8 Benefits Of Herbal Tea : हर्बल चाय के फायदे और नुकसान

अगर आप चाय पीने के बेहद शौकीन हैं और चाय के बिना एक  दिन भी नहीं रह सकते हैं तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं हर्बल चाय (आयुर्वेदिक चाय) के बारे में। जिसमें हम आपको हर्बल चाय के फायदे (Benefits of Herbal Tea in Hindi) और साथ ही हर्बल टी के अधिक सेवन से होने वाले नुकसान के बारे में बताएंगे। 

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परंपरागत चाय (Traditional Tea) जैसे हरी चाय (ग्रीन टी), काली चाय और ऊलोंग चाय, कैमेलिया सिनेंसिस नामक पौधे की पत्तियों से बनाई जाती है जबकि हर्बल चाय (Herbal tea in Hindi) सूखे फलो, फूल, मसाले, पत्तियों, तने की छाल या जड़ी-बूटियों से बनाई जाती है, जिसमें स्वाद की एक विस्तृत श्रृंखला होती है। 

हर्बल चाय का उपयोग सैकड़ों वर्षों से विभिन्न बीमारियों के लिए प्राकृतिक उपचार के रूप में भी किया जाता है।

हर्बल चाय (हर्बल टी) में कैफीन की मात्रा ना के बराबर होने से ये हमारे स्वास्थ के लिए बहुत ही स्वास्थ्वर्थक होती है। 

हर्बल टी विटामिन C, विटामिन E, विटामिन B6, पोटेशियम, मैंगनीज, कॉपर और मैग्नीशियम जैसे विटामिन और खनिजों से भरी होती है।

इसके अलावा आयुर्वेदिक चाय में पाए जाने वाले बायोएक्टिव यौगिक में एंटीऑक्सिडेंट, एंटीमाइक्रोबॉयल, एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल, एंटी-डायरियल और एंटीएलर्जिक जैसे गुण होते हैं, जो स्वास्थ के लिए काफी लाभदायक होते हैं। 

चलिए अब हर्बल चाय के फायदे और नुकसान के बारे में पढ़ते हैं।

हर्बल चाय के फायदे | 8 Benefits of Herbal Tea in Hindi

  • वजन कम करने में,
  • सूजन और दर्द को दूर करने में,
  • इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में,
  • पाचन तंत्र में सुधार करने में,
  • डायबिटीज को कंट्रोल करने में, 
  • रक्त चाप को नियंत्रित करने में, 
  • तनाव, चिंता और अनिद्रा से छुटकारा पाने में,
  • त्वचा को जवान बनाए करने में। 

1. हर्बल चाय के फायदे हैं वजन घटाने में (Benefits of Herbal Tea for weight loss in Hindi)

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व्यस्त और अनियमित जीवनशैली के कारण मोटापा बढ़ना आज के समय में सबसे आम और बड़ी समस्या होती जा रही है। आज युवा पीढ़ी कम उम्र से ही मोटापे का शिकार होने लगे हैं। जिसके चलते उन्हें मधुमेह से लेकर हृदय रोग तक कई गंभीर समस्याएं हो सकती है। 

वजन घटाने और मोटापा कम करने के लिए हर्बल टी (आयुर्वेदिक चाय) आज के समय ज्यादा अच्छा और प्राकृतिक विकल्प माना जाता है।

इसके लिए आप गुड़हल की हर्बल चाय, पुदीने की हर्बल चाय, सौंफ की चाय और दालचीनी की चाय को एक अच्छे विकल्प के रूप में चुन सकते हैं। इसमें मौजूद एंटी-ओबेसोजेनिक (Anti-obesogenic) और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण, प्राकृतिक रूप से कैलोरी को जलाने और मेटाबॉलिज्म दर को बढ़ाने में मदद करता है  जिससे वजन धीरे धीरे कम होने लगता है।

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2. हर्बल चाय के लाभ सूजन और जोड़ों के दर्द को दूर करने में (Benefits of Herbal Tea for swelling and pain in Hindi)

Herbal Tea benefits for swelling and pain in Hindi
Herbal Tea benefits for swelling and pain 

अगर आप आर्थराइटिस (गठिया) रोग से पीड़ित हैं तो हर्बल चाय  (Herbal Tea in Hindi) जैसे तुलसी, दालचीनी, तेज पत्ता और अदरक की चाय आपके लिए फायदेमंद हो सकती हैं।

