भी आ सकती है।

2. हार्ट अटैक (मायोकार्डियल इंफार्क्शन) के लक्षण ऊपरी शरीर में बेचैनी और दर्द – Upper body discomfort in heart attack in Hindi

शरीर में रक्त की आपूर्ति बाधित होने के कारण दर्द या बेचैनी कभी-कभी शरीर के ऊपरी क्षेत्रों में भी दिखाई दे सकती है। ऊपरी शरीर में बेचैनी के दौरान रोगी पीठ, कंधों, गर्दन, जबड़े या पेट के ऊपरी हिस्से (नाभि के ऊपर) में दर्द या बेचैनी महसूस कर सकते हैं।

3. हार्ट अटैक के लक्षण सांस लेने में कमी – Shortness of breath in heart attack in Hindi

सांस की तकलीफ, जिसे डिस्पेनिया (Dyspnea) कहा जाता है, हार्ट अटैक का एकमात्र लक्षण (Sign of heart attack in Hindi) हो सकता है, या यह सीने में दर्द या बेचैनी से पहले या साथ में भी हो सकता है। यह लक्षण तब भी दिख सकता है जब आप आराम कर रहे हों या थोड़ी शारीरिक गतिविधि कर रहे हों। 

सांस की तकलीफ का कारण फेफड़ों में द्रव का जमा होना है जिस कारण खांसी या घरघराहट भी हो सकती है। यदि हृदय की गड़बड़ी के कारण फेफड़ों में द्रव भरता है तो यह कार्डिएक अस्थमा (Cardiac asthma) कहलाता है। 

4. मायोकार्डियल इंफार्क्शन (हार्ट अटैक) के लक्षण कंपकंपी के साथ पसीना आना – Cold Sweat in heart attack in Hindi

जब धमनियां बंद हो जाती हैं, तो हृदय को रक्त पंप करने के लिए अधिक प्रयास की आवश्यकता होती है। इस अतिरिक्त प्रयास के कारण पसीना आपके शरीर के तापमान को कम कर देता है और जिस कारण रोगी को कंपकंपी महसूस हो सकती है।

5. हार्ट अटैक के लक्षण बाएं हाथ में दर्द – Pain in left hand in heart attack in Hindi

रक्त का ठीक से परिसंचरण (Circulation) ना होने के कारण दर्द आपके बाएं या दाएं हाथ में फैल सकता है। 
”कभी कभी हार्ट अटैक बिना लक्षणों के साथ भी आ सकता है। यदि हार्ट अटैक बिना लक्षणों या बहुत कम लक्षणों के साथ आता है तो ऐसा हार्ट अटैक साइलेंट हार्ट अटैक (Silent heart attack) कहलाता है। साइलेंट हार्ट अटैक ज्यादातर मधुमेह (Diabetes) से पीड़ित रोगियों में दिखता है।”

पुरुषों में हार्ट अटैक के अन्य के लक्षण | Other sign of heart attack in male in Hindi

हार्ट अटैक के अन्य सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:

  • असामान्य हृदय ताल (Abnormal heart rhythm),
  • चेतना (Consciousness) का नुकसान,
  • चिंता की भावना (Feeling of worry), 
  • होठों, हाथों या पैरों का नीला पड़ना,
  • व्यायाम करने की क्षमता में कमी या थकान महसूस होना (हृदय में रक्त प्रवाह ठीक से ना होने के कारण),
  • तेजी से वजन बढ़ना (छाती में द्रव के एकत्रित होने के कारण)
  • सिर चकराना या अचानक चक्कर आना,
  • पैरों में सूजन, ये लक्षण एडिमा के रूप में जाने जाते हैं।

क्योंकि ऊपर बताए गए लक्षण अन्य बिमारियों के भी हो सकते हैं, इसलिए यदि आप इनमें से किसी भी लक्षण का अनुभव सीने में दर्द या बेचैनी के साथ करते हैं तो ये लक्षण हार्ट अटैक के हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में आप तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। 

महिलाओं में मायोकार्डियल इंफार्क्शन (हार्ट अटैक) के लक्षण – Heart attack symptoms in women in Hindi

बहुत से लोग यह सोचते हैं कि हार्ट अटैक ज्यादातर पुरुषों को होता है परन्तु ऐसा नहीं है। हृदय रोग पुरुषों और महिलाओं दोनों की मृत्यु का प्रमुख कारण है। 

