Symptoms of Renal Calculi in Hindi: पथरी की समस्या बहुत आम है और अधिकांश मामलों में यह समस्या अपने आप ही ठीक हो जाती है। हालांकि, बड़ी पथरी के नतीजे काफी गंभीर हो सकते हैं जिसमें कमर के आस-पास असहनीय दर्द और किडनी का पूरी तरह खराब होना शामिल है।
इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको किडनी स्टोन (गुर्दे की पथरी) की जानकारी दे रहे हैं जिसमें किडनी स्टोन क्या है, किडनी स्टोन लक्षण, कारण, बचाव सहित किडनी स्टोन के घरेलू उपचार के बारे में बता रहे हैं। इसके अलावा गुर्दे की पथरी (किडनी स्टोन) का ऑपरेशन कैसे होता है यह भी बताया गया है।
आइये अब इस लेख को शुरू करते हैं।
गुर्दे की पथरी क्या है? | Renal Calculi (Kidney Stone) in Hindi
गुर्दे की पथरी को नेफ्रोलिथियासिस (nephrolithiasis) या यूरोलिथियासिस (urolithiasis) भी कहा जाता है। गुर्दे की पथरी (Renal Calculi in Hindi) छोटे और ठोस क्रिस्टलीय खनिज पदार्थ हैं जो गुर्दे (kidney), मूत्रमार्ग (urethra) या मूत्राशय (bladder) में कही भी जमा हो सकते हैं। (1)
किडनी स्टोन की शुरुवात एक छोटे क्रिस्टल के रूप में होती है जो बाद में बड़े और ठोस द्रव्यमान में बदल सकते हैं।
ज्यादातर मामलों में गुर्दे की पथरी बिना चिकित्सकीय सहायता के शरीर से बाहर निकल जाती है। परन्तु, कभी-कभी ये क्रिस्टल मूत्र मार्ग (यूरिनरी ट्रैक्ट) में फंस जाते हैं और एक तेज और असहनीय दर्द का कारण बनते हैं।
इसके अलावा,गंभीर मामलों में गुर्दे की पथरी कभी-कभी मूत्र के प्रवाह को अवरुद्ध कर सकती हैं और गुर्दे को पूरी तरह से नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसलिए ठीक समय में किडनी स्टोन का इलाज किया जाना जरुरी है।
और पढ़ें – गुर्दे की विफलता के 10 लक्षण और कारण
किडनी स्टोन के प्रारंभिक लक्षण क्या हैं? | Symptoms of Renal Calculi in Hindi
1. महिलाओं और पुरूषों में गुर्दे की पथरी के लक्षण – Calculi (Kidney stone) symptoms in adult in Hindi
गुर्दे की पथरी के सामान्य लक्षणों (kidney stone lakshan in hindi) में पीठ और बाजू में तेज दर्द और ऐंठन शामिल है।
इसके अलावा गुर्दे की पथरी में पेट के निचले हिस्से या कमर के ऊपरी हिस्से की दोनों या एक साइड में दर्द होना है।
किडनी स्टोन का दर्द अक्सर अचानक शुरू होता है और थोड़े-थोड़े अंतराल में आता जाता रहता है। हालांकि, कुछ मामलों में गुर्दे की पथरी के कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देते हैं।
गुर्दे की पथरी के अन्य लक्षणों में शामिल हैं- (4 & 5)
- पेशाब करने की बार-बार तीव्र इच्छा,
- एक बार में थोड़ी पेशाब होना,
- पेशाब के दौरान दर्द या जलन महसूस होना,
- पेशाब में खून आना ,
- बुखार और ठंड लगना,
- मतली या उल्टी महसूस करना,
- पेशाब में दुर्गंध आना,
- भूरे रंग, गुलाबी या लाल रंग का मूत्र होना (मूत्र में रक्त आने के कारण)
- पुरुषों के लिंग के ऊपरी सिरे पर दर्द महसूस होना।
