Fruits for Diabetes Patient: शुगर में कौन से फल खाने चाहिए और कौन से नहीं (परहेज)।

Fruits for Diabetes patient in Hindi: फल न केवल आवश्यक विटामिन और खनिजों का एक उत्कृष्ट स्रोत हैं, बल्कि वे फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भी भरपूर होते हैं। हालांकि, कुछ फलों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स अधिक होने के कारण ऐसे फल शुगर में नुकसानदायक हो सकते हैं। इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको Glycemic Index के आधार पर बताएंगे कि डायबिटीज में कौन से फल खाने चाहिए और कौन से नहीं, ताकि आपका ब्लड शुगर नार्मल बना रहे। तो आइये अब इस पोस्ट को पूरा पढ़ते हैं।

क्या डायबिटीज में फल खाए जा सकते हैं? (Can I eat fruits in diabetes in Hindi)

इसमें कोई शक नहीं कि फलों में प्राकृतिक शर्करा होती है। फलों में मौजूद कार्बोहाइड्रेट चयापचय (Metabolism) क्रिया द्वारा ग्लूकोज, फ्रुक्टोज और सुक्रोज जैसे शर्करा में बदल जाता है। ये शर्करा शरीर में अवशोषित होकर आपके ब्लड शुगर को बढ़ा सकती हैं।

हालांकि, शोध से पता चलता है कि फलों में मौजूद फाइबर शुगर के अवशोषण को कम करते हैं जिससे ब्लड में शुगर की मात्रा ज्यादा नहीं बढ़ती है (1), साथ ही ये फाइबर पेट को भरा हुआ रखते हैं, जिससे आपको कम भोजन खाते है, परिणामस्वरूप शुगर में आपका अतरिक्त वजन नहीं बढ़ता है, और आप अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचे रहते हैं। (2)

“2017 में की गई एक स्टडी से पता चलता है कि जो व्यक्ति अपने आहार में नियमित रूप से फलों का सेवन करते हैं, उन्हें डायबिटीज होने का खतरा उन व्यक्तियों के मुकाबले कम रहता है, जो व्यक्ति फलों का सेवन कम करते हैं।” (3)

NCBI में प्रकाशित एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया है कि ताजे फलों का अधिक सेवन, जिनमें फाइबर की मात्रा अधिक और GI इंडेक्स कम हो, मधुमेह के विकास के जोखिम को काफी हद कम कर सकते हैं।  (4)

इस लिहाज से देखा जाए तो फल डायबिटीज में खाए जा सकते हैं। पर आपको इसकी मात्रा और ग्लाइसेमिक इंडेक्स का ध्यान रखना है। अध्ययन के अनुसार, मधुमेह में सभी फल समान रूप से लाभकारी नहीं होते हैं। ऐसे फल जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स मध्य या उच्च होता है मधुमेह में रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा सकते हैं।

“2013 में किए गए एक विश्लेषण से पता चलता है कि मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति यदि उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फलों का सेवन ज्यादा करते हैं, तो उनके रक्त शुगर बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है।” (3)

इसलिए, यदि आप मधुमेह रोगी हैं, तो आपको ऐसे फल कम खाने की सलाह दी जाती है जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स अधिक होता है।

शुगर में फलों का चुनाव कैसे करें? (How to select fruits in diabetes in Hindi?)

ग्लाइसेमिक इंडेक्स के आधार पर शुगर में फलों का चुनाव करना चाहिए। ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) या ग्लाइसेमिक सूचकांक एक स्कोर है जिसका उपयोग यह जानने के लिए किया जाता है कि कोई विशिष्ट खाद्य पदार्थ आपके रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को कितनी तेजी से बढ़ा सकता है। सरल शब्दों में कहें तो भोजन में मौजूद कार्बोहाइड्रेट कितनी देर में ग्लूकोज में बदल सकता है। (5)

