स्लीप एपनिया (Sleep Apnea in Hindi) एक स्लीपिंग डिसऑर्डर है जिसका मुख्य लक्षण (Sleep Apnea Symptoms in Hindi) नींद के दौरान हांफना या सोते समय सांस का रुकना है। यदि इस रोग को अनुपचारित छोड़ दिया जाए, तो यह बीमारी गंभीर खर्राटे, दिन के समय थकान, हृदय रोग या उच्च रक्तचाप जैसी गंभीर समस्याएं पैदा कर सकती है। हालांकि, स्लीप एपनिया का आयुर्वेदिक इलाज मौजूद हैं, जो इस गंभीर समस्या को काफी हद तक नियंत्रित कर सकती है। इस पोस्ट में हम आपको स्लीप एपनिया क्या है, स्लीप एपनिया के लक्षण, कारण, आयुर्वेदिक इलाज और योगासन के बारे में विस्तार बता रहे हैं।
स्लीप एपनिया का अर्थ (Sleep Apnea meaning in Hindi)
स्लीप एपनिया क्या है? (What is Sleep Apnea means in Hindi)
स्लीप एपनिया (Sleep Apnea in Hindi) नींद की एक बीमारी (स्लीप डिसऑर्डर) है, जिसमें नींद के दौरान आपकी सांस बार-बार रुक सकती है। सांस का रुकना आमतौर पर 10 से 20 सेकंड के बीच होता है और यह प्रति घंटे 5 से 100 हो सकता है। (1)
स्लीप एपनिया के दौरान ऑक्सीजन की कमी आपको सोते समय जगा सकती है। कुछ लोग नींद के दौरान कुछ सेकंड के लिए जाग भी सकते हैं। हालांकि, ऐसे लोगों को यह भी पता नहीं होता है कि वे रात में कितनी बार जागे थे।
नींद में बाधा आने के कारण आप मानसिक रूप से तनावग्रस्त, थके हुए, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग जैसी स्वास्थ्य समस्याओं से परेशान हो सकते हैं। कुछ मामलों में स्लीप एपनिया जानलेवा भी हो सकता है इसलिए यदि आप इस रोग से पीड़ित हैं तो बिना देर किए अपने डॉक्टर से बात करें। (2)
स्लीप एपनिया के प्रकार (Types of Sleep Apnea in Hindi)
सेंट्रल स्लीप तीन प्रकार के होते हैं। (3)
1. बाधक निंद्रा अश्वसन (Obstructive Sleep Apnea in Hindi)
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (बाधक निंद्रा अश्वसन) नींद के दौरान पूर्ण या आंशिक रूप से ऊपरी वायुमार्ग (airway) के अवरुद्ध होने के कारण होता है। वायुमार्ग अवरुद्ध होने के कारण यह आपकी नींद को प्रभावित कर सकता है, आपके महत्वपूर्ण अंगों में ऑक्सीजन के प्रवाह को कम कर सकता है, और असामान्य हृदय ताल को जन्म दे सकता है।
2. सेंट्रल स्लीप एपनिया (Central SleepApnea in Hindi)
सेंट्रल स्लीप एपनिया में केंद्रीय तंत्रिका तंत्र शामिल होता है। यह तब होता है जब मस्तिष्क सांस को नियंत्रित करने वाली मांसपेशियों को अस्थायी रूप से सिग्नल भेजना बंद कर देती है।
3. जटिल स्लीप एपनिया सिंड्रोम (Complex Sleep Apnea syndrome in Hindi)
काम्प्लेक्स स्लीप एपनिया सिंड्रोम तब होता है जब किसी को ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया और सेंट्रल स्लीप एपनिया दोनों होते हैं। काम्प्लेक्स स्लीप एपनिया एक प्रकार की मेडिकल इमरजेंसी है जिसका तुरंत इलाज होना जरुरी है।
