Oligohydramnios : एमनियोटिक द्रव की कमी (Low Amniotic Fluid) के लक्षण, कारण और उपाय

प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिलाओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है जिसमें से एक समस्या है एमनियोटिक द्रव का कम होना  (Low Amniotic Fluid in Hindi)। प्रेगनेंसी में एमनियोटिक द्रव (गर्भ का पानी) की कमी ओलिगोहाइड्रेमनियोस (Oligohydramnios in Hindi) कहलाती है, जो बहुत कम गर्भवती महिलाओं में देखी जाती है। परन्तु जो महिलाएं इस समस्या से हो कर गुजरती हैं उन्हें काफी दिखतों का सामना करना पड़ता है और कभी-कभी यह समस्या उनके शिशु पर भी नकरात्मक प्रभाव डालता है। इस पोस्ट में हम आपको एमनियोटिक द्रव की कमी के लक्षण, कारण और इलाज के बारे बता रहे हैं। तो आइये अब इस पोस्ट को शुरू करते हैं। 

क्या है एमनीओटिक फ्लूइड (एमनियोटिक द्रव)? | Amniotic fluid meaning in Hindi

एमनियोटिक द्रव (Amniotic Fluid) एक सुरक्षात्मक तरल पदार्थ है, जो गर्भाशय (Uterus) के अंदर शिशु को चारों तरफ से घेरे रहता है। एमनियोटिक द्रव (गर्भ का पानी) का प्रमुख कार्य शिशु को गर्भाशय (Uterus) के अंदर लगने वाले धक्के व दबाव से बचाता है और साथ ही यह शिशु के अच्छे विकास में भी मदद करता है। एमनियोटिक द्रव को देशी भाषा में गर्भ का पानी भी कहा जाता है।

प्रेगनेंसी में एमनीओटिक फ्लूइड कितना होना चाहिए? | Levels of Amniotic fluid (Amniotic Fluid Index) during pregnancy in Hindi

प्रेगनेंसी में एमनीओटिक द्रव की मात्रा का सही अनुमान एमनियोटिक द्रव सूचकांक (Amniotic fluid index) द्वारा पता किया जा सकता है।एमनियोटिक द्रव सूचकांक (AFI meaning in Hindi), गर्भावस्था में एमनियोटिक द्रव की मात्रा का सही आकलन करने का एक मानकीकृत तरीका है।

एमनियोटिक द्रव सूचकांक का उपयोग उन गर्भवती महिलाओं में किया जाता है जिनकी प्रेगनेंसी कम से कम 24 सप्ताह की होती है।

एक पर्याप्त एमनियोटिक द्रव (Amniotic fluid adequate) सूचकांक 5 से 25 सेमी तक होता है। इसलिए यदि गर्भ में एमनियोटिक द्रव की मात्रा 5 से 25 सेमी के बीच है, तो इसका मतलब है कि आपके गर्भ में एमनियोटिक द्रव पर्याप्त (Amniotic fluid adequate) मात्रा में है।

(Amniotic fluid adequate का मतलब है गर्भ में एमनियोटिक द्रव की पर्याप्त (adequate) मात्रा का होना।)

जब तक एमनियोटिक संतुलित मात्रा में होता है, तब तक भ्रूण को कोई नुकसान नहीं होता, लेकिन इसके अधिक हो जाने पर या कम होने पर यह शिशु के लिए हानिकारक भी हो सकता है।

25 सेमी से अधिक एएफआई (AFI) का मतलब है ज्यादा एमनियोटिक द्रव होना, और 5 सेमी से नीचे एएफआई का मतलब है कम एमनियोटिक द्रव का होना।

डॉक्टर की भाषा में कम एमनियोटिक द्रव, ओलिगोहाइड्रेमनियोस (Oligohydramnios) कहलाता है जबकि, एमनियोटिक द्रव का ज्यादा होना पॉलिहाइड्रेमनियोस (Polyhydramnios) कहलाता है।

क्या है एमनियोटिक द्रव की कमी (ओलिगोहाइड्रेमनियोस)? | What is Oligohydramnios in Hindi

प्रेगनेंसी में एमनियोटिक द्रव की कमी ओलिगोहाइड्रेमनियोस (Oligohydramnios) कहलाता है। ओलिगोहाइड्रेमनियोस गर्भावस्था की एक सामान्य समस्या है। इसका मतलब है कि भ्रूण के आसपास एमनियोटिक द्रव  का कम होना।

यह स्थिति तब आती है, जब एमनियोटिक द्रव का स्तर 5-6 सेंटीमीटर से कम हो। हालांकि, इसके सटीक नंबर में शिशु की उम्र के अनुसार अंतर आ सकता है

ओलिगोहाइड्रेमनियोस के कई कारण हो सकते हैं जिसे नीचे बताया गया है।

एमनीओटिक फ्लूइड कम होने का कारण क्या है? | Causes of low amniotic fluid (Oligohydramnios) in Hindi

प्रेगनेंसी में एमनियोटिक द्रव की कमी (ओलिगोहाइड्रेमनियोस) निम्नलिखित कारण से हो सकती है।

