Meniere’s Disease In Hindi: मेनियार्स रोग क्या है? जानिए इसके लक्षण, कारण और इलाज

Meniere’s Disease In Hindi : इस लेख के माध्यम से हम आपको मेनियार्स रोग (वर्टिगो) क्या है, इसके लक्षण और कारणों सहित, मेनियार्स रोग से बचाव और वर्टिगो के घरेलू उपचार के बारे में बता रहे हैं।

मेनियार्स रोग क्या है? Meniere’s disease meaning in Hindi

Meniere’s Disease in Hindi

मेनियार्स रोग (Meniere’s disease) एक प्रकार का विकार है जो कान के आंतरिक भाग को प्रभावित करता है। कान का आंतरिक भाग सुनने और शरीर के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है।

कान के आंतरिक भाग में विकार (मेनियर रोग) होने से रोगी को एकाएक चक्कर (वर्टिगो) आने लगता है, कानों में झनझनाहट की आवाज आती है, और आंशिक बहरापन हो जाता है। कुछ रोगियों में जी मिचलाना और उल्टी आना भी मेनिएर रोग के लक्षण हो सकते हैं। 

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मेनियर रोग कभी-कभी इतना प्रभावशाली होता है कि रोगी अपना संतुलन पूरी तरह खो देता है और जमीन में गिर जाता है। इन प्रकार की स्थिति “ड्रॉप अटैक”  (Drop attack) कहलाती है। 

अधिकांश मामलों में मेनियर रोग केवल एक ही कान को प्रभावित करता है।

मेनियार्स रोग का पता फ्रांसीसी चिकित्सक मेनिएर ने 1861 ई0 में लगाया था जिनके नाम पर इस रोग का नाम पड़ा।

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मेनियार्स रोग (मेनिएर रोग) कितना आम है? |  Meniere’s disease in Hindi

अध्ययनों से पता चला है कि मेनियर की बीमारी 100,000 में से 200 लोगों को प्रभावित करती है (या दूसरे शब्दों में, 2/1000)। मेनियर रोग से पीड़ित अधिकांश लोग 40 वर्ष से अधिक आयु के हैं। मेनियर रोग पुरुषों और महिलाओं के बराबर अनुपात में मिलता है। 

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मेनियार्स रोग के लक्षण क्या हैं? Meniere’s disease symptoms in Hindi

Meniere's disease symptoms

मेनियार्स रोग (मेनिएर रोग) के लक्षण “एपिसोड” या “हमले” के रूप में सामने आते हैं। मेनियार्स रोग से ग्रस्त व्यक्ति को एक बार में निम्न में से कम से कम दो से तीन लक्षणों का अनुभव होता है। इन लक्षणों में शामिल हैं:

Symptoms of Meniere’s Disease in Hindi

  • गंभीर चक्कर आना (वर्टिगो),
  • मतली, उल्टी और पसीना आना, 
  • प्रभावित कान में बहरापन (सुनवाई नहीं देना),
  • कानों में झनझनाहट की आवाज,
  • अस्थायी बहरापन,
  • कान के अंदर भारीपन होना, ऐसा लगना कि कान के अंदर कुछ भरा हुआ है,
  • संतुलन का नुकसान,
  • सिर दर्द,
  • कान के अंदर खुजली होना,
  • कान में सीटी जैसी आवाज सुनाई देना। 

मेनियार्स रोग का कारण क्या है? Meniere’s disease causes in Hindi

Reason of Meniere’s Disease in Hindi

मेनियर रोग का कारण अभी तक पता नहीं चला है। फिर भी अध्ययनों से पता चलता है कि मेनियर अटैक कान के अंदर लबीरिंथ नामक तरल पदार्थ के निर्माण के कारण हो सकता है। 

कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि मेनियर की बीमारी रक्त वाहिकाओं (Blood vessels) में संकुचन का परिणाम हो सकता है जो माइग्रेन में सिरदर्द का कारण बनता है। 

कुछ रिसर्च के अनुसार, मेनियर की बीमारी वायरल संक्रमण, एलर्जी या ऑटोइम्यून जैसी बिमारियों का भी  परिणाम हो सकता है। 

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इसके अलावा मेनियर रोग की शुरुवात तनाव, थकान, भावनात्मक परेशानी और आहार संबंधी कारकों से भी शुरू हो सकता है। 

