ओमेगा 3 फैटी एसिड एक प्रकार का महत्वपूर्ण वसा है, जो अचानक हृदय से होने वाली मृत्यु के जोखिम को कम कर सकता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि ओमेगा 3 रक्त में मौजूद लिपिड (कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड) के स्तर में सुधार ला सकता है और कोरोनरी हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। हालांकि, ज्यादातर लोग अभी भी ओमेगा 3 के फायदे और इसके प्राकृतिक स्रोत के बारे में नहीं जानते हैं। इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको ओमेगा 3 फैटी एसिड के फायदे (Benefits of Omega 3 Fatty Acid in Hindi) और प्राकृतिक स्रोत (Natural source of omega 3 in Hindi) के बारे में बता रहे हैं।
ओमेगा 3 फैटी एसिड क्या है? (What is Omega 3 in Hindi)
ओमेगा 3 फैटी एसिड (Omega 3 in Hindi) हमारे शरीर के लिए एक महत्वपूर्ण फैटी एसिड (पॉलीअनसैचुरेटेड वसा) है, जो शरीर की कोशिकाओं और मांसपेशियों को कार्य करने के लिए ताकत प्रदान करता है। इसके अलावा ओमेगा 3, दिल को स्वस्थ रखने और स्ट्रोक से बचाने में भी हमारी मदद करता है।
हमारा शरीर ओमेगा 3 फैटी एसिड को प्राकृतिक रूप से नहीं बना पाता है, इसलिए ओमेगा 3 हमें अपने आहार में शामिल करना जरुरी होता है।
ओमेगा 3 फैटी एसिड के स्रोत (Natural Source of Omega 3 in Hindi)
ओमेगा -3 फैटी एसिड के प्राकृतिक स्रोत शाकाहारी और मांसाहारी दोनों हैं। वसायुक्त मछलियां, ओमेगा -3 का एक उत्कृष्ट आहार स्रोत मानी जाती हैं, जबकि शाकाहारी लोग ओमेगा 3 सब्जियों, नट्स और बीजों से प्राप्त कर सकते हैं। तो चलिए अब समझते हैं ओमेगा-3 फैटी एसिड किसमें पाया जाता है।
1. ओमेगा-3 फैटी एसिड के शाकाहारी स्रोत (Source of omega 3 for vegetarians in Hindi)
ओमेगा-3 फैटी एसिड के शाकाहारी स्रोत (Omega-3 sources in Hindi) निम्नलिखित हैं-
- अखरोट -28 ग्राम अखरोट में लगभग 2,570 मिलीग्राम ओमेगा-3 होता है।
- चिया बीज – 28 ग्राम चिया बीज में लगभग 5,060 मिलीग्राम ओमेगा 3 होता है।
- अलसी सीड्स / फ्लैक्स सीड्स – 10.3 ग्राम राजमा (बीन्स) में लगभग 2,350 मिलीग्राम ओमेगा 3 होता है।
- राजमा – आधा कप राजमा में लगभग 0.10 ग्राम ओमेगा-3 होता है।
- भांग के बीज – तीन चम्मच भांग के बीज में लगभग 2.605 मिलीग्राम ओमेगा-3 होता है।
- सोयाबीन – 124 ग्राम फूलगोभी में लगभग 0.21 ग्राम ओमेगा-3 होता है।
- फूलगोभी – 47 ग्राम फूलगोभी में लगभग 670 मिलीग्राम ओमेगा 3 होता है।
- कैनोला ऑयल – एक चम्मच कैनोला ऑयल में लगभग 1.28 ग्राम ओमेगा-3 होता है।
- सोयाबीन की फलियां – आधा कप राजमा में लगभग 0.28 ग्राम ओमेगा 3 होता है।
- कोल्ड लिवर आयल – एक चम्मच कोल्ड लिवर आयल में लगभग 2,682 मिलीग्राम ओमेगा- 3 होता है।
2. ओमेगा 3 के मांसाहारी स्रोत (Source of omega 3 for non-vegetarians in Hindi)
ओमेगा-3 फैटी एसिड के मांसाहारी स्रोत निम्नलिखित हैं-
- सैल्मन मछली – 100 ग्राम सैल्मन मछली में 2,260 मिलीग्राम तक ओमेगा-3 होता है।
- मैकेरल मछली – 100 ग्राम मैकेरल मछली में 5,134 मिलीग्राम तक ओमेगा- 3 होता है।
- सार्डिन मछली – 149 ग्राम सार्डिन मछली में 2,205 मिलीग्राम तक ओमेगा- 3 होता है।
