Diet Plan For Pregnancy in Hindi: इस पोस्ट के माध्यम से हमने प्रेग्नेंसी के 8 आवश्यक पोषक तत्व (गर्भावस्था आहार) और उनसे जुड़ी सावधानियों के बारे में विस्तार से बताया है।
प्रेग्नेंसी के 8 आवश्यक पोषक तत्व | Diet Plan For Pregnancy In Hindi
Pregnancy diet in Hindi
प्रेगनेंसी में सही और संतुलित पोषक तत्व (प्रेगनेंसी में खाना) लेना मां के स्वास्थ और शिशु के अच्छे विकास दोनों के लिए महत्वपूर्ण होता है। प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिलाएं बहुत कंफ्यूज रहती हैं कि उनको क्या खाना (गर्भवती महिला का खान-पान) चाहिए जिससे उनका और उनके शिशु दोनों का अच्छे से विकास हो सके।
प्रेगनेंसी के समय ज्यादातर महिलाएं ज्यादा खाना (भोजन) खाने लगती हैं जो कि गलत है। क्योंकि महिलाओं को ऐसा लगता है ज्यादा खाना खाने से उनके शिशु का विकास ठीक से होगा। परन्तु असल में यह एक गलत धारणा है क्योंकि ज्यादा खाना खाने से ज्यादा जरुरी है आपका सही और संतुलित आहार (Pregnancy diet) लेना।
विशेषज्ञों के अनुसार प्रेगनेंसी में गर्भवती को एक से आहार (प्रेगनेंसी में आहार) न लेकर विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्यवर्धक आहार (प्रेगनेंसी में पोषक तत्व) और पेय पदार्थ अपनी डाइट में शामिल करने चाहिए।
क्योंकि विभिन्न प्रकार के आहार और पेय पदार्थ से गर्भवती महिला अलग-अलग प्रकार के पोषक तत्व (जैसे प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, विटामिन, आयोडीन आदि) प्राप्त करती हैं, जो मां के स्वास्थ और शिशु के अच्छे विकास के लिए आवश्यक है। चलिए अब इन पोषक तत्वों के बारे में विस्तार से समझते हैं जो प्रेग्नेंसी के 8 आवश्यक पोषक तत्व हैं।
और पढ़ें – प्रेगनेंसी में पौष्टिक आहार, जानें पूरा डाइट चार्ट

- हरी सब्जियां
- दूध
- दालें
- आयोडीन नमक
- फल
- मांस- मछली
- अंडा
- पेय पदार्थ
और पढ़ें – ओमेगा 3 फैटी एसिड के फायदे और नुकसान।
1. प्रेग्नेंसी के आवश्यक पोषक तत्व हैं हरी सब्जियां – Green vegetables diet plan for pregnancy in Hindi
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प्रेगनेंसी में हरी सब्जियां खाएं |
हरी सब्जियां (Diet during pregnancy in Hindi) प्रेगनेंसी के दौरान खाये जाने वाले मुख्य आहारों (भोजन) में से एक हैं।
हरी सब्जियों में प्रचुर मात्रा में फोलेट (विटामिन B-9) और आयरन पाया जाता है, जो गर्भ में पल रहे शिशु के ऊतकों और कोशिकाओं के निर्माण के लिए आवश्यक है।
इसकी कमी से शिशु को कई तरह के जन्म दोष (जैसे तंत्रिका ट्यूब दोष) होने का खतरा रहता है साथ ही फोलेट (विटामिन B-9) और आयरन की कमी से गर्भवती थकान, सिरदर्द, चक्कर, कमजोरी या सांस फूलना जैसे लक्षणों को भी अनुभव कर सकती हैं।
आयरन की कमी से गर्भवती को एनीमिया होना, उसकी समय से पहले डिलवरी होना, जन्म के समय शिशु का वजन कम होना या अल्पविकसित शिशु पैदा होना आदि की संभावना बनी रहती है।
हरी सब्जियों में (प्रेगनेंसी में खाना) शिमला मिर्च, फूल गोभी, ब्रोकली, पालक, मटर, गाजर, हरी पत्तेदार गोभी, खीरा और मेथी प्रमुख हैं। हरी सब्जियां प्रेगनेंसी में कब्ज जैसी समस्याओं से भी राहत दिलाने में मदद करती है।
और पढ़ें – आयरन की कमी को दूर करते हैं ऐसे आहार।
इसलिए प्रेगनेंसी के समय हरी सब्जियों को अपनी डाइट (प्रेगनेंसी में आहार) में जरूर शामिल करना चाहिए। जो आपको और आपके गर्भ में पल रहे शिशु दोनों को पोषक तत्व प्रदान करते हैं।
सावधानियां (Precautions)
बिना धुली हुए सब्ज़ियों पर हानिकारक कीटनाशक हो सकते हैं और साथ ही बिना धुली सब्जियां टोक्सोप्लाज़मोसिज़ (Toxoplasmosis) नामक परजीवी (Parasite) से भी संक्रमित हो सकती हैं।