ग्लाइसेमिक  सूचकांक 0 से लेकर 100 के बीच में होता है। इस सूचकांक के आधार पर भोज्य पदार्थों को निम्न, मध्यम या उच्च ग्लाइसेमिक खाद्य पदार्थों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन (एडीए) के मुताबिक, ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई स्कोर) को निम्न प्रकार रेट किया गया है: (6)

  • निम्न ग्लाइसेमिक इंडेक्स (55 से कम) – ऐसे भोज्य पदार्थ (कार्बोहाइड्रेट) पाचन के दौरान धीरे-धीरे टूटते हैं और रक्त में ग्लूकोस धीरे-धीरे छोड़ते हैं। जिन भोजय पदार्थों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 55 से कम होता है ऐसे आहार डायबिटीज में खाए जा सकते हैं।  
  • मध्यम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (56 से 69 के बीच) – ऐसे भोज्य पदार्थ (कार्बोहाइड्रेट) पाचन के दौरान माध्यम गति से टूटते हैं और रक्त में ग्लूकोस माध्यम गति से रिलीज करते हैं।
  • उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स  (70 और ऊपर) – ऐसे भोज्य पदार्थ (कार्बोहाइड्रेट) पाचन के दौरान तेजी से टूटते हैं और रक्त में ग्लूकोस तेजी से रिलीज करते हैं।

इसलिए फल या भोजन का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) जितना अधिक होगा, वह उतनी ही तेजी से रक्त शर्करा बढ़ा सकता है। (5) यही कारण है कि मध्य या उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फल या खाद्य पदार्थ शुगर रोगियों के लिए अच्छे नहीं माने जाते हैं। मधुमेह में डॉक्टर पके फल के बजाए हल्का कच्चा फल खाने की सलाह देते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि, फल जितना पका होगा उसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स उतना ही अधिक होता है।

उदाहरण के लिए एक कच्चे केले का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 40 होता है जबकि अच्छे पके हुए या काले केले का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 62 होता है।  जिसका मतलब है कि केला जितना पका हुआ होगा उसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स उतना ही अधिक होगा और रक्त में उतने ही तेजी के साथ ब्लड शुगर बढ़ाने में मदद करेगा।

चलिए अब समझते हैं कि शुगर में कौन से फल खाने चाहिए और कौन से नहीं।

मधुमेह में खाए जाने वाले फलों की सूचि (List of Fruits for Diabetes patient in Hindi)

Fruits to eat in diabetic diet in Hindi
Source Image : freepik.com

शुगर में ऐसे फल खाने चाहिए जिनका ग्लिसेमिक इंडेक्स कम और फाइबर अधिक हो। कम ग्लाइसेमिक वाले फल ब्लड शुगर को तेजी से नहीं बढ़ाते हैं, साथ ही फलों में मौजूद फाइबर फलों की शर्करा के अवशोषण को कम करते हैं और आपके पेट को भरा हुआ रखते हैं जिससे आप डायबिटीज में अतरिक्त खाने से बच जाते हैं।

इसके अलावा, कम ग्लाइसेमिक फल मधुमेह रोगियों में हृदय रोग के विकास के जोखिम को कम करने में भी मदद करते हैं। (7) जिन फलों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स <55 से कम होता है ऐसे फल शुगर में खाए जा सकते हैं। ग्लाइसेमिक इंडेक्स के आधार पर शुगर में कौन-कौन से फल खाने चाहिए (List of Fruit to eat in diabetes in Hindi) उनकी लिस्ट नीचे दी गई है। इन फलों में शामिल हैं-

  • जामुन (Berries)
  • सेब (Apple)
  • चकोतरा (Pomelo)
  • संतरा (Orange)
  • आडू (Peach)
  • नाशपाती (Pear)
  • आलूबुखारा (Prunus)
  • कीवी (Kiwi)
  • मीठा नींबू (Sweet Lemon)
  • सूखे खुबानी (Dried Apricot)
  • खजूर  (Date)
  • अनार (Pomegranate)
  • अंगूर (Grapes)
  • चेरी (Cherry)
  • अमरुद (Guava)

