Pregnancy Test In Hindi: गर्भावस्था के 27वें सप्ताह से ले कर 40वें सप्ताह (7 – 9 महीने) तक के बीच की अवधि को गर्भावस्था की तीसरी तिमाही कहलाती है। गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में डॉक्टर गर्भवती को कुछ टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं। यह प्रसव पूर्व परीक्षण, गर्भवती और उसके शिशु के स्वास्थ्य के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान करते हैं। इसलिए एक गर्भवती को गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में प्रेगनेंसी टेस्ट के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। इस पोस्ट में हम आपको गर्भावस्था की तीसरी तिमाही के दौरान होने वाले महत्वपूर्ण रक्त परीक्षण (ब्लड टेस्ट) के बारे में बता रहे हैं।
तीसरी तिमाही के दौरान रक्त परीक्षण (ब्लड टेस्ट) | Pregnancy Test In Hindi
प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में डॉक्टर निम्नलिखित टेस्ट करवा सकते हैं –
- अल्ट्रासाउंड प्रेगनेंसी स्कैन,
- ग्रुप B स्ट्रेप्टोकोकस (GBS) संक्रमण प्रेगनेंसी टेस्ट,
- बायोफिजिकल प्रोफाइल प्रेगनेंसी टेस्ट,
- नॉन स्ट्रेस टेस्ट,
- गर्भाशय संकुचन या कॉन्ट्रैक्शन स्ट्रेस प्रेगनेंसी टेस्ट,
इसके अलावा डॉक्टर तीसरी तिमाही में हीमोग्लोबिन परीक्षण और थायराइड परीक्षण फिर से करा सकते हैं ये प्रेगनेंसी ब्लड टेस्ट, प्रेगनेंसी के लगभग 15 दिन पहले किये जा सकते हैं।
1. गर्भावस्था की तीसरी तिमाही के दौरान अल्ट्रासाउंड – Ultrasound Scan during third trimester of Pregnancy in Hindi
नॉर्मल अल्ट्रासाउंड की तरह ही डॉप्लर अल्ट्रासाउंड (Colour doppler ultrasound) किया जाता है। 30 वें सप्ताह के बाद किए गए डॉप्लर अल्ट्रासाउंड का उपयोग
- बच्चे के शारीरिक विकास,
- उसके वजन,
- मस्तिष्क के विकास
- हृदय में रक्तसंचार
- हृदय की धड़कन,
- सिर की स्थिति,
- डिलीवरी की सही तिथि बताने ,
- प्लेसेंटा को देखने और,
- गर्भाशय में एमनियोटिक द्रव की मात्रा की जाँच करने
अदि में किया जाता है। हालांकि अगर आपकी गर्भावस्था उच्च-जोखिम वाली है तो आपके तीसरे तिमाही में कई बार अल्ट्रासाउंड हो सकते हैं।
2. गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में प्रेगनेंसी ग्रुप B स्ट्रेप्टोकोकस टेस्ट- Group B streptococcus pregnancy test in Hindi
लगभग 30% स्वस्थ महिलाएं में समूह बी स्ट्रेप्टोकोकस पाया जाता है। स्ट्रेप्टोकोकस एक प्रकार का बैक्टीरिया है जो महिला के प्रजनन पथ में मौजूद हो सकता है, जो आमतौर पर कोई भी समस्याएं पैदा नहीं करता है।
यदि वजाइना में यह बैक्टीरिया है तो यह डिलीवरी के दौरान आपके शिशु तक आसानी से पहुंच सकता है और उसे संक्रमित कर सकता है। अधिकांश मामलों में यह बैक्टीरिया नवजात शिशु को नुकसान नहीं पहुंचाता हैं। मगर इस बैक्टीरिया से इनफेक्शन होने का खतरा भी बना रहता है।
ग्रुप B स्ट्रेप्टोकोकस (GBS) संक्रमण टेस्ट (Pregnancy test in third trimester in Hindi) के लिए वैजाइनल सैंपल या रेक्टम से सैंपल लिया जा सकता है।
जिन गर्भवती महिलाओं में यह परीक्षण पॉजिटिव आता है, उन्हें प्रसव पीड़ा शुरू होते ही अस्पताल जाने की सलाह दी जाती है जिससे उनको डिलीवरी से पहले इस बैक्टीरिया के विरुद्ध एंटीबायोटिक्स दी जा सके।
तीसरी तिमाही के दौरान अन्य रक्त परीक्षण (ब्लड टेस्ट) | Other pregnancy test in Hindi
उच्च-जोखिम वाले गर्भावस्था टेस्ट | High-Risk Pregnancy test in third trimester in Hindi
- बायोफिजिकल प्रेगनेंसी जांच,
- नॉन स्ट्रेस प्रेगनेंसी टेस्ट और,
- गर्भाशय संकुचन या कॉन्ट्रैक्शन स्ट्रेस प्रेगनेंसी टेस्ट
- सम्मिलित हैं।
