Best Cooking Oils : एक अच्छे कुकिंग ऑयल का चुनाव कैसे करें?

Best Cooking Oils in Hindi: खाना पकाने के तेल (खाद्य तेल) हमारे आहार में एक बड़ी भूमिका निभाते हैं। खासकर तब जब आप हृदय रोग, रक्तचाप या मधुमेह जैसी बीमारियों से पीड़ित हों। आज बाजार में कई तरह के कुकिंग ऑयल उपलब्ध हैं, जिनमें अलग-अलग प्रकार के गुण मौजूद होते हैं। कुछ कुकिंग ऑयल स्वास्थ के लिए अच्छे माने जाते हैं और कुछ खराब। हालांकि, एक अच्छे खाद्य तेल का चुनाव करना आपके लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

इस पोस्ट के माध्यम से हम आप को कुकिंग ऑयल के प्रकार, फायदे और नुकसान के बारे में बता रहे हैं, साथ ही एक अच्छे कुकिंग ऑयल का चुनाव कैसे करना है वह भी बताया गया है।

आइये अब इस पोस्ट को शुरू करते हैं।

Cooking oil in Hindi, खाना पकाने का तेल
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कुकिंग ऑयल क्या है? | Cooking oil in Hindi

खाना पकाने का तेल (खाद्य तेल) पौधे, पशु, या सिंथेटिक तरीके से प्राप्त किये गए तरल वसा है जिसका उपयोग खाना पकाने, तलने और सलाद बनने में किया जाता है। (1)

खाना पकाने का तेल आमतौर पर कमरे के तापमान पर एक तरल होता है, हालांकि कुछ तेल जिनमें संतृप्त वसा होता है, जैसे नारियल तेल और ताड़ का तेल (Palm oil) ठोस होते हैं।

और पढ़ें – लो कैलोरी डाइट के फायदे, नुकसान और आहार योजना।

खाद्य तेल के प्रकार | Types of cooking oil in Hindi

कुकिंग ऑयल मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं।

  • पौधे आधारित
  • पशु-आधारित

पौधे आधारित कुकिंग ऑयल में शामिल हैं-

जैतून का तेल, ताड़ का तेल, नारियल तेल, अलसी का तेल, सोयाबीन का तेल, अखरोट का तेल, तिल का तेल, कैनोला तेल, कुसुम का तेल, सूरजमुखी का तेल, सोयाबीन ऑयल, अवोकेडो आयल, मकई का तेल और मूंगफली का तेल।

पशु-आधारित कुकिंग ऑयल में शामिल हैं-

मक्खन और घी

और पढ़ें – जानिए मधुमेह रोगी डायबिटीज में क्या खाएं और क्या न खाएं।

कुकिंग ऑयल के फायदे | Benefits of cooking oil in Hindi

Benefits of cooking oil
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अच्छे कुकिंग ऑयल के निम्नलिखित फायदे हो सकते हैं- (2, 3, 4,& 5)

  • खाद्य तेल शरीर की सूजन (inflammation) को कम करने में मदद कर सकते हैं।
  • कुकिंग ऑयल मोटापा (obesity) कम करने में मदद कर सकते हैं।
  • कुकिंग ऑयल डायबिटीज (diabetes) को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।
  • कुकिंग ऑयल कैंसर (cancer) जैसी गंभीर बीमारी को दूर रख सकते हैं।
  • कुकिंग ऑयल खराब ब्लड कोलेस्ट्रॉल (bad blood cholesterol) को कम रखने में मदद कर सकते है।
  • खाद्य तेल ह्रदय (heart) को स्वस्थ बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।

और पढ़ें –  इन एंटीऑक्सीडेंट आहार से करें अपना वजन कम।

अच्छे कुकिंग ऑयल का चुनाव कैसे करें? | How to Choose the Right Cooking Oil in Hindi

सलाद बनाने से लेकर खाना पकने तक में कुकिंग ऑयल का इस्तेमाल होता है। कुकिंग ऑयल न केवल खाना पकाने बल्कि स्वाद को जोड़ने में भी मदद करते हैं।

पर सवाल ये है कि एक अच्छे कुकिंग ऑयल का चुनाव कैसे करें?

