लोग अक्षर त्वचा पर बनने वाले सफेद दाग (Vitiligo in Hindi) या सफेद धब्बों (Leucoderma in Hindi) को कोढ़ समझ लेते हैं। हालांकि, ये कोढ़ नहीं होता है। इनके बनने के कई कारण हो सकते हैं । अगर इसका इलाज (Treatment of White Spot in Hindi) ठीक से न किया जाए या इलाज अनुपचारित छोड़ दिया जाए, तो ये पूरी त्वचा पर भी फैल सकते हैं।
आप डॉक्टर की मदद या कुछ आयुर्वेदिक इलाज द्वारा सफेद दाग-धब्बों की रोकथाम कर सकते हैं और इसे फैलने से रोक सकते हैं। पर सवाल है कि क्या सफेद दाग को जड़ से खत्म किया जा सकता है? इस पोस्ट में हम इस सवाल के बारे में जानकारी दे रहे हैं। चलिए अब इस पोस्ट को पूरा पढ़ते हैं।
सफेद दाग क्या हैं? (Vitiligo meaning in Hindi)
सफेद दाग (Leukoderma / ल्यूकोडर्मा) एक त्वचा सम्बंधित रोग है। इस रोग से पीड़ित लोगों के बदन पर अलग-अलग स्थानों पर सफेद दाग आ जाते हैं। विश्व में एक से दो प्रतिशत लोग इस रोग से प्रभावित हैं, लेकिन भारत में इस रोग से पीड़ित रोगी कहीं अधिक हैं। सफेद दाग होने के कई कारण होते हैं जिनके बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है। (1)
सफेद दाग किसकी कमी से होता है? (What deficiency causes vitiligo in Hindi?)
त्वचा पर बनने वाले सफेद दाग अंग्रेजी भाषा में विटिलिगो कहलाता है। सफेद दाग का प्रमुख कारण मेलेनिन की कमी है। यदि मेलानिन कम हो तो आँखों का रंग हरा या नीला, बालों का रंग सुनहरा हो जाता है। मेलेनिन शरीर में उपस्थित एक प्राकृतिक पदार्थ होता है। मेलेनिन आंखों की पुतली, बालों और त्वचा को रंग प्रदान करता है। त्वचा की मेलैनोसाइट्स (Melanocytes ) नामक कोशिकाएं शरीर में मेलेनिन का निर्माण करती हैं। इसके अलावा फोलिक एसिड, विटामिन D3 और विटामिन बी 12 की कमी भी सफेद दाग का कारण बन सकता है। (1, 2)
त्वचा में सफेद दाग क्यों होता है? (Why do white spots appear on the skin?)
विटिलिगो का मुख्य कारण (Vitiligo on skin in Hindi) या सफेद धब्बों का कारण निम्नलिखित हो सकता है। जिनमें शामिल हैं- (1, 2 3, 4)
1. त्वचा पर सफेद धब्बे का कारण हो सकता है ऑटोइम्यून बीमारी
त्वचा पर सफेद दाग बनने का प्रमुख कारण ऑटोइम्यून बीमारी है। वैज्ञानिकों का मानना है कि सफेद दाग (विटिलिगो) एक ऑटोइम्यून बीमारी है जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मेलेनोसाइट्स पर हमला करती है और नष्ट कर देती है।
2. त्वचा पर छोटे सफेद धब्बे का कारण है आनुवंशिक परिवर्तन
एक आनुवंशिक उत्परिवर्तन या आपके शरीर के डीएनए में परिवर्तन आपके मेलानोसाइट्स के कार्य करने के तरीके को प्रभावित कर सकता है। 30 से अधिक जीन हैं जो आपके विटिलिगो के विकास के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
3. तनाव
यदि आप अपने शरीर पर लगातार भावनात्मक तनाव या शारीरिक तनाव का अनुभव करते हैं, खासकर चोट लगने के बाद, आपके मेलेनोसाइट कोशिकाओं के उत्पादन में वर्णक की मात्रा बदल सकती है।
4. पर्यावरणीय बदलाव
पराबैंगनी विकिरण (ultraviolet radiation) और जहरीले रासायनिक जोखिम जैसे कारक आपके मेलानोसाइट कोशिकाओं के कार्य करने के तरीके को प्रभावित कर सकते हैं जिससे त्वचा पर सफेद दाग (Vitiligo on skin in Hindi) हो सकते हैं ।
5. फोलिक एसिड, विटामिन D3 और विटामिन बी 12 की कमी
शरीर में फोलिक एसिड, विटामिन D3 और विटामिन बी 12 की कमी भी सफेद दाग का कारण हो सकता है।
कैसे होती है सफेद दाग की शुरुआत? (How does Vitiligo start in Hindi?)
