पैनिक अटैक (Panic attack in Hindi) या पैनिक डिसऑर्डर एक प्रकार के घबराहट के दौरे होते हैं जो आमतौर पर लगभग 10-20 मिनट तक रहते हैं। पैनिक अटैक का प्रमुख कारण नकारात्मक सोच माना जाता है। कई बार पैनिक अटैक को पहचान पाना इतना मुश्किल हो जाता है कि इलाज में देरी तक हो जाती है। वैसे पैनिक अटैक जानलेवा नहीं है। लेकिन इसके लक्षण बहुत भयावह हो सकते हैं। इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको पैनिक अटैक के लक्षण (Panic attack symptoms in Hindi), कारण और इलाज के बारे में बता रहे हैं।
पैनिक अटैक क्या है? (What is panic attack in Hindi)
पैनिक अटैक (घबराहट के दौरे) को तीव्र भय, चिंता या बेचैनी के रूप में परिभाषित किया गया है। पैनिक अटैक के लक्षण आमतौर पर अचानक से आते हैं और लगभग 10 – 20 मिनट तक रह सकते हैं। हालांकि, कुछ व्यक्तियों में पैनिक अटैक की स्थिति लंबे समय तक चल सकती है। पैनिक अटैक के लक्षणों में चक्कर आना, सांस लेने में तकलीफ और पसीना आना शामिल हैं।
पैनिक अटैक का अनुभव कोई भी कर सकता है। कभी-कभी किसी विशेष घटना को याद करके भी पैनिक अटैक की स्थिति बन जाती है। ज्यादातर लोगों को अपने जीवन में कम से कम एक या दो बार पैनिक अटैक का अनुभव होता है। 2019 के एक अध्ययन के अनुसार, लगभग 2 से 4 प्रतिशत लोगों को पैनिक डिसऑर्डर होता है।
पैनिक डिसऑर्डर क्या है? (What is panic disorder in Hindi)
पैनिक डिसऑर्डर (Panic disorder in Hindi) एक मानसिक स्वास्थ्य स्थिति है, और पैनिक अटैक उसका एक लक्षण है। सिर्फ एक पैनिक अटैक होने का यह मतलब नहीं है कि उस व्यक्ति को पैनिक डिसऑर्डर है। यदि पैनिक अटैक अक्सर आते हैं या बार बार आते हैं तो तब यह स्थिति पैनिक डिसऑर्डर कहलाती है।
बहुत से लोग कभी न कभी कम से कम एक बार पैनिक अटैक का अनुभव करते हैं, लेकिन पैनिक डिसऑर्डर से पीड़ित व्यक्ति बार-बार इसका अनुभव कर सकता है।
पैनिक डिसऑर्डर के कारणों को अभी तक स्पष्ट रूप से समझा नहीं गया है। फिर भी एक्सपर्ट का मानना है कि कुछ लोग दूसरों की तुलना में चिंता और घबराहट के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। इसलिए ऐसे लोगों में पैनिक अटैक और पैनिक डिसऑर्डर की संभावना अधिक हो सकती है।
वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि जब मस्तिष्क को खतरे की चेतावनी मिलती है, तो शरीर एड्रिनल ग्रंथि (Adrenal gland) से एड्रेनालाईन (Adrenaline) नामक हॉर्मोन को स्त्रावित करने लगता है। यह एड्रेनालाईन नामक हॉर्मोन दिल की धड़कन को तेज करने, रक्तचाप को बढ़ाने और घबराहट में वृद्धि करने के लिए जिम्मेदार हो सकता है।
चलिए अब समझते हैं पैनिक अटैक के लक्षण (Panic attack symptoms) कैसे दिखते हैं?