एक अच्छा कुकिंग ऑयल चुनने के लिए आपको निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना चाहिए। (6, 7 & 8)

  • स्मोक पॉइंट,
  • फैटी एसिड,
  • ओमेगा 3 और 6 का अनुपात,
  • विटामिन्स,
  • एंटीऑक्सिडेंट्स।
  • परिष्कृत और अपरिष्कृत खाद्य तेल ।

अब इन्हें विस्तार से जानते हैं-

और पढ़ें – सर्वाइकल दर्द में करें इन खाद्य पदार्थों का परहेज।

स्मोक पॉइंट – Smoke point of cooking oils in Hindi

स्मोकिंग पॉइंट वह तापमान होता है जिस पर तेल जलने और खराब होने लगता है। प्रत्येक ऑयल का स्मोक पॉइंट अलग-अलग होता है।

कम स्मोकिंग पॉइंट वाले तेल जल्दी जल जाते है और खराब हो जाते है।

परिष्कृत ऑयल (Refined oil) का स्मोकिंग पॉइंट अपरिष्कृत ऑयल (Unrefined oil) की तुलना में अधिक होता है।

ऐसा इसलिए है क्योंकि Unrefined oil में मौजूद पोषक तत्व कम तापमान पर ही जलने लगते हैं, जिससे तेल अपने धूम्रपान बिंदु तक जल्द पहुँच जाता है।

रिसर्च  के अनुसार ऐसे तेल अच्छे माने जाते हैं जिनका स्मोकिंग पॉइंट अधिक होता है। हालांकि, अधिक स्मोकिंग पॉइंट वाले तेल की गुणवत्ता कम होती है।

इसलिए कुकिंग ऑयल का चुनाव करते समय ऑयल का स्मोकिंग पॉइंट जरूर पढ़ लें ।

और पढ़ें – हृदय रोगियों के लिए डाइट प्लान।

फैटी एसिड – Fatty acids in cooking oils in Hindi

कुकिंग ऑयल में पॉलीअनसेचुरेटेड वसा (polyunsaturated fat), मोनोअनसैचुरेटेड वसा (monounsaturated fat), सेचुरेटेड वसा (saturated fats) और ट्रांस वसा (Trans fat) जैसे फैटी एसिड मौजूद रहते हैं।  

पॉलीअनसेचुरेटेड और मोनोअनसैचुरेटेड जैसे वासा अच्छे फैटी एसिड (Unsaturated fats) माने जाते हैं जो सेहत के लिए काफी अच्छे होते हैं। 

हालांकि, सेचुरेटेड वसा और ट्रांस वसा को खराब खाद्य तेल के रूप में देखा जाता है जिसका अधिक इस्तेमाल मोटापे, हृदय रोग और मधुमेह सहित अन्य बीमारियों का कारण होता है। इसलिए डाइट में स्वस्थ खाद्य तेल रखना बेहद जरुरी है।

फैटी एसिड को अगर हम अच्छे से खराब क्रम में लगाएं तो इसमें सबसे अच्छा पॉलीअनसेचुरेटेड वसा और सबसे खराब ट्रांस वसा आता है

पॉलीअनसेचुरेटेड वसा>मोनोअनसैचुरेटेड वसा>सेचुरेटेड वसा>ट्रांस वसा

अध्ययन से पता चलता है कि जो लोग अपनी डाइट में पॉलीअनसेचुरेटेड और मोनोअनसैचुरेटेड जैसे वसा का अधिक सेवन करते हैं, ऐसे लोग सेचुरेटेड वासा और ट्रांस वासा अधिक खाने वाले लोगों के मुकाबले ज्यादा स्वास्थ होते हैं। (9)

इसलिए कुकिंग ऑयल का चुनाव करते समय उसमें कौन सा फैटी एसिड मौजूद है उसे जरूर देखें।

और पढ़ें – ओमेगा 3 फैटी एसिड के फायदे और नुकसान।

ओमेगा 3 और 6 का अनुपात – Omega 3 and 6 ratio in cooking oils in Hindi

ये दोनों ही फैटी एसिड लिपिड प्रोफाइल में सुधार लाते हैं और इंसुलिन के लिए शरीर की संवेदनशीलता में बढ़ाते हैं।

इसके अलावा ओमेगा-3 और ओमेगा-6 जैसे खाद्य तेल शरीर में होने वाली सूजन (inflammation) से लड़ते हैं और मधुमेह की शुरुआत को रोकते हैं।