जो आपके लिए और आपके शिशु दोनों के लिए हानिकारक हैं। जिसके चलते आपकी मांसपेशियों में दर्द, बुखार और सरदर्द जैसे लक्षण सामने आ सकते हैं। इसलिए खाने से पहले सब्ज़ियों को अच्छे से धो लें।
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2. प्रेग्नेंसी के आवश्यक पोषक तत्व में शामिल है दूध – Milk diet plan for pregnant lady in Hindi
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प्रेगनेंसी में दूध पानी पिएं |
दूध एक ऐसा तरल पदार्थ है जिसमें कैल्शियम और प्रोटीन (Pregnancy diet and nutrition in Hindi) जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं। जो आपके स्वास्थ और शिशु के अच्छे विकास दोनों के लिए लाभदायक है।
दूध में मौजूद कैल्शियम शिशु की हड्डियों के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण होता है। कैल्शियम के अलावा दूध में (प्रेगनेंसी में खाना) प्रोटीन, विटामिन-डी, अमीनो एसिड और फैटी एसिड भी भरपूर मात्रा में होता है जो बढ़ते बच्चे के तंत्रिका तंत्र के विकास के लिए आवश्यक है।
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प्रेगनेंसी के दौरान राेजाना दो गिलास दूध पीना चाहिए। हालांकि दूध पीने से पहले डॉक्टर से इसकी प्रतिदिन की मात्रा के बारे में जरूर जान लें।
सावधानियां– दूध में लिस्टिरिया और ई कोलाई (E. Coli) जैसे खतरनाक बैक्टीरिया भी हो सकते हैं। जिससे आपको और आपके शिशु दोनों को बैक्टिरीयल इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है और जिसके चलते आप उल्टी, बुखार, दस्त, डिहाइड्रेशन, गुलियन-बैरे सिंड्रोम और हीमोलिटिक यूरिमिक सिंड्रोम जैसे लक्षण अनुभव करती हैं।
हालांकि पाश्चराइज्ड मिल्क यानी उबले हुआ दूध में यह बैक्टीरिया नहीं होते हैं। क्योंकि दूध को उबालने पर यह बैक्टीरिया मर जाते हैं। इसलिए डॉक्टर आपको पाश्चराइज्ड मिल्क पीने और अनस्पेशराइज्ड मिल्क (यानी बिना उबाला हुआ कच्चा दूध) ना पीने की सलाह देते हैं।
और पढ़ें – जानिए प्रेगनेंसी में क्या नहीं खाना चाहिए।
3. प्रेग्नेंसी के जरूरी पोषक तत्वों में शामिल है दालें – High protein diet for pregnancy in Hindi
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प्रेगनेंसी में दालें खाएं |
ऐसी महिलाएं जो मांस, मछली का सेवन नहीं करती हैं, उन्हे अपने आहार (भोजन) में दालों को जरुर शामिल करना चाहिए।
दालों में प्रोटीन प्रचुर मात्रा में होता है, जिनमें (प्रेगनेंसी में खाना) सोयाबीन, मूंग दाल, चना दाल, राजमा, अरहर दाल, उड़द दाल इत्यादि शामिल हैं।
प्रोटीन (Protein) कोशिकाओं को संरचना प्रदान करने में मदद करता है और साथ ही उन्हें ठीक से काम करने में भी सहायता देता है।
गर्भावस्था के दौरान भ्रूण के स्वस्थ विकास और मां के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए प्रोटीन युक्त डाइट आवश्यक होती है।
प्रोटीन की अपर्याप्त मात्रा बच्चे के उचित विकास में बाधा पहुंचा सकती है, जिससे शिशु के जन्म के समय उसका वजन भी कम हो सकता है साथ ही प्रोटीन की कमी बच्चे के बढ़ते मस्तिष्क पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। इसलिए प्रेगनेंसी के समय आप गलती से भी अपने शरीर में प्रोटीन की कमी न होने दें।
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सावधानियां (Precautions)
दालों को हमेशा अच्छे से धो कर ही खाएं क्योंकि दालों में हानिकारक कीटनाशक हो सकते हैं।
4.प्रेग्नेंसी के आवश्यक पोषक तत्व है आयोडीन युक्त नमक – Iodine diet for pregnancy in Hindi
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प्रेगनेंसी में आयोडीन युक्त नमक खाएं |