सफेद दाग की शुरुवात शरीर के एक छोटे से क्षेत्र से होती है। ये उन जगह पर पहले बनते हैं जो त्वचा सनलाइट के सीधे संपर्क में होती है। सफेद दाग के कारण इन जगहों में खुजली होना आम है। ज्यादातर मामलों में सफेद दाग धीरे- धीरे बढ़ने लगते हैं और शरीर के सभी हिस्सों में फैल जाते हैं। आमतौर पर सफेद दाग से पीड़ित मरीज को किसी प्रकार की तकलीफ नहीं होती है। (5)
सफेद दाग के शुरुआत लक्षण क्या हैं? (Early symptoms of Vitiligo in Hindi?)
सफेद दाग का सबसे बड़ा लक्षण है मरीज के शरीर पर छोटे या बड़े सफेद पैच या धब्बे दिखाई देना। इसके अलाव भी सफेद दाग के प्रारंभिक लक्षण हैं जिन्हें नीचे बताया गया है- (3)
- सफेद दाग के शुरुआती लक्षणों में है स्किन का रंग जगह- जगह फीका पड़ जाना या सफेद पड़ना.
- इसकी शुरुआत सबसे पहले हाथ, पैर, चेहरा, होंठ पर होती है यह ऐसी जगह हैं जहां डायरेक्ट सूरज की रोशनी पड़ती है.
- बाल का रूखा होना, दाढ़ी और आईब्रो का रंग उड़ जाना या सफेद हो जाना भी सफेद दाग के शुरुआती में आता है।
- आंखों की पुतलियों का रंग बदलने लगता है।
- आंख के रेटिना की परत का रंग फीका पड़ना भी इसके लक्षण हो सकते हैं।
किन लोगों को प्रभावित करता है विटिलिगो (सफेद दाग)? (Who are affected by vitiligo in Hindi?)
विटिलिगो सभी जातियों और लिंगों को समान रूप से प्रभावित करता है। यह गहरे रंग की त्वचा वाले लोगों में अधिक दिखाई देता है। हालांकि विटिलिगो किसी भी उम्र में किसी में भी विकसित हो सकता है, मैक्यूल या पैच आमतौर पर 30 साल से पहले स्पष्ट हो जाते हैं। इसके अलावा यदि आपको कुछ ऑटोइम्यून रोग हैं, तो आपको विटिलिगो विकसित होने का अधिक खतरा हो सकता है: (3)
- एडिसन के रोग।
- एनीमिया,
- मधुमेह (टाइप 1),
- सोरायसिस,
- रूमेटाइड गठिया,
- गलग्रंथि की बीमारी।
और पढ़ें- बवासीर में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं (परहेज)
सफेद दाग को जड़ से खत्म कैसे करें? (How Do You Treat White Spots on Skin in Hindi?)