कुछ स्टडी आहार में ओमेगा-3 ज्यादा और ओमेगा-6 ऑयल कम खाने की सलाह देते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि कुछ स्थितियों में ओमेगा-6 फैटी सूजन (inflammation) को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। (10) हालांकि, यह देखा गया है कि ज्यादातर ऑयल में ओमेगा-6 की मात्रा अधिक होती है।

इसलिए कुकिंग ऑयल का चुनाव करते समय ओमेगा 3 और 6 का अनुपात देखें।

और पढ़ें –  रेशेदार भोजन (फाइबर युक्त आहार) क्या है? जानिए इनसे होने वाले लाभ।

विटामिन्स – Vitamins in cooking oil in Hindi

विटामिन ए, डी और ई से युक्त कुकिंग ऑयल स्वास्थ्य के लिए अच्छे माने जाते हैं। विटामिन A तनाव को कम करने में मदद करता है, विटामिन D इम्युनिटी के लिए महत्वपूर्ण है और विटामिन E शरीर को होने वाले नुकसान को कम करता है।

और पढ़ें – फ्लेक्सिटेरियन डायट : फायदे, नुकसान और डाइट प्लान।

एंटीऑक्सिडेंट्स – Antioxidants in cooking oil in Hindi

एंटीऑक्सिडेंट ऐसे तत्व हैं जो मुक्त कणों के प्रभाव को कम करने में मदद करते हैं। मुक्त कण ऐसे पदार्थ हैं जो ऑक्सीडेटिव तनाव का कारण बन सकते हैं, जो उम्र बढ़ाने, कैंसर और कुछ अन्य प्रकार की बीमारियों में योगदान कर सकते हैं।

माना जाता है कि एंटीऑक्सिडेंट लेने से इन बिमारियों को रोका जा सकता है। इसलिए ऐसे कुकिंग ऑयल अच्छे माने जाते हैं जिनमें एंटीऑक्सिडेंट की उपयुक्त मात्रा मौजूद हों।

एनसीबीआई की स्टडी से पता चलता है कि जो लोग अपनी डाइट में एंटीऑक्सीडेंट की सही मात्रा लेते हैं उनका स्वास्थ एंटीऑक्सीडेंट ना लेने वालों की तुलना में काफी अच्छा होता है। इसके अतरिक्त एंटीऑक्सीडेंट लेने वाले लोगों में मोटापे और अतरिक्त वजन में भी सुधार देखा गया है। (11)

और पढ़ें – स्वस्थ रहने के लिए शुरू करें लो कार्ब डाइट।

परिष्कृत और अपरिष्कृत कुकिंग ऑयल – Refined and Unrefined Cooking Oil in Hindi

कुछ ऑयल बीजों, नोट्स या फलों से निकालने के बाद प्रोसेस किये जाते हैं। मतलब, कुकिंग ऑयल को निकालने के बाद उसकी बनावट, स्वाद, गंध या स्थिरता में बदलाव लाया जाता है।

जिन ऑयल को प्रोसेस किया जाता हैं उनके परिष्कृत ऑयल (Refined oil) कहा जाता है जबकि जो प्रोसेस नहीं होते हैं उन्हें अपरिष्कृत ऑयल (Unrefined oil) कहलाते हैं।

उच्च तापमान पर तेल को प्रोसेस करने से इनमें मौजूद पोषक नष्ट हो जाते हैं, साथ ही प्रोसेस के समय तेल को डेओडोरीज़िंग और ब्लीच जैसे रासायनिक पदार्थ से ट्रीट भी करवाए जाते हैं, हालांकि, कुछ स्टडी बताती हैं कि ऐसे रासायनिक पदार्थ का अधिक सेवन स्वास्थ के लिए नकारात्मक हो सकता है।

और पढ़ें – पोटेशियम की कमी दूर करते हैं ये आहार

अपरिष्कृत तेलों (Unrefined oil) में प्राकृतिक स्वाद, रंग और गंध होता है, जबकि परिष्कृत ऑयल (Refined oil) में अप्राकृतिक स्वाद, रंग और गंध जोड़ा जाता है।