क्या हैं घबराहट के दौरे के लक्षण (Panic attack symptoms in Hindi)
समान्यतः पैनिक अटैक लक्षण दो प्रकार के होते हैं –
1. शारीरिक लक्षण – Physical symptoms of panic attack in Hindi
- हृदय गति या धड़कन का तेज होना,
- सीने में दर्द या बेचैनी,
- साँस लेने में कठिनाई,
- घुटन महसूस करना,
- बेहोशी महसूस होना,
- चक्कर आना,
- जी मिचलाना,
- स्तब्ध हो जाना,
- पसीना आना या ठंड लगना,
- हाथों या पैरों में सुन्नता या झुनझुनी,
- सीने में दर्द या जकड़न,
- शरीर में कंपकंपी होना।
2. मनोवैज्ञानिक लक्षण – Psychological symptoms of panic attack in Hindi
- मानसिक स्थिति में परिवर्तन,
- मरने की आशंका होना,
- अपने आप से या अपने आस-पास के लोगों से अलग होने की भावना।
पैनिक अटैक के लक्षण फेफड़ों के विकार, हृदय की स्थिति या थायराइड की समस्याओं सहित अन्य चिकित्सा स्थितियों के समान हो सकते हैं। इसलिए इनके बीच अंतर पता होना जरुरी है।
घबराहट के दौरे के लक्षण अक्सर बिना किसी स्पष्ट कारण के आते हैं। क्योंकि इन हमलों की भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है, इसलिए पैनिक अटैक की स्थिति आपके दैनिक जीवन को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है।
किसे हो सकता है पैनिक अटैक? Who might have panic attacks in Hindi
ज्यादातर लोग पैनिक अटैक का अनुभव 18 वर्ष से लेकर 45 वर्ष तक की आयु के असपास करते हैं। हालांकि, पैनिक डिसऑर्डर का विकास बचपन में ही हो सकता है। महिलाओं में पुरुषों की तुलना में पैनिक डिसऑर्डर/पैनिक अटैक होने की संभावना दोगुनी होती है। पैनिक अटैक/ पैनिक डिसऑर्डर से बहुत सी जटिलताएं उत्पन्न हो जाती है। पैनिक डिसऑर्डर की जटिलताओं में शामिल हैं-
- आत्महत्या का विचार आना,
- डिप्रेशन,
- भीड़ से डर लगना,
- बच्चों और किशोरों में मस्तिष्क का विकास देरी में होना।
घबराहट के दौरे के कारण क्या हैं | Causes of Panic attack in Hindi
निम्नलिखित कारण भी पैनिक डिसऑर्डर को ट्रिगर कर सकता है। घबराहट के दौरे के कारण में शामिल हैं –
- पैनिक डिसऑर्डर का पारिवारिक इतिहास है,
- कुछ स्वास्थ्य समस्या जैसे अतिसक्रिय थायरॉयड (हाइपरथायरायडिज्म), या हृदय या सांस लेने में समस्या,
- मनोदशा विकार (नकारात्मक सोच),
- उपवास, जिसकारण रक्त शर्करा गिर सकता है और पैनिक अटैक का कारण बन सकता है।
- शराब का अधिक सेवन,
- बहुत अधिक निकोटीन या बहुत अधिक कैफीन का उपयोग करना,
- गर्भनिरोधक गोलियाँ, खांसी की दवाएं, वजन घटाने की दवाएं आदि,
- नशीली दवाओं के प्रयोग,
- लंबे समय तक तनाव का उच्च स्तर बने रहना,
- प्रसवोत्तर (बच्चे के जन्म के बाद) हाइपरथायरायडिज्म,
- गंभीर तनाव, जैसे किसी प्रियजन की मृत्यु, तलाक या नौकरी छूटना।
क्या है पैनिक अटैक का इलाज | Panic attack Home remedies in Hindi
पैनिक अटैक का उपचार इसकी तीव्रता (Intensity) और आवृत्ति (Frequency) को कम करने, और दैनिक जीवन में आपके कार्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। पैनिक अटैक का मुख्य उपचार मनोचिकित्सा और दवाएं हैं।
1. मनोचिकित्सा द्वारा पैनिक डिसऑर्डर का इलाज – Psychotherapy for Panic attack in Hindi
मनोचिकित्सा में आपका चिकित्सक आप से बात करेगा और आप से जानने की कोशिश करेगा की आपको किस किस परिस्थितियों में पैनिक अटैक पड़ता है। इसके अलावा आपका चिकित्सक वैसी ही परिस्थितियां पैदा कर सकता है जिसमें आप पैनिक होते हैं ताकि आपको उन परिस्थितियों से चरणबद्ध तरीके से धीरे-धीरे वापिस लाया जा सके।