डॉक्टर्स के अनुसार, मेनियर अटैक आने का कोई समय नहीं होता है, प्रभावित व्यक्ति छोटी अवधि के भीतर इस रोग के कई एपिसोड (अटैक) का अनुभव कर सकता है, उसके बाद महीनों या वर्षों तक इसके कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं।  

मेनियार्स रोग का निदान कैसे किया जाता है? | Meniere’s disease diagnosis in Hindi

यदि आप मेनियार्स रोग (मेनिएर रोग) के लक्षणों का अनुभव करते हैं, तो डॉक्टर आपके संतुलन और सुनने की क्षमता के लिए कुछ टेस्ट करवा सकते हैं।  मेनियार्स टेस्ट में शामिल हैं –

कान की जाँच द्वारा मेनियार्स रोग का निदान – Hearing test 

इस टेस्ट में ऑडियोमेट्री (Audiometry) का उपयोग किया जाता है जो यह निर्धारित करने के लिए किया जाता है कि आप कितनी आवृत्ति (Frequency) तक की ध्वनि सुन सकते हैं। 
 
इस परीक्षण में रोगी के कान में हेडफ़ोन लगाया जाता है और विभिन्न प्रकार की पिचों और वॉल्यूम की आवाज़ें सुनवाई जाती हैं।
 

संतुलन परीक्षण द्वारा मेनियार्स रोग का निदान – Balance tests

यह परीक्षण आंखों की गति का आकलन करके आपके संतुलन का मूल्यांकन करता है। इस परीक्षण में, आंखों की गति का पता लगाने के लिए आपकी आंखों के चारों ओर इलेक्ट्रोड लगाए जाते हैं। 
 
इसके बाद आपके कान में गर्म और ठंडा दोनों तरह का पानी डाला जाता है जिससे आपमें रिफ्लेक्स (Reflex) होता है। इस रेफ़्लेक्शन में आपके आंखों की गतिविधियों पर नज़र रखी जाती है। आंखों में होने वाली कोई भी असामान्यता हरकत आंतरिक कान की समस्या का संकेत दे सकती है।
 

इलेक्ट्रोकोक्लोग्राफी द्वारा मेनियार्स रोग का निदान – Electrocochleography

इलेक्ट्रोकोक्लोग्राफी जांच आपके आंतरिक कान में द्रव के दबाव को मापता है।

रोटरी कुर्सी परीक्षण द्वारा मेनियार्स रोग का निदान – Rotary chair testing

यह जांच डॉक्टर को यह देखने देता है कि आंखों की गति आपके आंतरिक कान को कैसे प्रभावित करती है। इस जांच में आप एक टर्निंग चेयर पर बैठते हैं जिसे कंप्यूटर द्वारा नियंत्रित किया जाता है।  
 

वीडियो हेड इंपल्स टेस्ट द्वारा मेनियार्स रोग का निदान – Video head impulse test (VHIT)

आंखों की प्रतिक्रियाओं को मापने के लिए वीडियो का उपयोग किया जाता है। इस टेस्ट में रोगी को एक कुर्सी में बिठाया जाता है और उसकी नजर एक बिंदु पर केंद्रित कराई जाती है। इसके बाद कुर्सी को धीरे-धीरे घुमाया जाता है।
इस टेस्ट में कहा जाता है की आपको उसी बिंदु पर नजर केंद्रित रखनी है चाहे रोगी की कुर्सी कितनी भी घूमे। यदि आपका सिर मुड़ने पर आपकी आंखें लक्ष्य से हट जाती हैं, तो यह एक असमान्य प्रतिक्रिया मानी जाती है। 

मेनियार्स रोग का उपचार क्या है? | Meniere’s disease treatment in Hindi

मेनियार्स के उपचार मुख्य रूप से निम्नलिखित तरीको पर केन्द्रित होता है।

खानपान मे बदलाव द्वारा मेनियार्स रोग का उपचार – Treatment of Meniere’s disease by dietary changes in Hindi

  • छोटे- छोटे अंतराल में भोजन लें, 
  • कम नमक खाएं, 
  •  कैफीन का सेवन कम करें, 
  • शराब का सेवन कम करें,
  • धूम्रपान बिलकुल न करें, 
  • नियमित रूप से पानी पिएं,
  • Tyramine से बचें, अधिकतर चिकन लीवर, स्मोक्ड मीट (smoked meats), रेड वाइन, पका हुआ पनीर, नट्स और योगर्ट में होता है। 
 