स्लीप एपनिया किसे होता है? (Who gets Sleep Apnea in Hindi)
स्लीप एपनिया महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में अधिक समान्य है। स्लीप एपनिया बच्चों, वयस्कों और बुजुर्गों सहित सभी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, स्लीप एपनिया विशेष रूप से 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों और अधिक वजन वाले लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है। (4)
स्लीप एपनिया के लक्षण (Sleep Apnea Symptoms in Hindi)
स्लीप एपनिया की पहचान – Sleep disorder ke lakshan in Hindi
ऑब्सट्रक्टिव और सेंट्रल स्लीप एपनिया के संकेत और लक्षण एक समान हो सकते हैं, जिससे कभी-कभी यह निर्धारित करना मुश्किल हो जाता है कि आप स्लीप एपनिया के कौन से प्रकार से पीड़ित हैं। स्लीप एपनिया के सबसे आम लक्षणों (Symptoms of sleep apnea Hindi) में शामिल हैं: (4 & 5)
- जोर से खर्राटे या सोते समय सांस रुकना – जिसकी सूचना किसी अन्य व्यक्ति द्वारा दी जाएगी।
- रात में कई बार पेशाब करने के लिए उठना।
- नींद के दौरान हांफना
- सुबह उठने पर मुंह सूखना।
स्लीप एपनिया के अन्य लक्षणों में शामिल हैं:
- गले में खराश,
- सुबह के समय सिरदर्द,
- सोने में कठिनाई (अनिद्रा),
- दिन में नींद आना (हाइपरसोमनिया),
- मनोदशा में गड़बड़ी (अवसाद या चिंता),
- चिड़चिड़ापन,
- पेट में जलन,
- सिर दर्द।
स्लीप एपनिया के कारण (Sleep Apnea causes in Hindi)
स्लीप एपनिया के दो प्रमुख कारण हैं – (8)
1. आंशिक रूप से ऊपरी वायुमार्ग का अवरुद्ध होना (Partially blocked upper airway)
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया का प्रमुख कारण है ऊपरी वायुमार्ग का आंशिक रूप से अवरुद्ध होना।
सोने के दौरान जो मांसपेशियां श्वास मार्ग को खुला रखती हैं, वे कई बार ढ़ीली पड़ जाती हैं, जिस कारण से वायुमार्ग सिकुड़ जाता है। यह स्थिति आंशिक रूप से ऊपरी वायुमार्ग को अवरुद्ध करती है। जिससे सोते समय सांस बीच बीच में रुक जाती है।
2. केंद्रीय तंत्रिका तंत्र का कार्य न करना Central nervous system dysfunction
केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के ठीक से काम ना करने से मस्तिष्क सांस को नियंत्रित करने वाली मांसपेशियों को अस्थायी रूप से सिग्नल भेजना बंद कर देता है। जिससे सोते समय सांस बीच बीच में रुक जाती है।
सामान्य खर्राटों और स्लीप एपनिया के बीच अंतर (Difference Between Snoring and Sleep Apnea in Hindi)
खर्राटे लेने वाले हर व्यक्ति को स्लीप एपनिया नहीं होता है और स्लीप एपनिया से पीड़ित हर व्यक्ति को खर्राटे नहीं आते हैं। तो आप सामान्य खर्राटों और स्लीप एपनिया के बीच अंतर कैसे पता करेंगे?