दालचीनी में सिनेमैल्डिहाइड (Cinnamaldehyde) नामक पदार्थ पाया जाता है जिनमें एंटी-ऑक्सिडेंट (Anti-oxidant) और एंटी -इंफ्लेमेटरी (Anti-inflammatory) गुण (Herbal Tea benefits in Hindi) होने के कारण यह शरीर में मौजूद यूरिक एसिड (Uric acid) को कम कर सूजन को नियंत्रित करने में मदद करता है।

तेज के पत्ते में कार्नोसिक एसिड और कार्नोसोल नामक पदार्थ पाया जाता है जिनमें एंटी-ऑक्सिडेंट और एंटी -इंफ्लेमेटरी गुण होता हैं। जो गामा रिसेप्टर को सक्रिय कर सूजन को नियंत्रित करने में मदद करता है।

इसके अलावा अदरक में पाए जाने वाला जिनेरोल पदार्थ और सेज (तेज) में पाए जाने वाला कार्नोसिक एसिड में एंटी-इन्फ्लेमेट्री, एंटी-ऑक्सिडेंट और एंटी-बैक्टीरियल जैसे गुण पाए जाते हैं जो शरीर के दर्द, जोड़ों के दर्द, माइग्रेन में होने वाले सिर दर्द, सूजन, थकान, अपच और उल्टी से राहत दिलाने में मदद करती है।

3. हर्बल टी का उपयोग इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में (Advantages of herbal tea for immunity in Hindi)

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Herbal Tea for immune system 

हर्बल टी में पाए जाने वाले एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटी-माइक्रोबियल जैसे गुण विभिन्न रोगों और संक्रमणों से लड़ने में कारगर साबित होते हैं। जो सर्दी, जुकाम, बुखार और मलेरिया जैसी समस्याओं से राहत दिलाती है। 

एक अध्ययन में पता चला है कि अदरक और पुदीने में भी एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-बैक्टीरियल जैसे गुण होते है जो बीमारियों से लड़ने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली (immunity) को मजबूत करती हैं, साथ ही तुलसी की चाय (Herbal tea in Hindi) और पुदीना की चाय में पाया जाने वाला एंटीवायरल गुण विभिन्न रोगो जैसे हेपेटाइटिस बी वायरस से लड़ने में मदद करती है। 

ठंड के दिनों में अदरक की चाय हमें सर्दी, जुखाम और गले में दर्द की समस्यों से बचाता है। पुदीने की पत्तियों में विटामिन C प्रचुर मात्रा में होता है जो एक एंटीऑक्सिडेंट तरह काम कर इम्यूनिटी (प्रतिरक्षा प्रणाली) को मजबूत करने में मदद करता है। 

तुलसी में एपिगेनिन और ओर्सोलिक एसिड जैसे यौगिक होते हैं, जो हर्पीस, हेपेटाइटिस बी और एंटर वायरस से लड़ने के लिए हमें इम्युनिटी देते हैं।

4. हर्बल टी पीने के फायदे पाचन तंत्र में सुधार करने में (Benefits of Ayurvedic Tea for digestion in Hindi)

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Herbal Tea to improve digestive system 

आज की युवा पीढ़ी तैलीय खाद्य पदार्थों और जंक फूड्स का सेवन अधिक करने लगी है। इन भोज्य पदार्थों को हमारा शरीर ठीक से पचा नहीं पता है। जिसके चलते अधिकांश युवा पीढ़ी कब्ज, दस्त, डायरिया और पेट में दर्द जैसी समस्याओं का सामना करती है।

इन समस्याओं से निजात पाने के लिए हर्बल टी (Herbal tea in Hindi) का सेवन लाभकारी साबित हो सकता है। क्योंकि इसमें कई प्रकार के पोषक तत्व मौजूद होते हैं। जिसमें विटामिन और खनिज प्रमुख हैं, साथ ही हर्बल टी में पाए जाने वाले एंटी-इंफ्लेमेट्री, एंटी-बैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट जैसे गुण पाचन तंत्र को तदरूस्त रखने में हमारी मदद करते हैं।

हर्बल चाय में मौजूद फ्लेवोनॉइड, जिंजरॉल जैसे यौगिक भोजन को पचाने में मदद करते हैं। इसमें दालचीनी चायपुदीना की चाय, सौंफ की चाय और अदरक की चाय सबसे ज्यादा स्वास्थ्यवर्धक मानी जाती हैं।

