Thyroid in Female: महिलाओं में थायराइड के लक्षण, कारण और साइड इफेक्ट

Thyroid in Female: थायराइड बीमारी एक चिकित्सा स्थिति है, जो थायरॉयड ग्रंथि के कार्य को प्रभावित करती है। थायराइड रोग के कारण थायराइड होर्मोनेस या तो अधिक बनने लगता है या बहुत कम बनता है। थायराइड बीमारी पुरुषों से ज्‍यादा महिलाओं को प्रभावित करती है, जो महिलाओं के यौवन, मासिक धर्म, प्रजनन क्षमता, गर्भावस्था और प्रसवोत्तर अवधि में समस्याएं पैदा कर सकती है। इसलिए, महिलाओं को इस बीमारी के प्रति जगरूप होना जरुरी है। इस पोस्ट में हम आपको महिलाओं में थायराइड के लक्षण (Thyroid symptoms in hindi), कारण, साइड इफेक्ट और इलाज के बारे में बता रहे है। तो आइये पढ़ते हैं महिलाओं में थायराइड बीमारी के बारे में।  

महिलाओं में थायराइड का कारण क्या है?  (What is the cause of thyroid in women in Hindi)

थायराइड बीमारी के दो प्रमुख कारण हैं –

  1. थायराइड हार्मोन के स्तर का कम होना (हाइपो थायराइड/ अंडरएक्टिव थायराइड) या  
  2. थायराइड हार्मोन (T4 & T3) के स्तर का अधिक होना (हाइपरथायरायडिज्म/ ओवरएक्टिव थॉयराइड)

1. हाइपो थायराइड (Hypothyroidism in Hindi)

थायराइड हार्मोन के स्तर का कम होना हाइपो थायराइड (हाइपोथायरायडिज्म) कहलाता है। हाइपो थायराइड के कारण थायराइड ग्रंथि पर्याप्त मात्रा में थायराइड हार्मोन नहीं बना पाती हैं और आपके शरीर के कई कार्यों को धीमा कर देती हैं, जिसमें मुख्यतः चयापचय (metabolism) शामिल है। इस स्थिति को अंडरएक्टिव थायराइड (Underactive Thyroid) भी कहा जाता है। हाइपो थायराइड का सबसे आम कारण निम्नलिखित हैं – 

a. हाशिमोटो थायरॉयडिटिस – Hashimoto’s Thyroiditis in Hindi

हाइपो थायराइड का सबसे आम कारण हाशिमोटो रोग (Hashimoto’s disease) है। हाशिमोटो रोग एक ऐसी स्थिति है जिसमें आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली (immunity) आपके थायरॉयड पर हमला करती है जिससे थायराइड में सूजन (Thyroid symptoms in Hindi) आ जाती है और पर्याप्त थायराइड हार्मोन नहीं बना पता है। हाशिमोटो रोग, हाइपोथायरायडिज्म का सबसे आम कारण है। 

b. घेंघा रोग  – Goiter disease in Hindi

हाइपो थायराइड का दूसरा बड़ा कारण है घेंघा रोग। थायराइड का आकार में बढ़ना घेंघा रोग कहलाता है। थायराइड का बढ़ना अनियमित कोशिका वृद्धि का परिणाम हो सकता है जो थायराइड में एक या एक से अधिक गांठ (नोड्यूल) बनाता है। 

हाइपोथायरायडिज्म (थायराइड के कारण)  के अन्य कारणों में शामिल हैं: 

c. थाइरोइडिटिस – Thyroiditis in Hindi

इस बीमारी में थायरॉयड ग्रंथि सूज (swollen) जाती है और थायराइड हार्मोन का पूरा रिसाव ब्लड में हो जाता है। ब्लड में थायराइड हार्मोन का पूरा रिसाव होने से इसकी मात्रा रक्त में बढ़ जाती है।
 