वर्तमान में विटिलिगो या सफेद दाग या सफेद पैच को जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता है, क्योंकि अभी इस बीमारी का कोई कारगर इलाज मौजूद नहीं है। कभी-कभी ये दाग अपने आप चले जाते हैं। हालांकि, इसे फैलने या इसके प्रभाव को जरूर कम किया जा सकता है।
त्वचा पर बनने वाले सफेद दाग आयुर्वेदिक इलाज द्वारा कम किये जा सकते हैं या इन्हें शरीर के अन्य हिस्सों में फैलने से रोक सकते हैं। आप सफेद दाग हटाने के लिए अदरक ,मूली के बीज, नीम, सोरालें, हल्दी का लेप, सिरका, तुलसी, के पत्ते ऐलोवेरा, मुल्तानी मिट्टी आदि का प्रयोग कर सकते हैं। हालांकि, हम यहां स्पष्ट कर दें कि यहां बताए गए आयुर्वेदिक उपचार इस समस्या का इलाज नहीं, बल्कि आप इन्हें कुछ हद तक बढ़ने से रोक सकते हैं। तो आइए अब विस्तार से पढ़ते हैं सफेद दाग दूर करने के आयुर्वेदिक तरीके (5, 6, 7)।
सफेद दाग हटाने का आयुर्वेदिक इलाज (Ayurvedic treatment of white spot in Hindi)
1. सफेद दाग का आयुर्वेदिक इलाज है अदरक (Ayurvedic treatment for white spots is Ginger)
सफेद दाग को जड़ से दूर तो नहीं किया जा सकता है पर विटिलिगो का इलाज करने में अदरक का रस लाभकारी हो सकता है। अदरक एक हर्बल औषधि है, जिसका अर्क सफेद दाग से निजात दे सकता है। आप अदरक के अर्क को लाल मिट्टी में मिलाकर सफेद दाग का उपचार कर सकते हैं। लेकिन त्वचा के सफेद दागों के लिए लाल मिट्टी का उपयोग कितना फायदेमंद है, इस पर वैज्ञानिक शोध करना बाकि है।
2. मूली के बीज से विटिलिगो का इलाज (Treatment of vitiligo with radish seeds)
सफेद दाग दूर या कम करने के लिए मूली के बीज काफी उपयोगी होते हैं। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, मूली के बीज का पेस्ट विनेगर के साथ मिलाकर त्वचा पर लगाने से सफेद दागों से निजात पाया जा सकता है
3. नीम से करें सफेद धब्बों का घरेलू इलाज (Home remedies for white patches is neem)
सफेद दाग खत्म करने के लिए नीम एक अच्छा प्राकृतिक उपचार है। नीम की पत्तियां त्वचा के रंग को वापस लाने में मदद कर सकती हैं। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते है, जो विटिलिगो को दूर करने का काम कर सकते हैं।
4. सोरालें से सफेद पैच का उपचार (Ayurvedic treatment of white spots with Sorrel)
सोरालें एक तरह की जड़ी-बूटी है, जिसे त्वचा की समस्या या सफेद दाग की समस्या के लिए उपयोग में लाया जा सकता है। यह उन कणों को रोकता है, जो मेलेनिन (त्वचा के प्राकृतिक रंग को प्रभावित करने वाली प्रक्रिया) के उत्पादन में बाधा उत्पन्न करते हैं।
5. हल्दी का लेप है सफेद दाग का इलाज (Turmeric Paste for White Patches)
हल्दी में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। हल्दी और सरसों के तेल का लेप बनाकर प्रभावित क्षेत्र पर लगाने से सफेद दाग में कमी आती है। इसके अलावा आप हल्दी पाउडर और नीम की पत्तियों का लेप भी सफेद पैच में लगा सकते हैं।
6. सिरका से करें सफेद दाग का ट्रीटमेंट (Treatment of white spot with vinegar)
सफेद दाग में सेब का सिरका काफी फायदेमंद मन जाता है। सेब के सिरके को पानी के साथ मिक्स करके लगाना चाहिए, इससे यह दाग धीरे-धीरे कम होने लगते हैं।
कैसे करें इस्तेमाल
सेब के सिरके को पानी के साथ मिक्स करके प्रभावित त्वचा पर लगाएं।1 ग्लास पानी में 1 चम्मच सेब का सिरका मिलाकर पीना भी फायदेमंद होगा.