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5. हर्बल टी पीने के फायदे डायबिटीज को कंट्रोल करने में (Benefits of Herbal Tea for diabetes in Hindi)

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Herbal Tea to control diabetes

हर्बल टी पीने के फायदे डायबिटीज में हो सकता है। डायबिटीज यानी मधुमेह एक ऐसा रोग है। जिसमें रक्त में मौजूद शुगर या ग्लूकोस का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। दरअसल, हम जब भी कुछ खाते हैं। तो हमारा शरीर कार्बोहाइड्रेट को तोड़कर इसे ग्लूकोज़ में बदलता है।

इसके बाद पेंक्रियाज़ (अग्न्याशय) से इंसुलिन हॉर्मोन बाहर निकलता है। जो हमारे शरीर में मौजूद कोशिकाओं को ग्लूकोज़ सोखने का निर्देश देती है। ग्लूकोज़ को सोखने से ही कोशिकाओं को ऊर्जा प्राप्त होती है और वह अपना कार्य आसानी से करती हैं। 

डायबिटीज का प्रमुख कारण है इंसुलिन हार्मोंन का कम निर्माण होना या पेंक्रियाज़ का काम ना करना।

जब इंसुलिन कम या बिलकुल ही नहीं बनता है तो कोशिकाए शुगर को ठीक से अवशोषित नहीं कर पाती हैं। जिससे कोशिकाओं की एनर्जी कम होने लगती है और अपने ही शरीर को नुकसान पहुंचने लगती हैं।जिसमें बेहोशी आना, दिल की धड़कन तेज होना, आँखें कमजोर होना, किडनी ख़राब होना इत्यादि शामिल है। 

शोधकर्ताओं के अनुसार, हर्बल टी में पाए जाने वाला पोलीफेनोल, एंटीऑक्सिडेंट्स और जिनेरोल कार्बोहाइड्रेट अवशोषण को धीमा कर पेंक्रियाज़ से इंसुलिन के स्राव में वृद्धि करते हैं। जिससे कोशिकाओं की रक्त से ग्लूकोज के सोखने की क्षमता बढ़ जाती है।

डायबिटीज को कंट्रोल करने में बबूने के फूल की चाय/ कैमोमाइल चाय, अदरक की चाय, दालचीनी चाय, एलोवेरा की चाय, बबूने के फूल (कैमोमाइल) की चाय और तेज पत्ते की चाय प्रमुख हैं। जो मुख्यतः टाइप 2 मधुमेह के विकास के जोखिमों को कम करती है।

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6. रक्त चाप को नियंत्रित करने में हर्बल टी के लाभ (Herbal tea benefits for blood pressure in Hindi) 

Herbal Tea benefits to control blood pressure in Hindi
Herbal Tea benefits to control blood pressure

हृदय एक दबाव (pressure) के साथ शरीर के विभिन अंगों तक ब्लड पहुँचता है। जिसकी सामान्य वैल्यू 120/80  mm HG होती है। यदि किसी व्यक्ति का ब्लड प्रेशर इस वैल्यू से ऊपर है, तो उसे उच्च रक्तचाप होता है और यदि इस वैल्यू से नीचे है, तो उसे निम्न रक्तचाप होता है।

आज 3 में से 1 व्यक्ति हाई ब्लड प्रेशर से ग्रसित है। उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन आमतौर पर ऐसी स्थिति है, जिसके कोई लक्षण नहीं होते हैं, बल्कि इससे हार्ट फेल, दिल का दौरा और किडनी फेलर जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं। 

पर क्या आप जानते हैं आप अपना रक्त चाप हर्बल चाय को पी कर नियंत्रित कर सकते हैं जी हां हर्बल चाय को रक्त चाप नियंत्रित करने के लिए पिया जा सकता है जिसमें तुलसी की पत्तियों से बनी चाय, सौंफ की चाय और गुड़हल के फूल से बनी चाय विशेष रूप से उपयोग में लाई जाती हैं।

इनमें पाया जाने वाला एंटी-ऑक्सीडेंट गुण रक्तचाप को नियंत्रित करने और हृदय को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। 

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एक वैज्ञानिक रिसर्च में माना गया है कि तुलसी के बीजों में मौजूद पोटैशियम रक्तचाप (Blood pressure) को कम करने में मदद करती है। साथ ही तुलसी की पतियों में मौजूद यूजेनॉल नामक पदार्थ कैल्शियम चैनल को प्राकृतिक रूप से बंद कर रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकता है।