इस बीमारी के शुरुवात में तो रोगी हाइपरथाइरॉयडिज़्म से ग्रस्त होता है पर कुछ महीनो बाद रोगी का हाइपरथाइरॉयडिज़्म,  हाइपोथायरायडिज्म में बदल जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि कुछ समय बाद थायराइड हार्मोन रक्त में कम हो जाता है और नया थायराइड हार्मोन बनता नहीं है। 

d. जन्म के समय थायराइड की समस्या – Problems with the thyroid at birth

जन्म के समय बच्चों में थायरॉयड ग्रंथि (Thyroid in Hindi) ठीक से विकसित नहीं होती या ठीक से काम नहीं करती है जो हाइपोथायरायडिज्म का कारण बनता है। इस प्रकार के हाइपोथायरायडिज्म को जन्मजात हाइपोथायरायडिज्म कहा जाता है। 

e. आहार में बहुत कम आयोडीन – Too little iodine in the diet

थायराइड हार्मोन का उत्पादन करने के लिए थायराइड  ग्रंथि को आयोडीन की आवश्यकता होती है। भोज्य पदार्थों में आयोडीन न मिलने से या आयोडीन युक्त नमक न मिलने से हाइपोथायरायडिज्म की समस्या हो सकती है। 

f. विकिरण उपचार – Radiation therapy

कुछ कैंसर (जैसे लिम्फोमा) का इलाज करने के लिए गर्दन को विकिरण (radiation) की आवश्यकता होती है। विकिरण थायराइड में कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है। इससे थायराइड ग्रंथि के लिए हार्मोन का उत्पादन करना अधिक कठिन हो जाता है।

g. थायरॉयड का सर्जरी द्वारा निकालना – Surgical removal of the thyroid

कभी-कभी थायराइड ग्रंथि में की जाने वाली सर्जरी थायराइड हॉर्मोन के उत्पाद को कम कर देती है जो हाइपोथायरायडिज्म का कारण बनता है। 

h. दवाएं – Medications

हृदय की समस्याओं, मानसिक स्थितियों और कैंसर के इलाज के लिए दी जाने वाली दवाएं कभी-कभी थायराइड हार्मोन के उत्पादन को प्रभावित (हाइपोथायरायडिज्म) कर सकती हैं। इनमें एमियोडेरोन (कॉर्डारोन, पैकरोन), इंटरफेरॉन अल्फा और इंटरल्यूकिन -2 शामिल हैं।

2. हाइपर थायराइड (Hyperthyroidism in Hindi)

थायराइड हार्मोन का अधिक होना ओवरएक्टिव थॉयराइड (Overactive thyroid in hindi) या हाइपरथायरायडिज्म (Hyperthyroidism) कहलाता है। हाइपरथायरायडिज्म के कई कारणों (थायराइड के कारण) से हो सकता है, जिनमें ग्रेव्स रोग, थायरॉयड नोड्यूल और थायरॉयडिटिस-थायरॉइड की सूजन शामिल हैं। इसके अलावा बहुत अधिक आयोडीन का सेवन करना या बहुत अधिक थायराइड हार्मोन की दवा लेना भी आपके थायराइड हार्मोन के स्तर को बढ़ा सकता है। 

a. ग्रेव्स रोग – Graves’ disease in Hindi

ग्रेव्स रोग (Thyroid problem in Hindi) हाइपरथायरायडिज्म (Hyperthyroidism) का सबसे आम कारण है। जोकि एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर (Autoimmune disorder) है। इस बीमारी में आपका इम्यून सिस्टम (आपकी खुद की एंटीबाडी) थायराइड पर हमला करती है जिसकारण थायराइड हार्मोन बहुत ज्यादा बनने लगता है। ग्रेव्स रोग पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक बार होता है और यह बीमारी एक संतान से दूसरी संतान तक पहुंच सकती है। 

b. दवाएं – Medications

ऐसे लोग जो हाइपोथायरायडिज्म के लिए थायराइड हार्मोन की दवा लेते हैं, वे कभी कभी इस दवा की मात्रा को खुद से बड़ा देते हैं। दवा की मात्रा बढ़ने से यह हाइपरथायरायडिज्म को जन्म देता है। इसलिए साल में कम से कम एक बार थायराइड हार्मोन के स्तर की जांच अवश्य करनी चाहिए। 
 