इन फलों की मात्रा डॉक्टर के अनुसार ही निर्धारित करें।

और पढ़ें –  ब्लड शुगर तुरंत कम करने के 14 घरेलू उपाय

शुगर में कौन से फल नहीं खाने चाहिए (परहेज)? (Fruits to avoid in diabetes in Hindi)

जिन फलों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स जितना अधिक होता है ऐसे फल डायबिटीज में उतने ही अधिक नुकसानदायक हो सकते हैं। इसलिए डायबिटीज में ऐसे फलों के सेवन से बचना चाहिए जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स >55 से अधिक होता है। ग्लाइसेमिक इंडेक्स के आधार पर शुगर में कौन सा फल नहीं खाना चाहिए (List of Fruit to avoid in diabetes in Hindi), इसकी एक लिस्ट नीचे दी गई है। शुगर के मरीज को कौन सा फल नहीं खाना चाहिए उनमें शामिल हैं –

  • अनानास,
  • पका केला,
  • तरबूज,
  • खरबूज,
  • पका पपीता,
  • लीची,
  • सूखे फल (जैसे- किशमिश),
  • आम,
  • चीकू,
  • फ्रूट जूस,
  • पैक्ड फ्रूट जूस,
  • डिब्बा बंद फल।

फलों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स चार्ट (Glycemic Index Fruits List for diabetic patient in Hindi)

नीचे दिए गई ग्लाइसेमिक इंडेक्स चार्ट (Glycemic index chart for fruits in Hindi) के माध्यम से आप यह जान पाएंगे की मधुमेह में कौन से फल खाने चाहिए और कौन से फल नहीं खाने चाहिए।

Low Glycemic Fruits

GI Index (<55)

Medium to High Glycemic Fruits

GI index (>55)

सेब (Apple) 39 पका अनन्नास (Pineapple) 73
चकोतरा (Pomelo) 22 किशमिश (Raisin) 64
संतरा (Orange) 52 तरबूज (Watermelon) 72
आडू (Peach) 28 खरबूज (Muskmelon) 65
नाशपाती (Pear) 38 पका केला  (Ripe Bananas) 62
आलूबुखारा (Plum) 27 पका पपीता (Over ripe Papaya) 60
कीवी (Kiwi) 50 आम (Mango) 56
मौसम्बी (Sweet Lemon) 40-50 चीकू (Chikoo) >70
सूखे खुबानी (Dried Apricot) 32
खजूर  (Date) 42
अनार (Pomegranate) 53
अंगूर (Grapes) 53
चेरी (Cherry) 22
जामुन (Black Berries) 25
अमरुद (Guava) 12    
Source- Healthline.com

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Question)

Q. क्या मधुमेह में चीकू खा सकते हैं?

Ans. चीकू का ग्लाइसेमिक इंडेक्स उच्च (>70) होता है, जो शुगर के मरीजों के लिए हानिकारक हो सकता है। इसके अलावा चीकू में कैलोरी भी बहुत अधिक होती है। यही कारण है कि मधुमेह रोगियों को चीकू कम खाने या नहीं खाने की सलाह दी जाती है।

Q. क्या मधुमेह में फ्रूट जूस पी सकते हैं?

Ans. फलों में मौजूद फाइबर शरीर में शुगर के अवशोषण को कम करते हैं जिससे ब्लड में शुगर की मात्रा नहीं बढ़ती है। हालांकि, फल खाने के बजाए यदि हम फ्रूट जूस का सेवन करते हैं तो फाइबर के न होने से यह रक्त में शुगर की मात्रा बढ़ा सकते हैं।

इसके अलावा फ्रूट जूस में शुगर की मात्रा फल की तुलना में अधिक होती है। साथ ही  फ्रूट जूस में एडिटिव्स, प्रिजर्वेटिव और अतिरिक्त कैलोरी हो सकती है जो रक्त शुगर को तेजी से बढ़ा सकती है। इसलिए मधुमेह में फ्रूट जूस पीने से बचना चाहिए।