जिससे हृदय की रक्त वाहिकाओं को आराम मिलता है। इसलिए तुलसी की पत्तियों और बीजों को रक्त चाप नियंत्रित करने में प्रयोग में लाया जा सकता है। 

7. तनाव, चिंता और अनिद्रा से छुटकारा पाने में हर्बल चाय का उपयोग (Herbal tea benefits for stress, anxiety and insomnia in Hindi)

Herbal Tea benefits to relieve stress, anxiety and insomnia in Hindi
हर्बल चाय का उपयोग तनाव, चिंता और अनिद्रा कम करने में

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव, चिंता और अनिद्रा एक आम समस्या बन चुकी है। यह समस्या शारीरिक और भावनात्मक दोनों रूपों से आपको कमजोर करती है। इससे ग्रस्त व्यक्ति न तो ठीक से काम कर पाता है और न ही अपने जीवन का खुलकर आनंद उठा पाते हैं।

तनाव, चिंता और अनिद्रा न केवल आपका पाचन तंत्र ख़राब करता है बल्कि आपके रक्त चाप को भी बढ़ता है। जिसके चलते आपके अंदर अनेक बीमारी जन्म लेती हैं। जिसके चलते अधिकांश लोग अक्सर एलोपैथिक मेडिसिन का सेवन करने लगते हैं ताकि यह बीमारी दूर हो सके। जिसमें बीटा-ब्लॉकर्स या बेंजोडायजेपाइन प्रमुख हैं।

हालांकि एलोपैथिक मेडिसिन के अपने दुष्प्रभाव होते हैं। जो आपके शरीर में दूसरे दोष पैदा कर देती हैं। जिसकारण अधिकांश लोग अब एक सुरक्षित और अधिक प्राकृतिक उपचार की तलाश कर रहे हैं। जिसमें आयुर्वेदिक हर्बल टी को एक अच्छे विकल्प के रूप में प्रयोग में लाया जा सकता है।

आयुर्वेदिक चाय में कैमोमाइल चाय, मिंट टी, और रोजहिप चाय प्रमुख हैं। इनमें पाए जाने वाला एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन C, विटामिन B6, पॉलीफेनोल्स और खनिज, आपके तनाव और चिंता को प्राकृतिक रूप से बिना दुष्प्रभाव के मुक्त (Herbal Tea benefits in Hindi) करती हैं और साथ ही आपको एक अच्छी और गहरी नींद दिलाने में मदद करती हैं। जिससे आपको तनाव, चिंता और अनिद्रा से छुटकारा मिलता है।

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8.  बालों और त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने में हर्बल चाय के फायदे (Benefits of Herbal Tea for healthy hair and skin in Hindi)

Herbal Tea benefits for healthy hair and skin in Hindi
Herbal Tea benefits for healthy hair and skin

त्वचा को खूबसूरत बनाने के लिए हम क्या कुछ नहीं करते हैं। महंगे प्रॉडक्ट्स खरीदते हैं, घरेलू उपाय अपनाते हैं और डायट का भी खास ख्याल रखते हैं फिर भी त्वचा में वो बात नहीं दिखती।

लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि हर्बल चाय पीने से आप आपकी त्वचा को स्वस्थ और खूबसूरत बना सकते हैं। जिसमें गुड़हल की चाय (हिबिस्कस टी), बबूने के फूल (कैमोमाइल) की चाय, सौंफ की चाय, रोजहिप चाय और रूइबोस की चाय प्रमुख हैं। साथ ही इन चाय के ठन्डे बैग को 15 मिनट तक अपनी आँखों के ऊपर रखने से ये आपकी आखों से काले घेरों को भी दूर करती हैं।

गुड़हल की चाय गुड़हल के फूलों को सुखा कर तैयार की जाती है जबकि रूइबोस की चाय इस पौधे की लकड़ियों को सुखा के बनाई जाती है। इन चाय में मौजूद विटामिन C, एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटी-बैक्‍टीरियल गुण त्वचा को चमकदार बनाने, मुँहासो को जड़ से खत्म करने और बालों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करती है। 

कैमोमाइल की चाय (Chamomile Tea in Hindi) दाग-धब्बों को दूर कर त्वचा को चमकदार बनाने में भी मदद करती है। 

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सौंफ की चाय में जस्ता, कैल्शियम और सेलेनियम जैसे मूल्यवान खनिज पाए जाते हैं ये खनिज हार्मोन और ऑक्सीजन के संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं।