अगर आपको बार-बार यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन हो रहा है, तो समझ जाइये कि यह इन्फेक्शन स्टोन के कारण हो सकता है।
और पढ़ें – Sleep Apnea के लक्षण, कारण, आयुर्वेदिक इलाज और योगासन
2. बच्चों में गुर्दे की पथरी के लक्षण – Calculi (Kidney stone) Symptoms in children in Hindi
गुर्दे की पथरी के सबसे आम लक्षण पेशाब में खून आना या कमर के दोनों या एक तरफ दर्द होना है।
आपके बच्चे को कितना दर्द होता है और उसे कहाँ दर्द होता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि स्टोन कहाँ स्थित है और उसका आकार क्या है।
बच्चों में गुर्दे की पथरी के अन्य लक्षणों में शामिल हैं:
- गंभीर पेट दर्द,
- पेशाब करने में असमर्थता (जब एक पत्थर मूत्र पथ को अवरुद्ध करता है),
- मतली या उल्टी,
- बदबूदार पेशाब,
- बुखार, ठंड लगना,
- कमजोरी।
अधिकांश मामलों में बच्चो की पथरी गुर्दे में ही रहती है। बच्चों में इस बात की बहुत कम समभावना होती है की पथरी किडनी से बाहर निकले और मूत्रवाहिनी में फंस जाए।
और पढ़ें – क्रोहन (क्रोन) रोग क्या है, जानिए इसके लक्षण, कारण व उपचार
किडनी में पथरी का कारण क्या है? | Causes of Renal Calculi (Kidney Stone) in Hindi
गुर्दे की पथरी के कारण – Kidney stone reasons in Hindi
गुर्दे की पथरी तब बनती है जब मूत्र से अपशिष्ट उत्पाद पूरी तरह से नहीं निकलते हैं। ये अपशिष्ट पदार्थ क्रिस्टल के रूप में गुर्दे में जमा हो जाते हैं और रुक-रुक कर दर्द पैदा करते हैं। किडनी में मौजूद क्रिस्टल या स्टोन यूरिन में मौजूद केमिकल से बने होते हैं। (1)
इसके अलावा गुर्दे की पथरी बनने के कारण हो सकते हैं- (2, 3 & 6)
- रोजाना कम पानी पीना,
- अधिक वजन या मोटापा,
- बैक्टीरियल या वायरल संक्रमण,
- मधुमेह या गठिया की बीमारी,
- पॉलीसिस्टिक किडनी रोग,
- पारिवारिक इतिहास,
- हाइपोपैराथायरॉइडिज़्म (पैराथाइरॉइड हॉर्मोन की अधिकता)
- गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी या गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जरी,
- लम्बे समय तक अधिक प्रोटीन, नमक या चीनी वाले आहार लेना,
- लम्बे समय तक कैल्शियम-आधारित एंटासिड दवाओं को लेना,
- वजन घटाने के लिए की जाने वाली सर्जरी।
गुर्दे की पथरी किसी को भी हो सकती है, परन्तु कुछ लोगों में इसके होने की संभावना दूसरों की तुलना में अधिक होती है। जैसे महिलाओं की तुलना में पुरुषों को गुर्दे की पथरी अधिक बार देखि जाती है। इसके अलावा यदि रोगी को पहले कभी पथरी की समस्या हो चुकी हो।
और पढ़ें – किडनी सिस्ट क्या है? जानिए इसके लक्षण, कारण और इलाज
किडनी में पथरी कितने प्रकार की होती हैं? | Types of Renal Calculi (Kidney Stone) in Hindi
गुर्दे की पत्थरी मुख्यतः 4 प्रकार की होती है (types of kidney stone in hindi), जो निम्नलिखित हैं- (7)
1. कैल्शियम स्टोन्स- Calcium stones
कैल्शियम स्टोन गुर्दे की पथरी का सबसे आम प्रकार है, जो लगभग 80% मामलों में देखा जाता है।