सामान्य तौर पर, Unrefined oil परिष्कृत ऑयल (Refined oil) की तुलना में अधिक स्वास्थ्यवर्धक होते हैं। हालांकि, Unrefined oil का स्मोक पॉइंट कम होने के कारण ये तेल जल्दी जल जाते हैं।

Unrefined oil डीप फ्राई करने के लिए उपयुक्त नहीं होते हैं। हालांकि, यदि आप खाने को डीप फ्राई करवाना चाहते हैं तो Refined oil को चुन सकते हैं।

स्टडी के अनुसार Refined oil के अधिक सेवन से स्ट्रोक, मधुमेह और दिल के दौरे जैसी अनेक बिमारियों का खतरा काफी बढ़ सकता है। इसलिए डाइट में रिफाइंड तेल का इस्तेमाल कम करना चाहिए। (12)

और पढ़ें – केटोजेनिक डाइट क्या है, जानिए कीटो डाइट के फायदे और नुकसान।

सर्वश्रेष्ठ कुकिंग ऑयल | Best Cooking Oils in Hindi

बाजार में अनेक कुकिंग ऑयल मौजूद हैं अगर हम सर्वश्रेष्ठ कुकिंग ऑयल की बात करें तो इनमें से कुछ निम्नलिखत हैं –

  • ऑलिव ऑयल,
  • एवोकैडो तेल,
  • तिल का तेल,
  • कुसुम का तेल,
  • सरसों का तेल,
  • बादाम का तेल।

ऑलिव ऑयल – Olive oil in Hindi

Olive oil in Hindi
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जैतून का तेल सर्वश्रेष्ठ कुकिंग ऑयल में से एक है। जिसे जैतून के पेड़ के फल से निकाला जाता है।

जैतून का तेल विटामिन (E और K), मिनरल, एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लामेटरी जैसे गुणों से भरपूर होते हैं। इसके अलावा इनमें पॉलीअनसेचुरेटेड (polyunsaturated fat) और मोनोअनसैचुरेटेड (monounsaturated fat) जैसे स्वस्थ वासा (फैटी एसिड) भी मौजूद रहते हैं। हालांकि, इनमें थोड़ी मात्रा सेचुरेटेड वसा (saturated fats) की भी होती है। (13, 14)

जैतून का तेल मुख्यरूप से तीन प्रकार के होते हैं।

  • एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल,
  • वर्जिन ऑलिव ऑयल,
  • रिफाइंड ऑलिव आयल।

और पढ़ें – सुपरफूड क्या हैं, जानिए इसके स्वास्थ्यवर्धक फायदे।

एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल – Extra Virgin Olive Oil in Hindi

एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल सबसे अच्छा कुकिंग ऑयल माना जाता है। क्योंकि इसे कम प्रोसेस किया जाता है।

अन्य जैतून के तेल के मुकाबले, एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल में एंटीऑक्सीडेंट, मिनरल्स और विटामिन की मात्रा ज्यादा होती है।

एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल की गुणवत्ता, सुगंध, स्वाद और रंग सभी ऑलिव ऑयल के मुकाबले ज्यादा होती है।

इसके अलवा जैतून का तेल मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड से भरे हुए होते हैं, यह एक प्रकार का स्वस्थ वसा जिसके कई स्वास्थवर्धक लाभ हैं। विशेष रूप से हृदय रोग में बहुत लाभकारी है।

हालांकि,  एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल का स्मोक पॉइंट (320 °F) कम होता है। इसे अगर धीमी आंच पर पकाया जाए, तो यह जल सकता है। इसलिए, खाना बनाते समय थोड़ी सावधानी बरतनी जरूरी है।

एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल मुख्यतः टॉपिंग की तरह सलाद, सब्जियों या अन्य खाद्य पदार्थों में इस्तेमाल किया जा सकता है।

एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल अन्य ऑलिव ऑयल के मुकाबले अधिक महंगा होता है।

शोध के अनुसार, एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल में नियमित जैतून के तेल की तुलना में अधिक पॉलीफेनोल्स होते हैं। पॉलीफेनोल्स एक प्रकार के एंटीऑक्सिडेंट हैं, और उनके कई स्वास्थ्य लाभ हैं।

और पढ़ें – इम्युनिटी बढ़ाने के घरेलू उपाय।

वर्जिन ऑलिव ऑयल – Virgin Olive Oil in Hindi

वर्जिन ऑलिव ऑयल, एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल के लगभग सामान होता है। परन्तु इसकी गुणवत्ता एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल से कम होती है।

