8 Benefits OF Whole Grain : डायबिटीज से लेकर कैंसर तक में साबुत अनाज के फायदे

Benefits Of Whole Grain in Hindi : साबुत अनाज फाइबर, विटामिन, खनिज, एंटीऑक्सीडेंट और पॉलीअनसेचुरेटेड वसा के अच्छे स्त्रोत हैं जो ना केवल हमारी भूख को मिटाते हैं बल्कि अनेक प्रकार की बिमारियों से लड़ने में भी मदद करते हैं। हालांकि, कभी-कभी कुछ प्रकार के साबुत अनाज स्वास्थ के लिए नुकसानदायक भी हो सकते हैं। तो आइये इस पोस्ट के माध्यम से साबुत अनाज के फायदे और नुकसान के बारे में समझते हैं।

अनाज क्या हैं? | What are grains in Hindi

Benefits OF Whole Grain in Hindi, साबुत अनाज
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अनाज गेहूं, जई, चावल और मक्का जैसे घास का काटा हुआ बीज है।

अनाज में कई प्रकार के विटामिन और खनिज मौजूद होते हैं। इसके अलावा अनाज कार्बोहाइड्रेट का भी महत्वपूर्ण स्त्रोत होता है जो शरीर को कार्य करने के लिए ऊर्जा प्रदान करता है।।

अनाज चोकर (bran), रोगाणु (germ) और भ्रूणपोष (endosperm) जैसे तीन भाग से मिलकर बना होता है। (1)

चोकर – Bran

अनाज की बाहरी परत चोकर कहलाती है। यह बाहरी परत कठोर होती है। इसमें फाइबर, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं।

एंडोस्पर्म – Endosperm

यह अनाज की मध्य परत या भाग है जिसमें अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट मौजूद होता है।

जर्म – Germ

यह अनाज की आंतरिक परत है जिनमें आवश्यक विटामिन, खनिज, प्रोटीन और पौधों के यौगिक मौजूद होते हैं।

अनाज मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं-

  • साबुत अनाज और
  • परिष्कृत अनाज

और पढ़ें – एक अच्छे कुकिंग ऑयल का चुनाव कैसे करें?

साबुत अनाज क्या हैं? | What are whole grains in Hindi

जिन अनाज में चोकर (bran), रोगाणु (germ) और भ्रूणपोष (endosperm) तीनों भाग मौजूद होते हैं उन्हें साबुत अनाज ( होल ग्रेन) या अपरिष्कृत (unrefined grains) अनाज कहा जाता है। (1)

साबुत अनाज से बने आहार स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होते हैं, क्योंकि इनमें उच्च मात्रा में फाइबर, प्रोटीन, विटामिन और खनिज जैसे महत्वपूर्ण तत्व मौजूद होते हैं।

और पढ़ें – आहार जिनमें होते हैं खूब कार्बोहाइड्रेट (अच्छे और खराब कार्ब्स)

साबुत अनाज के उदाहरण | Example of Whole Grain in Hindi

Whole Grain in Hindi
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ब्राउन राइस, ओट्स, राई, जौ, बल्गर यानि मोटा पिसा हुआ गेहूं, बाजरा (ज्वार का आटा), क्विनोआ, मड़वा या मंडुआ आदि साबुत अनाज का अच्छा स्रोत है।

ब्राउन ब्रेड या आटा ब्रेड साबुत अनाज से बनी ब्रेड के अंतर्गत आती है।

साबुत अनाज

(Whole Grains)

परिष्कृत अनाज

(Refined Grains)

ब्राउन राइस

(Brown Rice)

सफेद चावल का आटा

(White rice flour)

ओट्स

(Oats)

मकई का आटा

(corn flour)

राई

(Rye)

मैदा या सफेद आटा

(Refined Wheat Flour)

जौ

(Barley)

बल्गर (मोटा पिसा हुआ गेहूं)

(Bulgur)