7. तुलसी से सफेद दाग का इलाज (Basil paste for the treatment of vitiligo)
तुलसी एक कारगर औषधि है, जो एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों के साथ एंटीऑक्सीडेंट से भी समृद्ध होती है। तुलसी का प्रयोग त्वचा के सफेद दागों को हटाने के लिए किया जा सकता है।
कैसे करें इस्तेमाल
इसके लिए आप पत्तियों को कुचल लें और नींबू का रस मिलाएं। फिर इसे इसे प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं। और लगभग 10 मिनट के बाद इसे धो लें।
8. ऐलोवेरा से सफेद दाग का उपचार (White spots treatment with aloe vera)
ऐलोवेरा सफेद दाग को हटाने में काफी कारगर होता है। ऐलोवेरा की पत्तियों के अंदर के जेल को निकालकर सफेद दाग वाले हिस्से पर लगाएं और अच्छे से मसाज करें। सूखने पर इसे पानी की सहायता से धो लें। दिन में 2-3 बार इसका इस्तेमाल करें। आपको जल्द ही परिणाम नजर आने लगेंगे।
9. मुल्तानी मिट्टी और अदरक का रस से सफेद दाग का उपचार (Multani mitti and ginger juice for white spots treatment)
लाल मिट्टी विटिलिगो का एक प्रभावी उपचार है। लाल मिट्टी तांबे की मात्रा से भरपूर होती है। दो बड़े चम्मच लाल मिट्टी में एक बड़ा चम्मच अदरक का रस मिलाएं। इस मिश्रण को रोजाना सफेद दाग पर लगाने से सफेद पैच पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
सफेद दाग हटाने के अन्य उपाय? (How Do You Treat White Spots on Skin in Hindi)
यदि त्वचा पर बनने वाले सफेद दाग आयुर्वेदिक तरीकों से ठीक नहीं होते हैं, तो डॉक्टर सफेद दाग को फैलने से रोकने के लिए दवाओं, प्रकाश चिकित्सा या सर्जरी का उपयोग कर सकते हैं।(8)
1. दवाओं द्वारा सफेद दाग का इलाज (Vitiligo treatment with drugs)
सफेद दाग का इलाज के लिए कोई विशिष्ट दवा उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन कुछ दवाएं हैं जो रंजकता के नुकसान की गति को धीमा कर सकती हैं, मेलानोसाइट्स को फिर से बढ़ने में मदद कर सकती हैं या आपकी त्वचा में रंग वापस ला सकती हैं। विटिलिगो के इलाज (Treatment of Vitiligo in Hindi) के लिए दवाओं में शामिल हो सकते हैं:
सफेद दाग की दवा –
- कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स।
- सामयिक जानूस किनेज अवरोधक (रुक्सोलिटिनिब)।
- कैल्सीनुरिन अवरोधक।
इसके अलावा Opzelura क्रीम (सफेद दाग की क्रीम) त्वचा की रंजकता वापस लाने के लिए एक उपयोगी औषधि है। यह दवा दिन में दो बार लगाई जाती है। लगभग 24 सप्ताह में आपको इस दवा का असर दिखना शुरू हो जाता है
2. प्रकाश चिकित्सा द्वारा सफेद दाग का उपचार (White Spot treatment with light therapy)
लाइट थेरेपी या फोटोथेरेपी सफेद दाग के इलाज (Treatment of Vitiligo in Hindi) में काफी असरदार मानी जाती है। इस थेरेपी में राबैंगनी बी (यूवीबी) रोशनी या मेडिकल-ग्रेड लेजर का उपयोग किया जाता है। इस लाइट को उस त्वचा के उस भाग में डाला जाता है जहां सफेद दाग होते हैं। संतोषजनक परिणाम के लिए मरीजों को अक्सर सप्ताह में दो या तीन बार यूवी उपचार की आवश्यकता होती है। आप एक से तीन महीने के भीतर लाभकारी प्रभावों का अनुभव करने लगते हैं। हालाँकि, इस चिकित्सा के अंतिम प्रभाव को महसूस करने के लिए आपको छह महीने या उससे भी अधिक समय तक प्रतीक्षा करने की आवश्यकता है।
3. सर्जरी द्वारा सफेद धब्बों (विटिलिगो) का इलाज (Surgical treatment of white patches)
यदि सफेद धब्बे के लिए दवाएं और प्रकाश चिकित्सा सफल नहीं होती है, तो डॉक्टर प्रभावित त्वचा के ऊपरी हिस्से को हटाने के लिए त्वचा प्रत्यारोपण (सर्जरी) कर सकते हैं। इस प्रकार की सर्जरी में आपके शरीर से स्वस्थ त्वचा को निकला जाता है और प्रभावित जगह में लगा दिया जाता है।
क्या विटिलिगो (सफेद दाग) दर्दनाक है? (Is vitiligo painful?)