- अंडे – एक अंडे में 100 to 500 मिलीग्राम तक ओमेगा- 3 होता है।
3. ओमेगा 3 फैटी एसिड कैप्सूल (Omega 3 capsules in Hindi)
सप्लीमेंट के रूप में भी ओमेगा 3 लिया जा सकता है। जिसका सर्वोत्तम उदाहरण है फिश ऑयल (मछली का तेल)। यह फिश ऑयल, ओमेगा-3 कैप्सूल के रूप में उपलब्ध होता है। इसके अलावा बाजार में ओमेगा 3 के शाकाहारी कैप्सूल भी उपलब्ध हैं। जिसे आप किसी भी मेडिकल स्टोर या अमेज़न (Amazon) और फ्लिपकार्ट (Flipkart) द्वारा मगवा सकते हैं।
चलिए अब समझते हैं ओमेगा 3 फैटी एसिड के फायदे क्या हैं।
हेल्थ के लिए ओमेगा 3 फैटी एसिड के फायदे (Benefits of Omega 3 Fatty Acid in Hindi)
ओमेगा 3 के सेवन से अनेक स्वास्थवर्धक फायदे प्राप्त हो सकते हैं। ओमेगा 3 फैटी एसिड के फायदे नीचे बताए गए हैं –
1. पोस्टपार्टम डिप्रेशन में है ओमेगा 3 फैटी एसिड खाने के फायदे (Omega 3 Fatty Acid Benefits for postpartum depression in Hindi)
पोस्टपार्टम डिप्रेशन में ओमेगा 3 खाने के फायदे हैं। दरअसल डिलीवरी के बाद ज्यादातर महिलाएं प्रसवोत्तर अवसाद (पोस्टपार्टम डिप्रेशन) से पीड़ित होती हैं।
पोस्टपार्टम डिप्रेशन एक गंभीर मानसिक बीमारी (तनाव) है जो महिलाओं के व्यवहार और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। पोस्टपार्टम डिप्रेशन से ग्रस्त महिलाओं में चिड़चिड़ापन, चिंता, उदासी, निराशा, अकेलापन और भूख कम या ज्यादा लगना समेत कई लक्षण नजर आते हैं।
2018 में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, जो महिलाऐं प्रेगनेंसी के पहले और बाद ओमेगा 3 फैटी एसिड जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करती हैं उनमें डिप्रेशन आने की सम्भावना काफी हद तक कम रहती है। इसके अलावा, ओमेगा 3 से भरपूर डाइट मानसिक स्वास्थ्य में सुधार लाने में भी मदद कर सकता है।
2. नेत्र स्वास्थ्य को बनाए रखने में ओमेगा 3 फैटी एसिड के फायदे (Omega 3 capsules benefits for eyes in Hindi)
ओमेगा 3 फैटी एसिड आँख में मौजूद रेटिना को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। जिससे मैकुलर डिजनरेशन जैसे रोग से बचा जा सकता है।मैकुलर डिजनरेशन एक प्रकार का दृष्टि दोष है। कई बार रोगी इस रोग से अंधेपन का शिकार हो जाते हैं। इसके अलावा ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे आहार, ग्लूकोमा जैसी आँख की बीमारी को रोकने और आँख के सूखेपन को दूर करने भी मदद करते हैं।
3. हृदय जोखिमों को कम करने में ओमेगा 3 के लाभ (Omega 3 capsules benefits for cardiovascular disease in Hindi)
दिल को स्वस्थ रखने के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड को कई लाभों से जोड़ा गया है। जिसमें शामिल हैं-
- उच्च रक्तचाप के स्तर को कम करना
- “अच्छे” एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकता है।
- दिल और दिमाग में ब्लड क्लॉट को बनने से रोक सकता है।
- शरीर की सूजन कम कर सकता है।
- असामान्य हृदय गति की संभावना को कम कर सकता है।
4. ओमेगा 3 का उपयोग भ्रूण के स्वस्थ विकास के लिए (Omega 3 Fatty Acid Benefits for fetus development in Hindi)
