प्री-डायबिटीज जिसे बॉर्डरलाइन डायबिटीज या पूर्व मधुमेह भी कहा जाता है एक ऐसी स्वास्थ्य स्थिति है जिसमें रक्त में शर्करा का स्तर सामान्य से अधिक होता है, परन्तु यह स्तर इतना अधिक नहीं है कि इसे मधुमेह कहा जा सके। रिसर्च के अनुसार, प्री डायबिटीज का डायबिटीज में बदलने की सम्भावना 50% से अधिक होती है। इसलिए प्रीडायबिटीज की स्थिति में ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित बनाए रखना जरुरी है। इस पोस्ट में हम आपको प्री डायबिटीज क्या है?, प्री-डायबिटीज के लक्षण, कारण और इसके उपचार के बारे में बता रहे हैं। तो आइये Prediabetes meaning in Hindi पोस्ट को शुरू करते हैं।
प्री डायबिटीज का अर्थ (Prediabetes meaning in Hindi)
प्री डायबिटीज का मतलब है कि मरीज का ब्लड शुगर लेवल सामान्य से ज्यादा है। परन्तु, यह इतना अधिक नहीं है कि इसे टाइप 2 मधुमेह कहा जा सके। (1)
प्रीडायबिटीज स्थिति अच्छी नहीं मानी जाती है। क्योंकि, यदि इसे अनुपचारित (untreated) छोड़ दिया जाए, तो प्रीडायबिटीज टाइप 2 मधुमेह में बदल सकती है। साथ ही यह स्थिति हृदय रोग, स्ट्रोक, किडनी रोग सहित अन्य स्वास्थ्य सम्बन्धी जटिलताओं को भी जन्म दे सकती है। (2)
कई डॉक्टर प्रीडायबिटीज को टाइप 2 डायबिटीज होने का का पहला चरण या टाइप 2 डायबिटीज होने की शुरुवात मानते हैं। सौभाग्य से, प्री-डायबिटीज स्थिति को ठीक किया जा सकता है।
प्री डायबिटीज अन्य नामों से भी जाना जाता है। जिसमें शामिल हैं –
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बॉर्डरलाइन डायबिटीज – Borderline diabetes
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हाइपोग्लाइसेमिया – Hyperglycemia, which means “high blood sugar”
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ग्लूकोज टॉलरेंस – Glucose intolerance
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इम्पाइरेड फास्टिंग ग्लूकोस – Impaired fasting glucose
यदि आपको प्री-डायबिटीज है तो मधुमेह होने की संभावना कितनी है?
प्री डायबिटीज (Borderline diabetes) से पीड़ित 50 प्रतिशत लोगों को 5-10 साल के भीतर टाइप 2 डायबिटीज होने की सम्भावना रहती है (3)।
हालांकि, प्री डायबिटीज होने का मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि आपको टाइप 2 डायबिटीज हो जाएगी। डॉक्टर प्रीडायबिटीज की स्थिति को खराब होने से बचाने के लिए कई प्रभावी योजना बना सकते हैं, ताकि आपको टाइप 2 मधुमेह से बचाया जा सके।
प्रभावी योजना का अर्थ है जीवनशैली में बदलाव। जिसमें स्वस्थ आहार खाना और व्यायाम करना शामिल है।
क्या हैं प्री डायबिटीज के शुरुआती प्रमुख लक्षण? (Early Symptoms of Pre-diabetes in Hindi)
पूर्व मधुमेह (बॉर्डरलाइन डायबिटीज) के कोई स्पष्ट लक्षण नहीं है। प्री-डायबिटीज के तब तक कोई लक्षण दिखाए नहीं देते हैं जब तक कि प्री-डायबिटीज टाइप 2 मधुमेह में विकसित न हो जाए। हालांकि, त्वचा के रंग का गहरा होना या गहरे धब्बे पड़ना, प्री-डायबिटीज के शुरुवाती लक्षण हो सकते हैं। इसके अलावा प्री डायबिटीज की स्थिति में त्वचा के रंग में भी बदलाव देखा जा सकता है। (4)
जैसे-
- कोहनी के रंग में बदलाव,
- बगल के रंग में बदलाव,
- घुटने की त्वचा के रंग का बदलना,