इसका सबसे बड़ा संकेत यह है कि आप दिन के दौरान कैसा महसूस करते हैं।
सामान्य खर्राटे आपके नींद की गुणवत्ता में उतना हस्तक्षेप नहीं करते जितना स्लीप एपनिया करता है, इसलिए यदि आपको दिन के दौरान अत्यधिक थकान और नींद लग रही हो तो समझ जाइये कि यह संकेत स्लीप एपनिया के हो सकते हैं। (6)
इसके अलावा यदि आप सोते समय हांफ रहे हों, घुटन हों रही हो या असामान्य खर्राटे आ रहे हों, तो यह संकेत भी स्लीप एपनिया के हों सकते हैं।
स्लीप एपनिया टेस्ट (Diagnosis of Sleep Apnea in Hindi)
यदि आपके लक्षण स्लीप एपनिया के लक्षण से मिलते हैं, तो नींद विशेषज्ञ आपकी नींद के पैटर्न का मूल्यांकन कर सकता है। स्लीप एपनिया का निदान दो तरीके से हो सकता है। (7)
1. पॉलीसोम्नोग्राम test – Polysomnogram test for in Hindi
इस परीक्षण में रात भर की नींद का अध्ययन शामिल है जिसे पॉलीसोम्नोग्राम (पीएसजी) कहा जाता है।
यह परीक्षण प्रयोगशाला में होता है जिसमें रात में नींद के दौरान मस्तिष्क की विद्युत गतिविधि (electrical activity of the brain), आंखों की गति, मांसपेशियों की गतिविधि, हृदय गति, श्वास पैटर्न, वायु प्रवाह और रक्त ऑक्सीजन के स्तर जैसे शरीर के विभिन्न कार्यों का अध्ययन किया जा सकता है।
अध्ययन पूरा होने के बाद डॉक्टर द्वारा स्लीप एपनिया की गंभीरता को वर्गीकृत किया जाता है।
2. होम स्लीप एपनिया परीक्षण – Home sleep apnea test in Hindi
कुछ परिस्थितियों में डॉक्टर स्लीप एपनिया का निदान घर में करते हैं। इस परीक्षण में आमतौर पर वायु प्रवाह, श्वास पैटर्न और रक्त ऑक्सीजन के स्तर, और संभवतः अंगों की गति और खर्राटों की तीव्रता का मापन शामिल होता है।
यह परीक्षण पॉलीसोम्नोग्राम परीक्षण के लगभग सामान ही होता है।
HST का उपयोग उन रोगियों में नहीं होता है जिन्हें संदिग्ध ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के अलावा अन्य स्लीप डिसऑर्डर जैसे सेंट्रल स्लीप एपनिया (central sleep apnea), रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम (restless legs syndrome), अनिद्रा (insomnia), सर्कैडियन रिदम डिसऑर्डर (circadian rhythm disorder), पैरासोमनिया (parasomnia) या नार्कोलेप्सी (narcolepsy) होता है।
इसके अलावा HST का उपयोग अन्य चिकित्सा समस्याओं जैसे हृदय रोग, न्यूरोमस्कुलर रोग या गंभीर पल्मोनरी रोग वाले रोगियों में भी नहीं किया जाता है।
स्लीप एपनिया के जोखिम करक | Risks factor and complications of Sleep Apnea in Hindi
रिस्क फैक्टर्स का मतलब है कि किन लोगों को इस बीमारी का खतरा सबसे ज्यादा है। स्लीप एपनिया किसी भी उम्र के व्यक्ति को, यहां तक कि बच्चों को भी प्रभावित कर सकता है। लेकिन जिन लोगों को इस बीमारी का खतरा सबसे अधिक होता है, उन लोगों में शामिल हैं : (9)
1. आपकी अधिक उम्र (Age)
आपकी उम्र के साथ ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया का खतरा बढ़ जाता है।
2. अतिरिक्त वजन (Excess weight)
ऊपरी वायुमार्ग के आसपास फैट जमा होने से सांस लेने में बाधा आ सकती है।
3. संकुचित वायुमार्ग (Narrowed airway)
संकुचित वायुमार्ग स्लीप एपनिया के खतरे को बढ़ा सकता है। या आपके बढ़े हुए टॉन्सिल या एडेनोइड आपके वायुमार्ग को अवरुद्ध कर सकते हैं।
4. साइनसाइटिस (Sinusitis)
नाक के मार्ग में रूकावट या नाक की हड्डी का बढ़ना स्लीप एपनिया के खतरे को बढ़ा सकता है।