ओलिगोहाइड्रेमनियोस के कारण – Causes of low amniotic fluid in Hindi

  • पानी की थैली का फटना,
  • गर्भवती को हाई ब्लड प्रेशर होना,
  • गर्भवती को डायबिटीज होना,
  • प्लेसेंटा का डिलीवरी से पहले गर्भाशय की अंदरूनी दीवार निकल जाना,
  • दवाओं का उपयोग गलत ढंग से करना,
  • भ्रूण की वृद्धि ठीक से न होना,
  • एक से अधिक प्रेगनेंसी होना उदाहरण के लिए गर्भ में जुड़वां या तीन बच्चे का होना,
  • जन्म दोष, जैसे कि गुर्दे की असामान्यताएं।
ओलिगोहाइड्रामनिओस प्रेगनेंसी में किसी भी तिमाही के दौरान हो सकता है लेकिन गर्भावस्था के पहले 6 महीनों के दौरान यह अधिक चिंताजनक समस्या है।

एमनियोटिक द्रव की कमी (ओलिगोहाइड्रेमनियोस) के लक्षण क्या हैं? | Symptoms of low amniotic fluid (Oligohydramnios) in Hindi

Oligohydramnios Symptoms in Hindi
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मेडिकल भाषा में एमनियोटिक द्रव की कमी (गर्भ में पानी की कमी) ओलिगोहाइड्रेमनियोस (Oligohydramnios in Hindi) कहलाता है। गर्भावस्था में पानी (एमनियोटिक द्रव) की कमी के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं।
  • गर्भाशय के विकास में कमी आना,
  • पेट की परेशानी होना,
  • एमनियोटिक द्रव का रिसाव होना,
  • भ्रूण की हलचल कम हो जाना,
  • गर्भाशय संकुचन होना,
  • गर्भाशय का छोटा होना,
  • वजन का न बढ़ना,
  • बच्चे की हृदय गति अचानक से गिर जाना,
  • भ्रूण की गतिविधि में कमी,
  • वेजाइनल रिसाव होना,
  • भ्रूण गतिविधि में उल्लेखनीय कमी,
  • आपकी योनि से तरल पदार्थ रिसना। 
(नोट : एमनियोटिक द्रव की मात्रा का पता डॉक्टर अल्ट्रासाउंड द्वारा करते हैं।)

गर्भ का पानी (एमनीओटिक फ्लूइड) कैसे बढ़ाएं?  | Home Remedies to increase amniotic fluid in Hindi?

एमनियोटिक द्रव बढ़ाने के घरेलू उपाय निम्नलिखित हैं –
  • खूब पानी पिएं,
  • उचित आहार लें,
  • एमनियोइन्फ्यूजन
  • एल-आर्जिनिन (L-arginine) सप्लीमेंट लें,
  • शराब न पिएं,
  • हर्बल सप्लीमेंट से बचें,
  • नियमित रूप से हल्के व्यायाम करें।
How to increase amniotic fluid in Hindi, एमनियोटिक द्रव की अधिकता

1. एमनियोटिक द्रव बढ़ाने का घरेलू उपाय खूब पानी पिएं – Drink plenty of water to increase amniotic fluid in Hindi

यदि महिलाओं में एमनियोटिक द्रव का स्तर सामान्य से थोड़ा कम है, तो वे अधिक पानी पीकर (एमनीओटिक फ्लूइड बढ़ाने के उपाय) एमनियोटिक द्रव के स्तर को बढ़ा सकती हैं। एमनियोटिक द्रव बढ़ाने के लिए आप नारियल पानी भी पी सकती हैं।

पीने का पानी एमनियोटिक फ्लूड इंडेक्स को बढ़ाने का सबसे आसान और सरल तरीका है।

2002 में किये गई एक अध्ययन के अनुसार, 122 गर्भवती महिलाओं को 2 घंटे के अंतराल में जब 2 लीटर पानी पिलाया गया था तो उनके एमनियोटिक द्रव के स्तर में वृद्धि देखी गई।    

2. गर्भ का पानी बढ़ाने का तरीका उचित आहार लें – Take proper diet to increase amniotic fluid in Hindi

इसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें जिनमें पानी की मात्रा अधिक हो। 

गर्भावस्था के दौरान एमनियोटिक द्रव बढ़ाने वाले कुछ खाद्य पदार्थ हैं जिनमें खीरा, सलाद पत्ता, पालक, मूली, ब्रोकली, फूलगोभी, स्ट्रॉबेरी, तरबूज, टमाटर, खरबूजा, अंगूर आदि शामिल हैं। 

3. एमनियोटिक द्रव को बढ़ाने के लिए एमनियोइन्फ्यूजन – Amnioinfusion to increase amniotic fluid in Hindi

एमनियोइन्फ्यूजन डॉक्टर द्वारा किये जाने वाली एक विधि है जिसमें खारे पानी (Saline water) के घोल को एमनियोटिक थैली में डाला जाता है। यह विधि कम से कम अस्थायी रूप से एमनियोटिक द्रव के स्तर को बढ़ा सकता है। 