यह कैल्शियम स्टोन, कैल्शियम ऑक्सालेट या कैल्शियम फॉस्फेट के रूप में मिल सकता है।
a. कैल्शियम ऑक्सालेट स्टोन
कैल्शियम ऑक्सालेट स्टोन बनने के दो प्रमुख कारण –
- हाइपरकैल्शियूरिया (hypercalciuria) और
- हाइपरओक्सालयूरिया (Hyperoxaluria )
Hypercalciuria, मूत्र में कैल्शियम की अधिकता को संदर्भित करता है, जबकि hyperoxaluria का अर्थ है मूत्र में ऑक्सालेट की अधिकता।
कैल्शियम ऑक्सलेट स्टोन, गुर्दे की पथरी का सबसे आम प्रकार है। यह तब बनता है जब कैल्शियम मूत्र में मौजूद ऑक्सलेट के साथ मिल जाता है।
ऑक्सालेट एक प्राकृतिक रूप में पाया जाने वाला पदार्थ है, जो मुख्यतः भोजन में पाया जाता है हालांकि, लीवर द्वारा भी प्रतिदिन ऑक्सालेट का निर्माण किया जाता है।
और पढ़ें – क्रोनिक किडनी डिजीज, कहीं मौत का कारण ना बन जाए यह रोग
b. कैल्शियम फॉस्फेट स्टोन
कैल्शियम फॉस्फेट स्टोन बनने का प्रमुख कारण है शरीर में कैल्शियम और फॉस्फेट की अधिकता।
इसके अलावा मूत्र का अधिक क्षारीय (alkaline) होना या बैक्टीरिया या रीनल ट्यूबलर एसिडोसिस भी कैल्शियम फॉस्फेट स्टोन का कारण हो सकता है।
कैल्शियम फॉस्फेट स्टोन, कैल्शियम ऑक्सालेट स्टोन की तुलना में कम सामान्य है।
2. यूरिक एसिड स्टोन्स – Uric acid stones
यह गुर्दे की पथरी का दूसरा सामान्य प्रकार है।
इस प्रकार का स्टोन तब विकसित होता है जब मूत्र बहुत अधिक अम्लीय हो जाता है।
प्यूरीन से भरपूर आहार मूत्र के अम्लीय स्तर को बढ़ा सकते हैं या ऐसे व्यक्ति जो डाइट में अधिक प्रोटीन लेते हैं यूरिक एसिड स्टोन का कारण बन सकता है।
यूरिक एसिड स्टोन (Uric Acid Stone) होने की सम्भावना महिलाओं की तुलना उन पुरूषों में अधिक रहती है, मुख्यतः जिनमें मूत्र में एसिड की मात्रा अधिक होती है।
3. स्त्रावित स्टोन्स – Struvite stones
स्त्रावित स्टोन (Struvite stones) का मुख्य कारण है बैक्टीरिया या किसी अन्य प्रकार का संक्रमण, जो मुख्य रूप से मूत्र पथ (urinary track) में होता है।
संक्रमण के कारण बनने वाले स्टोन जल्दी बढ़ सकते हैं और मूत्र में रुकावट पैदा कर सकते हैं।
4. सिस्टीन स्टोन्स – Cystine stones
सिस्टीन स्टोन्स की समस्या उन लोगों में ज्यादा देखा जाता है, जिन्हें सिस्टिनुरिया नामक आनुवंशिकी विकार होता है। सिस्टिनुरिया एक दुर्लभ स्थिति है जो केवल 2% मामलों में देखा जाता है।
सिस्टिनुरिया के कारण मूत्र में अत्यधिक मात्रा में अघुलनशील सिस्टीन बन जाते हैं।
सिस्टीन एक प्रकार के एमिनो एसिड होते हैं। ये अघुलनशील सिस्टीन (एमिनो एसिड) ही गुर्दे, मूत्रवाहिनी या मूत्राशय में स्टोन का कारण बनते हैं।
और पढ़ें – Chronic Constipation के लक्षण कारण और इलाज
पथरी का दर्द कहां होता है? | Renal Calculi (Kidney Stone) Pain Location in Hindi
किडनी स्टोन का दर्द कहां होता है? ये इस बात पर निर्मभर करता है कि आपकी पथरी कहां मौजूद है।
