फ्लेक्सिटेरियन डायट जिसे सेमि-वेजिटेऱियन डाइट (Semi vegetarian diet in Hindi) भी कहा जाता है एक ऐसी डाइट है जिसमें शाकाहारी और मांसाहारी दोनों खाद्य पदार्थों को खाने की अनुमति दी जाती हैं। फ्लेक्सिटेरियन डाइट (Flexitarian diet in Hindi) का फायदा अतरिक्त वजन बढ़ने से रोकने और डायबिटीज के खतरे को कम करने में किया जाता है। हालांकि, यदि फ्लेक्सिटेरियन डाइट का ठीक ढंग से पालन ना किया जाए तो इस डाइट के कुछ नुकसान भी हो सकते हैं।
इस पोस्ट में हम आपको फ्लेक्सिटेरियन डाइट के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। जिसमें बताएंगे कि फ्लेक्सिटेरियन डाइट क्या है? (Flexitarian meaning in Hindi), फ्लेक्सिटेरियन डाइट के लाभ क्या हैं? (Benefits of the flexitarian Diet in Hindi ), फ्लेक्सिटेरियन डाइट में क्या खाना चाहिए? (What to eat on a Flexitarian Diet in Hindi), फ्लेक्सिटेरियन डाइट में क्या नहीं खाना चाहिए (What not to eat on flexitarian diet in Hindi)?
तो चलिए इस लेख को शुरू करते हैं।
फ्लेक्सिटेरियन का अर्थ क्या है? (Flexitarian meaning in Hindi)
फ्लेक्सिटेरियन का अर्थ है ‘लचीला’ और ‘शाकाहारी’ का संयोजन। फ्लेक्सिटेरियन आहार खाने की एक ऐसी शैली है जो मांस और अन्य पशु उत्पादों को सीमित मात्रा में अनुमति देते हुए ज्यादातर पौधे-आधारित खाद्य पदार्थों को प्रोत्साहित करती है।
आसान शब्दों में कहें तो इस डाइट में मांस और डेरी प्रोडक्ट को पूरी तरह से छोड़ने के बजाए शाकाहारी भोजन को अधिक लेने की सलाह दी जाती है। फ्लेक्सिटेरियन आहार को आमतौर पर अर्ध-शाकाहारी डाइट (Semi vegetarian diet in Hindi) भी कहा जाता है।
यदि आप अपने आहार में पौधे आधारित खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहते हैं, लेकिन मांस या डेरी प्रोडक्ट को अपनी डाइट से पूरी तरह से हटाना नहीं चाहते हैं, तो फ्लेक्सिटेरियन डाइट आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकती है।
“अमेरिकी आहार विशेषज्ञ डॉन जैक्सन ब्लैटनर ने सन 2008 में अपनी किताब डी फ्लेक्सिटेरियन डाइट (The Flexitarian Diet) में फ्लेक्सिटेरियन डाइट का वर्णन किया था। इसमें उन्होंने लिखा है कि स्वस्थ रहने के लिए किसी को भी मांस का सेवन पूरी तरह से छोड़ने की जरूरत नहीं है। बल्कि, वे कभी-कभी अपने शाकाहारी भोजन में सीमित मात्रा में मांस का सेवन कर सकते हैं।”
डॉन जैक्सन ब्लैटनर मानती है कि कैलोरी में कटौती करने का एक स्मार्ट तरीका है शाकाहारी भोज्य पदार्थों को अपनी डाइट में अपनाना। लेकिन वह जानती है कि हर कोई सौ फीसदी शाकाहारी नहीं हो सकता है। इसलिए फ्लेक्सिटेरियन डायट (Semi vegetarian diet in Hindi) उन लोगों के लिए अच्छा विकल्प हो सकता है जो मांस खाना नहीं छोड़ सकते हैं। अगर आप भी ऐसी डाइट ढूंढ़ रहे हैं जो आपको स्वस्थ रहने में मदद करे, तो यह लेख आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।
फ्लेक्सिटेरियन आहार के सिद्धांत (Principles of Flexitarian Diet in Hindi)
फ्लेक्सिटेरियन डाइट निम्नलिखित सिद्धांतों पर आधारित है:
- ज्यादातर फल, सब्जियां, फलियां और साबुत अनाज खाएं। यानी जिनमें फाइबर की मात्रा ज्यादा हो।
- जानवरों के बजाय पौधों से मिलने वाले प्रोटीन पर ध्यान दें।
- मांस और पशु उत्पादों को सिमित मात्रा में अपनी डाइट में शामिल करें।
- कम से कम प्रोसेस्ड खाने का सेवन करें
- अतिरिक्त चीनी की मात्रा को सीमित करें।
“फ्लेक्सिटेरियन डाइट किसी तरह के भोज्य पदार्थों को खाने से मना नहीं करती है और साथ ही इस डाइट में किसी भी पौष्टिक भोज्य पदार्थ (nutritious food) की मात्रा को पहले से सुनिश्चित नहीं किया गया है। इसलिए जो लोग किसी भी डाइट को कठोरता से फॉलो नहीं कर पाते हैं, उन लोगों के बीच flexitarian diet काफी लोकप्रिय है।”
फ्लेक्सिटेरियन डायट के फायदे क्या हैं? (Benefits of the Flexitarian Diet in Hindi)