- गले और गर्दन की स्किन में बदलाव होना,
- आर्मपिट की त्वचा के रंग का बदलना।
प्री-डायबिटीज के अन्य लक्षण में शामिल हो सकते हैं- (5)
- मुँह सूखना,
- अधिक प्यास लगना,
- पेशाब का बार बार आना,
- अतिरिक्त भूख,
- अधिक थकान,
- धुंधली दृष्टि,
- चोट या घाव का जल्दी न भरना,
- किसी भी तरह के संक्रमण का जल्दी ठीक न होना।
और पढ़ें – किडनी स्टोन में लो ऑक्सलेट डाइट के फायदे
क्या है प्री-डायबिटीज का कारण? (Causes of Pre-diabetes in Hindi)
बॉर्डरलाइन डायबिटीज (प्री-डायबिटीज) का सटीक कारण अभी तक ज्ञात नहीं है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि पारिवारिक इतिहास और कुछ जेनेटिक्स फैक्टर इस रोग का कारण हो सकते हैं। (9)
इसके अलावा शारीरिक गतिविधि में कमी या मोटापे का अधिक होना भी प्री-डायबिटीज का कारण बन सकता है। (10)
दरअसल, हम जब भी कुछ खाते हैं, तो हमारा शरीर कार्बोहाइड्रेट को तोड़कर इसे ग्लूकोज़ में बदल देता है। इसके बाद इंसुलिन हॉर्मोन (insulin hormone) कोशिकाओं (cells) को ग्लूकोज़ सोखने का निर्देश देती हैं। ग्लूकोज़ सोखने से कोशिकाओं को ऊर्जा मिलती है और वह अपना कार्य आसानी से कर पाती हैं। (11)
परन्तु डायबिटीज के केस में आपका शरीर या तो पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता है, या जो इंसुलिन बनाता है उसका शरीर प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं कर पाता है। जिसकारण रक्त में ग्लूकोस का स्तर बढ़ जाता है। यह स्थति इंसुलिन प्रतिरोध (Insulin resistance) के कारण आती है। इंसुलिन प्रतिरोध का मतलब है शरीर द्वारा इंसुलिन का उपयोग न किया जाना है। (12)
और पढ़ें – मेनियार्स रोग क्या है? जानिए इसके लक्षण, कारण और इलाज
प्री-डायबिटीज रेंज (Prediabetes range in Hindi)
आप प्री-डायबिटिक है या नहीं इसके लिए डॉक्टर आपके कुछ ब्लड टेस्ट करवा सकते हैं। जिसमें फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट, ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट और हीमोग्लोबिन A1C शुगर टेस्ट प्रमुख हैं।
यदि आपका फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल (12 घंटे उपवास के बाद) <100mg/dL से कम है, तो इसका मतलब है आपको डायबिटीज नहीं है। प्री डायबिटीज रेंज 100-125 mg/dL के बीच होती है। मतलब, अगर आपका ब्लड शुगर लेवल इस रेंज में है तो आप प्री-डायबिटिक कहलाएंगे। >125 mg/dL से अधिक रक्त शर्करा का स्तर मधुमेह श्रेणी में आता है।
इसके आलावा डॉक्टर ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट और हीमोग्लोबिन A1C शुगर टेस्ट भी करवा सकते हैं। जिनकी रेंज आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं।
शुगर टेस्ट |
नॉर्मल |
प्री-डायबिटीज |
डायबिटीज |
फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट (12 घंटे उपवास के बाद) |
<100mg/dL | 100-125 mg/dL | >125 mg/dL |
ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट |
140 mg/dL (7.8 mmol/L) | 140 से 199 mg/dL (7.8 से 11.0 mmol/L) | >199 mg/dL |
हीमोग्लोबिन A1C शुगर टेस्ट |
<5.7% | 5.7%-6.4% | >6.5% |
बॉर्डरलाइन डायबिटीज (प्री डायबिटीज) और डायबिटीज में अंतर (Prediabetes vs Diabetes in Hindi)
नीचे दी गई टेबल में आप प्री-डायबिटीज और डायबिटीज के बीच अंतर जान सकते हैं।