आमतौर पर, किडनी स्टोन का दर्द पेट के निचले हिस्से और कमर के दोनों तरफ हो सकता है। कभी-कभी किडनी स्टोन के कारण पथरी का दर्द पीठ के ऊपरी हिस्से तक चला जाता है। (1)
पथरी का दर्द बेहद तेज और असहनीय होता है, जो रुक-रुक के कई बार हो सकता है।
हालांकि, मूत्राशय की पथरी का दर्द पेडू और पेशाब की जगह में होता है।
पथरी का दर्द आमतौर पर 5-15 मिनट तक रह सकता है। और धीरे-धीरे अपने आप कम हो जाता है।
यदि दर्द असहनीय है, तो डॉक्टर पथरी के दर्द को कम करने के लिए दर्द निवारक दवाएं (painkiller) लिख सकते हैं।
और पढ़ें – Acid reflux (हाइपर एसिडिटी) और खट्टी डकार से छुटकारा पाने का घरेलू इलाज
गुर्दे की पथरी का निदान कैसे किया जाता है? | Diagnosis of Renal Calculi (Kidney Stone) in Hindi
गुर्दे की पथरी का निदान विभिन्न परीक्षण द्वारा किया जा सकता है। गुर्दे की पथरी का परीक्षण निम्नलिखित जाँच से किया जा सकता है – (8 & 9)
- अल्ट्रासाउंड स्कैन,
- IVP परीक्षण,
- CT स्कैन,
- मूत्र परीक्षण,
- रक्त जाँच।
1. अल्ट्रासाउंड द्वारा गुर्दे की पथरी का निदान – Ultrasound for kidney stone in Hindi
किडनी स्टोन के परीक्षण के लिए अल्ट्रासाउंड स्कैन सबसे पहले किया जाता है।
अल्ट्रासाउंड तकनीक में ध्वनि तरंगों का उपयोग होता है जो किडनी और मूत्रवाहिनी के स्टोन देखने में किया जाता है।
किडनी स्टोन का पता लगाने के लिए अल्ट्रासाउंड स्कैन की सटीकता 77% तक होती है ।
2. IVP परीक्षण द्वारा गुर्दे की पथरी का निदान – Intravenous pyelogram test for kidney stone in Hindi
अगर अल्ट्रासाउंड करने पर पथरी दिखती है या फिर गुर्दे में सूजन मिलती है तो डॉक्टर IVP टेस्ट करवाते हैं।
आईवीपी एक इमेजिंग टेस्ट है जिसका उपयोग किडनी और मूत्रवाहिनी को देखने के लिए किया जाता है।
मूत्रवाहिनी संकीर्ण नलिकाएं होती हैं जो मूत्र को गुर्दे से मूत्राशय तक ले जाती हैं। परीक्षण के दौरान, रेडियोलॉजिस्ट आपकी नसों में से एक में एक कंट्रास्ट डाई इंजेक्ट करते हैं।
रंगीन दवा या कंट्रास्ट देने से पहले किडनी का फंक्शन जांचना जरुरी है।
हालांकि, आजकल CT स्कैन ने अल्ट्रासाउंड और IVP की जगह ले ली है।
कंट्रास्ट देने से पहले किडनी का फंक्शन जांचना जरुरी है। इसके लिए डॉक्टर IVP टेस्ट से पहले Kidney Function Test (KFT) करवाते हैं।
3. CT स्कैन द्वारा गुर्दे की पथरी का निदान – CT scan for kidney stone in Hindi
सीटी स्कैन (कंप्यूटेड टोमोग्राफी) का मतलब है किसी भी चीज को छोटे-छोटे सेक्शन में काटकर उसका विस्तार से अध्ययन करना।
सीटी स्कैन परीक्षण गुर्दे में छोटे से छोटे स्टोन का पता लगाने में मदद करता है।
सीटी स्कैन आपके मूत्र पथ और किडनी की छवियों को बनाने के लिए एक्स-रे और कंप्यूटर तकनीक के संयोजन का उपयोग करता है।
किडनी स्टोन पता लगाने के लिए सीटी स्कैन की सटीकता 90-95% तक होती है।
4. मूत्र परीक्षण गुर्दे की पथरी का निदान – Urine test for kidney stone in Hindi