Q. क्या मधुमेह में पैक्ड जूस पी सकते हैं?

Ans. पैक्ड फलों के रस में अधिक चीनी और कैलोरी होने से यह आपका अतरिक्त वजन बढ़ सकता है। अत्यधिक वजन उच्च रक्तचाप, स्ट्रोक, मधुमेह और अन्य नकारात्मक स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा फ्रूट जूस में एडिटिव्स और प्रिजर्वेटिव भी मिले हुए हो सकते हैं जो रक्त शुगर को तेजी से बढ़ा सकते हैं। इसलिए मधुमेह में पैक्ड फ्रूट जूस पीने से बचना चाहिए।

Q. शुगर में सेब खाना चाहिए या नहीं?

Ans. सेब का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) और ग्लाइसेमिक लोड (जीएल) दोनों ही कम होता है, जिसका अर्थ है सेब खाने से ब्लड शुगर की मात्रा तेजी से नहीं बढ़ेगी। इसलिए शुगर में सेब का सेवन किया जा सकता है।

Q. शुगर में मौसमी का जूस पीना चाहिए या नहीं?

Ans. जी हां, मधुमेह रोगी मौसम्बी का जूस पी सकते हैं। यह फाइबर में उच्च होते हैं और इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होता है। मधुमेह के रोगी के लिए मौसम्बी का सेवन बिल्कुल सुरक्षित है।

Q. शुगर में कौन सा जूस पीना चाहिए?

Ans. जिन फलों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) 55 से कम होता है ऐसे फल या उनका जूस मधुमेह में सुरक्षित माना जाता है। इस लिहाज से देखा जाए तो सेब, चकोतरा, संतरा और अनार जैसे फलों का जूस पिया जा सकता है।

Q. शुगर में गन्ने का जूस पीना चाहिए या नहीं?

Ans. मधुमेह में गन्ने का रस पीना एक खराब विकल्प है। क्योंकि गन्ने के रस का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) >55 से अधिक होता है। गन्ने के रस में मौजूद चीनी आपके रक्त शर्करा के स्तर को खतरनाक रूप से बढ़ा सकती है। इसलिए आपको इस पेय से पूरी तरह बचना चाहिए।

Q. शुगर में अनार का जूस पीना चाहिए या नहीं?

Ans. मधुमेह के रोगी अनार के फल और जूस का सेवन सीमित मात्रा में कर सकते हैं। अनार का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) <55 से कम होता है साथ ही अनार में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स ब्लड में शुगर कम करने में भी मदद करता है।

Q. क्या शुगर (डायबिटीज) में अनानास खा सकते हैं?

Ans. अनानास फाइबर, विटामिन सी और मैंगनीज का एक अच्छा स्रोत है। इसमें ब्रोमेलैन नामक यौगिक भी होता है, जिसके कई स्वास्थवर्धक लाभ हैं जिसमें घाव भरना, सूजन को ठीक करना, गठिया दर्द से राहत दिलाना, वजन घटना आदि शामिल हैं।

हालांकि, अनानास का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 73 तक होता है। अधिक ग्लाइसेमिक इंडेक्स होने के कारण अनानास ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा तेजी से बढ़ा सकता है। ऐसे में मधुमेह के रोगियों को अनानास के अधिक सेवन से बचना चाहिए।

Q. क्या शुगर (डायबिटीज) में पका केला खा सकते हैं?

Ans. केले में भरपूर मात्रा में विटामिन, खनिज, फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं इसके अलावा केला पोटैशियम का भी एक अच्छा स्रोत है जो रक्तचाप को कम करने में मदद करता है और हृदय स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाता है।