नहीं, विटिलिगो दर्दनाक नहीं है। हालांकि, आप विटिलिगो से प्रभावित त्वचा के हल्के पैच पर दर्दनाक सनबर्न महसूस कर सकते हैं। हालांकि, कभी कभी इसमें खुजली लगना या ललाई आना हो सकता है।
विटिलिगो से बचने के उपाय (Prevention Tips for White Spots in Hindi)
त्वचा के सफदे दागों से बचने के लिए आप निम्नलिखित उपायों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- पौष्टिक और संतुलित आहार खाएं। फलों और हरी सब्जियों को दैनिक आहार में स्थान दें।
- विटिलिगो के रोगियों के शरीर में जिंक की मात्रा कम होती है। जिंक सप्लीमेंट, शरीर में विटिलिगो के खिलाफ त्वचा की उपचार प्रक्रिया को उत्तेजित कर सकता है।
- जिंक के साथ-साथ विटामिन सी भी विटिलिगो के उपचार के लिए महत्वपूर्ण है। संतरा, नींबू और अंगूर जैसे खट्टे फलों में विटामिन सी होता है।
- त्वचा के अनुसार साबुन और अन्य सौंदर्य प्रसाधनों का चयन करें।
- तेज धूप में बाहर निकलने से पहले सनस्क्रीन का उपयोग करें।
- धूप के अत्यधिक संपर्क से बचना
- सफदे दागों से बचने के लिए तनाव को कम करें,
और पढ़ें- क्या ट्राइग्लिसराइड्स का आयुर्वेदिक इलाज संभव है?
निष्कर्ष (Conclusion)
वर्तमान में विटिलिगो या सफेद दाग को जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता है, क्योंकि अभी इस बीमारी का कोई कारगर इलाज मौजूद नहीं है। हालांकि, इसे फैलने या इसके प्रभाव को जरूर कम किया जा सकता है। डॉक्टर सफेद दाग को फैलने से रोकने के लिए दवाओं, प्रकाश चिकित्सा या सर्जरी का उपयोग कर सकते हैं। त्वचा पर बनने वाले सफेद दागों को आयुर्वेदिक तरीके या घरेलू उपाय से भी कम किया जा सकता है और इसे शरीर के अन्य हिस्सों में फैलने से रोका जा सकता है।
हमें आशा है कि अब आप सफेद दाग का इलाज (Treatment of White Spot in Hindi) के बारे में जान गए होंगे। कमेंट में बताएं आपको यह पोस्ट कैसी लगी। अगर आपको पोस्ट पसंद आई हो, तो इसे शेयर जरूर करें। वेब पोस्ट गुरु ब्लॉग में आने और पोस्ट पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद।
और पढ़ें- पेट और सीने की जलन का घरेलू इलाज
सफेद दाग के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ for White Spot)