इसके आलावा कुछ अन्य दवाएं भी थायराइड हार्मोन के स्तर को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होती हैं।  इसलिए, यदि आप थायराइड हार्मोन की दवा लेते हैं, तो नई दवाएं शुरू करते समय अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।

c. शरीर में बहुत ज्यादा आयोडीन होना- Too much iodine

थायराइड ग्रंथि थायराइड हार्मोन बनाने के लिए आयोडीन का उपयोग करती है। शरीयर में आयोडीन की अधिकता थायराइड हार्मोन की मात्रा को बढ़ा सकती है। 

d. थायराइड नोड्यूल – Nodular thyroid disease

थायराइड नोड्यूल (Thyroid problem in Hindi) एक प्रकार की गांठ हैं जो थायरॉयड ग्रंथि में विकसित हो जाती हैं। ये गांठें थायराइड ग्रंथि के नियमित कार्य को प्रभावित करती हैं जो हाइपरथॉयराइडिज्म का कारण बन सकती है। 

e. थायराइड कैंसर – Thyroid cancer

दुर्लभ मामलों में, थायराइड का कैंसर भी हाइपरथॉयराइडिज्म का कारण बन सकता है। 

महिलाओं में थायराइड के लक्षण क्या होते हैं? (What are the symptoms of thyroid in female in Hindi)

महिलाओं में थायराइड के लक्षण
Image source: freepik

थायरॉइड बीमारी का कारण जानने के बाद अब आप समझ गए होंगे कि थायरॉइड बीमारी या तो हाइपो थायराइड के कारण होती है या हाइपरथायरायडिज्म के। इन दोनों ही स्थितियों में महिलाओं में थायराइड के लक्षण (Thyroid symptoms in female) अलग-अलग हो सकते हैं। 

1. हाइपो थायराइड के लक्षण (Symptom of Hypothyroidism in Women in Hindi) 

हाइपोथायरायडिज्म के लक्षण (Thyroid symptoms in Hindi) थायरॉइड हार्मोन (Thyroid hormones) की कमी की गंभीरता के आधार पर निर्भर होते हैं। समान्य परिस्थिति में इसके लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं, और कई बार तो इसके लक्षण आने में कई वर्षों तक का समय लग जाता है। वस्यकों में थायराइड के शुरुवाती लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं –
 

महिलाओं में हाइपोथायराइड थायराइड के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं- 

  • थकान (Tiredness),
  • कब्ज (Constipation),
  • रूखी त्वचा (Dry skin),
  • सूजा हुआ चेहरा (Swollen face),
  • स्वर बैठना (Hoarseness),
  • अनियमित मासिक धर्म (Irregular periods),
  • बालों का अधिक झड़ना (Hair loss),
  • धीमी हृदय गति (Slow heart rate),
  • अवसाद (Depression),
  • पसीने में कमी (Decreased sweating),
  • बिगड़ी  हुई यादाश (Impaired memory),
  • बढ़े हुए थायरॉयड ग्रंथि (Goiter disease),
  • महिलाओं का संतान प्राप्ति से वंचित होना (Infertility)। 
  • मांसपेशी में कमज़ोरी (Muscle weakness),
  • ऊंचा रक्त कोलेस्ट्रॉल स्तर (High cholesterol level),
  • मांसपेशियों में दर्द, कोमलता और जकड़न (Muscle pain, tenderness and stiffness),
  • मेटाबोलिज्म धीमा पड़ने के कारण वजन बढ़ना (Weight gain),
  • आपके जोड़ों में दर्द, जकड़न या सूजन (Pain, stiffness, or swelling in your joints),
  • सर्दी के प्रति अधिक संवेदनशील होना (More sensitive to cold),

2. हाइपर थायराइड के लक्षण (Symptoms of Hyperthyroidism in Women in Hindi) 

हाइपरथायरायडिज्म (हाइपर थायराइड) के लक्षण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न हो सकते हैं। हाइपरथायरायडिज्म के आम लक्षणों में शामिल हैं-