वर्जिन ऑलिव ऑयल का स्मोक पॉइंट (410 °F) एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल (320 °F) से अधिक होता है। इसलिए वर्जिन ऑलिव ऑयल को आप खाना पकने या डीप फ्राई में इस्तेमाल कर सकते हैं।

वर्जिन ऑलिव ऑयल और एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल, ये दोनों ही unrefined oil हैं।

और पढ़ें – Iron Supplements क्या हैं? जानिए इसके फायदे, मात्रा और दुष्प्रभाव

रिफाइंड ऑलिव आयल – Refined olive oil in Hindi

रिफाइंड ऑलिव ऑयल का स्मोक पॉइंट (470 °F) वर्जिन ऑलिव ऑयल और एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल दोनों के मुकाबले अधिक होता है।

इसलिए रिफाइंड ऑलिव ऑयल खाना पकाने, डीप फ्राई करने आदि के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प बन जाता है।

हालांकि, रिफाइंड ओलिव आयल प्रोसेस के समय विभिन्न प्रकार के केमिकल से ट्रीट करवाया जाता है। इसकारण इनका अधिक सेवन स्वास्थ के लिए हानिकारक हो सकता है।

रिफाइंड ओलिव आयल में आमतौर पर कोई स्वाद या गंध नहीं होता है, इसके अलावा यह रंग में हल्का या रंगहीन भी हो सकता है।

और पढ़ें – Steroids दवा क्या है?, जानिए स्टेरॉयड के फायदे और नुकसान

एवोकैडो तेल – Avocado oil in Hindi

Avocado oil in Hindi
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एवोकैडो तेल एक प्रकार का खाद्य तेल है जो एवोकैडो के पल्प से निकाला जाता है।

उपयोगिता और पोषण मूल्य के आधार पर एवोकैडो तेल, जैतून के तेल के समान ही है।

बाजार में अपरिष्कृत तेल और परिष्कृत तेल दोनों ही प्रकार के मौजूद होते हैं।

एवोकैडो ऑयल विटामिन (A, D और E), मिनरल, एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लामेटरी जैसे गुणों से भरपूर होते हैं। इसके अलावा इनमें उच्च मात्रा में स्वस्थ पॉलीअनसेचुरेटेड वसा मौजूद होता है।

एवोकैडो तेल में कुछ ऐसे गुण होते हैं जो घावों को ठीक करने में भी मदद कर सकते हैं। 2013 के एक अध्ययन में पाया गया कि एवोकैडो तेल में लिनोलिक एसिड, ओलिक एसिड और अन्य मोनोसैचुरेटेड फैटी एसिड घाव भरने में तेजी ला सकते हैं।

एवोकैडो तेल का स्मोक पॉइंट उच्च होता है [अपरिष्कृत तेल के लिए 250 डिग्री सेल्सियस (482 डिग्री फारेनहाइट) और परिष्कृत के लिए 271 डिग्री सेल्सियस (520 डिग्री फारेनहाइट)]।

एवोकैडो ऑयल को खाना पकने या डीप फ्राई करने में इस्तेमाल किया जा सकता है।

अगर आप खाने को डीप फ्राई करना चाहते हैं तो आप एवोकैडो तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।

और पढ़ें – हाई कोलेस्ट्रॉल के लक्षण, कारण और घरेलू उपचार

तिल का तेल – Sesame oil in Hindi

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तिल का तेल एक प्रकार का खाने का तेल है जिसे तिल के बीज से प्राप्त किया जाता है।

तिल के तेल में विटामिन K, विटामिन B कॉम्‍प्‍लेक्‍स, विटामिन D, विटामिन E, मिनरल, एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लामेटरी जैसे गुण मौजूद होते हैं जो हमारे स्वस्थ को ठीक रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं। (15 & 16)

तिल के तेल में मोनोअनसैचुरेटेड वसा जैसे जरुरी फैटी एसिड होते हैं, जो हृदय रोग के जोखिम कारकों को कम करने में मदद करता है। (17)

इसके अलावा तिल के तेल का सेवन विशेष रूप से मधुमेह वाले लोगों के लिए रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। (18)