प्री डायबिटीज |
डायबिटीज |
|
परिभाषा |
प्रीडायबिटीज तब कहा जाता है जब किसी व्यक्ति के रक्त शर्करा का स्तर सामान्य से अधिक होता है। |
डायबिटीज तब कहा जाता है जब व्यक्ति के रक्त शर्करा का स्तर उच्च होता है। |
प्रकार |
कोई प्रकार नहीं हैं। |
|
ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट |
रेंज 140 से 199 mg/dL (7.8 से 11.0 mmol/L) के बीच रहती है। |
रेंज >199 mg/dL (11.1 mmol/L) से उच्च होती है। |
फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट |
रेंज 100-126 mg/dL के बीच रहती है। |
रेंज >126 mg/dL से उच्च होती है। |
हीमोग्लोबिन A1C शुगर टेस्ट |
रेंज 5.7%-6.4% के बीच रहती है। |
रेंज >6.5% से उच्च होती है। |
लक्षण |
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इलाज |
ज्यादातर मामलों में डॉक्टर रोगी के जीवनशैली में बदलाव लाकर प्रीडायबिटीज इलाज शरू कर सकते हैं। जिसमें स्वस्थ भोजन लेना और व्यायाम करना शामिल हैं। |
डॉक्टर जीवनशैली में बदलाव और मेटफॉर्मिन जैसी दवा लेने की सलाह दे सकते हैं। |
क्या प्रीडायबिटीज को रोका जा सकता है? (Can prediabetes be prevented or avoided in Hindi)
जी हैं, प्रीडायबिटीज के जोखिम को कम किया जा सकता है।
आमतौर पर प्रीडायबिटीज का बचाव अतरिक्त वजन कम करके किया जाता है। इसके अलावा लो कर्ब आहार लेकर और नियमित रूप से व्यायाम करके भी इस रोग से बचा जा सकता है या प्रीडायबिटीज को टाइप 2 डायबिटीज में बदलने में देरी की जा सकती है।
प्रीडायबिटीज या मधुमेह की स्थति जितने अधिक समय तक रहती है उतनी ही अधिक स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होती है। जिसमें ह्रदय रोग, किडनी का खराब होना आदि शामिल हैं।
इसलिए बीमारी के शुरुवाती दौर में ही प्रीडायबिटीज का इलाज शुरू कर देना चाहिए।
और पढ़ें – लो कैलोरी डाइट के फायदे, नुकसान और आहार योजना।
पूर्व मधुमेह का उपचार (Treatment of Prediabetes in Hindi)
पूर्व मधुमेह (Borderline diabetes) का कोई स्पष्ट उपचार नहीं है। ज्यादातर मामलों में डॉक्टर जीवनशैली में बदलाव और पौष्टिक आहार लेने की सलाह देते हैं।
1. स्वस्थ भोजन का सेवन करें स्वस्थ
भोजन रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ने से रोक सकता है। फलों, सब्जियों, लीन प्रोटीन, स्वस्थ वसा जैसे नट्स के बीज वनस्पति तेल, साबुत दालें और साबुत अनाज का सेवन प्रीडायबिटीज के जोखिम को कम करता है। इसके अलावा पूर्व मधुमेह में साधारण शर्करा, वसा में कम और फाइबर में उच्च भोजन खाएं।
2. व्यायाम और गतिविधि
व्यायाम रक्त शर्करा के स्तर को कम करता है और इंसुलिन के प्रति आपके शरीर की संवेदनशीलता को बढ़ाता है। रोजाना एरोबिक व्यायाम और 30min की दौड़ आपको स्वस्थ रखता है।
3. धूम्रपान ना करें
प्रीडायबिटीज या डायबिटीज की स्थिति में धूम्रपान छोड़ने की सलह दी जाती है। धूम्रपान छोड़ने से इंसुलिन को अधिक कुशलता से काम करने में मदद मिलती है।
4. दवाएं
मधुमेह के जोखिम को कम करने के लिए डॉक्टर मेटफॉर्मिन जैसी दवाओं की सिफारिश कर सकते हैं।
प्री-डायबिटीज डाइट (Prediabetes diet in Hindi)
डॉक्टर प्री-डायबिटीज में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) वाले खाद्य पदार्थ खाने की सलाह दे सकते हैं।