पुरुषों की तुलना में महिलाओं को सीने में दर्द या बेचैनी की समस्या कम हो सकती है, जिस कारण महिलाओं को बिना छाती के दबाव के दिल का दौरा पड़ सकता है। इसके अलावा मेनोपॉज (Menopause) के बाद महिलाओं में हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा होता है।

महिलाएं उन सभी लक्षणों (जैसे सीने में दर्द, दबाव या बेचैनी) को महसूस कर सकती हैं जो पुरुषों में दिखाई देते हैं। हालांकि, महिलाओं में कुछ अन्य लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं। महिलाओं में अधिक सामान्य पाए गए हार्ट अटैक (Myocardial infarction) के लक्षणों में शामिल हैं –

  • हल्का सिर दर्द महसूस होना,  
  • पीठ दर्द,
  • जबड़े (Jaw) का दर्द,
  • मतली (Nausea), 
  • अपच (Indigestion), 
  • सीने में जलन (Heartburn), 
  • पेट दर्द और,
  • असामान्य थकान।

48 वर्ष की आयु के आसपास महिलाओं में महत्वपूर्ण शारीरिक परिवर्तन होते हैं, यह वह उम्र है जब कई महिलाएं रजोनिवृत्ति (Menopause) से गुजरना शुरू करती हैं। जीवन की इस अवधि के दौरान, एस्ट्रोजन हार्मोन (Estrogen hormone) का स्तर गिर जाता है।

माना जाता है कि एस्ट्रोजन दिल के स्वास्थ्य को बनाए रखने व दिल की रक्षा करने में मदद करता है। परन्तु, मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन की कमी के कारण महिलाओं में दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। 

दुर्भाग्य से, जिन महिलाओं को दिल का दौरा पड़ता है, उनके जीवित रहने की संभावना पुरुषों की तुलना में काफी कम होती है। इसलिए, मेनोपॉज से गुजरने के बाद महिलाओं को हृदय स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।

दिल का दौरा (मायोकार्डियल इंफार्क्शन) पड़ने का कारण | Reason of Myocardial infarction in Hindi

हार्ट अटैक (Myocardial infarction in Hindi) का कारण  हृदय रोग हैं  हृदय रोगों में मुख्यतः शामिल हैं- 

1. कोरोनरी हृदय रोग (या इस्केमिक हृदय रोग) – Coronary heart disease in Hindi

हृदय की कोरोनरी धमनियों का आंशिक या पूर्ण रूप से बंद होना, कोरोनरी धमनी रोग (या कोरोनरी हृदय रोग) कहलाता है। कोरोनरी हृदय रोग का मुख्य कारण कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (कोलेस्ट्रॉल) कणों (Low-density lipoprotein particles) या कैल्शियम कणों (Calcium particles) का कोरोनरी धमनियों की दीवारों पर जमा होना है। 

2. जन्मजात हृदय रोग – Congenital heart disease in Hindi

कंजेनाइटल हृदय रोग एक जन्मजात हृदय रोग है जिसका पता शिशु के जन्म के समय चलता है। कंजेनाइटल हृदय रोग दिल की दीवारों, हृदय वाल्व या रक्त वाहिकाओं में से किसी को भी प्रभावित कर सकता है जिस कारण हृदय से रक्त के प्रवाह में बदलाव आ जाता है और हार्ट अटैक का कारण बनता है।  

3. एरिथमिया रोग – Arrhythmia heart disease in Hindi

एरिथमिया एक ऐसी स्थिति है जब दिल की धड़कन अनियमित (Heart disease in Hindi) हो जाती हैं। और हार्ट अटैक का कारण बनता है। 

4. रूमेटिक हृदय रोग – Rheumatic heart disease in Hindi

रूमेटिक (आमवाती) हृदय रोग एक ऐसी स्थिति है जिसमें रूमेटिक बुखार आता है और हृदय को क्षतिग्रस्त कर देता है। रयूमैटिक बुखार गले में स्ट्रेप्टोकोकल बैक्टीरिया (Group A streptococcus) के संक्रमण के कारण आता है। जो बाद में दिल को संक्रमित करता है। 

5. कार्डियक अस्थमा – Cardiac asthma in Hindi

कार्डियक अस्थमा एक ऐसी स्थिति है जिसमें हृदय के बाईं ओर से रक्त पंप करने की क्षमता कम हो जाती है और जिस कारण यह स्थिति हार्ट अटैक का कारण बनती है। 