1. फ्लेक्सिटेरियन डायट के फायदे डायबिटीज टाइप 2 में – Benefits of flexitarian diet for Type 2 Diabetes in Hindi
डायबिटीज यानी मधुमेह एक ऐसा रोग है जिसमें शुगर या ग्लूकोस का स्तर रक्त में बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। जानकारों का मानना है कि फ्लेक्सिटेरियन डायट डायबिटीज में रोकने में मदद कर सकती है।
“60,000 से अधिक प्रतिभागियों में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि मांसाहारी लोगों की तुलना में अर्ध-शाकाहारी या फ्लेक्सिटेरियन डाइट, टाइप 2 मधुमेह को रोकने में लगभग 1.5% तक असरदार हो सकती है।”
2. फ्लेक्सिटेरियन डायट के लाभ वजन कम करने में – Benefits of flexitarian diet for Lose Weight in Hindi
अनियमित जीवनशैली के कारण मोटापा बढ़ना आज के समय में सबसे आम समस्या होता जा रहा है। आज युवा पीढ़ी कम उम्र से ही मोटापे का शिकार होने लगे हैं। जिसके चलते उन्हें मधुमेह से लेकर हृदय रोग तक कई गंभीर समस्याएं हो रही हैं।
अध्ययनों से पता चलता है कि जो लोग फ्लेक्सिटेरियन आहार का पालन करते हैं उनका वजन उन लोगों की तुलना में कम होता है जो इस आहार का पालन नहीं करते हैं।
“2016 के मेटा-विश्लेषण में शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों ने 18 हफ़्तों तक फ्लेक्सिटेरियन डायट का पालन किया था उनके वजन में मांसाहारी डाइट वाले व्यक्तियों की तुलना में लगभग 2 kg तक की कमी देखी गई।”
ध्यान रहे फ्लेक्सिटेरियन डायट वजन घटाने में उतनी असरदार नहीं है जितना कि एक शाकाहारी डाइट है।
3. फ्लेक्सिटेरियन डायट के फायदे हृदय रोग में – Flexitarian diet benefits for Heart Disease in Hindi
शाकाहारी भोज्य पदार्थ फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होते हैं जो रक्तचाप को कम करने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद करते हैं। जिसका सीधा फायदा आपके ह्रदय को मिलता है।
”11 साल से अधिक उम्र के 45,000 वयस्कों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि मांसाहारी लोगों की तुलना में शाकाहारियों में हृदय रोग का जोखिम लगभग 32% तक कम था।”
4. फ्लेक्सिटेरियन डायट के लाभ मेटाबोलिक स्वास्थ्य में – Flexitarian diet benefits for Metabolic Health in Hindi
मेटाबॉलिज्म, जिसे हिंदी भाषा में चयापचय कहते हैं, एक प्रक्रिया है जिसके माध्यम से हमारा शरीर भोज्य पदार्थों को ऊर्जा में बदलता है और यह ऊर्जा मानव शरीर द्वारा रोजाना के कार्यों में खर्च की जाती है।
शोध के अनुसार, मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के लिए फ्लेक्सिटेरियन डायट एक अच्छा विकल्प हो सकती है। क्योंकि फ्लेक्सिटेरियन डायट में फाइबर (आहारीय रेशा) की मात्रा ज्यादा होने के कारण ये पाचन क्रिया को नियमित रूप से चलाने में मदद करती है जिससे गैस, कब्ज और पेट दर्द जैसी समस्याओं की संभावना कम हो जाती है।
5. फ्लेक्सिटेरियन डायट का उपयोग कोलोरेक्टल कैंसर में – Flexitarian diet benefits for Cancer Treatment in Hindi
कोलोरेक्टल कैंसर दुनिया में कैंसर से होने वाली मौत का तीसरा प्रमुख कारण है। कई अध्ययनों से पता चलता है कि फ्लेक्सिटेरियन डायट में फाइबर की मात्रा अधिक होने से यह कोलन कैंसर के जोखिम को कुछ हद तक नियंत्रित कर सकती है साथ ही उच्च फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ बवासीर (पाइल्स या हेमोर्रोइड्स) के जोखिमों को भी कम करता है।
फ्लेक्सिटेरियन डाइट में क्या खाना चाहिए? (Food to eat on the Flexitarian diet in Hindi)
फ्लेक्सिटेरियन या अर्ध-शाकाहारी डाइट (Semi vegetarian diet in Hindi) में पशु उत्पादों को सीमित करते हुए शाकाहारी भोज्य पदार्थों से ज्यादा से ज्यादा प्रोटीन, विटामिन और अन्य महत्वपूर्ण पौष्टिक तत्व लेने की सलाह दी जाती है। फ्लेक्सिटेरियन डाइट में क्या खाना चाहिए इसे नीचे बताया गया है।