तिल के तेल का स्मोक पॉइंट उच्च होता है विशेष रूप से लाइट तिल के तेल (Light sesame oil) का, जिसकारण तिल के तेल का उपयोग खाना पकने में लाया जा सकता है।

Refined Sesame oil का स्मोक पॉइंट 450 °F ,जबकि Unrefined Sesame oil का स्मोक पॉइंट 350 °F होता है।

Refined Sesame oil का इस्तेमाल खाना पकाने या तलने में किया जा सकता है।

और पढ़ें – जानिए हार्ट अटैक कब, कैसे और क्यों आता है।

कुसुम का तेल – Safflower oil in Hindi

Safflower oil in Hindi
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कुसुम का तेल कुसुम के पौधे के बीज से बनाया जाता है।

मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसेचुरेटेड जैसे स्वस्थ वसा कुसुम तेल में मौजूद होते हैं। (19)

कुसुम के तेल में उच्च पोषक तत्व होते हैं और इसे हृदय के अनुकूल तेल के रूप में जाना जाता है।

इसके आलावा कुसुम का तेल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है, मधुमेह को नियंत्रित करता है और मोटापे के जोखिम को कम करता है।

इसके अलावा एथेरोस्क्लेरोसिस के जोखिम को भी कम करता है।

एथेरोस्क्लेरोसिस एक ऐसी बीमारी है जिसमें आपकी धमनियों के अंदर वसा का निर्माण हो जाता है और हार्ट अटैक का कारण बनता है।

कुसुम के तेल का स्मोक पॉइंट उच्च होता है। Refined safflower oil का स्मोक पॉइंट 510 °F जबकि Unrefined safflower oil का स्मोक पॉइंट 225 °F होता है। (19)

Refined safflower oil का इस्तेमाल खाना पकाने या तलने में किया जा सकता है।

और पढ़ें – हृदय रोग क्या है, जानिए इसके लक्षण, कारण और बचाव

सरसों का तेल या कड़वा तेल – Mustard Oil in Hindi

Mustard Oil in Hindi
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सरसों का तेल, जो सरसों के पौधे के बीज से बनता है, भारतीय व्यंजनों को पकने का सबसे आम कुकिंग ऑयल है।

सरसों का तेल तीखे स्वाद, सुगंध और हाई स्मोक पॉइंट के लिए जाना जाता है। यह तेल लाल-भूरा या एम्बर रंग का हो सकता है।

सेचुरेटेड वसा (saturated fats) की मात्रा कम होने से सरसों का तेल स्वास्थ के लिए काफी अच्छा माना जाता है। विशेष रूप से हार्ट के लिए। (20)

इसके अलावा सरसों के तेल में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी-कार्सिनोजेनिक जैसे गुण हमारे स्वास्थ को अनेकह तरीकों से फायदा पहुँचता है। (21)

सरसों के तेल का स्मोक पॉइंट 480 °F होता है। उच्च स्मोक पॉइंट होने के कारण सरसों का तेल खाना पकाने के लिए बढ़िया माना जाता है। हालांकि, तेज गंध के कारण इसका उपयोग सलाद बनाने में या बेक करने में नहीं किया जाता है। 

और पढ़ें – हार्ट अटैक (Myocardial infarction) के लक्षण,कारण और बचाव

बादाम का तेल – Almond oil in Hindi

Almond oil in Hindi
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बादाम का तेल बादाम से निकाला गया तेल है।

बादाम का तेल विटामिन, मैग्नीशियम, फास्फोरस और कॉपर का एक बड़ा स्रोत है। इसके अलावा बादाम के तेल में एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन ई और असंतृप्त वसा भी मौजूद होते हैं।

बादाम का तेल एंटीऑक्सिडेंट के उच्च स्तर के कारण हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। (22 & 23)

Unrefined बादाम के तेल का उपयोग सलाद बनाने, कम तापमान में बेक करने, या अतिरिक्त स्वाद और पोषण तत्वों को जोड़ने के लिए किया जा सकता है।

Refined तेल का उपयोग खाने बनाने या तलने में किया जा सकता है।

Refined oil का स्मोक पॉइंट 480 °F होता है।

और पढ़ें – इस्केमिक हृदय रोग क्या है? जानिए इसके लक्षण, कारण और इलाज

कुकिंग ऑयल की तुलना |  Cooking oil comparison in Hindi

तेल स्मोक पॉइंट*

 