महिलाओं और पुरुषों में हाइपर थायराइड के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं- 

  • घबराहट (nervousness 
  • चिड़चिड़ापन (irritability)
  • थकान (fatigue)
  • मांसपेशियों में कमजोरी ( weakness)
  • गर्मी सहन करने में परेशानी (trouble with heat)
  • नींद न आना (अनिद्रा)  (Insomnia)
  • खुजली वाली त्वचा (Itchy skin)
  • नाखून का ढीला होना (loosening of nails)
  • काँपते हाथ (Trembling hands)
  • गण्डमाला रोग (Goiter disease)
  • तेज़ और अनियमित दिल की धड़कन (Fast and irregular heartbeat)
  • बार-बार मल त्याग या दस्त (Frequent bowel movements or diarrhea)
  • वजन घटना (Weight loss)
  • ब्लड शुगर का अधिक होना (High blood sugar)
  • ओस्टियोपोरोसिस की समस्या (Osteoporosis disease)
  • महिलाओं में मासिक धर्म की अनियमितता (Irregular periods)

3. महिलाओं में थायराइड कैंसर के लक्षण (Symptoms of thyroid cancer in women in Hindi) 

महिलाओं में थायराइड कैंसर के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं- (1 & 3)

  • गर्दन पर गांठ का महसूस होना। जो नोड्यूल के रूप में जाना जाता है,
  • गर्दन और गले के सामने के हिस्से में दर्द,
  • आपकी आवाज में बदलाव,
  • सांस लेने में दिक्क्त,
  • निगलने में कठिनाई,
  • गर्दन की सूजन,
  • खांसी और सर्दी,
  • गर्दन के लिम्फ नोड्स का सूजना और उनका दर्दनाक होना।

और पढ़ें – महिलाओं में थायराइड कैंसर के लक्षण, कारण और इलाज

थायराइड बढ़ने से क्या परेशानी होती है? (थायराइड के साइड इफेक्ट) | Side effects of Thyroid in Female in Hindi)

Symptoms of thyroid in female in Hindi
Image source: freepik

थायराइड के बढ़ने से शरीर में कई तरह के साइड इफेक्ट या बदलाव देखे जा सकते हैं। जिसमें बांझपन, अनियमित पीरियड्स, त्वचा का विकार, हड्डी का कमजोर होना आदि शामिल हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि महिलाओं में हाई थायराइड के क्या दुष्प्रभाव हो सकते हैं।

1. इनफर्टिलिटी (Thyroid causes infertility)

थायराइड की बीमारी इनफर्टिलिटी कर सकती है। इनफर्टिलिटी के कारण महिलाऐं गर्भवती नहीं हो पाती हैं। थायराइड के कारण ओवरीज में स‍िस्‍ट बन सकती है ज‍िसके कारण फर्ट‍िल‍िटी की प्रक्र‍िया फेल हो जाती है।

2. अनियमित पीरियड्स (Thyroid causes irregular periods)

थायराइड के कारण महिलाओं का पीर‍ियड्स अन‍ियम‍ित हो सकता है। ऐसा भी हो सकता है क‍ि आपका फ्लो बहुत तेज या धीमा हो।

3. पोस्‍टपॉर्टल थायरॉइडाइटिस (Thyroid causes postportal thyroiditis)

पोस्‍टपॉर्टल थायरॉइडाइटिस ड‍िलीवरी के बाद की स्थिति है जिसमें महिलाओं का थायराइड अधिक हो जाता है। पोस्‍टपॉर्टल थायरॉइडाइटिस एक अपेक्षाकृत दुर्लभ और अक्सर अस्थायी स्थिति है। शिशु के जन्म के बाद  लगभग 5% महिलाएं इससे प्रभावित होती हैं।

ज्यादातर महिलाओं के लिए यह एक अस्थायी स्थिति है। ठीक से किया गया उपचार आपको इस स्थिति से दूर कर सकता है।