5. एलर्जी व अस्थमा (Allergies or Asthma)
एलर्जी या अस्थमा जिससे गले में खराश हो, स्लीप एपनिया के खतरे को बढ़ा सकता है।
6. शराब व धूम्रपान (Alcohol and Smoking)
शराब या धूम्रपान की लत भी स्लीप एपनिया के खतरे को बढ़ा सकती है।
7. लिंग (Gender)
सामान्य तौर पर, महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया होने की संभावना दोगुनी या तीन गुनी होती है।
8. गर्भावस्था (Pregnancy)
कुछ महिलाओं में उनकी गर्भावस्था के दौरान स्लीप एपनिया का खतरा बढ़ता है।
9. थायराइड (Thyroid)
थायराइड या कोई अन्य हार्मोनल समस्याएं भी स्लीप एपनिया के खतरे को बढ़ा सकती है।
10. मधुमेह (Diabetes)
मधुमेह वाले लोगों में ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया अधिक आम हो सकता है।
11. स्लीप एपनिया का पारिवारिक इतिहास (Family history of sleep apnea)
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया का पारिवारिक इतिहास आपका जोखिम बढ़ा सकता है।
स्लीप एपनिया ट्रीटमेंट (Sleep Apnea treatment in Hindi)
स्लीप एपनिया के लिए कई प्रभावी चिकित्सा उपचार विकल्प हैं। इसमे शामिल हैं: (10)
निरंतर सकारात्मक वायुमार्ग दबाव (CPAP मास्क) द्वारा स्लीप एपनिया का इलाज – CPAP mask for Sleep Apnea treatment in Hindi
निरंतर सकारात्मक वायुमार्ग दबाव (Continuous positive airway pressure (CPAP), स्लीप एपनिया के इलाज के लिए प्रभावी चिकित्सा उपचार है। इस इलाज में रोगी को सीपीएपी (CPAP) मास्क पहनाया जाता है। CPAP मास्क आपके वायुमार्ग में दबाव बढ़ाता है, ताकि सोते समय आपकी सांस ना रुके।
CPAP मास्क स्लीप एपनिया के इलाज का सबसे आम और प्रभावी तरीका है।
और पढ़ें – साइनोसाइटिस (साइनस) के लक्षण, कारण और इलाज (आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक)
मौखिक उपकरण द्वारा स्लीप एपनिया ट्रीटमेंट – Oral appliances for Sleep Apnea treatment in Hindi
यह जबड़े में फिट होने वाला उपकरण है जो निचले जबड़े को आगे की ओर धकेलता है और साथ ही आपके सांस लेते समय आपके गले को बंद होने से रोकता है, ताकि सोते समय आपकी सांस ना रुके।
ये उपकरण स्लीप एपनिया के हल्के से मध्यम मामलों में प्रभावी होता है।
शल्य चिकित्सा द्वारा स्लीप एपनिया का उपचार – Surgery for Sleep Apnea treatment in Hindi
जब अन्य उपचार प्रभावी नहीं होते हैं, तो सर्जरी द्वारा आपके वायुमार्ग की संरचना को बदला जाता है। जिसमें वायुमार्ग को अवरुद्ध करने वाले ऊतक को हटाया जाता है या वायुमार्ग के द्वार को और खोला जाता है। इसके अलावा भी सर्जरी के कई और विकल्प उपलब्ध हैं।
स्लीप एपनिया का आयुर्वेदिक इलाज | Ayurvedic treatment for Sleep Apnea in Hindi
स्लीप एपनिया के आयुर्वेदिक इलाज (स्लीप एपनिया ट्रीटमेंट इन हिंदी) में शामिल हैं- (17)
1. हर्बल चाय से स्लीप एपनिया का आयुर्वेदिक उपचार – Herbal Tea for sleep apnea treatment in Hindi
आयुर्वेदिक चाय (हर्बल चाय) का उपयोग सैकड़ों वर्षों से विभिन्न बीमारियों के लिए किया जाता है। हर्बल टी में कैफीन की मात्रा ना के बराबर होने से ये हमारे स्वास्थ के लिए बहुत लाभदायक है।
आयुर्वेदिक चाय में एंटीऑक्सिडेंट, एंटीमाइक्रोबॉयल, एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल और एंटीएलर्जिक जैसे गुण होते हैं। जो गले और नाक की सूजन को कम करने का काम करते हैं। जिससे स्लीप एपनिया के लक्षणों में सुधार आ सकता है।