बाजरा (ज्वार का आटा)

(Millet)

क्विनोआ

(Quinoa)

मड़वा या मंडुआ

(Ragi seeds)

परिष्कृत अनाज | Refined Grains in Hindi

परिष्कृत अनाज भी एक प्रकार का अनाज होता है, जिसमें एंडोस्पर्म को छोड़कर रोगाणु और चोकर को हटा दिया जाता है। (2)

रोगाणु और चोकर के न होने के कारण परिष्कृत अनाज की बनावट काफी महीन (fine texture) होती है।

परिष्कृत अनाज से बने आहार, साबुत अनाज की तुलना में कम पौष्टिक होते हैं। इसलिए, आहार विशेषज्ञ (dietitian) परिष्कृत अनाज कम और साबुत अनाज अधिक खाने की सलाह देते हैं।

परिष्कृत अनाज के अधिक सेवन से निम्नलिखित बीमारियों के विकास का खतरा बढ़ सकता है। (34  & 5)

  • ह्रदय रोग,
  • मोटापा,
  • कोलेस्ट्रॉल,
  • उच्च ब्लड प्रेशर,
  • स्ट्रोक,
  • डायबिटीज,
  • सूजन,
  • कैंसर।

और पढ़ें – पोटेशियम की कमी दूर करते हैं ये आहार

परिष्कृत अनाज के उदाहरण | Example of Refined Grain in Hindi

Refined Grains in Hindi
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परिष्कृत अनाज के उदाहरण हैं –

सफेद चावल का आटा, मकई का आटा, मैदा (या सफेद आटा), सफेद ब्रेड आदि।

परिष्कृत अनाज का उपयोग विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ बनाने के लिए भी किया जाता है जिसमें  वाइट ब्रेड, टॉर्टिला, पास्ता, क्रैकर्स, स्नैक्स और डेसर्ट शामिल हैं।

और पढ़ें – लो कैलोरी डाइट के फायदे, नुकसान और आहार योजना।

साबुत अनाज और परिष्कृत अनाज में अंतर | Difference between whole grain and refined grain in Hindi

साबुत अनाज

परिष्कृत अनाज

चोकर (bran), रोगाणु (germ) और भ्रूणपोष (endosperm) तीनों भाग मौजूद होते हैं। चोकर (bran) और रोगाणु (germ) मौजूद नहीं होते हैं
बनावट मोटी  (thick texture) होती है। बनावट महीन (fine texture) होती है।
इनमें उच्च मात्रा में फाइबर, प्रोटीन, विटामिन और खनिज तत्व मौजूद होते हैं। इनमें पोषक तत्वों की कमी होती है।
स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद हैं। इनकी अधिक मात्रा स्वास्थ्य को नुकसान पंहुचा सकती है।
ब्राउन राइस, ओट्स, राई, जौ, बल्गर यानि मोटा पिसा हुआ गेहूं, बाजरा (ज्वार का आटा) आदि साबुत अनाज के अंतर्गत आते हैं। सफेद चावल का आटा, मकई का आटा, मैदा या सफेद आटा आदि परिष्कृत अनाज के अंतर्गत आते हैं।

साबुत अनाज के पोषक तत्व | Nutrients Facts of Whole Grain in Hindi

साबुत अनाज हमें कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व प्रदान करते हैं। इसमें शामिल है: (6 & 7)

फाइबर – Fiber in Whole Grain in Hindi

साबुत अनाज में मौजूद चोकर हमें फाइबर प्रदान करता है।

फाइबर कोलेस्ट्रॉल को कम करने के साथ-साथ अपशिष्ट पदार्थों को बहार निकलने में मदद करता है।

और पढ़ें – जानिए मधुमेह रोगी डायबिटीज में क्या खाएं और क्या न खाएं।

विटामिन – Vitamins in Whole Grain in Hindi

साबुत अनाज विटामिन बी के अच्छे स्रोत होते हैं, जिनमें नियासिन, थायमिन और फोलेट जैसे विटामिन बी मौजूद होते हैं।