मूत्र परीक्षण आपके मूत्र में रसायनों और खनिजों की जाँचता करता है जो आपके शरीर में गुर्दे की पथरी का कारण बन सकते हैं।
इसके अलावा यूरिन परीक्षण आपके मूत्र में रक्त, सफेद रक्त कोशिकाओं और बैक्टीरिया संक्रमण की भी जांच करता है।
5. रक्त जाँच द्वारा गुर्दे की पथरी का निदान – Blood test for kidney stone in Hindi
किडनी स्टोन में किये जाने वाला रक्त परीक्षण कैल्शियम, फास्फोरस, यूरिक एसिड और इलेक्ट्रोलाइट्स की मात्रा का पता लगाने में मदद करता है।
और पढ़ें – Prediabetes क्या है? जानिए पूर्व मधुमेह के लक्षण, कारण और आयुर्वेदिक उपचार
किडनी स्टोन को निकलने में कितना समय लगता है? | How long does it take to pass a kidney stone in Hindi
किडनी स्टोन निकलने में कितना समय लगता है वह स्टोन के आकार पर निर्भर करता है।
आमतौर पर, 5 मिमी या उससे कम के छोटे स्टोन को बाहर निकलने में लगभग 1-2 सप्ताह का समय लगता है। जबकि, बड़े स्टोन (>5 मिमी) को मूत्राशय से बाहर निकलने में 2-3 सप्ताह तक का समय लग सकता है। (10)
हालांकि, जो पथरी 4 सप्ताह के भीतर खुद से बाहर नहीं निकल पते हैं, उन्हें बाहर निकालने के लिए शल्य चिकित्सा (surgery) की आवश्यकता होती है।
और पढ़ें – जानिए क्या हैं किडनी बचाव के 11 घरेलू उपाय
गुर्दे की पथरी की दवा | Renal Calculi Medicine in Hindi
पथरी की दवा स्टोन के प्रकार और उसकी स्थिति पर निर्भर करती है जिसके कारण पथरी बनी है।
पथरी के इलाज में दो प्रकार की दवा शामिल हैं-
- एलोपैथिक दवा
- होम्योपैथिक दवा
1. किडनी स्टोन की एलोपैथिक दवा – Allopathic medicine for kidney stone
किडनी स्टोन की एलोपैथिक दवा में शामिल हैं –
- एलोप्यूरिनॉल
- सोडियम बाइकार्बोनेट
- फास्फोरस घोल
- ड्यूरेटिक दवाएं
- अल्फा ब्लॉकर्स
- कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स
- यूरिनरी एसिड कम करने की दवा
- एंटीबायोटिक्स
हालांकि, इन दवाओं के कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। इन दुष्प्रभाव में शामिल हैं-
पेट दर्द, कब्ज, दस्त, सिरदर्द, उल्टी और त्वचा पर लाल चकत्ते।
यदि गुर्दे की पथरी छोटी है तो डॉक्टर केवल अधिक पानी पीने की सलाह देते हैं। पानी पीने से स्टोन मूत्र के माध्यम से अपने आप ही बाहर निकल जाते हैं।
और पढ़ें – Iron Supplements क्या हैं? जानिए इसके फायदे, मात्रा और दुष्प्रभाव
2. पथरी के इलाज के लिए होम्योपैथिक दवा – Kidney stone treatment in homeopathy in Hindi
किडनी स्टोन की होम्योपैथिक दवाइयों के नाम हैं –
- ओसिमम कैनम (Ocimum Canum)
- कैल्केरिया कार्ब (Calcarea Carb)
- सारसापेरिला (Sarsaparilla)
- लाइकोपोडियम (Lycopodium)
- बर्बेरिस बल्गारिस (Berberis Vulgaris)
और पढ़ें – Steroids दवा क्या है?, जानिए स्टेरॉयड के फायदे और नुकसान
रीनल स्टोन की सर्जरी कब होती है? | When Do I Need Kidney Stone Surgery
गुर्दे की पथरी निकालने के लिए सर्जरी निम्नलिखित स्थितियों में की जा सकती है यदि:
- पथरी बहुत बड़ी है और अपने आप निकल में असमर्थ हो,