हार्ट अटैक (मायोकार्डियल इंफार्क्शन) के जोखिम कारक | Risk factors of Myocardial infarction (Heart attack) in Hindi

जोखिम कारक यह निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं कि आपको हृदय रोग होने की संभावना कितनी है। पुरुषों और महिलाओं में दिल के दौरे के जोखिम कारक समान होते हैं।

हार्ट अटैक (मायोकार्डियल इंफार्क्शन) के जोखिम कारकों में शामिल हैं:

  • अधिक वजन होना,
  • मधुमेह होना,
  • उच्च रक्तचाप होना, 
  • कोलेस्ट्रॉल के स्तर का अनियंत्रित रहना,
  • धूम्रपान करना, 
  • अत्यधिक शराब पीना,
  • शारीरिक रूप से निष्क्रिय रहना, 
  • अस्वास्थ्यकर आहार लेना, 
  • रक्त में उच्च सी-रिएक्टिव प्रोटीन का होना, 
  • अनियंत्रित तनाव, अवसाद और क्रोध।

ये सभी जोखिम कारक ऐसे हैं जिन्हें आप अपनी जीवन शैली में बदलाव करके कम कर सकते हैं। 

हालांकि, कुछ जोखिम कारक ऐसे भी हैं जिन्हें आप बदल नहीं सकते जैसे –

  • आपकी बढ़ती उम्र, 
  • पुरुष लिंग (gender), 
  • हृदय रोग का पारिवारिक इतिहास और, 
  • आनुवंशिक कारक (genetic factors) शामिल हैं। 

हार्ट अटैक से बचने के उपाय | Myocardial infarction (Heart attack) prevention tips in Hindi

Myocardial infarction in Hindi

निम्नलिखित आदतों में सुधार करके हार्ट अटैक (Myocardial infarction in Hindi) को रोका जा सकता है। हार्ट अटैक से बचने के उपाय में शामिल हैं –
  • नियमित रूप से सुबह या शाम कम से कम 30-45 मिनट तक व्यायाम करें,
  • मायोकार्डियल इंफार्क्शन (हार्ट अटैक) से बचने के लिए ऐसी कार्यों से बचें जो तनाव उत्पन्न करते हों जैसे स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करना,
  • हार्ट अटैक (मायोकार्डियल इंफार्क्शन) से बचने के लिए स्वस्थ वजन बनाए रखें इसलिए ऐसे आहार का सेवन ना करें जो आपको अस्वस्थ करें जैसे अस्वास्थ्यकर वसा (पेस्ट्री, कुकीज़, डोनट्स, मफिन, केक, पिज्जा, तले हुए खाद्य पदार्थ आदि),
  • हार्ट अटैक से बचने के लिए अपने रक्तचाप को सामान्य (सिस्टोलिक: 120 mm Hg से कम डायास्टोलिक: 80 mm Hg से कम ) बनाए रखें,
  • हार्ट अटैक से बचने के लिए तंबाकू या पान मसाला का सेवन करते हैं तो इसे पूरी तरह छोड़ दें, 
  • अपने आहार में पौष्टिक चीजों को शामिल करें जैसे उच्च फाइबर युक्त आहार, वसा रहित डेयरी खाद्य पदार्थ, साबुत अनाज, जैतून का तेल आदि। 
  • यदि आपको मधुमेह या कोलेस्ट्रॉल रोग है तो हार्ट अटैक से बचने के लिए इनके स्तर को नियंत्रित रखें।   
”दिल के दौरा का प्राथमिक उपचार इसके लक्षणों के बारे में जागरूक होना है। इसलिए हार्ट अटैक के लक्षणों को पहचान कर आप इसके जोखिम को कम कर सकते हैं और अपना जीवन सरलता से जी सकते हैं।”
कार्डियक अरेस्ट और मायोकार्डियल इंफार्क्शन (हार्ट अटैक) के बीच अंतर | Difference between Myocardial infarction and cardiac arrest in Hindi

कभी-कभी हम “कार्डियक अरेस्ट” और “हार्ट अटैक” शब्दों के बीच भ्रमित हो जाते हैं और दोनों ही रोग एक लगते हैं। पर वास्तव में ऐसा नहीं है। दिल का दौरा (Heart attack), या माइओकार्डियल इन्फार्कशन, हृदय की मांसपेशियों का नुकसान है जो हृदय की मांसपेशियों में रक्त के प्रवाह में कमी के कारण या कोरोनरी धमनियों के आंशिक या पूर्ण रूप से बंद होने के कारण होता है।