आयुर्वेदिक चाय में गुड़हल की चाय, पुदीने की चाय, सौंफ की चाय और दालचीनी की चाय प्रमुख हैं।
और पढ़ें – हर्बल चाय (आयुर्वेदिक चाय) के 8 फायदे और नुकसान
2. पेपरमिंट ऑयल से स्लीप एपनिया का इलाज – Peppermint oil for sleep apnea in Hindi
पुदीने में कई ऐसे तत्व होते हैं जो गले और नाक के छेदों की सूजन को कम करने का काम करते हैं। जिससे सांस लेना आसान हो जाता है और स्लीप एपनिया के लक्षणों में सुधार आता है। इसलिए सोने से पहले पिपरमिंट ऑयल की कुछ बूंदों को पानी में डालकर गरारा कर सकते हैं।
3. दालचीनी से स्लीप एपनिया का इलाज – Cinnamon for sleep apnea in Hindi
स्लीप एपनिया की समस्या से निजात पाने के लिए आप एक ग्लास गुनगुने पानी में तीन चम्मच दालचीनी का पाउडर (स्लीप एपनिया ट्रीटमेंट इन आयुर्वेद) मिलाकर पी सकते हैं। इसके लगातार इस्तेमाल करने से आपको काफी फायदे नजर आ सकता है।
4. लहसुन के प्रयोग से स्लीप एपनिया का इलाज – Garlic for sleep apnea treatment in Hindi
लहसुन में हीलिंग-क्वालिटी होती है जो ब्लॉकेज साफ करने के साथ ही साथ श्वसन-तंत्र को भी बेहतर बनाती है। एक या दो लहसुन की कली को पानी के साथ लेने से यह स्लीप एपनिया के लक्षणों में सुधार दिला सकता है।
5. ऑलिव ऑयल से स्लीप एपनिया रोकने के उपाय – Treatment of sleep apnea by Olive oil in Hindi
ऑलिव ऑयल एक बहुत ही कारगर आयुर्वेदिक दवा है। इसमें भरपूर मात्रा में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होता है। जो श्वसन-तंत्र की प्रक्रिया को सुचारू बनाए रखने में बहुत फायदेमंद होता है।
एक चम्मच ऑलिव ऑयल में शहद मिलाकर (स्लीप एपनिया ट्रीटमेंट इन आयुर्वेद), सोने से पहले नियमित रूप से इसका सेवन करने से आपको स्लीप एपनिया के लक्षणों में सुधार दिख सकता है।
6. हल्दी से स्लीप एपनिया का ट्रीटमेंट – Turmeric: Ayurvedic treatment to cure sleep apnea in Hindi
हल्दी में एंटी-सेप्टिक और एंटी-बायोटिक दोनों गुण होते हैं। जो गले की खराश दूर करने में मदद कर सकती है। रोज रात को सोने से पहले दूध में हल्दी पकाकर (हल्दी वाला दूध) पीने से आपको स्लीप एपनिया के लक्षणों में सुधार आ सकता है।
स्लीप एपनिया के लिए योग (Yoga for Sleep Apnea in Hindi)
स्लीप एपनिया के लक्षणों को कम करने के लिए आप योग कर सकते हैं। योग बेहद सुरक्षित है और इसके कोई साइड इफैक्ट भी नहीं होते हैं।
योग से आप अपनी श्वसन नलिकाओं को खोल सकते हैं, जिससे स्लीप एपनिया की समस्या से निपटने में मदद मिलती है। आप सोते वक्त स्लीप एपनिया की समस्या से निपटने के लिए नीचे बताए हुए योगासन और प्राणायाम कर सकते हैं।
1. भुजंगासन योग स्लीप एपनिया के लिए (Bhujangasana for Sleep Apnea in Hindi)
ये आसन सीना और फेफड़े खोलने में मदद कर सकता है।
2. धनुरासन योग खर्राटों के इलाज के लिए (Dhanurasana for Sleep Apnea in Hindi)
धनुरासन करने से हमारे सीने की मांसपेशियों को राहत मिल सकती है। गहरी सांस लेने और छोड़ने के अलावा सांस को देर तक रोकने की क्षमता का विकास हो सकता है। इसलिए स्लीप एपनिया से पीड़ित लोग धनुरासन कर सकते हैं।
3. भ्रामरी प्राणायाम स्लीप एपनिया के लिए(Bhramari Pranayama for Sleep Apnea in Hindi)
भ्रामरी प्राणायाम हमारी एकाग्रता बढ़ाने में मदद कर सकता है। इस प्राणायाम के अभ्यास से हमें गुस्से और तनाव से मुक्ति मिलती है जिससे हमारा ब्लड प्रेशर ठीक बना रहता है।