आयोडीन की कमी से भ्रूण में अविकसित थायरॉयड ग्लैंड बनती है, जो बच्चे में कम IQ, धीमा मस्तिष्क विकास, बहरापन, जन्म दोष, आदि कर सकता है।
गर्भावस्था के दौरान महिला को आयोडीन की आवश्यकता काफी बढ़ जाती हैं। जिसकी पूर्ति खाद्य पदार्थों (भोजन) से पूरी की जा सकती है। जिसमें समुद्री खरपतवार (Seaweed जैसे एल्गी) और डेरी प्रोडक्ट्स प्रमुख हैं।
हांलाकि अधिकांश खाद्य पदार्थों में इसकी मात्रा अपेक्षाकृत कम होती है। इसके लिए आयोडीन (Best diet plan for pregnancy in Hindi) युक्त नमक एक आदर्श विकल्प माना गया है।
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5.प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए आवश्यक पोषक तत्व है फल – Fruits diet during pregnancy in Hindi
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प्रेगनेंसी में फल खाएं |
फलों में भरपूर मात्रा में विटामिन, खनिज (Minerals) और फाइबर (Diet for pregnancy tips in Hindi) पाए जाते हैं जो गर्भावस्था के दौरान महत्वपूर्ण पोषक तत्व प्रदान करते हैं साथ ही फल प्रेगनेंसी के समय होने वाली मॉर्निंग सिकनेस से भी बचाती है।
फलों के बिना आपका आहार चार्ट अधूरा रहता है और यदि आप फलों को अपनी डाइट में शामिल नहीं करती हैं, तो आपका शरीर बच्चे के स्वस्थ विकास के लिए पोषण तत्व प्रदान नहीं कर पाएगा।
प्रेगनेंसी के दौरान, गर्भवती महिलाओं को अपने आहार में चेरी, एवाकाडो, आम, अमरूद, अंगूर, केला, संतरा, कीवी, लीची, अमरूद, अनार, तरबूज, ब्लूबेरी, नाशपाती, चीकू और मौसमी (प्रेगनेंसी में आहार) जरूर शामिल करनी चाहिए।
सावधानियां (Precautions)
प्रेगनेंसी के शुरुवाती दिनों में (पहली तिमाही तक) कच्चा पपीता नहीं खाना चाहिए, क्योंकि कच्चे पपीते में लेटेक्स की मात्रा होती है जो गर्भाशय के संकुचन और शुरुआती लेबर पैन को जन्म दे सकता है।
और पढ़ें – गर्भावस्था की पुष्टि के लिए रक्त परीक्षण।
6.प्रेग्नेंसी के दौरान जरूरी पोषक तत्वों में शामिल है मांस और मछली – Meat and fish healthy diet for pregnancy in Hindi
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प्रेगनेंसी में मांस और मछली खाएं |
अगर आप मांसाहारी हैं तो गर्भावस्था के दौरान आप अपने आहार में मांस- मछली (Pregnancy diet and nutrition in Hindi) को जरूर शामिल करें। क्योंकि इनमें प्रचुर मात्रा में प्रोटीन (प्रेगनेंसी में आहार) होता है।
चिकन और बीफ के मीट (प्रेगनेंसी में खाना) में विटामिन B 12 पाया जाता है, जो गर्भ में पल रहे शिशु के दिमागी विकास के लिए जरूरी होता है।
मछली में ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है, जो शिशु के दिमाग और उसके शारीरिक विकास दोनों के लिए बेहद जरुरी होता है। इसके लिए वसायुक्त मछली जैसे सैल्मन और एंकोवी विशेष रूप से अच्छे विकल्प माने जाते हैं, क्योंकि वे ओमेगा -3 फैटी एसिड से युक्त होती हैं, जो आपके बच्चे के लिए महत्वपूर्ण है।
सावधानियां (Precautions)
दूषित पानी में पाई जाने वाली मछलियों में पारा प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। पारा एक विषैला और हानिकारक तत्व है, जो आपके तंत्रिका तंत्र, प्रतिरक्षा प्रणाली और गुर्दे में नकरात्मक प्रभाव डाल सकता है।
पारा मछलियों की मांसपेशियों में बैठ जाता है और मछलियों को पकाने पर भी नष्ट नहीं होता है। इसलिए दूषित पानी में पाई जाने वाली मछलियों का सेवन न करें।
और पढ़ें – गर्भावस्था की दूसरी तिमाही के दौरान प्रेगनेंसी टेस्ट।
7.गर्भवती महिला के लिए पौष्टिक आहार है अंडा – Eggs diet plan for pregnancy in Hindi
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प्रेगनेंसी में अंडे खाएं |