जब इसका सही मात्रा में सेवन किया जाता है। तो यह त्वचा पर ठंडा प्रभाव डालती है। जिससे मुहासे नहीं आते हैं और साथ ही त्वचा को स्वस्थ और चमक बनती है।

गुलाब के डंठल (रोजहिप) की हर्बल चाय में पाए जाने वाला विटामिन A और लाइकोपीन (lycopene ) त्वचा की कोशिकाओं को धूप से होने वाली क्षति से बचाने में मदद करती है और साथ ही त्वचा को जवान बनाए रखती है।

हर्बल चाय के नुकसान | Side effects of Herbal Tea in Hindi

आयुर्वेदिक चाय के हानिकारक प्रभाव – Side effects of Ayurvedic Tea in Hindi

  • हर्बल चाय (आयुर्वेदिक चाय) के अधिक सेवन से यह कभी-कभी शरीर में एलर्जी कर देती है जिससे खाँसी, छींक और साँस लेने में कठिनाई होती है। इसलिए अस्थमा से पीड़ित लोगों को भी इसका इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। 
  • अगर आप एंटी-कौयगुलांट (Anticoagulant) दवाएं (खून में थक्के बनने की प्रकिया को धीमा करने वाली दवाइयां) जैसे वारफारिन, हेपरिन, क्लोपिडोग्रेल, टिक्लोपिडीन या पेंटोक्सिफ़ाइललाइन लेते हैं तो हर्बल चाय पीने से बचना (Side effects of herbal tea in Hindi) चाहिए।  क्योंकि  हर्बल चाय रक्त को पतला करने वाली दवाओं के साथ हस्तक्षेप कर उनके प्रभाव को काम कर सकती है।
  • हर्बल चाय के अधिक सेवन से डायरिया या उल्टी की समस्या हो सकती है। 
  • प्रेगनेंसी में हर्बल चाय के अधिक सेवन से बचना चाहिए। क्योंकि इसके अधिक सेवन से यूटेराइन कॉन्ट्रेकशन (uterine contractions) हो सकता है। जिससे गर्भाशय की मांसपेशियां सिकुड़ने लगती हैं और भ्रूण का समय से पहले प्रसव हो सकता है। 
  • हर्बल चाय के अधिक सेवन से यह नसों में रक्त के थक्के बना सकती हैं जिसे डीप वेन थ्राम्बोसिस कहते हैं डीप वेन थ्रोम्बोसिस के कारण टांगों में दर्द और सूजन हो सकती है, 
  • हर्बल चाय के अधिक सेवन से यह रक्त को पतला करने वाली दवाओं के साथ हस्तक्षेप कर उनके प्रभाव को कम (Side effects of herbal tea in Hindi) कर सकती है।

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ये हैं हर्बल चाय के फायदे और नुकसान से जुड़ी जानकारी। कमेंट में बताएं आपको यह पोस्ट Benefits Of Herbal Tea in Hindi कैसी लगी। अगर यह पोस्ट पसंद आई हो तो इस पोस्ट को शेयर जरूर करें। 

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Disclaimer : हर्बल की चाय का सेवन किसी भी रोग का प्राथमिक उपचार नहीं है इसलिए यदि आप किसी रोग से ग्रष्ट हैं और उसकी दवाई चल रही हो तो उसे बंद ना करें। ध्यान रहे ऊपर दी गई जानकारी पूरी तरह से शैक्षणिक दृष्टिकोण से दी गई है हर्बल चाय को अपनी डाइट में शामिल करने या हटाने से पहले किसी योग्य डॉक्टर की सलाह जरूर लें। 

सन्दर्भ (References)

  • Poswal FS, Russell G, Mackonochie M, MacLennan E, Adukwu EC, Rolfe V. Herbal Teas and their Health Benefits: A Scoping Review. Plant Foods Hum Nutr. 2019 Sep;74(3):266-276.
  • Khan N, Mukhtar H. Tea and health: studies in humans. Curr Pharm Des. 2013;19(34):6141-6147.
  • Chandrasekara A, Shahidi F. Herbal beverages: Bioactive compounds and their role in disease risk reduction – A review. J Tradit Complement Med. 2018;8(4):451-458. Published 2018 Aug 9.
  • Types of Teas and Their Health Benefits. https://www.webmd.com/diet/features/tea-types-and-their-health-benefits#1
  • 10 Healthy Herbal Teas You Should Try. https://www.healthline.com/nutrition/10-herbal-teas

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