ज्यादातर लोग फिश ऑयल कैप्सूल के फायदे (Benefits of fish oil capsules in Hindi) के बारे में नहीं जानते हैं। साथ ही फिश ऑयल कैप्सूल के नुकसान (Side effects fish oil capsules in Hindi) क्या हैं इसको लेकर भी लोगों के मन में शंका रहती है। इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको फिश ऑयल कैप्सूल के फायदे और नुकसान (Fish Oil Capsules Benefits and Side Effects in Hindi) के बारे में बता रहे हैं। इसके अलावा फिश ऑयल कैप्सूल कब खाना चाहिए, यह भी बताया गया है। तो चलिए अब इस पोस्ट को शुरू करते हैं।
फिश ऑयल क्या है? (What is fish oil in Hindi)
फिश ऑयल (मछली का तेल) जिसे ओमेगा 3 फैटी एसिड भी कहा जाता है एक प्रकार का वसा है जो मछली के ऊतकों से निकाला जाता है। मछली के तेल का लगभग 30% भाग ओमेगा -3 फैटी एसिड से बना होता है। इसके अलावा, इसमें अन्य वासा, विटामिन ए और डी की कुछ मात्रा भी मौजूद होती है।
आमतौर पर मछली का तेल ट्यूना, हलिबेट, शैवाल, क्रिल्ल जैसी तैलीय मछलियों से निकला जाता है। हालांकि, मछली का तेल कभी-कभी अन्य मछलियों के जिगर (liver) से भी निकला जाता है।
फिश ऑयल में दो प्रकार के ओमेगा -3 फैटी एसिड होते हैं। (1)
- डोकोसाहेक्सानोइक एसिड (डीएचए)
- इकोसापेंटेनोइक एसिड (ईपीए)
हालांकि, अल्फा लिनोलेनिक एसिड (ALA) भी एक प्रकार का ओमेगा -3 फैटी एसिड है, जो ज्यादातर वेजिटेबल ऑयल (यानि पौधों से प्राप्त होने वाले तेल) से प्राप्त किया जाता है।
“ज्यादातर स्टडी में डोकोसाहेक्सानोइक एसिड (DHA) और इकोसापेंटेनोइक एसिड (EPA) को अल्फा लिनोलेनिक एसिड (ALA) की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण माना गया है। जो हृदय स्वास्थ्य और अन्य बिमारियों से सुरक्षा प्रदान करते हैं। “(2 & 3)
सीधे शब्दों में कहें, तो मछली से मिलने वाला ओमेगा-3 फैटी एसिड, पौधों से मिलने वाले ओमेगा-3 से कहीं अधिक बेहतर होता है।
डॉक्टर ओमेगा -3 फैटी एसिड प्राप्त करने के लिए प्रति सप्ताह 1-2 हिस्से मछली खाने की सलाह देते हैं। हालांकि, यदि आप शाकाहारी हैं और मछली का सेवन नहीं कर सकते हैं तो आप इसकी जगह बाजार से फिश ऑयल कैप्सूल (Fish oil Capsules) ले सकते हैं। इसके अलावा शाकाहारी लोग अलसी, अखरोट और कैनोला तेल से भी ओमेगा -3 फैटी एसिड प्राप्त कर सकते हैं।
चलिए अब फिश ऑयल कैप्सूल के फायदे और नुकसान (Fish Oil Capsules Benefits and Side Effects in Hindi) के बारे में पढ़ते हैं।
फिश ऑयल कैप्सूल के फायदे (Fish Oil Capsules Benefits in Hindi)
फिश ऑयल कैप्सूल के फायदे (फिश आयल कैप्सूल्स बेनिफिट्स इन हिंदी) निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे –
- नेत्र स्वास्थ्य को बनाए रखने में,
- हृदय जोखिमों को कम करने में,
- भ्रूण के स्वस्थ विकास के लिए,
- त्वचा को स्वस्थ बनाने में,
- बालों को झड़ने से रोकने में,
- एकाग्रता को बढ़ाने में,
- नींद की गुणवत्ता को बढ़ाने में,
- रूमेटाइड अर्थराइटिस के इलाज में,
- अस्थमा के इलाज में,
- वजन घटाने मे,