- आपको तेज दर्द का अनुभव होता हो,
- पथरी आपके गुर्दे से मूत्र के प्रवाह को रोकती हो,
- पथरी की वजह से आपको कई बार यूरिनरी इन्फेक्शन हो रहा हो।
और पढ़ें – ओमेगा 3 फैटी एसिड के फायदे और नुकसान।
गुर्दे की पथरी का ऑपरेशन कैसे होता है? | Renal Calculi Surgery Types in Hindi
गुर्दे की पथरी की सर्जरी चार प्रकार से की जा सकती है।
1. शॉक वेव लिथोट्रिप्सी – Shock Wave Lithotripsy
शॉक वेव लिथोट्रिप्सी (SWL) गुर्दे की पथरी के इलाज के लिए उपयोग में लाई जाती है।
शॉक वेव लिथोट्रिप्सी, बिना ऑपरेशन किडनी स्टोन को निकालने की आधुनिक विधि।
शॉक वेव लिथोट्रिप्सी में कोई सा भी कट नहीं आता है जिसकारण यह प्रक्रिया non-surgical कहलाती है।
इस प्रक्रिया में गुर्दे के बाहर से उच्च-ऊर्जा वाली शॉक वेव डाली जाती हैं। ये तरंगें आपकी त्वचा से होकर गुजरती हैं और पथरी को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ देती हैं।
इस प्रक्रिया में रोगी की रिकवरी 1 दिन में हो जाती है। मतलब रोगी को हॉस्पिटल में केवल एक दिन रुकना पड़ता है।
SWL का उपयोग उन रोगियों में किया जाता है जिनकी पथरी का आकर 2 सेमी से छोटे होता है। हालांकि, बड़ीऔर सख्त पथरी SWL method द्वारा उपचारित नहीं होती हैं।
2. यूरेटेरोस्कोपी – Ureteroscopy
यूरेट्रोस्कोप में एक लेजर फाइबर होता है जो स्टोन को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ देता है।
यूरेट्रोस्कोपी का उपयोग मूत्रमार्ग, मूत्राशय या मूत्रवाहिनी में मौजूद पथरी को निकलने में किया जाता है।
इस प्रक्रिया में पेशेंट की रिकवरी 2-3 दिन में हो जाती है।
3. नेफ्रोलिथोट्रिप्सी (दूरबीन विधि से पथरी के ऑपरेशन)- Nephrolithotripsy
सर्जन किडनी के स्टोन को तोड़ने के लिए ध्वनि तरंगों और लेजर का उपयोग करते है और फिर वैक्यूम मशीन से टुकड़ों को बाहर खींच लेते हैं।
नेफ्रोलिथोट्रिप्सी/ परक्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी को हिंदी भाषा में दूरबीन विधि भी कहा जाता है।
इस विधि द्वारा बड़े आकार के गुर्दे के स्टोन (गुर्दे की पथरी) को निकला जाता है।
इस सर्जरी में 20 से 45 मिनट का समय लगता है। आमतौर पर रोगी को एक या दो दिन तक अस्पताल में रहना होता है।
4. ओपन सर्जरी – Open Surgery
डॉक्टर ओपन सर्जरी की सलाह तब देते हैं जब अन्य तरीके पथरी को बहार निकलने में असमर्थ होते हैं।
बड़े स्टोन को बहार निकलने के लिए ओपन सर्जरी चुनी जाती है।
इस मेथड में सर्जन रोगी में एक चीरा लगते है और फिर गुर्दे और मूत्रवाहिनी को ओपन करते हैं।
इसके बाद डॉक्टर उस पथरी को बाहर निकल लेते हैं।
ओपन सर्जरी में आपको कुछ दिनों तक अस्पताल में रहने की आवश्यकता हो सकती है। ओपन सर्जरी के बाद पूरी तरह से ठीक होने में 4 से 6 सप्ताह तक का समय लग सकता है।
किडनी में पथरी का घरेलू इलाज क्या है? | Home Remedy for Renal Calculi in Hindi
गुर्दे की पथरी का घरेलू इलाज निम्नलिखित तरीकों से किया जा सकता है।