गर्भावस्था के दौरान ओमेगा 3 के लाभ भ्रूण के स्वस्थ विकास में मदद करना है, विशेष रूप से भ्रूण के मस्तिष्क और आंखों का। यही कारण है कि विशेषज्ञ गर्भावस्था के दौरान ओमेगा 3 से युक्त आहार खाने की सलाह देते हैं।
5. एकाग्रता को बढ़ाने में ओमेगा 3 खाने के फायदे (Omega 3 benefits for brain in Hindi)
एकाग्रता बढ़ाने के लिए ओमेगा 3 फैटी एसिड का सेवन फायदेमंद हो सकता है। यदि काम करते समय आपका मन और ध्यान बार-बार भटक रहा हो, तो ओमेगा-3 फैटी एसिड एकाग्रता बढ़ाने में आपकी मदद कर सकते हैं।
6. त्वचा को स्वस्थ बनाने में ओमेगा 3 का फायदा (Omega 3 capsules for skin care in Hindi)
ओमेगा -3 फैटी एसिड स्किन को मुलायम, नमी युक्त और झुर्रियों से मुक्त रखने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा ओमेगा-3 का उपयोग त्वचा के कई रोगों के इलाज और रोकथाम के लिए भी किया जाता है, साथ ही यह चेहरे में होने वाले मुहासों की रोकथाम में भी मदद कर सकते हैं।
7. नींद की गुणवत्ता को बढ़ाने में ओमेगा 3 के फायदे (Benefits of omega 3 for good sleep in Hindi)
शरीर में ओमेगा 3 फैटी एसिड का निम्न स्तर नींद न आने की समस्या को बढ़ा सकता है। बच्चों और वयस्कों में किये गए एक अध्ययन से पता चलता है कि ओमेगा-3 नींद की गुणवत्ता और नींद के समय को बढ़ाने (Benefits of omega-3 in Hindi) में मददगार कर सकता है।
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8. ओमेगा-3 फैटी एसिड का फायदा अस्थमा के इलाज में (Benefits of omega 3 fatty acids for asthma in Hindi)
ओमेगा 3 फैटी एसिड में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होने के कारण ये अस्थमा जैसी बीमारी से बचाव में कारगर साबित हो सकता है। शोध के अनुसार आहार में ओमेगा-3 का सेवन बच्चों को अस्थमा के लक्षणों से बचा सकता है।
फिलहाल, ओमेगा 3 फैटी एसिड अस्थमा के इलाज के लिए कितना कारगर है इस विषय पर अभी और शोध किए जाने की जरूरत है।
9. रूमेटाइड अर्थराइटिस के इलाज में ओमेगा 3 के फायदे (Omega 3 capsules benefits for rheumatoid arthritis in Hindi)
कई अध्ययनों में पाया गया है कि मछली का तेल (ओमेगा-3) जोड़ों के दर्द और सुबह की जकड़न सहित रूमेटाइड अर्थराइटिस यानी गठिया के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।
एक अध्ययन से पता चलता है कि गठिया से पीड़ित लोग अगर मछली के तेल का सही से सेवन करें, तो उनमें गठिया के लक्षणों को कम किया जा सकता है। प्रयोगशाला अध्ययनों से भी पता चलता है कि ओमेगा -3 फैटी एसिड से भरपूर आहार ऑस्टियोआर्थराइटिस के लक्षणों को कम कर सकते हैं।
अन्य अध्ययन बताते हैं कि ओमेगा -3 फैटी एसिड का उपयोग अगर एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाओं के साथ किया जाए तो यह जोड़ों के दर्द को काफी हद तक कम कर सकते हैं।
इसलिए ओमेगा 3 का सेवन रूमेटाइड अर्थराइटिस के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है।
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10. वजन घटाने में ओमेगा 3 खाने के फायदे (Omega 3 fatty acid for weight loss in Hindi)