Q. सफेद दाग की सबसे अच्छी दवाई कौन सी है?
सफेद दाग के इलाज के लिए कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स, रुक्सोलिटिनिब, कैल्सीनुरिन अवरोधक दवा अच्छी मानी जाती है। इसके अलावा Opzelura क्रीम (सफेद दाग की क्रीम) त्वचा की रंजकता वापस लाने के लिए एक उपयोगी औषधि है। यह दवा दिन में दो बार लगाई जाती है। लगभग 24 सप्ताह में आपको इस दवा का असर दिखना शुरू हो जाता है।
Q. क्या सफेद दाग छूने से फैलता है?
एक गलत धारणा है कि यह बीमारी संपर्क से फैल सकती है। हालांकि, विटिलिगो गैर-संक्रामक है और संपर्क से नहीं फैलता है।
Q. सफेद दाग कितने दिनों में ठीक होता है?
वर्तमान में विटिलिगो या सफेद दाग का इलाज नहीं हैं। फिर भी कुछ दवाओं से आप इसके फैलने को रोक सकते हैं। लगभग 24 सप्ताह में आपको इस दवा का असर दिखना शुरू हो जाता है।
Q. सफेद दाग में क्या परहेज करना चाहिए?
अगर आपको सफेद दाग की समस्या है, तो आपको विटामिन सी से भरपूर रसीले फल या एस्कॉर्बिक एसिड जैसे संतरे और नींबू, अन्य खाद्य पदार्थ जैसे दही, शराब, मछली, लाल मांस से बचना चाहिए। क्योंकि इनका सफेद दाग पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है और यह विटिलिगो के प्रसार को जन्म दे सकता है। हालांकि, इस बात की पुष्टि नहीं है कि ये खाद्य पदार्थों से हो सकते हैं।
Q. क्या सफेद दाग ठीक हो सकता है?
वर्तमान में विटिलिगो या सफेद दाग या सफेद पैच को जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता है, क्योंकि अभी इस बीमारी का कोई कारगर इलाज मौजूद नहीं है। डॉक्टर सफेद दाग को फैलने से रोकने के लिए दवाओं, प्रकाश चिकित्सा या सर्जरी का उपयोग कर सकते हैं।
Q. सफेद दाग में क्या खुजली होती है?
विटामिन बी 12 की कमी से भी त्वचा में खुजली हो सकती है, इसलिए यदि आप लंबे समय से खुजली वाली त्वचा का अनुभव कर रहे हैं, तो इन विटामिनों का परीक्षण करवाना मददगार हो सकता है।
Q. सफेद दाग में कौन सा साबुन लगाना चाहिए?
सफेद दाग को दूर करने के लिए एलोवेरा युक्त साबुन बहुत कारगर हो सकता है। ऐलोवेरा की पत्तियों के अंदर के जेल को निकालकर सफेद दाग वाले हिस्से पर लगाएं और अच्छे से मसाज करें। सूखने पर इसे पानी की सहायता से धो लें। दिन में 2-3 बार इसका इस्तेमाल करें। आपको जल्द ही परिणाम नजर आने लगेंगे।
Q. कौन सी विटामिन की कमी से सफेद दाग होता है?
सफेद दाग का प्रमुख कारण मेलेनिन की कमी है। इसके अलावा फोलिक एसिड, विटामिन D3 और विटामिन बी 12 की कमी भी सफेद दाग का कारण बन सकता है।
Disclaimer : ऊपर दी गई जानकारी पूरी तरह से शैक्षणिक दृष्टिकोण से दी गई है। इस जानकारी का उपयोग किसी भी बीमारी के निदान या उपचार हेतु बिना विशेषज्ञ की सलाह के नहीं किया जाना चाहिए। इसके अलावा किसी भी चीज को अपनी डाइट में शामिल करने या हटाने से पहले किसी योग्य डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ (Dietitian) की सलाह जरूर लें।
सन्दर्भ (References)
Njoo MD, Westerhof W. Vitiligo. Pathogenesis and treatment. Am J Clin Dermatol. 2001;2(3):167-81.