Q. क्या शुगर (डायबिटीज) में तरबूज खा सकते हैं?

Ans. तरबूज में लगभग 92% पानी होता है जो आपको हाइड्रेट रखता है। तरबूज खनिज, फाइबर और विटामिन्स से भरपूर होते हैं। इसके अलावा तबूज में बीटा कैरोटीन और लाइकोपीन जैसे एंटीऑक्सीडेंट भी मौजूद रहते हैं जो स्वस्थ के लिए काफी लाभदायक माने जाते हैं। परन्तु तरबूज का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 72 होने के कारण ये ब्लड में शुगर की मात्रा को तेजी से बढ़ा सकता है। ऐसे में मधुमेह रोगियों को तरबूज के सेवन से बचना चाहिए।

Q. क्या शुगर (डायबिटीज) में खरबूजा खा सकते हैं?

Ans. खरबूजा उच्च रक्तचाप के जोखिम से बचाता है, पाचन में सुधार करता है, प्रतिरक्षा को बढ़ाता है और आपको हाइड्रेटेड रखता है। लेकिन क्या मधुमेह रोगी खरबूजे खा सकते हैं? यह एक मिथक है कि तरबूज और खरबूजे आपके रक्त शर्करा को नहीं बढ़ाएंगे क्योंकि उनमें पानी की मात्रा अधिक होती है।

खरबूजे का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 65 होने के कारण यह रक्त में शर्करा की मात्रा को बढ़ा सकता है। इसलिए मधुमेह में खरबूजे के अधिक सेवन से बचना चाहिए।

Q. क्या शुगर (डायबिटीज) में पपीता खा सकते हैं?

Ans. पपीते में चीनी की मात्रा अधिक होने के कारण इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI= 60) अन्य फलों की तुलना में अधिक होता है। इस लिहाज से पपीते का ज्यादा सेवन मधुमेह में नुकसानदायक हो सकता है। हालांकि डायबिटीज में सीमित मात्रा में पपीता खाने के कई फायदे हैं।

पपीता विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन ई और विटामिन के का एक उत्कृष्ट स्रोत है, साथ ही इनमें फाइबर भी अधिक होता है जो पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं।कच्चा या कम पका हुआ पपीता मधुमेह में खाया जा सकता है।

Q. क्या डायबिटीज में लीची खा सकते हैं?

Ans. लीची का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 50 होता है इस लिहज से लीची खाना मधुमेह रोगियों के लिए हानिकारक नहीं मानी जाती है। हालांकि, ऐसे मधुमेह रोगी जिनका ब्लड शुगर नियंत्रित नहीं रहता हैं उन्हें लीची का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। इसके अलावा लीची का सेवन खाने के बाद या रात में सोने से पहले नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से यह आपका ब्लड शुगर लेवल तेजी से बढ़ सकता है। हालांकि, मधुमेह रोगी जिनका रक्त शुगर (Blood sugar) नियंत्रित है वह एक बार में लगभग 6 लीची खा सकते हैं।

Q. क्या डायबिटीज में सूखे फल खा सकते हैं?

Ans. सूखे फलों में ताजे फलों के मुकाबले ज्यादा शुगर होती है जिस कारण सूखे फल मधुमेह में हानिकारक हो सकते हैं। अगर किशमिश की बात करें तो किसमिस का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 64 होता है। जिसकारण यह आपका ब्लड शुगर लेवल तेजी से बढ़ सकती है। इसलिए मधुमेह में किशमिश के सेवन से बचना चाहिए।

हालांकि, अन्य सूखे फलों जैसे खजूर और खुबानी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 55 से कम होता है। इसलिए मधुमेह में किशमिश के बजाए इन सूखे फलों का सेवन करना ज्यादा उचित है। लेकिन इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि सूखे फल (<30gm) जरुरत से ज्यादा ना खाएं।