ध्यान रहे, कभी कभी डॉक्टर एमनियोइन्फ्यूजन, अल्ट्रासाउंड से पहले बच्चे की दृश्यता बढ़ाने के लिए भी कर सकते हैं।  

4. गर्भ का पानी बढ़ाने के लिए सप्लीमेंट लें – Take supplements to increase amniotic fluid in Hindi

2016 के एक अध्ययन में ऑलिगोहाइड्रामनिओस (एमनियोटिक द्रव का स्तर बहुत कम होना) से ग्रष्ट गर्भवती महिलाओं के इलाज के लिए एल-आर्जिनिन (L-arginine) सप्लीमेंट के उपयोग की जांच की गई। 

इस अध्ययन में, 100 गर्भवती महिलाओं को एल-आर्जिनिन के 3-ग्राम पाउच दिन में तीन बार दिए गई। अध्ययन में निष्कर्ष निकाला गया कि एल-आर्जिनिन, एमनियोटिक द्रव के स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकता है साथ ही एल-आर्जिनिन गर्भावस्था की अवधि को लंबा करने और गर्भावस्था की जटिलताओं के जोखिम को भी कम करने में मदद करता है। 

5. एमनियोटिक द्रव को बढ़ाने के लिए गर्भावस्था के दौरान शराब से बचें – Avoid alcohol to increase amniotic fluid in Hindi

गर्भावस्था के समय शराब पीने से बचें क्योंकि शराब पीने से आप डिहाइड्रेट (शरीर में पानी की कमी) हो सकती है जिससे आपके शरीर में एमनियोटिक द्रव के स्तर में कमी आ सकती है।

6. गर्भ का पानी बढ़ाने के उपाय हर्बल सप्लीमेंट से बचें – Avoid herbal supplements to increase amniotic fluid in Hindi

हर्बल सप्लीमेंट मूत्रवर्धक (यूरिन का ज्यादा बनना) के रूप में कार्य करते हैं। हर्बल सप्लीमेंट लेने से बार–बार पेशाब जाना पड़ सकता है। जिसकारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है और जिससे प्रेग्नेंट महिला डिहाइड्रेट हो सकती है। 

शरीर में पानी की कमी होने पर एमनियोटिक द्रव के स्तर में भी कमी आने लगती है। इसलिए एमनियोटिक द्रव के स्तर को बनाए रखने और इसे बढ़ाने के लिए हमेशा हाइड्रेटेड रहें यानी हर्बल सप्लीमेंट न लें और खूब पानी पियें।

और पढ़ें – जानिए प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण क्या हैं, और कब दिखते हैं।

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7. एमनीओटिक फ्लूइड बढ़ाने के घरेलू उपाय नियमित रूप से हल्के व्यायाम करें – Do light exercise to increase amniotic fluid in Hindi

प्रेग्नेंट महिला को हर दिन लगभग चालीस मिनट तक व्यायाम (जिसमें वजन उठाना शामिल नहीं है) करना चाहिए। जिसमें नियमित रूप से चलना शामिल है। 

व्यायाम करने से आपके शरीर के विभिन्न हिस्सों में रक्त के प्रवाह में बढ़ोतरी होती है। यदि प्लेसेंटा और गर्भाशय में रक्त का प्रवाह बढ़ता है, तो इसका असर एमनियोटिक द्रव के स्तर पर भी पड़ सकता है। डॉक्टर के अनुसार नियमित रूप से व्यायाम करने पर एमनियोटिक द्रव की मात्रा में बढ़ोतरी होती है। इसलिए नियमित रूप से व्यायाम करने पर एमनियोटिक द्रव के स्तर को बढ़ाया जा सकता है। 

और पढ़ें –  जानिए कैसे होता है गर्भावस्था की पहली तिमाही में शिशु (भ्रूण) का विकास।

और पढ़ें –  जानिए दूसरी तिमाही में शिशु (भ्रूण) का विकास सप्ताह अनुसार।         

और पढ़ें –  जानिए कैसे होता है तीसरी तिमाही में शिशु का विकास। 


ये है एमनियोटिक द्रव (Amniotic Fluid) की कमी के लक्षण, कारण और उपाय के बारे में दी गई पूरी जानकारी। कमेंट में बताएं आपको Oligohydramnios in Hindi पोस्ट कैसी लगी। अगर आपको एमनीओटिक फ्लूइड इन हिंदी पोस्ट पसंद आई हो तो इसे शेयर जरूर करें।

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Disclaimer : ऊपर दी गई जानकारी पूरी तरह से शैक्षणिक दृष्टिकोण से दी गई है। इस जानकारी का उपयोग किसी भी बीमारी के निदान या उपचार हेतु बिना विशेषज्ञ की सलाह के नहीं किया जाना चाहिए। इसके अलावा किसी भी चीज को अपनी डाइट में शामिल करने या हटाने से पहले किसी योग्य डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ (Dietitian) की सलाह जरूर लें।

सन्दर्भ (References)

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  • https://en.wikipedia.org/wiki/Amniotic_fluid

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