शाकाहारी फ्लेक्सिटेरियन डाइट में खाएं – Vegetarian Flexitarian diet in Hindi
- प्रोटीन: सोयाबीन, सोया दही (टोफू), फलियां, दालें, दलिया,
- सब्जी : ब्रोकली, पालक, सरसों का साग, सेम,शलजम, हरी गोभी
- नट, बीज और अन्य स्वस्थ वसा: बादाम, अलसी, चिया बीज, अखरोट, काजू, पिस्ता, मूंगफली का मक्खन, एवोकैडो, जैतून, नारियल, किशमिश, खजूर।
- तेल: स्वस्थ तेल जैसे नारियल और जैतून का तेल
- फल: सेब, संतरा, जामुन, अंगूर, नाशपाती, केला, अनार, ब्लूबेरी और ब्लैकबेरी ।
- एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर मसाले और जड़ी बूटी : तुलसी, पुदीना, जीरा, हल्दी, अदरक।
- पेय पदार्थ : दूध, चाय, कॉफी
मांसाहारी फ्लेक्सिटेरियन डाइट में खाएं – Non-vegetarian Flexitarian diet in Hindi
जब आप फ्लेक्सिटेरियन डायट को फॉलो करते हैं, तो बेहतर परिणामों के लिए आप मीट के कुछ ही प्रोडक्ट्स को ही डायट में शामिल करें। इसके लिए आप अंडा, चिकन और मछली का सेवन सीमित मात्रा में कर सकते हैं।
फ्लेक्सिटेरियन डाइट में क्या कम खाना चाहिए? (Foods to avoid Flexitarian Diet in Hindi)
- अतिरिक्त चीनी, विशेष रूप से रिफाइंड चीनी जैसे सोडा, डोनट्स, केक, कुकीज, कैंडी।
- पशु प्रोटीन (Animal Protein): जिसमें चिकन, टर्की, रेड मीट और पोर्क शामिल हैं।
- रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट (Refined carbohydrates): सफेद ब्रेड, सफेद चावल
- प्रोसेस्ड मांस (Processed meat)
- फास्ट फूड (Fast food): पिज़्ज़ा, बर्गर, चिकन, नगेट्स, मिल्कशेक।
- समुद्री भोजन (Seafood): समुद्री भोजन को एक पशु प्रोटीन माना जाता है।
- पशु वसा (Animal fat): इसमें मक्खन, संपूर्ण दूध, क्रीम शामिल हैं।
एक सप्ताह का फ्लेक्सिटेरियन डाइट प्लान (One week flexitarian diet plan in Hindi)
Flexitarian diet chart in Hindi
फ्लेक्सिटेरियन डाइट के जोखिम क्या हैं? (Risks of a flexitarian diet in Hindi)
फ्लेक्सिटेरियन डाइट के नुकसान – Side effects of Flexitarian Diet in Hindi
- फ्लेक्सिटेरियन डायट में डेरी प्रोडक्ट ना लेने कि सलाह देते हैं, जिससे आपको उपयुक्त कैल्शियम नहीं मिल पाएगा। शरीर में कैल्शियम की कमी से हड्डी कमजोर हो सकती हैं।
- फ्लेक्सिटेरियन डायट में कैलोरी की कमी होने के कारण आपको उपयुक्त ऊर्जा नहीं मिलपाएगी। जिससे आप हर समय थकान महसूस करेंगे।
- ओमेगा 3 फैटी एसिड दिल को मजबूत करने में विशेष योगदान देता है क्योंकि वेजिटेरियन खाने में ओमेगा 3 फैटी एसिड की कमी होती है, इसकारण आप दिल की बीमारी से ग्रष्ट हो सकते हैं।
- रेड मीट और मछली में आयरन की मात्रा भरपूर होती है, जो खून की कमी को दूर करता है। क्योंकि फ्लेक्सिटेरियन डायट में मासाहारी खाद्य पदार्थों की कमी होती है। इसलिए फ्लेक्सिटेरियन डायट वाले व्यक्तियों में खून की कमी देखी जा सकती है।
- जिंक, रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) को बढाता है। जो लोग फ्लेक्सिटेरियन डायट लेते हैं उन्हें जिंक की कमी हो सकती है। क्योंकि जिंक, रेड मीट से अधिकतम प्राप्त किया जा सकता है।
ये हैं फ्लेक्सिटेरियन डायट के फायदे और नुकसान के बारे में बताई गई पूरी जानकारी। कमेंट में बताएं आपको वेब पोस्ट गुरु की यह पोस्ट कैसी लगी। अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई हो तो इस पोस्ट को शेयर जरूर करें।
ऊपर दी गई जानकारी पूरी तरह से शैक्षणिक दृष्टिकोण से दी गई है। इस जानकारी का उपयोग किसी भी बीमारी के निदान या उपचार हेतु बिना विशेषज्ञ की सलाह के नहीं किया जाना चाहिए साथ ही किसी भी चीज को अपनी डाइट में शामिल करने या हटाने से पहले किसी योग्य डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ (Dietitian) की सलाह जरूर लें।
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