विटामिन बी हमारे दिमाग, दिल, त्वचा, बाल और हड्डियां को स्वस्थ रखने में मदद करता है। इसके अलावा विटामिन बी भोजन के उपापचय (metabolism) में भी मदद करात है।

और पढ़ें –  इन एंटीऑक्सीडेंट आहार से करें अपना वजन कम।

पॉलीअनसेचुरेटेड वसा – Polyunsaturated fat in Whole Grain in Hindi

साबुत अनाज के रोगाणु वाले भाग में अधिक मात्रा में पॉलीअनसेचुरेटेड वसा मौजूद होता है।

पॉलीअनसेचुरेटेड वसा एक आवश्यक फैटी एसिड है जो मस्तिष्क के कार्य और कोशिका वृद्धि के लिए आवश्यक होता है।

और पढ़ें – आयरन की कमी को दूर करते हैं ऐसे आहार।

खनिज – Minerals in Whole Grain in Hindi

साबुत अनाज में जिंक जैसे खनिज अधिक मात्रा में पाए जाते हैं।

इसके अलावा साबुत अनाज में आयरन, मैग्नीशियम और मैंगनीज भी मौजूद होते हैं जो कुछ प्रकार के कैंसर से बचाव में मदद कर सकते हैं।

और पढ़ें – हृदय रोगियों के लिए डाइट प्लान।

कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन – Carbohydrates and Proteins in Whole Grain in Hindi

साबुत अनाज की मध्य परत जिसे एंडोस्पर्म कहा जाता है, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं।

और पढ़ें – किडनी स्टोन में लो ऑक्सलेट डाइट के फायदे।

एंटीऑक्सीडेंट – Antioxidants in Whole Grain in Hindi

साबुत अनाज में कुछ ऐसे यौगिक (compound) होते हैं जो एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करते हैं।

इन यौगिक में फाइटिक एसिड, लिग्नान, फेरुलिक एसिड, और सल्फर आदि शामिल हैं।

एंटीऑक्सीडेंट ऐसे पदार्थ होते हैं जो फ्री रेडिकल्स (मुक्त कणों) के कारण शरीर में होने वाले नुकसान को रोक सकते हैं या धीमा कर सकते हैं।

और पढ़ें – सर्वाइकल दर्द में करें इन खाद्य पदार्थों का परहेज।

साबुत अनाज के फायदे | 8 Benefits of Whole Grain in Hindi

Benefits of Whole Grain in Hindi, साबुत अनाज के फायदे
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साबुत अनाज में मौजूद फाइबर, विटामिन, खनिज, एंटीऑक्सीडेंट  और पॉलीअनसेचुरेटेड वसा निम्नलिखित बिमारियों से लड़ने में मदद कर सकते हैं।

साबुत अनाज के लाभ पाचन तंत्र को मजबूत करने में – Benefits OF Whole Grain in digestion in Hindi

साबुत अनाज में मौजूद फाइबर पाचन तंत्र को मजबूत करने में मदद कर सकते हैं विशेष रूप से कब्ज को। (8)

फाइबर पानी को अवशोषित करने और मल को आपस में जोड़ने में मदद करता है। जिससे मल के वजन और आकार दोनों में बढ़ोतरी होती है साथ ही मल को नरम भी करता है जिससे कब्ज की संभावना कम हो जाती है।

अनाज में कुछ प्रकार के फाइबर Prebiotics के रूप में भी कार्य करते हैं। जो आंत में मौजूद लाभकारी बैक्टीरिया के लिए भोजन का काम करते हैं।

ये लाभकारी बैक्टीरिया पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।

इसके अलावा डाइट में साबुत अनाज के सेवन से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल जैसे रोग से बचने में मदद मिल सकती है।