1. तीसरी तिमाही में प्रेगनेंसी बायोफिजिकल प्रोफाइल टेस्ट – Biophysical Profile pregnancy test in Hindi
इसके आलावा यदि बायोफिजिकल प्रोफाइल स्कोर 4 से भी कम आता है तो इस परिस्थति में डॉक्टर आपकी जल्द से जल्द डिलीवरी करने की सलाह दे सकता है।
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2. तीसरी तिमाही के दौरान नॉन स्ट्रेस प्रेगनेंसी टेस्ट – Nonstress pregnancy test in Hindi
नॉन स्ट्रेस प्रेगनेंसी टेस्ट (तीसरी तिमाही में प्रेगनेंसी टेस्ट) का मुख्य उद्देश्य भ्रूण की सक्रियता की स्थिति का पता लगाने और दिल की धड़कन की जांच करने में किया जाता है।
नॉन स्ट्रेस प्रेगनेंसी टेस्ट के जरिए यह जाना जा सकता है कि बच्चा पूरी तरह से सामान्य स्थिति में है या नहीं। नॉन स्ट्रेस प्रेगनेंसी टेस्ट एक प्रकार का अल्ट्रासाउंड टेस्ट है, जिसमें बिना किसी चीरे या टांके के परीक्षण किया जाता है। ऐसे में इस टेस्ट को पूरी तरह से सुरक्षित माना जा सकता है।
यदि परीक्षण के दौरान बच्चे में कोई हलचल नहीं होती है, तो हो सकता है कि बच्चा सो रहा हो और उसे जगाने के लिए डॉक्टर बजर का उपयोग कर सकते हैं। इस टेस्ट में बच्चे को अधिक सक्रीय करने के लिए डॉक्टर आपको अच्छे से खाने-पीने के लिए भी बोल सकते हैं।
नॉन स्ट्रेस प्रेगनेंसी टेस्ट को “नॉनस्ट्रेस” इसलिए कहा जाता है क्योंकि परीक्षण के दौरान भ्रूण पर कोई तनाव नहीं रखा जाता है। नॉन स्ट्रेस प्रेगनेंसी परीक्षण कभी-कभी उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं में साप्ताहिक आधार पर किया जा सकता है।
3. तिमाही के दौरान गर्भाशय संकुचन जांच – Pregnancy contraction stress test in Hindi
कॉन्ट्रैक्शन स्ट्रेस टेस्ट, गर्भावस्था की तीसरी तिमाही यानि 34वें हफ्ते में किया जाने वाला टेस्ट है।
गर्भाशय संकुचन जांच से यह पता लगाया जाता है कि प्रसव के समय ऑक्सिजन की कम सप्लाई होने पर क्या भ्रूण स्वस्थ रह सकता है, क्योंकि प्रसव के समय भ्रूण को मिलने वाली ऑक्सीजन कभी-कभी कम हो जाती है।
ज्यादातर मामलों में प्रसव के समय कोई समस्या पैदा नहीं होती है, लेकिन कुछ मामलों में भ्रूण का हार्ट रेट कम हो जाता है जिससे डिलीवरी के समय उनकी मृत्यु हो जाती है।
गर्भाशय संकुचन जांच में पिटोसिन (ऑक्सीटोसिन) का उपयोग गर्भाशय के संकुचन करने के लिए किया जाता है। आमतौर पर कॉन्ट्रैक्शन स्ट्रेस टेस्ट प्रयोग में नहीं लाया जाता है।
Disclaimer : ऊपर दी गई जानकारी पूरी तरह से शैक्षणिक दृष्टिकोण से दी गई है। इस जानकारी का उपयोग किसी भी बीमारी के निदान या उपचार हेतु बिना विशेषज्ञ की सलाह के नहीं किया जाना चाहिए। इसके अलावा किसी भी चीज को अपनी डाइट में शामिल करने या हटाने से पहले किसी योग्य डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ (Dietitian) की सलाह जरूर लें।
और पढ़ें – गर्भावस्था के दौरान 8 महत्वपूर्ण पोषक तत्व
सन्दर्भ – References
- https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK470559/
- https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2219138/
- https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK537123/
- https://www.mayoclinic.org/healthy-lifestyle/pregnancy-week-by-week/in-depth/prenatal-care/art-20045660
- https://www.labcorp.com/testingwhileexpecting/third-trimester-tests.
- https://www.thebump.com/a/prenatal-tests-checklist.
- https://www.allinahealth.org/health-conditions-and-treatments/health-library/patient-education/beginnings/third-trimester/medical-care/screens-and-tests.
- https://www.apollodiagnostics.in/disease/pregnancy-3rd-trimester.