4. स्‍क‍िन ड‍िसऑर्डर (Thyroid causes skin disorders)

थायराइड हार्मोन का लेवल बढ़ने के कारण महिलाओं को स्‍क‍िन ड‍िसऑर्डर की समस्‍या हो सकती है। मह‍िलाओं में प‍िंपल की समस्‍या कारण थायराइड का बढ़ता स्‍तर हो सकता है।

5. जल्द मेनोपॉज आना (Thyroid causes skin disorder)

थायराइड के कारण मेनोपॉज जल्दी आ सकता है। मेनोपॉज वो स्‍थ‍ित‍ि है ज‍िसमें मह‍िला 45 से 50 की उम्र में आने से पहले ही मेनोपॉज की स्‍थ‍ित‍ि में पहुंच जाती हैं। इसके कारण प्रेगनेंसी में परेशानी होती है। साथ ही महिलाओं का पीरियड भी अनियमित रहता है।

6. हड्डी का कमजोर होना (Thyroid causes bone weakness)

अतिसक्रिय थायराइड हड्डियों को प्रभावित कर सकता है। बहुत ज्यादा थायराइड हार्मोन हड्डियों को कैल्शियम खोने का कारण बन सकता है। इसे ऑस्टियोपोरोसिस कहा जाता है।

7. भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं (Thyroid causes emotional and mental health problems)

अनुपचारित थायरॉयड समस्या भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। यह उदास मन, थकान, वजन बढ़ना, यौन इच्छा में कमी और सोचने में परेशानी का कारण बन सकता है।

क्या है महिलाओं में थायराइड का इलाज? (What is the treatment of thyroid in women in Hindi)

यदि महिला में थायराइड हार्मोन (हाइपरथायरायडिज्म) का स्तर उच्च है, तो डॉक्टर थायराइड के इलाज के लिए निम्नलिखित उपचार शामिल कर सकते हैं:

1. एंटी-थायरॉइड दवा (Anti-thyroid drugs)

थायराइड के इलाज में ऐसी दवाइयों को दिया जाता है जो थायराइड हार्मोन को बनाने से रोक सकें। मेथिमाज़ोल (methimazole) और प्रोपीलेथियोरैसिल (propylthioracil) जैसी एंटी-थायरॉइड दवाइयां थायराइड के इलाज में काफी कारगर हैं।

2. रेडियोधर्मी आयोडीन (Radioactive iodine)

रेडियोधर्मी आयोडीन (RAI) विधि, अतिसक्रिय थायरॉयड (हाइपरथायरायडिज्म) और कुछ प्रकार के थायरॉयड कैंसर के उपचार में लाई जाती है। इस इलाज में थायराइड कोशिकाओं को सिकोड़ने या मारने के लिए रेडियोधर्मी आयोडीन का उपयोग किया जाता है। यह उपचार थायराइड हार्मोन के उच्च स्तर को बनाने से रोकता है।

3. बीटा ब्लॉकर्स दवाद्वारा थायराइड का इलाज  (Beta blockers)

ये दवाएं आपके शरीर में हार्मोन की मात्रा को नहीं बदलती हैं, लेकिन ये लक्षणों को अच्छे से नियंत्रित करने में मदद करती हैं।

4. सर्जरी द्वारा थायराइड का इलाज (Surgery)

आपका स्वास्थ्य सेवा प्रदाता शल्य चिकित्सा (Surgery) द्वारा आपके थायरॉयड (थायरॉयडेक्टॉमी) को हटा सकता है। जिससे थायराइड हार्मोन उत्पाद कम हो जाता है। हालाँकि, इसके कारण आपको जीवन भर थायराइड रिप्लेसमेंट हार्मोन (thyroid replacement hormones) लेने की आवश्यकता होती है।

यदि थायराइड हार्मोन (हाइपरथायरायडिज्म) का स्तर निम्न है, तो डॉक्टर थायराइड के उपचार हेतु निम्नलिखित विकल्प शामिल कर सकते हैं:

5. थायराइड प्रतिस्थापन दवा (Thyroid replacement medication)