1. पथरी से बचने के लिए खूब पानी पिएं – Stay hydrated in kidney stones in Hindi
गुर्दे की पथरी रोकने का घरेलू इलाज है कि आप हर दिन खूब पानी पिएं। (11)
यदि आप पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते हैं, तो आपकी यूरिन कम बनेगी। कम यूरिन का मतलब है कि आपकी यूरिन का अधिक गाढ़ी होना।
गाढ़ी यूरिन में मूत्र के लवण घुल नहीं पते हैं। ये अघुलनशील लवण पथरी का कारण बनते हैं। इसलिए, पथरी को रोकने के लिए हर दिन कम से कम 2.5 लीटर तक तरल पदार्थ पीने का लक्ष्य रखें। (12)
आप मूत्र के रंग को देखकर जान सकते हैं कि आपके शरीर को पानी की जरुरत है या नहीं ।
हाइड्रेटेड व्यक्ति की यूरिन स्पष्ट या हल्का पीली रंग की होती है। यदि यह गहरे रंग की है, तो आपको अधिक पानी पीने की जरूरत है।
और पढ़ें – कब्ज में क्या खाएं और क्या ना खाएं
2. पथरी रोकने के लिए फलों का रस पियें – Drink fruit juice to prevent stones in Hindi
पथरी रोकने के लिए फलों का रस काफी असरदार है विशेष रूप से संतरे का जूस।
इसके अलावा अदरक का रस, अनार का जूस, अंगूर का रस, तुलसी के पत्तों का रस और नींबू पानी भी पथरी रोकने में मदद कर सकते हैं। (13)
नए अध्ययनों से पता चलता है कि रोजाना सिमित मात्रा में संतरे का रस पीने से गुर्दे की पथरी को बेहतर तरीके से रोका जा सकता है। संतरे में मौजूद सिट्रिक एसिड पथरी को तोड़ने में मदद करता है और साथ ही यूरिन में एसिड की मात्रा को कम करता है। (14)
हालांकि, कुछ लोगों में अधिक सिट्रिक एसिड स्टोन का कारण भी बन सकता है। इसलिए सिमित मात्रा में खट्टे फल खाये जाने चाहिए।
आइये अब समझते हैं गुर्दे की पथरी में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं।
3. किडनी में पथरी के अन्य घरेलू उपाय
पथरी के बचाव के लिए कैल्शियम युक्त आहार खाएं, पथरी को रोकने के लिए विटामिन डी का सेवन करें, पथरी रोकने के लिए मैग्नीशियम का सेवन बढ़ाएँ।
इसके अलावा स्टोन की समस्या में पौधे आधारित प्रोटीन खाएं
निष्कर्ष | Conclusion
ज्यादातर मामलों में किडनी स्टोन एक दर्द रहित समस्या है। परन्तु, कभी कभी ये समस्या दर्दनाक भी हो सकती है। गुर्दे की पथरी के लिए आज कई उपचार उपलब्ध हैं। जिसमें कई दवाएं और प्रक्रियाएं मौजूद हैं, जो लक्षणों को प्रबंधित करने और गुर्दे की पथरी को बाहर निकलने में मदद करती हैं। इसके अतिरिक्त, अच्छी तरह हाइड्रेटेड रहने और अपने आहार में कुछ बदलाव करने से गुर्दे की पथरी को बनने से रोका जा सकता है।
और पढ़ें – आयरन की कमी को दूर करते हैं ऐसे आहार।
ये है kidney stone के लक्षण कारण और इलाज के बारे में बताई गई पूरी जानकारी। कमेंट में बताएं आपको Symptoms of Renal Calculi पोस्ट कैसी लगी। अगर आपको पोस्ट पसंद आई हो, तो इसे शेयर जरूर करें।
वेब पोस्ट गुरु ब्लॉग में आने और पोस्ट पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद।