पॉलीअनसेचुरेटेड वसा*

/100 ml

मोनोअनसैचुरेटेड वसा*

/100 ml

सेचुरेटेड वसा*

/100 ml

ओमेगा 6:3 अनुपात* 

 

एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल

(Extra virgin Olive oil)

320 °F 10.5 g 73 g 13.8 g 9:1
एवोकैडो तेल 

(Avocado oil)

अपरिष्कृत 482 °F

रिफाइंड  520 °F

 12g 63g 17g 12:1
तिल का तेल

(Sesame oil)

अपरिष्कृत 350 °F

रिफाइंड  450 °F

41.70 g 39.70 g 14.20 g 138:1
कुसुम का तेल

(Safflower oil)

अपरिष्कृत 225 °F

रिफाइंड  510 °F

14.29 g 78.57 g 7.14 g 133:1
सरसों का तेल

(Mustard Oil)

480 °F
17.200g
76.270g 6.540g 5:6
बादाम का तेल

(Almond oil)

420 °F 17.4 69.9 8.2 Omega-6 only
* approx value

खराब कुकिंग ऑयल | Worst cooking oils in Hindi

हाइड्रोजनीकृत तेल – Hydrogenated oils in Hindi

हाइड्रोजनीकृत तेल एक प्रकार का वसा है जिसका उपयोग खाद्य निर्माता खाद्य पदार्थों को अधिक समय तक ताजा रखने के लिए करते हैं।

हाइड्रोजनीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें तरल वसा में हाइड्रोजन गैस मिलाई जाती है जिससे तेल कमरे के तापमान पर एक ठोस वसा में बदलने जाता है।

वनस्पति तेल (Vegetable oil) हाइड्रोजनीकृत तेल का एक अच्छा उदाहरण है।

भारत में वनस्पति घी मुख्यतः पाम ऑयल से बनाया जाता है।

हाइड्रोजनीकृत तेल खराब माने जाते हैं क्योंकि इसमें उच्च स्तर का हाइड्रोजनीकृत वसा होता है, जिसे ट्रांस वसा कहा जाता है, जो आपके हृदय रोग के विकास के जोखिम को बढ़ाता है। इसके अलावा हाइड्रोजनीकृत तेल शरीर की सूजन (inflammation) को बढ़ा सकता है और रक्त शर्करा (टाइप 2 मधुमेह) पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। (24)

फिर भी, खाद्य निर्माता आंशिक रूप से हाइड्रोजनीकृत तेलों का उपयोग करती हैं ऐसा इसलिए क्योंकि – (25)

  • हाइड्रोजनीकृत तेल सस्ता होता है,
  • भोजन जल्दी खराब नहीं होता है,

निम्नलिखित खाद्य पदार्थ ऐसे हैं जिनमें हाइड्रोजनीकृत तेल का इस्तेमाल हो सकता है।

  • कैंडी
  • केक
  • कुकीज़
  • मीठे रोल,
  • फ्रेंच फ्राइज़
  • चिप्स
  • पेस्ट्री,
  • डोनट्स
  • आइसक्रीम
  • योगर्ट
  • फ्रोजेन मांस,
  • फास्ट फूड और
  • डिब्बा बंद स्नैक्स आदि।

और पढ़ें – हार्ट फेल का कारण बन सकता है कार्डियक अस्थमा

कनोला तेल – Canola oil in Hindi

कैनोला तेल कनोला के बीजों से बनाया जाता है।

अपने हल्के स्वाद, उच्च स्मोक पॉइंट और चिकनी बनावट के कारण, कैनोला तेल विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाने में किया जा सकता है।

कैनोला तेल का इस्तेमाल तलने, भूनने और बेक करने में किया जा सकता है, साथ ही इसका इस्तेमाल आप सलाद बनाने में भी कर सकते हैं।

Refined canola oil का स्मोक पॉइंट 400 °F जबकि Unrefined Sesame oil का स्मोक पॉइंट 225 °F होता है जिस कारण Refined canola oil खाना बनाने के लिए एक अच्छा आयल हो सकता है।