यह दवा थायराइड हार्मोन की तरह काम करती है। आमतौर पर,  इस दवा को लेवोथायरोक्सिन (levothyroxine) कहा जाता है। यह दवा ब्लड में थायराइड के सामान्य स्तर को कम नहीं होने देती है।

इस दवा का उपयोग करके आप थायराइड को नियंत्रित कर सकते हैं और एक सामान्य जीवन जी सकते हैं।

क्या थायराइड जानलेवा है? (Is thyroid fatal in Hindi)

थायराइड जानलेवा नहीं हैं, मगर इसका इलाज न कराया जाए तो यह शरीर के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकता है। ज्यादातर मामलों में अगर एक बार थायराइड हो जाए तो ताउम्र रोगी को दवाई लेनी पड़ सकती है जिसकी मात्रा थायराइड की स्थति पर निर्भर करती है।

थायराइड कितने दिन में ठीक हो जाता है? (In how many days thyroid gets cured in Hindi?)

ज्यादातर मामलों में, आप हाइपोथायरायडिज्म या हाइपरथायरायडिज्म को पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है। हालांकि, दवाई लेने पर थायराइड चार से छह सप्ताह में अपने सामान्य स्तर पर आ जाता है। हालांकि, अधिक गंभीर लक्षण वाले लोगों, विशेष रूप से मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी, को पूरी तरह से ठीक होने से पहले कई महीनों के उपचार की आवश्यकता हो सकती है।

निष्कर्ष (Conclusion)

थायराइड बीमारी एक आम समस्‍या है जो पुरुषों से ज्‍यादा महिलाओं को प्रभावित करती है। जब थायराइड में गड़बड़ी होती है, तो इससे हाइपोथायराइडिज्म या हाइपरथायराइडिज्म रोग हो जाता है। रक्त में थायराइड हार्मोन के स्तर का कम होना हाइपो थायराइड (हाइपोथायरायडिज्म) कहलाता है, जबकि इसका अधिक होना हाइपर थायराइड (हाइपरथायरायडिज्म) कहलाता है। इन दोनों ही स्थितियों में हमारा शरीर हमें कुछ संकेत देने लगता है। इस बीमारी का इलाज ना करवाने से महिलाओं में इनफर्टिलिटी, अनियमित पीरियड्स, स्‍क‍िन ड‍िसऑर्डर, हड्डी का कमजोर होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। 

ये हैं महिलाओं में थायराइड के लक्षण, कारण और साइड इफेक्ट। कमेंट में बताएं आपको यह पोस्ट (Starting symptoms of Thyroid in Hindi) कैसी लगी। अगर यह पोस्ट पसंद आई हो तो इसे जरूर शेयर करें।

वेब पोस्ट गुरु ब्लॉग में आने और पोस्ट पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद।

Disclaimer : ऊपर दी गई जानकारी पूरी तरह से शैक्षणिक दृष्टिकोण से दी गई है। इस जानकारी का उपयोग किसी भी बीमारी के निदान या उपचार हेतु बिना विशेषज्ञ की सलाह के नहीं किया जाना चाहिए। इसके अलावा किसी भी चीज को अपनी डाइट में शामिल करने या हटाने से पहले किसी योग्य डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ (Dietitian) की सलाह जरूर लें।  

सन्दर्भ (References)

  • Merck Manual Consumer Version. Accessed 4/20/2020. Overview of the Thyroid Gland.
  • US Department of Health & Human Services, Office of Women’s Health. . Accessed 4/20/2020. Thyroid disease.
  • AskMayoExpert. Hypothyroidism. Rochester, Minn.: Mayo Foundation for Medical Education and Research; 2018.
  • Chaker L, et al. Hypothyroidism. The Lancet. 2017;390:1550.
  • Hypothyroidism. American Thyroid Association.
  • Hypothyroidism. National Institute of Diabetes and Digestive and Kidney Diseases. 
  • Hyperthyroidism. Merck Manual Professional Version. 
  • NCBI-Chapter 135 Thyroid Disease

Related Articles

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Latest Articles