4. उज्ज्यी प्राणायाम स्लीप एपनिया के लिए (Ujjayi Pranayama for Sleep Apnea in Hindi)
इस प्राणायाम के अभ्यास से हमारे चेहरे और गले की मांसपेशियां में मजबूती आती है। ये प्राणायाम हमारे सोने के पैटर्न को अच्छा करता है जिससे स्लीप एपनिया के लक्षणों में सुधार आता है।
5. स्लीप एपनिया के लिए नाड़ी शोधन प्राणायाम (Nadi Shodhan Pranayama for Sleep Apnea in Hindi)
नाड़ी शोधन प्राणायाम हमारे श्वसन तंत्र को साफ करने में मदद करता है। ये गले में इंफेक्शन की समस्या को भी दूर कर सकता है। इस प्राणायाम के अभ्यास से खर्राटे लेने और स्लीप एप्निया की समस्या भी ठीक होते हुए देखी गई है।
6. स्लीप एपनिया के लिए कपाल भाति प्राणायाम (Kapal Bhati pranayama for Sleep Apnea in Hindi)
कपाल भाति प्राणायाम से साइनस की सफाई में मदद मिलती है। इसके अभ्यास से हमें गहरी नींद लेने में भी मदद मिलती है और स्लीप एप्निया की समस्या में भी सुधर आता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
स्लीप एपनिया एक गंभीर समस्या है जिसमें नींद के दौरान सांस कुछ सेकंड के लिए रुक सकती है। सांस रुकने से आपकी नींद पूरी नहीं हो पाती है और आप दिन के समय अधिक थका हुआ महसूस कर सकते हैं। स्लीप एपनिया किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है। स्लीप एपनिया के प्रमुख लक्षणों में जोर से खर्राटे, सोते समय सांस रुकना और नींद के दौरान हांफना शामिल हैं।
सामान्य खर्राटों और स्लीप एपनिया के बीच अंतर करना बेहद मुश्किल है। हालांकि, सामान्य खर्राटे आपके नींद की गुणवत्ता में उतना हस्तक्षेप नहीं करते जितना स्लीप एपनिया करता है। सामान्य खर्राटों से आपकी नींद टूटती नहीं है। जबकि, स्लीप एपनिया में आपकी नींद बार बार टूटती रहती है। इसलिए ,यदि आप दिन में अधिक थका हुआ महसूस कर रहे हैं तो आप को स्लीप एपनिया हो सकता है।
स्लीप एपनिया का प्रमुख कारण ऊपरी वायुमार्ग का अवरुद्ध होना या केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में समस्या का होना है। आज स्लीप एपनिया के ट्रीटमेंट के लिए बहुत से उपकरण उपलब्ध हैं जिनमें सीपीएपी (CPAP) उपकरण और मौखिक उपकरण प्रमुख हैं। परन्तु, कुछ लोगों को यह तरीका असुविधाजनक लगता है।
हालांकि, कुछ घरेलू उपचार स्लीप एपनिया के लक्षणों को कम करने में आपकी मदद कर सकते हैं। इसके अलावा आयुर्वेदिक इलाज और स्लीप एपनिया के लिए योग भी इस बीमारी के लक्षणों को कुछ हद तक कम कर सकते हैं।
ये हैं स्लीप एपनिया के कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक इलाज के बारे में बताई गई पूरी जानकारी। कमेंट में बताएं आपको Sleep Apnea Symptoms in Hindi पोस्ट कैसी लगी। यदि आपको Sleep Apnea In Hindi पोस्ट पसंद आई हो तो इसे शेयर जरूर करें। वेब पोस्ट गुरु ब्लॉग में आने और पोस्ट पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद।
Disclaimer : ऊपर दी गई जानकारी पूरी तरह से शैक्षणिक दृष्टिकोण से दी गई है। इस जानकारी का उपयोग किसी भी बीमारी के निदान या उपचार हेतु बिना विशेषज्ञ की सलाह के नहीं किया जाना चाहिए। इसके अलावा किसी भी चीज को अपनी डाइट में शामिल करने या हटाने से पहले किसी योग्य डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ (Dietitian) की सलाह जरूर लें।
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