2. पैनिक अटैक की दवा द्वारा इलाज – Panic attack medicine in Hindi
दवाएं, पैनिक अटैक के साथ-साथ अवसाद से जुड़े लक्षणों को भी कम करने में मदद कर सकती हैं पैनिक अटैक मेडिसिन में शामिल हैं –
a. सेलेक्टिव सेरोटोनिन रूप्टेक इनहिबिटर (Selective serotonin reuptake inhibitors)
इनका उपयोग आमतौर पर अवसाद (Depression) के इलाज के लिए किया जाता है। अधिकांश लोगो में अवसाद पैनिक अटैक का कारण होता है।
b. बेंजोडायजेपाइन (Benzodiazepines)
यह एक प्रकार की चिंता रोधी दवा (anti anxiety medication) है जिसका उपयोग चिंता के लक्षणों का इलाज करने में किया जा सकता है
c. बीटा-ब्लॉकर्स (Beta-blockers)
इनका उपयोग दिल की धड़कन को नियंत्रित करने में किया जा सकता है। डॉक्टर इन दवाओं की प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए दवाओं का मिश्रण भी कर सकते हैं। ध्यान रखें कि पैनिक अटैक के लक्षणों में सुधार होने में कई सप्ताह से लेकर कई महीनों तक का समय लग सकता है।
Note : इन दवाओं का उपयोग करते समय डॉक्टर के निर्देशों का पालन करना आवश्यक है।
क्या हैं पैनिक अटैक के घरेलू उपाय | Panic attack home remedies in Hindi
पैनिक अटैक (घबराहट) के घरेलू उपाय में शामिल हैं –
1. योग या गहरी सांस लेकर पैनिक अटैक का उपचार
योग या गहरी सांस (Panic attack in Hindi solution) लेने से आपके शरीर को आराम मिल सकता है और तनाव कम हो सकता है। जो पैनिक अटैक से बचने का कारगर उपाय है।
2. सक्रिय रह कर पैनिक अटैक का इलाज
पैनिक अटैक से बचने के लिए सक्रिय रहें। सक्रिय रहने से आपका ब्लड सर्कुलेशन ठीक से होता है साथ ही चिंता और घबराहट की स्थिति दूर हो सकती है।
3. व्यायाम द्वारा पैनिक अटैक से बचाव के उपाय
पैनिक अटैक से बचने के लिए व्यायाम, दिमाग को शांत करने और दवा के संभावित दुष्प्रभावों को दूर करने में मदद कर सकता है।
4. मादक पदार्थों से दूर रह कर पैनिक अटैक का इलाज
मादक पेय, कैफीन, धूम्रपान और मनोरंजक दवाओं से दूर रहें, जो पैनिक अटैक को ट्रिगर कर सकते हैं।
कई अध्ययनों से यह भी पता चलता है कि धूम्रपान और अल्कोहल चिंता के लक्षणों को खराब कर सकता है। इसलिए, चिंता की भावनाओं को कम करने के लिए शराब या धूम्रपान से बचने की कोशिश करनी चाहिए।
5. पर्याप्त नींद लेकर पैनिक अटैक का इलाज
पर्याप्त नींद लेने से चिंता और घबराहट की स्थिति दूर होती है और पैनिक अटैक से राहत मिलती है साथ ही पर्याप्त नींद दिन भर की थकान को दूर करती है।
6. हर्बल टी द्वारा पैनिक अटैक का घरेलू इलाज
हर्बल टी का सेवन करें से यह पैनिक अटैक को काफी हद तक कम कर सकता है।
हर्बल चाय विटामिन C, विटामिन E, विटामिन B6, पोटेशियम, मैंगनीज, कॉपर और मैग्नीशियम जैसे विटामिन और खनिजों से भरी होती है साथ ही इसमें पाए जाने वाले बायोएक्टिव यौगिक डिप्रेशन को दूर करने में मदद करता है।
अध्ययनों से पता चलता है कि कैमोमाइल चिंता जैसे विकार के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।
7. अरोमाथेरेपी द्वारा पैनिक अटैक का इलाज
अरोमाथेरेपी में स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए सुगंधित आवश्यक तेलों (लैवेंडर ऑयल) का उपयोग किया जाता है। इन सुगंधित तेलों को सांस द्वारा सीधे अंदर लिया जा सकता है या गर्म पानी में डाल कर उस पानी से स्नान किया जा सकता है। अध्ययनों से पता चला है कि अरोमाथेरेपी:
- दिमाग को आराम दिलाता है,
- सोने में मदद करता है,
- मूड बढ़ाता है,
- हृदय गति और रक्तचाप को कम करता है।
8. शांतिपूर्ण स्थान जा कर पैनिक अटैक का इलाज
जगहें और आवाज़ें अक्सर पैनिक अटैक का कारण या इस स्थिति को तेज कर सकती हैं। इसलिए यदि पैनिक अटैक की स्थिति बने, तो अधिक शांतिपूर्ण स्थान खोजने का प्रयास करें।
9. 5-4-3-2-1 विधि द्वारा पैनिक अटैक का इलाज
पैनिक अटैक के समय यह व्यक्ति को वास्तविकता से अलग होने का एहसास करा सकता है। 5-4-3-2-1 विधि व्यक्ति के ध्यान को तनाव के स्रोतों से दूर करने में मदद करती है।
इस विधि का उपयोग करने के लिए व्यक्ति को निम्नलिखित चरणों को धीरे-धीरे और अच्छी तरह से पूरा करना चाहिए:
5 अपने असपास अलग-अलग वस्तुओं को देखें। प्रत्येक के बारे में थोड़ी देर के लिए सोचें।
4 अपने आसपास की अलग-अलग आवाज़ें सुनें। इस बारे में सोचें कि वे कहाँ से आई हैं और क्या उन्हें अलग करता है।
3 वस्तुओं को स्पर्श करें। उनकी बनावट, तापमान और उनके उपयोग पर विचार करें।
2 अलग-अलग गंधों को पहचानें। यह आपकी कॉफी, आपके साबुन, या आपके कपड़ों पर कपड़े धोने के डिटर्जेंट की गंध हो सकती है।
1 अपने मनपसंद स्वाद के बारे में सोचें या कैंडी के एक टुकड़े को चखने का प्रयास करें।
एगोराफोबिया है एक प्रकार का पैनिक डिसऑर्डर | Agoraphobia and panic attacks in Hindi
- भीड़-भाड़ वाली जगहें जैसे शॉपिंग मॉल, सिनेमा हाल या खेल के मैदान।
- कार, हवाई जहाज, सबवे या यात्रा के अन्य रूप।
- सामाजिक समारोहों, रेस्तरां, या अन्य स्थितियों में जहां पैनिक अटैक का भय हो।
- शारीरिक व्यायाम के समय यह घबराहट और पैनिक अटैक का भय सताना।
- कुछ खाद्य या पेय पदार्थ जो घबराहट कर सकते हैं, जैसे शराब, कैफीन, कुछ दवाएं।
- किसी ऐसे व्यक्ति की कंपनी के बिना कहीं भी जाना जो आपको सुरक्षित महसूस कराता हो।
इन सभी कारणों की वजह से आप केवल घर पर ही रहना सुरक्षित महसूस करते हैं।
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क्या पैनिक अटैक जानलेवा है? Can you die from a panic attack in Hindi
पैनिक अटैक जानलेवा नहीं है। लेकिन इसके लक्षण बहुत भयावह हो सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि पैनिक अटैक के कई लक्षण सीने में दर्द, दिल के दौरे जैसी गंभीर चिकित्सीय स्थितियों के समान होते हैं। जिसमें आपको लगेगा कि आप मर जाएंगे।
निष्कर्ष | Conclusion
मुझे उम्मीद है कि इस पोस्ट के माध्यम से आपको पता चल गया होगा कि पैनिक अटैक (घबराहट के दौरे) क्या होता है, इसके लक्षण, कारण और घरेलू उपाय क्या हैं। कमेंट में बताएं आपको Panic Attack Symptoms in Hindi पोस्ट कैसी लगी। अगर यह पोस्ट पसंद आई हो तो इसे जरूर शेयर करें।
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Disclaimer : ऊपर दी गई जानकारी पूरी तरह से शैक्षणिक दृष्टिकोण से दी गई है। इस जानकारी का उपयोग किसी भी बीमारी के निदान या उपचार हेतु बिना विशेषज्ञ की सलाह के नहीं किया जाना चाहिए। इसके अलावा किसी भी चीज को अपनी डाइट में शामिल करने या हटाने से पहले किसी योग्य डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ (Dietitian) की सलाह जरूर लें।
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