- पोस्टपार्टम डिप्रेशन में।
और पढ़ें – जानिए मधुमेह रोगी डायबिटीज में क्या खाएं और क्या न खाएं।
1. नेत्र स्वास्थ्य को स्वस्थ रखने में (Fish Oil capsules Benefits for eyes in Hindi)
फिश ऑयल में मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड आँख की रेटिना को स्वस्थ बनाए रखने और आँख की सूजन को दूर करने में मदद कर सकता है। फिश ऑयल कैप्सूल खाने से आप मैकुलर डिजनरेशन जैसे रोग से बच सकते हैं। मैकुलर डिजनरेशन एक प्रकार का दृष्टि दोष है। जो कई बार अंधेपन का कारण बनता है। (4 & 5)
इसके अलावा फिश ऑयल कैप्सूल के फायदे (Machli ke Tel ke Fayde), ग्लूकोमा जैसी बीमारी के जोखिम को कम करने और आँख के सूखेपन को दूर करने भी हो सकता है।
2. हृदय जोखिमों को कम करने में (Fish Oil Benefits for cardiovascular disease in Hindi)
दिल को स्वस्थ रखने के लिए फिश ऑयल कैप्सूल को कई लाभों (फिश आयल कैप्सूल्स बेनिफिट्स इन हिंदी) से जोड़ा गया है। जिसमें शामिल हैं- (6, 7, 8 & 9)
- फिश ऑयल में मौजूद ओमेगा 3 उच्च रक्तचाप वाले व्यक्तियों में रक्तचाप के स्तर को कम कर सकता है।
- फिश ऑयल “अच्छे” एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकता है।
- फिश ऑयल दिल और दिमाग में ब्लड क्लॉट को बनने से रोक सकता है।
- फिश ऑयल शरीर की सूजन कम कर सकता है।
- फिश ऑयल के फायदे असामान्य हृदय गति की संभावना को कम कर सकता है।
3. भ्रूण के स्वस्थ विकास के लिए (Benefits of Fish Oil capsules for fetus development in Hindi)
प्रेगनेंसी के समय फिश ऑयल का सेवन, भ्रूण के स्वस्थ विकास में मदद कर सकता है, विशेष रूप से भ्रूण के मस्तिष्क और आंखों का। यही कारण है कि डॉक्टर गर्भावस्था के दौरान मछली के तेल से युक्त आहार खाने की सलाह देते हैं। (10 ,11 & 12)
4. त्वचा को स्वस्थ बनाने में (Fish oil capsules uses for skin care in Hindi)
फिश ऑयल कैप्सूल का फायदा स्किन को मुलायम, नमी युक्त और झुर्रियों से मुक्त रखने में मदद कर सकता है। इसके अलावा ओफिश ऑयल का उपयोग त्वचा के कई रोगों के इलाज और रोकथाम के लिए भी किया जाता है, साथ ही यह चेहरे में होने वाले मुहासों की रोकथाम में भी मदद कर सकता है। (13)
5. बालों को झड़ने से रोकने में (Fish oil benefits for hair loss in Hindi)
कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि फिश ऑयल कैप्सूल का फायदा बालों के स्वास्थ्य में सुधार लाने में किया जा सकता है, खासकर ऐसे लोग जिनके बाल रोज झड़ते हैं।
“2015 में की गई स्टडी से पता चलता है कि जिन महिलाओं ने फिश ऑयल सप्लीमेंट लिया था, उनके बालों के विकास में काफी अधिक वृद्धि और बालों के झड़ने में कमी देखी गई।” (14)
6. एकाग्रता को बढ़ाने में फिश ऑयल कैप्सूल के फायदे (Omega 3 capsules benefits for brain in Hindi)
फिश ऑयल कैप्सूल का फायदा एकाग्रता बढ़ाने के लिए हो सकता है। यदि काम करते समय आपका मन और ध्यान बार-बार भटक रहा हो, तो मछली के तेल में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड एकाग्रता बढ़ाने में आपकी मदद कर सकता है। इसके अलावा जो लोग अधिक मछली खाते हैं उनकी उम्र से संबंधित मानसिक गिरावट धीमी होती है। (15)