और पढ़ें – ओमेगा 3 फैटी एसिड के फायदे और नुकसान।

मोटापा कम करने में साबुत अनाज के फायदे – Benefits OF Whole Grain in obesity in Hindi

साबुत अनाज वजन कम (weight loss) करने में हमारी मदद कर सकते हैं। (9, & 10)

जो लोग पर्याप्त मात्रा में साबुत अनाज का सेवन करते हैं उनका वजन रिफाइंड अनाज (refined grain) खाने वालों की तुलना में कम होता है।

कुछ शोधों के अनुसार साबुत अनाज मोटापे के खतरे को भी कम कर सकते हैं।

ऐसा इसलिए है, क्योंकि साबुत अनाज में मौजूद फाइबर (चोकर) हमारी आंतों द्वारा अवशोषित नहीं होते हैं जिसकारण खाने में मौजूद वसा और चीनी फाइबर के साथ जुड़ कर बाहर निकाल जाते हैं जिससे शरीर को मिलने वाली अतिरिक्त कैलोरी की संख्या में कमी आती है और हमारा अतिरिक्त वजन नहीं बढ़ता है।

इसलिए, मोटापा कम करने के लिए नाश्ते में साबुत अनाज जैसे ओट्स और जौ का सेवन किया जा सकता है।

और पढ़ें – स्वस्थ रहने के लिए शुरू करें लो कार्ब डाइट।

कोलेस्ट्रॉल कम करने में साबुत अनाज के लाभ – Benefits OF Whole Grain in cholestrol in Hindi

साबुत अनाज न केवल हानिकारक कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण को रोकते हैं, बल्कि ट्राइग्लिसराइड के स्तर को भी कम कर सकते हैं।

साबुत अनाज में मौजूद फाइबर कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करता है।

2015 में की गई एक स्टडी से पता चलता है कि जो लोग अपनी डाइट में साबुत अनाज का सेवन करते हैं उनका LDL कोलेस्ट्रॉल साबुत अनाज न खाने वाले लोगों की तुलना में कम होता है। (11)

ओट्स, बाजरा, जौ और क्विनोआ जैसे साबुत अनाज कोलेस्ट्रॉल कम करने में फायदेमंद हो सकते हैं।

और पढ़ें – HDL Cholesterol क्या है? जानिए गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने के तरीके

साबुत अनाज करे ब्लड प्रेशर को नियंत्रित – Benefits OF Whole Grain in blood pressure in Hindi

साबुत अनाज का सेवन न केवल हृदय रोग, कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के लिए फायदेमंद है, बल्कि रक्तचाप के लिए भी बहुत उपयोगी है।

2020 में प्रकाशित एक स्टीडी के अनुसार, जो व्यक्ति रोजाना अपनी डाइट में एक कटोरी साबुत अनाज का सेवन करते हैं उनका ब्लड प्रेशर परिष्कृत अनाज खाने वालों की तुलना में कम पाया गया। (12)

एक अन्य अध्ययन के अनुसार, एक सप्ताह तक साबुत अनाज का सेवन करने वाले पुरुषों में उच्च रक्तचाप का जोखिम 19 प्रतिशत तक कम पाया गया।

इसलिए, यदि आप अपने हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखना चाहते हैं तो आज से ही साबुत अनाज का सेवन शुरू कर देना चाहिए।

ओट्स का दलिया नाश्ते के रूप में लेने से रक्तचाप को कम करने में मदद मिल सकती है।

और पढ़ें – केटोजेनिक डाइट क्या है, जानिए कीटो डाइट के फायदे और नुकसान।

स्ट्रोक से बचाव में साबुत अनाज के फायदे – Benefits OF Whole Grain in strock in Hindi

साबुत अनाज खाने का सबसे अधिक फायदा हृदय रोग के जोखिम को कम करने में हो सकता है।

एक स्टडी में पाया गया है कि रोजाना 28-ग्राम साबुत अनाज खाने से हृदय रोग के जोखिम में 22% तक की कमी आती है। (13) कुछ अन्य स्टडी भी साबुत अनाज को हृदय स्वस्थ के लिए फायदेमंद बताती हैं। (14)