दिल का दौरा पड़ने पर हृदय सामान्य रूप से धड़कता रहता है, भले ही हृदय में रक्त की आपूर्ति बाधित हो जाए, जबकि कार्डियक अरेस्ट (Cardiac arrest) दिल की धड़कन का बंद होना है जिसे पुनः आरंभ करने की आवश्यकता होती है।

क्योंकि कार्डियक अरेस्ट के दौरान दिल धड़कना बंद हो जाता है, जिस कारण शरीर के महत्वपूर्ण अंगों (जैसे मस्तिष्क और फेफड़ों) को रक्त और ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है। नतीजतन, कार्डियक अरेस्ट घातक हो सकता है यदि दिल की धड़कनो को कुछ मिनट में वापिस ना लाया जाए तो। दिल के दौरे (Heart attack in Hindi) के लक्षणों में शामिल हैं:

  • सीने में दर्द या बेचैनी,
  • ऊपरी शरीर में बेचैनी और दर्द,
  • सांस लेने में कमी,
  • कंपकंपी के साथ पसीना,
  •  बाएं हाथ में दर्द।

कार्डियक अरेस्ट (Cardiac arrest) के लक्षणों में शामिल हैं:

  • चेतना / प्रतिक्रिया का अचानक नुकसान,
  • सांस का ना चलना,
  • पल्स का ना होना। 

दिल का दौरा, यदि गंभीर हो, तो यह कार्डिएक अरेस्ट में बदल सकता है हालांकि, अन्य स्थितियां, जैसे गंभीर हृदय अतालता या सदमा, भी कार्डियक अरेस्ट का कारण बन सकते हैं। वयस्कों में कई कार्डियक अरेस्ट दिल के दौरे के कारण होता है।

निष्कर्ष | Conclusion

दिल का दौरा एक गंभीर और घातक स्थिति है जिसके लिए आपातकालीन उपचार की आवश्यकता होती है। पुरुषों और महिलाओं में मायोकार्डियल इंफार्क्शन (Myocardial infarction in Hindi) के सबसे आम लक्षण सीने में दर्द या बेचैनी, शरीर के ऊपरी हिस्से में दर्द और सांस लेने में कमी है।

हालांकि, हार्ट अटैक के समय महिलाओं में सांस की तकलीफ, मतली (उल्टी), असामान्य थकान और पीठ, कंधों और जबड़े में दर्द होने की संभावना पुरुषों के मुकाबले कुछ अधिक हो सकती है। जिन लोगों को उच्च रक्त शर्करा (मधुमेह) होता है, उनमें हार्ट अटैक के कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं या ये लक्षण बहुत हल्के हो सकते हैं। ऐसा हार्ट अटैक, साइलेंट हार्ट अटैक के नाम से भी जाना जाता है। 

लिंग, पारिवारिक इतिहास, बढ़ती उम्र, असंतुलित आहार, अधिक वजन, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के स्तर का अनियंत्रित होना, हार्ट अटैक (मायोकार्डियल इंफार्क्शन) के प्रमुख जोखिम करक हैं।

दुर्भाग्यवश, हार्ट अटैक (मायोकार्डियल इंफार्क्शन) के सभी जोखिम कारकों (लिंग, पारिवारिक इतिहास और बढ़ती उम्र) को बदला नहीं जा सकता है। हालांकि, कुछ जोखिम कारकों (अधिक वजन, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल) को एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाकर कम जरूर किया जा सकता है।


ये हैं हार्ट अटैक (मायोकार्डियल इंफार्क्शन) के लक्षण,कारण और बचाव के बारे में बताई गई पूरी जानकारी। कमेंट में बताएं आपको Myocardial infarction in Hindi पोस्ट कैसी लगी। अगर यह पोस्ट पसंद आई हो तो इसे जरूर शेयर करें।

ऊपर दी गई जानकारी पूरी तरह से शैक्षणिक दृष्टिकोण से दी गई है। इस जानकारी का उपयोग किसी भी बीमारी के निदान या उपचार हेतु बिना डॉक्टर या विशेषज्ञ की सलाह के नहीं किया जाना चाहिए।

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