Disclaimer : ऊपर दी गई जानकारी पूरी तरह से शैक्षणिक दृष्टिकोण से दी गई है। इस जानकारी का उपयोग किसी भी बीमारी के निदान या उपचार हेतु बिना विशेषज्ञ की सलाह के नहीं किया जाना चाहिए। इसके अलावा किसी भी चीज को अपनी डाइट में शामिल करने या हटाने से पहले किसी योग्य डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ (Dietitian) की सलाह जरूर लें।
सन्दर्भ (References)
1. Informed Health.org [Internet]. Cologne, Germany: Institute for Quality and Efficiency in Health Care (IQWiG); 2006-. Kidney stones: Overview. 2016 Feb 25 [Updated 2019 Feb 28]
2. NCBI: https://www.niddk.nih.gov/health-information/urologic-diseases/kidney-stones/symptoms-causes.
3. Alelign T, Petros B. Kidney Stone Disease: An Update on Current Concepts. Adv Urol. 2018;2018:3068365. Published 2018 Feb 4.
4. Khan SR, Pearle MS, Robertson WG, et al. Kidney stones. Nat Rev Dis Primers. 2016;2:16008. Published 2016 Feb 25.
5. Leslie SW, Sajjad H, Murphy PB. Renal Calculi. [Updated 2022 Feb 14]. In: StatPearls [Internet]. Treasure Island (FL): StatPearls Publishing; 2022 Jan.
6. Nojaba L, Guzman N. Nephrolithiasis. [Updated 2021 Aug 11]. In: StatPearls [Internet]. Treasure Island (FL): StatPearls Publishing; 2022 Jan.
7. Alelign T, Petros B. Kidney Stone Disease: An Update on Current Concepts. Adv Urol. 2018;2018:3068365. Published 2018 Feb 4.
8. Sakhaee K, Maalouf NM, Sinnott B. Clinical review. Kidney stones 2012: pathogenesis, diagnosis, and management. J Clin Endocrinol Metab. 2012;97(6):1847-1860.
9. Mehta SR, Annamaraju P. Intravenous Pyelogram. [Updated 2021 May 10]. In: StatPearls [Internet]. Treasure Island (FL): StatPearls Publishing; 2022 Jan.
10. Informed Health.org [Internet]. Cologne, Germany: Institute for Quality and Efficiency in Health Care (IQWiG); 2006-. Kidney stones: Overview. 2016 Feb 25 [Updated 2019 Feb 28].
11. Xu C, Zhang C, Wang XL, et al. Self-Fluid Management in Prevention of Kidney Stones: A PRISMA-Compliant Systematic Review and Dose-Response Meta-Analysis of Observational Studies. Medicine (Baltimore). 2015;94(27):e1042.
12. Gamage KN, Jamnadass E, Sulaiman SK, Pietropaolo A, Aboumarzouk O, Somani BK. The role of fluid intake in the prevention of kidney stone disease: A systematic review over the last two decades. Turk J Urol. 2020;46(Supp. 1):S92-S103.
13. Gul Z, Monga M. Medical and dietary therapy for kidney stone prevention. Korean J Urol. 2014;55(12):775-779.
14. Barghouthy Y, Somani BK. Role of Citrus Fruit Juices in Prevention of Kidney Stone Disease (KSD): A Narrative Review. Nutrients. 2021 Nov 17;13(11):4117.