हालांकि, यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है कि मछली के तेल की खुराक वृद्ध वयस्कों में मानसिक गिरावट को रोकने में पूरी तरह से सक्षम है कि नहीं।
7. नींद की गुणवत्ता को बढ़ाने में (Benefits of omega 3 fish oil for good sleep in Hindi)
शरीर में ओमेगा 3 फैटी एसिड का निम्न स्तर नींद न आने की समस्या को बढ़ा सकता है। बच्चों और वयस्कों में किये गए एक अध्ययन से पता चलता है कि ओमेगा-3 नींद की गुणवत्ता और नींद के समय को बढ़ाने (Benefits of omega-3 in Hindi) में मददगार कर सकता है। (16 & 17)
इसलिए फिश ऑयल का सेवन नींद की गुणवत्ता को बढ़ाने में किया जा सकता है।
8. रूमेटाइड अर्थराइटिस के इलाज में (Omega 3 capsules benefits for rheumatoid arthritis in Hindi)
कई अध्ययनों में पाया गया है कि मछली का तेल (ओमेगा-3) जोड़ों के दर्द और सुबह की जकड़न से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। इसके अलावा फिश ऑयल कैप्सूल का फायदा रूमेटाइड अर्थराइटिस यानी गठिया के लक्षणों को कम करने में भी किया जा सकता है। (18)
“एक अध्ययन से पता चलता है कि गठिया से पीड़ित लोग अगर मछली के तेल का सही से सेवन करें, तो उनमें गठिया के लक्षणों को कम किया जा सकता है। प्रयोगशाला अध्ययनों से भी पता चलता है कि ओमेगा -3 फैटी एसिड से भरपूर आहार ऑस्टियोआर्थराइटिस के लक्षणों को कम कर सकते हैं।”
9. अस्थमा के इलाज में फिश ऑयल कैप्सूल के फायदे (Benefits of omega 3 fatty acids for asthma in Hindi)
फिश ऑयल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होने के कारण ये अस्थमा जैसी बीमारी से बचाव में कारगर साबित हो सकता है। शोध के अनुसार नियमित रूप से ओमेगा-3 (फिश ऑयल कैप्सूल) का सेवन बच्चों को अस्थमा के लक्षणों से बचाया जा सकता है। (19) फिलहाल, मछली का तेल अस्थमा के इलाज के लिए कितना कारगर है इस विषय पर अभी और शोध की आवश्यकता है।
10. वजन घटाने में फिश ऑयल कैप्सूल खाने के लाभ (Benefits of fish oil supplements for weight loss in Hindi)
फिश ऑयल कैप्सूल (ओमेगा-3 कैप्सूल) का फायदा वजन घटाने में भी मिल सकता है। मछली के तेल में मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड वजन घटाने में मदद करता है और शरीर से अतरिक्त चर्बी को हटाता है जिससे हमारा अतरिक्त वजन नहीं बढ़ता है। (20)
11. पोस्टपार्टम डिप्रेशन में मछली के तेल के फायदे (Benefits of Fish Oil capsules for postpartum depression in Hindi)
प्रसव (डिलीवरी) के बाद ज्यादातर महिलाएं पोस्टपार्टम डिप्रेशन से पीड़ित हो जाती हैं। पोस्टपार्टम डिप्रेशन एक गंभीर मानसिक बीमारी (तनाव) है जो महिलाओं के व्यवहार और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। यही कारण है कि पोस्टपार्टम डिप्रेशन से ग्रस्त महिलाओं में चिड़चिड़ापन, चिंता, उदासी, निराशा, अकेलापन और भूख कम या ज्यादा लगना समेत कई लक्षण नजर आते हैं।