किसी खाद्य पदार्थ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 0 से 100 के बीच में होता है। इस इंडेक्स (सूचकांक) के आधार पर, खाद्य पदार्थों को निम्न, मध्यम या उच्च ग्लाइसेमिक खाद्य पदार्थों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
ध्यान रहे किसी भोजन का जीआई इंडेक्स जितना अधिक होगा, वह उतनी ही तेजी से रक्त शर्करा बढ़ा सकता है। ऐसे खाद्य पदार्थ जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स <55 से कम होता है, प्री-डायबिटीज या डायबिटीज में अच्छे माने जाते हैं।
प्री-डायबिटीज रोगी सब्जियों में ब्रोकोली, पत्ता गोभी, पालक, केल, मेथी, गाजर, तोरी, शतावरी, टमाटर और मशरूम खा सकते हैं। जामुन, चकोतरा, संतरा, आडू, नाशपाती जैसे फल प्री-डायबिटीज में अच्छे माने जाते हैं। इसके अलावा प्री-डायबिटीज रोगी साबुत अनाज में ब्राउन राइस, ओट्स, ओट्स, राई और जौ खा सकते हैं।
और पढ़ें – डायबिटीज से लेकर कैंसर तक में साबुत अनाज के फायदे
प्री-डायबिटीज में क्या खाना चाहिए? – Foods to eat in Prediabetes in Hindi
प्री-डायबिटीज में क्या खाना चाहिए? इसे आप नीचे दिए गई प्री-डायबिटीज डाइट प्लान में देख सकते हैं-
सब्जियां | फल | साबुत अनाज | डेयरी उत्पाद |
ग्लाइसेमिक इंडेक्स <55 | |||
ब्रोकोली (Broccoli) |
जामुन (Black Berries) |
ब्राउन राइस (Brown Rice) |
बादाम का दूध (Almond Milk) |
पत्ता गोभी (Cabbage) |
चकोतरा (Pomelo) |
ओट्स (Oats) |
नारियल का दूध (Coconut Milk) |
गोभी (Cauliflower) |
संतरा (Orange) |
राई (Rye) |
मैकाडामिया दूध (Macadamia Milk) |
पालक (Spinach) |
आडू (Peach) |
जौ (Barley) |
अलसी का दूध (Linseed Milk) |
केल (Kale) |
नाशपाती (Pear) |
बल्गर यानि मोटा पिसा हुआ गेहूं (Bulgar) |
सोया दूध (Soy Milk) |
मेथी (Fenugreek) |
आलूबुखारा (Plum) |
बाजरा (ज्वार का आटा) (Millet) |
काजू का दूध (Cashew Milk) |
गाजर (carrot) |
कीवी (Kiwi) |
क्विनोआ (Quinoa) |
मटर का दूध (Pea Milk) |
तोरी (Zucchini) |
अमरुद (Guava) |
– |
पनीर (Tofu) |
शतावरी (Asparagus) |
खुबानी (Dried Apricot) |
– |
चीज़ (Cheese) |
टमाटर (Tomatoes) |
खजूर (Date) |
– |
योगर्ट (Yogurt) |
मशरूम (Mushrooms) |
अनार (Pomegranate) |
– |
बटर (Butter) |
प्री-डायबिटीज में परहेज (Foods to avoid in Prediabetes in Hindi)
यदि आप पूर्व-मधुमेह या मधुमेह से बचना चाहते हैं, तो अपने आहार में ऐसा भोजन ना लें जिनमें अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, संतृप्त वसा, ट्रांस वसा और प्राकृतिक शर्करा मौजूद हो। पूर्व-मधुमेह में जिन चीजों का परहेज करना हैं उन्हें नीचे विस्तार से बताया गया है।
1. प्री-डायबिटीज में अधिक कार्बोहाइड्रेट से बचें – Avoid High Carbohydrates in Pre-Diabetes in Hindi
बहुत अधिक कार्ब या गलत प्रकार के कार्ब खाने से कभी-कभी स्वास्थ्य समस्याएं होने लगती हैं, जिनमें सबसे आम समस्या है अवांछित वजन बढ़ना। (27)
वजन बढ़ने से टाइप 2 मधुमेह और मेटाबोलिक सिंड्रोम का खतरा बढ़ जाता है।
अधिक कार्बोहाइड्रेट खाद्य पदार्थों में शामिल हैं-
- ब्रेड,
- पास्ता,
- बीन्स,
- आलू,
- चावल,
- अनाज
- आइसक्रीम,
- सॉफ्ट ड्रिंक्स,
- कैंडी,