इसके अलावा, साबुत अनाज में मौजूद यौगिक, जैसे फाइबर, विटामिन के और एंटीऑक्सिडेंट, आपके स्ट्रोक के जोखिम को कम कर सकते हैं।

इस आधार पर शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला है कि हृदय को स्वस्थ बनाए रखने के लिए डाइट में अधिक मात्रा में साबुत अनाज और कम मात्रा में परिष्कृत अनाज शामिल होना चाहिए।

और पढ़ें – हृदय रोग क्या है, जानिए इसके लक्षण, कारण और बचाव

साबुत अनाज के गुण करें डायबिटीज को दूर – Benefits OF Whole Grain in dibtiese in Hindi

परिष्कृत अनाज की तुलना में साबुत अनाज धीरे-धीरे पचते हैं, जिससे रक्त में शुगर की मात्रा तेजी से नहीं बढ़ती।

हाल के अध्ययनों से पता चला है कि जो व्यक्ति अपने आहार में जितना अधिक साबुत अनाज खाते हैं, उनमें मधुमेह विकसित (टाइप 2 डायबिटीज) होने का जोखिम उतना ही कम रहता है। (15)

इसके अलावा कुछ अध्ययनों में यह भी पाया गया है कि साबुत अनाज इंसुलिन के प्रति शरीर की संवेदनशीलता को बढ़ाते हैं।

इसलिए, साबुत अनाज खाने से डायबिटीज के खतरे  को कम किया जा सकता है।

और पढ़ें – किडनी स्टोन में लो ऑक्सलेट डाइट के फायदे

साबुत अनाज के फायदे सूजन को कम करने में – Benefits OF Whole Grain in inflammation in Hindi

अध्ययनों से पता चला है कि जो व्यक्ति अपने आहार में साबुत अनाज का अधिक सेवन करते हैं उनके आंत में होने वाली सूजन (inflammation) का खतरा कम होता है। (16)

एक अध्ययन में पाया गया कि साबुत अनाज जैसे जौ और ब्राउन राइस आंतों की सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।

इसके अलावा डाइट में साबुत अनाज के सेवन से सी-रिएक्टिव प्रोटीन के स्तर में भी कमी आ सकती है। (17)

सी-रिएक्टिव प्रोटीन सूजन का मार्कर है। जो बताता है कि शरीर में किसी तरह की सूजन या संक्रमण तो नहीं है।

और पढ़ें – गुर्दे की विफलता के 10 लक्षण और कारण

कैंसर से बचाव करने में साबुत अनाज के फायदे – Benefits OF Whole Grain in cancer in Hindi

2020 में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, डाइट में साबुत अनाज का सेवन कुछ प्रकार के कैंसर (जैसे कोलोरेक्टल, कोलन, गैस्ट्रिक, अग्नाशय, और एसोफेजेल) से बचाव में मदद कर सकता है।(18)

इसके अलावा साबुत अनाज में मौजूद फाइटिक एसिड, फेनोलिक एसिड और सैपोनिन जैसे पदार्थ कैंसर के विकास को धीमा कर सकते हैं। (19)

इसलिए डाइट में साबुत अनाज का सेवन कैंसर के जोखिम से बचा सकता है।

और पढ़ें – Acid reflux (हाइपर एसिडिटी) और खट्टी डकार से छुटकारा पाने का घरेलू इलाज

साबुत अनाज के नुकसान – Whole grain side effects in Hindi

Whole grain side effects in Hindi, साबुत अनाज के फायदे और नुकसान
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कुछ लोगों को अनाज से एलर्जी होती है, ऐसे में साबुत अनाज खाने से निम्न नुकसान हो सकते हैं।