“2018 में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, जो महिलाऐं प्रेगनेंसी के बाद फिश आयल (ओमेगा-3 कैप्सूल) एक सप्लीमेंट के रूप में लेती हैं उनके डिप्रेशन से ग्रस्त होने की सम्भावना काफी हद तक कम हो जाती है।” (21)
फिश ऑयल कैप्सूल कब और कैसे खाना चाहिए? (When and how to eat fish oil capsules in Hindi)
फिश ऑयल कैप्सूल (ओमेगा-3 कैप्सूल) खाने का कोई निश्चित समय नहीं है। इसलिए इसे आप कभी भी खा सकते हैं। फिर भी जानकर ओमेगा -3 फिश ऑयल कैप्सूल लेने का सबसे अच्छा समय दिन के खाने या रात के खाने के साथ मानते हैं।
फिश ऑयल कैप्सूल कैसे खानी चाहिए (Fish oil capsules kaise khaye)? अधिकांश लोगों के मन में यह सवाल होता है कि मैं फिश ऑयल खाना खाने के बाद खा सकता हूं या नहीं। विशेषज्ञों का मानना है कि फिश ऑयल कैप्सूल (ओमेगा -3 कैप्सूल) भोजन के दौरान पानी के साथ लिया जा सकता है।
“2019 में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि अगर उच्च वसा वाले भोजन के बाद ओमेगा -3 कैप्सूल का सेवन किया जाए तो ओमेगा-3 शरीर द्वारा बेहतर तरीके से अवशोषित होता है।”
हालांकि, यदि कोई व्यक्ति नाश्ते में अधिक वसा नहीं खाता है, तो वह इसे दोपहर के भोजन या शाम के भोजन के बाद भी फिश ऑयल कैप्सूल खा सकता है। भोजन के साथ मछली का तेल लेने से ओमेगा -3 फैटी एसिड का अवशोषण बढ़ सकता है और एसिड रिफ्लक्स, डायरिया, डकार और मतली सहित कुछ साइड इफेक्ट कम हो सकते हैं।
अधिकांश शोध बताते हैं कि मछली के तेल की खुराक के संभावित लाभ तत्काल नहीं मिलते हैं, बल्कि इसके दीर्घकालिक उपयोग करने से मिलते हैं। (22) अध्ययनों से पता चलता है कि मछली के तेल को कई हफ्तों, महीनों या वर्षों तक लेने से रक्त में ओमेगा -3 फैटी एसिड का स्तर बढ़ सकता है। (23)
मुझे फिश ऑयल कैप्सूल कितना खाना चाहिए? (How much fish oil capsules should I eat in Hindi)
फिश ऑयल कितना खाना चाहिए यह आपकी उम्र, लिंग और स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है। इसलिए फिश ऑयल सप्लीमेंट्स लेने से पहले अपने डॉक्टर से अवश्य परामर्श करें। हालांकि, जयादातर मामलों में डॉक्टर 250-500 मिलीग्राम संयुक्त ईपीए और डीएचए (फिश ऑयल) खाने की सलाह देते हैं। (24 & 25)
और पढ़ें – लो कैलोरी डाइट के फायदे, नुकसान और आहार योजना।
मछली का तेल के पौष्टिक तत्व (Fish Oil Nutritional Value in Hindi)
मछली का तेल पोषक तत्वों का खजाना है। प्रति 100 ग्राम मछली के तेल में कितनी मात्रा में पोषक तत्व मौजूद होते हैं इसके लिए आप नीचे पढ़ सकते हैं-
पोषक तत्व |
मात्रा प्रति 100 ग्राम |
ऊर्जा | 902kcal |
कुल फैट | 100g |
विटामिन ए | 100000IU |
विटामिन डी | 10000IU |
फैटी एसिड, सैचुरेटेड | 22.608g |
फैटी एसिड, कुल मोनोअनसैचुरेटेड | 46.711g |
फैटी एसिड, कुल पॉलीअनसैचुरेटेड | 22.541g |
कोलेस्ट्रॉल | 22.541g |
क्या है फिश ऑयल कैप्सूल के नुकसान (Side effects of fish oil capsules in Hindi)