- हाइड्रोजनीकृत या आंशिक रूप से हाइड्रोजनीकृत तेल।
और पढ़ें – आहार जिनमें होते हैं खूब कार्बोहाइड्रेट (अच्छे और खराब कार्ब्स)
2. पूर्व-मधुमेह में संतृप्त वसा का परहेज करें – Avoid Saturated Fat in Pre-Diabetes in Hindi
सैचुरेटेड वसा वाले खाद्य पदार्थों के सेवन से प्री-डायबिटीज की स्थिति पैदा हो सकती है। (28)
ऐसे खाद्य पदार्थ जिनमें अधिक मात्रा में संतृप्त वसा होता है उनमें शामिल हैं:
- पिज्जा, बर्गर, चीज, मेयोनीज, केक जैसे फूड आइटम्स,
- कुछ मांस जैसे बीफ, मेमने का मांस और पोर्क,
- प्रोसेस्ड मीट,
- वसायुक्त दूध,
- मलाई,
- आइसक्रीम,
- सफेद ब्रेड,
- पास्ता
- साबुत दूध और पनीर।
3. प्री-डायबिटीज में ट्रांस फैट ना खाएं – Avoid Trans Fats in Pre-Diabetes
प्री-डायबिटीज में ट्रांस फैट के सेवन से बचना चाहिए। जिन खाद्य पदार्थों में ट्रांस वसा हो सकते हैं उनमें शामिल हैं: (29)
- मक्खन
- कुकीज़
- केक
- फ्रेंच फ्राइज़
- चिप्स
- डोनट्स
4. प्री-डायबिटीज में शर्करा का सेवन कम करें – Reduce sugar intake in prediabetes in Hindi
प्री-डायबिटीज में अधिक चीनी या एडेड शुगर वाले खाद्य पदार्थों का सेवन कम करना चाहिए। (30)
जिन खाद्य पदार्थों में अतरिक्त शुगर हो सकती है उनमें शामिल हैं:
- बहुत मीठा दही (Sweet yogurt),
- आइसक्रीम (Ice Cream),
- सॉफ्ट ड्रिंक्स (Soft drinks)।
- सोडा (Soda),
- कैंडी (Candy),
- स्पोर्ट्स ड्रिंक (Sports drink),
- कुकीज (Cookies),
- बिस्कुट (Biscuits),
- केक (Cake),
- पेस्ट्री (Pastry).
निष्कर्ष | Conclusion
प्रीडायबिटीज को यदि अनुपचारित छोड़ दिया जाता है, तो प्रीडायबिटीज कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है, जिसमें टाइप 2 मधुमेह, हृदय रोग और स्ट्रोक शामिल हैं। सौभाग्य से, प्रीडायबिटीज को रोका जा सकता है या ठीक किया जा सकता है। इसके लिए बस आपको अपने आहार और जीवन शैली में बदलाव लाना है।
डॉक्टर प्रीडायबिटीज में कम कार्बोहाइड्रेट, कम चीनी और अधिक फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ खाने की सलाह देते हैं। इसके अलावा डॉक्टर शारीरिक गतिविधि अधिक करने के लिए कहते हैं जिसमें कम से कम 30 मिनट तक चलना या व्यायाम करना शामिल है।
फिर भी, यदि प्राकृतिक उपचार से प्रीडायबिटीज नियंत्रण में नहीं आ रही है, तो डॉक्टर शुगर की एलोपैथिक दवा शुरू कर सकते हैं। डॉक्टर प्रीडायबिटीज के इलाज में मेटफॉर्मिन जैसी दवा खाने की सलाह दे सकते हैं।
ये है प्री डायबिटीज के लक्षण, कारण और आयुर्वेदिक उपचार के बारे में बताई गई पूरी जानकारी। कमेंट में बताएं आपको Pre diabetic meaning in Hindi पोस्ट कैसी लगी। अगर आपको पोस्ट पसंद आई हो, तो इसे शेयर जरूर करें।
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Disclaimer : ऊपर दी गई जानकारी पूरी तरह से शैक्षणिक दृष्टिकोण से दी गई है। इस जानकारी का उपयोग किसी भी बीमारी के निदान या उपचार हेतु बिना विशेषज्ञ की सलाह के नहीं किया जाना चाहिए। इसके अलावा किसी भी चीज को अपनी डाइट में शामिल करने या हटाने से पहले किसी योग्य डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ (Dietitian) की सलाह जरूर लें।
सन्दर्भ (References)
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