Q. क्या मधुमेह में आम खा सकते हैं?

Ans. आम एक मीठा फल है जिसमें उच्च स्तर की प्राकृतिक चीनी होती है। इनमें फाइबर और विभिन्न प्रकार के विटामिन और खनिज भी होते हैं, जो स्वास्थ के लिए काफी स्वास्थवर्धक होते हैं। परन्तु आम का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 56 होने के कारण यह मधुमेह रोगियों का रक्त शर्करा बढ़ा सकते हैं।

यही वजह है कि मधुमेह रोगियों को आम कम खाने या आम नहीं खाने की सलाह दी जाती है। हालांकि, आप आम की जगह जामुन को चुन सकते हैं जिसमें शुगर की  मात्रा कम होती है और इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी 25 होता है।

निष्कर्ष | Conclusion

मधुमेह एक जटिल बीमारी है जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है। मधुमेह से पीड़ित लोग भोजन से प्राप्त चीनी का ठीक से उपयोग नहीं कर पाते हैं। नतीजतन, उनका रक्त शर्करा बढ़ जाता है। इसलिए डायबिटीज में ऐसा आहार चुनना बहुत जरूरी है जो ब्लड शुगर लेवल को तेजी से न बढ़ाएं।

ग्लाइसेमिक इंडेक्स एक ऐसा टूल है जिसके जरिये आप यह जान पाएंगे कि कोई खाद्य पदार्थ ब्लड में कितनी तेजी से शुगर को बढ़ा सकता है। किसी भोजन का ग्लाइसेमिक इंडेक्स जितना अधिक होगा, वह उतनी ही तेजी से रक्त शर्करा बढ़ा सकता है। अधिक ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फल डायबिटीज में न केवल रक्त शर्करा को बड़ा सकते हैं, बल्कि मधुमेह में अतरिक्त वजन, कैंसर और हृदय रोग जैसी गंभीर बिमारियों का जोखिम पैदा कर सकते हैं। इसलिए ऐसे फलों का चयन ना करें जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज्यादा हो।

और पढ़ें – सुपरफूड क्या हैं, जानिए इसके स्वास्थ्यवर्धक फायदे।


Disclaimer : ऊपर दी गई जानकारी पूरी तरह से शैक्षणिक दृष्टिकोण से दी गई है। इस जानकारी का उपयोग किसी भी बीमारी के निदान या उपचार हेतु बिना विशेषज्ञ की सलाह के नहीं किया जाना चाहिए। इसके अलावा किसी भी चीज को अपनी डाइट में शामिल करने या हटाने से पहले किसी योग्य डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ (Dietitian) की सलाह जरूर लें।

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सन्दर्भ (References)

1. McRae MP. Dietary Fiber Intake and Type 2 Diabetes Mellitus: An Umbrella Review of Meta-analyses. J Chiropr Med. 2018;17(1):44-53.

2. Dreher ML. Whole Fruits and Fruit Fiber Emerging Health Effects. Nutrients. 2018 Nov 28;10(12):1833. doi: 10.3390/nu10121833.

3. Muraki I, Imamura F, Manson JE, et al. Fruit consumption and risk of type 2 diabetes: results from three prospective longitudinal cohort studies [published correction appears in BMJ. 2013;347:f6935]. BMJ. 2013;347:f5001.

4. Björck I, Elmståhl HL. The glycaemic index: importance of dietary fibre and other food properties. Proc Nutr Soc. 2003 Feb;62(1):201-6.

5. Vlachos D, Malisova S, Lindberg FA, Karaniki G. Glycemic Index (GI) or Glycemic Load (GL) and Dietary Interventions for Optimizing Postprandial Hyperglycemia in Patients with T2 Diabetes: A Review. Nutrients. 2020;12(6):1561.

6. Vega-López S, Venn BJ, Slavin JL. Relevance of the Glycemic Index and Glycemic Load for Body Weight, Diabetes, and Cardiovascular Disease. Nutrients. 2018;10(10):1361.

8. Park HA. Fruit Intake to Prevent and Control Hypertension and Diabetes. Korean J Fam Med. 2021;42(1):9-16.

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