सीलिएक रोग – Celiac disease

सीलिएक रोग पाचन सम्बन्धी समस्या है, जिसमें छोटी आंत (small intestine) में सूजन आ जाती है जिससे आंत पोषक तत्वों को अच्छे से अवशोषित नहीं कर पाती है। इसके कारण दस्त (diarrhoea), पेट में दर्द (abdominal pain) और ब्लोटिंग (bloating) सहित कई अन्य प्रकार के लक्षण सामने आते हैं। (20)

सीलिएक रोग में ग्लूटेन युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से बचने की आवश्यकता होती है।

ग्लूटेन एक तरह का प्रोटीन होता है, जो गेहूं, राई और जौ आदि में पाया जाता है।

इसलिए, यदि कोई व्यक्ति सीलिएक रोग से पीड़ित है तो उसे ग्लूटेन फ्री खाद्य पदार्थ का सेवन करने की आवश्यकता होती है।  ग्लूटेन फ्री खाद्य पदार्थ में क्विनोआ, ओट्स आदि शामिल हैं।

और पढ़ें – हर्बल चाय (हर्बल टी) के 8 फायदे और नुकसान।

इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम – Irritable bowel syndrome

इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम आंतों का रोग है, इसमें पेट में दर्द, बेचैनी व मल करने में परेशानी होती है। (21)

कुछ अनाज विशेष रूप से परिष्कृत अनाज ऐसे अनाज हैं जिनमें कार्बोहाइड्रेड की मात्रा अधिक होती है, जो कभी कभी इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम का कारण बनते हैं।

हालांकि, इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम एक दुर्लभ बीमारी है जो बहुत कम लोगों में देखी जाती है।

इसके अलावा परिष्कृत अनाज शरीर में जल्दी पच जाते हैं, जिससे रक्त शर्करा में तेजी से वृद्धि होती है। परिणामस्वरूप ऐसे अनाज मधुमेह का कारण बन सकते हैं

और पढ़ें – सर्वाइकल दर्द में करें इन खाद्य पदार्थों का परहेज।

निष्कर्ष | Conclusion

साबुत अनाज कई तरह के स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं।

नियमित रूप से साबुत अनाज के सेवन से ह्रदय रोग, डायबिटीज और कैंसर जैसी बिमारियों से बचा जा सकता है।

साबुत अनाज में मौजूद फाइबर पाचन तंत्र को मजबूत करने में मदद करते हैं। जिससे पेट से संबंधित रोग (जैसे कब्ज और गैस) काफी हद तक कम हो जाते हैं।

हालांकि, अनाज में मौजूद ग्लूटेन कुछ व्यक्तियों के लिए नुकसान दायक भी हो सकता है जिससे दस्त (diarrhoea), पेट में दर्द (abdominal pain) और ब्लोटिंग (bloating) सहित कई अन्य प्रकार के लक्षण सामने आते हैं।

जो व्यक्ति ग्लूटेन के प्रति संवेदनशील होते है ऐसे व्यक्तियों को डॉक्टर गेहूं, जौ और राई खाने से माना कर सकते हैं।


ये हैं साबुत अनाज के फायदे के बारे में बताई गई पूरी जानकारी। कमेंट में बताएं आपको Benefits OF Whole Grain in Hindi पोस्ट कैसी लगी। अगर आपको पोस्ट पसंद आई हो, तो इसे शेयर जरूर करें।

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Disclaimer : ऊपर दी गई जानकारी पूरी तरह से शैक्षणिक दृष्टिकोण से दी गई है। इस जानकारी का उपयोग किसी भी बीमारी के निदान या उपचार हेतु बिना विशेषज्ञ की सलाह के नहीं किया जाना चाहिए। इसके अलावा किसी भी चीज को अपनी डाइट में शामिल करने या हटाने से पहले किसी योग्य डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ (Dietitian) की सलाह जरूर लें। 

सन्दर्भ (References)

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