फिश ऑयल कैप्सूल का अधिक सेवन स्वस्थ के लिए नुकसानदायक भी हो सकता हैं। मछली के तेल के नुकसान (फिश ऑयल कैप्सूल के नुकसान) में शामिल हो सकते हैं – (26 & 27)
- खट्टी डकारे आना,
- पेट में जलन होना,
- पेट दर्द होना,
- मुँह का असामान्य स्वाद,
- पेट में अत्यधिक गैस बनना,
- मसूड़ों से खून आना,
- सूखी खांसी होना,
- सांस लेने या निगलने में कठिनाई,
- चक्कर आना,
- लाल या काला मल आना,
- लाल या गहरा भूरा मूत्र होना,
- सामान्य तापमान में भी पसीना आना,
- सीने में जकड़न,
- असामान्य थकान या कमजोरी,
- तेज़ या अनियमित दिल की धड़कन,
- सरदर्द होना,
- पित्ती, खुजली, या त्वचा पे लाल चकत्ते पड़ना,
- मासिक धर्म के प्रवाह में वृद्धि होना,
- पलकों या आंखों, चेहरे, होंठ, या जीभ के आसपास सूजन आना।
और पढ़ें – Steroids दवा क्या है?, जानिए स्टेरॉयड के फायदे और नुकसान
मछली के तेल की खुराक के लिए सावधानियां (Precautions for fish oil supplements in Hindi)
अगर आपको मछली या सोयाबीन से एलर्जी है तो फिश ऑयल कैप्सूल के सेवन से बचना चाहिए। इसके अलावा यदि आपको-
- मधुमेह,
- यकृत रोग,
- अग्न्याशय विकार,
- अंडरएक्टिव थायराइड, या
- आप प्रति दिन 2 से अधिक मादक पेय पीते हैं,
तो फिश ऑयल कैप्सूल का उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर या फार्मासिस्ट से जरूर पूछें लें। क्योंकि, फिश ऑयल कैप्सूल अन्य दवाओं के साथ रियेक्ट कर सकती है। जिससे आपके स्वास्थ में हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है।
और पढ़ें – इम्युनिटी बढ़ाने के घरेलू उपाय।
और पढ़ें – पोटेशियम की कमी दूर करते हैं ये आहार
निष्कर्ष (Conclusion)
फिश ऑयल नेत्र स्वास्थ्य को बनाए रखने, हृदय जोखिमों को कम करने, भ्रूण के स्वस्थ विकास, मस्तिक्ष के अच्छे डेवलोपमेन्ट और एकाग्रता को बढ़ाने में विशेष भूमिका अदा करता है। क्योंकि मछली के तेल में बहुत अधिक मात्रा में ओमेगा -3 होता है, इसलिए जो लोग इन स्वास्थ्य स्थितियों के जोखिम में हैं, वे फिश ऑयल कैप्सूल के सेवन से लाभ उठा सकते हैं। हालांकि, फिश ऑयल कैप्सूल के कुछ नुकसान भी हैं। इसलिए दोनों पक्षों को ध्यान में रख के फिश ऑयल का सेवन करें।
ये हैं फिश ऑयल कैप्सूल के फायदे और नुकसान के बारे में बताई गई पूरी जानकारी। कमेंट में बताएं आपको Fish Oil Capsules Benefits and Side Effects in Hindi पोस्ट कैसी लगी। अगर आपको पोस्ट पसंद आई हो, तो इसे शेयर जरूर करें।
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Disclaimer : ऊपर दी गई जानकारी पूरी तरह से शैक्षणिक दृष्टिकोण से दी गई है। इस जानकारी का उपयोग किसी भी बीमारी के निदान या उपचार हेतु बिना विशेषज्ञ की सलाह के नहीं किया जाना चाहिए। इसके अलावा किसी भी चीज को अपनी डाइट में शामिल करने या हटाने से पहले किसी योग्य डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ (Dietitian) की सलाह जरूर लें।
सन्दर्भ (References)
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