अंडा, प्रोटीन (Diet for pregnancy in Hindi) का एक अच्छा स्रोत है, जो अमीनो एसिड प्रदान करता है। इसमें पाया जाने वाला विटामिन B (प्रेगनेंसी में आहार) आपके शिशु के दिमाग के विकास लिए आवश्यक होता है।
इसके अलावा अंडा विटामिन डी, विटामिन ई, विटामिन के, विटामिन बी-6, कैल्शियम, फैटी एसिडऔर जिंक से भी भरपूर होता है और यही वजह है कि इसे ‘सुपरफूड’ (सुपरफूड ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जिनमें पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, विटामिन, एंटीऑक्सिडेंट, फाइबर और फैटी एसिड प्रचुर मात्रा में होते हैं।) भी कहा जाता है। इसलिए आपको अपने आहार में अंडों को अवश्य शामिल करना चाहिए।
सावधानियां (Precautions)
सुनिश्चित करें कि आप आधा पका हुआ या कच्चे अंडे न खाएं क्योंकि कच्चे और अधपके अंडे में हानिकारक बैक्टीरिया जैसे कि साल्मोनेला होता है। जिससे चलते आप बदन दर्द, बुखार और सरदर्द जैसे लक्षण महसूस कर सकती हैं।
8.प्रेग्नेंसी के आवश्यक पोषक तत्व है फ्रूट जूस – Juice and water during pregnancy in Hindi
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प्रेगनेंसी में पानी और जूस पिएं |
प्रेगनेंसी में पानी और जूस (Diet for pregnancy in Hindi) को अपने पेय पदार्थ में जरूर शामिल करना चाहिए।
आपका एक दिन में कम से कम दो से तीन लीटर पानी पीना जरुरी है। जिससे आप हाइड्रेटेड रहेंगी और आपको थकान भी नहीं लगेगी और साथ ही आपके शरीर से विषाक्त (Toxic) पदार्थ बाहर निकलते रहेंगे।
पानी की कमी को दूर करने के लिए आप रोजाना जूस और नारियल पानी भी ले सकती हैं। जूस में मौजूद विटामिन C शरीर की प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) बढ़ाने में मदद कर गर्भवती को सर्दी, जुकाम और बुखार से बचाता है। इसके अलावा नारियल पानी मॉर्निंग सिकनेस, थकान और सीने में जलन की समस्या से राहत दिलाता है।
सावधानियां (Precautions)
ध्यान रखे कि पानी को हमेशा उबाल कर ही पीए और जूस भी ताज़ा हो। डिब्बा बंद जूस का सेवन प्रेगनेंसी के समय भूल कर भी ना करें क्योंकि इनमें अधिक मात्रा में चीनी और प्रेज़रवेटिव (preservative) होतें है। जो प्रेगनेंसी के समय आपके शिशु के लिए हानिकारक हो सकता है।
और पढ़ें – हर्बल चाय (हर्बल टी) के 8 फायदे और नुकसान।
ये हैं प्रेग्नेंसी के दौरान लेने वाले 8 आवश्यक पोषक तत्व (आहार) के बारे में पूरी जानकारी। अगर आपको Diet Plan For Pregnancy in Hindi पोस्ट पसंद आई हो तो इसे शेयर जरूर करें।
Disclaimer : इस पोस्ट में प्रेग्नेंसी के दौरान लेने वाले 8 आवश्यक पोषक तत्व (आहार) के बारे में बताया गया है जो आपके लिए और आपके शिशु दोनों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
फिर भी किसी भी चीज को अपनी डाइट में शामिल करने से पहले आपको एक बार स्त्री-रोग विशेषज्ञ या डायटीशियन की सलाह जरूर लेनी चाहिए और उनकी सलाह के बाद ही अपनी डाइट में बदलाव लाना चाहिए। ताकि आप स्वस्थ रहें और आपका शिशु स्वस्थ पैदा हो।
सन्दर्भ (References)
- https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5104202/
- https://www.livescience.com/45090-pregnancy-diet.html
- https://www.healthline.com/nutrition/13-foods-to-eat-when-pregnant#dairy
- https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5084016/
- https://www.webmd.com/women/features/pregnant-daily-diet#1
- https://food.ndtv.com/health/pregnancy-food-chart-and-5-key-nutrients-for-a-healthy-pregnancy-1774783
- https://www.femina.in/relationships/parenting/pregnancy-diet-chart-165681.html
- https://www.medicalnewstoday.com/articles/246404