दवांए द्वारा मेनियार्स रोग का इलाज – Treatment of Meniere’s disease by medicine in Hindi

यदि मेनियार्स रोग में मतली और उल्टी एक समस्या है, तो आपका डॉक्टर anti-nausea दवा लिख ​​सकते हैं। 
माना जाता है कि भीतरी कान में तरल पदार्थ की समस्या मेनियर रोग का कारण बन सकता है। यदि ऐसा है, तो डॉक्टर आपके शरीर में तरल पदार्थ की मात्रा को कम करने के लिए एक ड्यूरेटिक (मूत्रवर्धक) दवा लिख सकते हैं।  
कभी कभी यह रोग बैक्टीरियल इन्फेक्शन की वजह से भी हो सकता है। इससे बचने के लिए डॉक्टर आपके कान में एंटीबैक्टीरियल दवा भी डाल सकते है।
 

मेनिएर अटैक के दौरान क्या करें | What to do during a Meniere attack in Hindi

मेनिएर अटैक के दौरान, एक सपाट सतह पर लेट जाएं या बैठ जाएं। जितना हो सके गतिहीन रहें, अपनी आँखें खुली रखें और अपनी निगाह किसी स्थिर वस्तु पर टिका लें। 
आप उस समय कोई हरकत न करें, साथ ही तेज रोशनी, तेज आवाज और अन्य ट्रिगर से बचें, टीवी देखना या पढ़ना भी हानिकारक हो सकता है। तुरंत पानी पीने या घूंट लेने की कोशिश न करें, क्योंकि ऐसा करने से आपको उल्टी आ सकती है। 
जब तक गंभीर चक्कर आना बंद ना हो जाए स्थिर ही रहें, फिर धीरे-धीरे उठें। मेनिएर अटैक के कम होने के बाद, आप शायद बहुत थका हुआ महसूस करेंगे और आपको कई घंटों तक सोने की जरूरत होगी।
 

निष्कर्ष | Conclusion

गंभीर चक्कर आना,कानों में झनझनाहट की आवाज और अस्थायी बहरापन मेनियार्स रोग के प्रमुख लक्षण हैं। दुर्भाग्यवश, मेनियर रोग के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है और ना ही इस रोग का कोई इलाज है। हालांकि स्थिति को स्थिर रखने और लक्षणों को नियंत्रित करने के कई तरीके हैं जिसमें कुछ दवाइयां (जैसे anti-nausea और diuretic) और खानपान मे बदलाव शामिल हैं। 
मेनियर अटैक के दौरान रोगी को इस बात का ध्यान रखना होता है कि अटैक के समय वह एक सपाट सतह पर लेट जाए या बैठ जाए। जितना हो सके वह अपना कोई कार्य ना करे, अपनी आँखें खुली रखे और किसी स्थिर वस्तु पर टिका ले और अच्छी पुरानी बातें याद करे। जैसे ही आपके लक्षण कम होने लगें धीरे-धीरे उठें और किसी की मदद लें। डॉक्टर के अनुसार ही अपनी दवाएं खाएं और उनके अनुसार ही अपनी जांच कराते रहें। 
 
 
ये है मेनियार्स रोग के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में बताई गई पूरी जानकारी। कमेंट में बताएं आपको यह पोस्ट (Meniere’s Disease in Hindi) कैसी लगी। अगर यह पोस्ट पसंद आई हो तो इसे जरूर शेयर करें। 
 
ऊपर दी गई जानकारी पूरी तरह से शैक्षणिक दृष्टिकोण से दी गई है। इस जानकारी का उपयोग किसी भी बीमारी के निदान या उपचार हेतु बिना डॉक्टर या विशेषज्ञ की सलाह के नहीं किया जाना चाहिए।

सन्दर्भ (References)

  • Sajjadi H, Paparella MM. Meniere’s disease. Lancet. 2008 Aug 2;372(9636):406-14.
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  • Morrison AW, Johnson KJ. Genetics (molecular biology) and Meniere’s disease. Otolaryngol Clin North Am. 2002 Jun;35(3):497-516. 
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