वजन घटाने के लिए अलसी (Flaxseed) के बीज सबसे ज्यादा उपयोगी होते हैं। अलसी के बीज में ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है, जो वजन घटाने में मदद करता है और शरीर में अतरिक्त चर्बी का जमाव नहीं होने देते हैं जिससे वजन नियंत्रण में रहता है। अलसी का उपयोग आमतौर पर पाचन स्वास्थ्य में सुधार या कब्ज दूर करने के लिए किया जाता है।
इसके आलावा अलसी कुल रक्त कोलेस्ट्रॉल और कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एलडीएल, या “खराब”) कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में भी मदद कर सकता है, जो हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद करता है।
क्या हैं ओमेगा 3 फैटी एसिड के प्रकार? (Types of Omega 3 Fatty Acid in Hindi)
ओमेगा 3 फैटी एसिड के तीन मुख्य प्रकार हैं-
- एएलए (ALA/ अल्फा-लिनोलेनिक एसिड)
- डीएचए (DHA/ डोकोसाहेक्साएनोइक एसिड)
- ईपीए (EPA/ ईकोसापेन्टैनेनोइक एसिड)
ALA ज्यादातर पौधों के तेलों में मौजूद होता है जैसे चिया सीड्स, अलसी और अखरोट, जबकि DHA और EPA प्रकार का ओमेगा 3 फैटी एसिड, ज्यादातर पशु खाद्य पदार्थों में मिलता है जैसे मैकेरल, सैल्मन, हेरिंग और सार्डिन।
क्या हैं ओमेगा 3 की कमी से होने वाले रोग? (Omega 3 Fatty Acid Deficiency Disease in Hindi)
ओमेगा-3 वसा की कमी आपके स्वास्थ्य में नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। जिससे आप अनेक रोगों से ग्रस्त हो सकते हैं।
ओमेगा 3 फैटी एसिड की कमी से होने वाले संभावित रोग नीचे बताए गए हैं –
- हृदय संबंधित रोग – Cardiovascular diseases
- पार्किंसन रोग – Parkinson’s disease
- ग्लूकोमा रोग – Glaucoma eye disease
- अल्जाइमर रोग – Alzheimer’s disease
- त्वचा सम्बन्धी रोग – Skin diseases
- बालों और नाखूनों में समस्या – Hair and Nail problems
- नींद ना आना – Sleep disorder
- डिप्रेशन – Depression
- रूमेटाइड अर्थराइटिस यानी गठिया रोग – Rheumatoid arthritis disease
ओमेगा-3 की कमी के लक्षण क्या हैं? (Omega 3 Deficiency Symptoms in Hindi)
ओमेगा 3 फैटी एसिड की कमी के लक्षण निम्लिखित दिख सकते हैं।
- साफ ना दिखाए देना,
- डिप्रेशन होना,
- रात में नींद ना आना,
- एकाग्रता में कमी होना,
- आखों का सूखापन होना,
- हाथ और पेरो में बढ़ी हुई सूजन,
- हार्ट संबंधित समस्याएं होना,
- प्रतिरक्षा प्रणाली का कमजोर होना जिससे सर्दी, जुखाम और बुखार आसानी से होना,
- मनोदशा संबंधी विकार जैसे अवसाद और चिंता,
- त्वचा की समस्या होना जैसे खुरदरी त्वचा, सूजन और घाव, आदि।
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ये हैं ओमेगा 3 फैटी एसिड के फायदे और प्राकृतिक स्रोत। कमेंट में बताएं आपको Benefits of Omega 3 Fatty Acid in Hindi पोस्ट कैसी लगी। अगर पोस्ट पसंद आई हो तो इसे शेयर जरूर करें।
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Disclaimer : ऊपर दी गई जानकारी पूरी तरह से शैक्षणिक दृष्टिकोण से दी गई है। इस जानकारी का उपयोग किसी भी बीमारी के निदान या उपचार हेतु बिना विशेषज्ञ की सलाह के नहीं किया जाना चाहिए साथ ही किसी भी चीज को अपनी डाइट में शामिल करने या हटाने से पहले किसी योग्य डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ (Dietitian) की सलाह जरूर लें।
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