कैनोला तेल में संतृप्त वसा 7%, मोनोअनसैचुरेटेड वसा 64% और पॉलीअनसेचुरेटेड वसा 28% तक होता है। इसके अलावा कैनोला तेल में कुछ मात्रा ट्रांस वसा (4.2%) की भी होती है।

स्वास्थ के लिए कैनोला तेल अच्छा है या नहीं इसमें बहुत मतभेद है।

चूहे में किये गए एक अध्ययन से पता चलता है कि कैनोला तेल शरीर की यादाश में कमी,  सूजन और वजन बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। (26)

इसके अलावा कैनोला तेल में उच्च ओमेगा -6 वसा मौजूद होता है जिसका अधिक सेवन स्वास्थ के लिए अच्छा नहीं माना जाता है।

कुछ अध्ययन कैनोला ऑयल को एक बेहतर स्वास्थ्य से जोड़ते हैं हालांकि ट्रांस होने के कारण कुछ अध्ययन हृदय स्वास्थ के लिए नुकसानदायक मानते हैं। अध्ययनों से यह भी पता चला है कि कैनोला तेल उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और सूजन जैसी स्थितियों को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। (27 & 28)

और पढ़ें – Acid reflux (हाइपर एसिडिटी) और खट्टी डकार से छुटकारा पाने का घरेलू इलाज

कुकिंग ऑयल के नुकसान | Disadvantages of Cooking Oil in Hindi

यदि  हम खाने में उपयुक्त कुकिंग ऑयल का इस्तेमाल नहीं करते हैं या खराब कुकिंग ऑयल का सेवन अधिक करते हैं तो इससे हमारे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

खराब कुकिंग ऑयल के अधिक सेवन से निम्नलिखित नुकसान हो सकते हैं। जिसमें –

  • टाइप 2 मधुमेह के खतरे का बढ़ना,
  • कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एलडीएल) कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना,
  • शरीर की सूजन का बढ़ना,
  • हार्ट अटैक का कारण बनना,
  • मोटापे का कारण होना।

और पढ़ें – आयरन की कमी को दूर करते हैं ऐसे आहार।

कुकिंग ऑयल को सेलेक्ट करने की टिप्स | Tips to select best cooking oil in Hindi

  • एक ही प्रकार के कुकिंग ऑयल का इस्तेमाल लम्बे समय तक ना करें,
  • ऐसे कुकिंग ऑयल का सेवन करें जिस में मोनोअनसैचुरेटेड वसा और पॉलीअनसेचुरेटेड वसा ज्याद मौजूद हों,
  • उच्च स्मोक पॉइंट वाले तेल को खाना पकने और तलने में इस्तेमाल करें, जबकि कम स्मोक पॉइंट वाले तेल का इस्तेमाल सलाद बनाने या भुनने के लिए उपयोग में लाएं,
  • Refined oil का स्मोक पॉइंट उच्च और unrefined oil का स्मोक पॉइंट कम होता है।
  • जहां तक हो सके हाइड्रोजनीकृत तेल के सेवन से बचें,
  • अधिक ट्रांस वसा और सेचुरेटेड वसा वाले कुकिंग ऑयल के सेवन से कम करें,
  • कुकिंग ऑयल को बार-बार न पकाएं और न पके हुए तेल को बार-बार इस्तेमाल करें। क्योंकि, पके हुए तेल को दुबारा इस्तेमाल करने से उनमें टॉक्सिक पदार्थ उत्पन्न हो जाते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न | FAQ about Cooking Oil in Hindi

Q. कोलेस्ट्रॉल में कौन सा तेल खाना चाहिए?

यदि आपका ब्लड कोलेस्ट्रॉल अधिक है तो ऐसे तेल खाएं जिनमें मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसेचुरेटेड जैसे स्वस्थ वसा अधिक और ट्रांस और सेचुरेटेड वसा कम हो।

Q. हार्ट के लिए कौन सा तेल अच्छा है?

हार्ट के लिए ऑलिव ऑयल, एवोकैडो तेल, तिल का तेल, कुसुम का तेल, सरसों का तेल और बादाम का तेल अच्छा माना जाता है।

Q. रिफाइंड तेल क्यों नहीं खाना चाहिए?

प्रोसेस के समय रिफाइंड तेल में मौजूद पोषक नष्ट हो जाते हैं, इसके अलावा प्रोसेस के समय रिफाइंड तेल को डेओडोरीज़िंग और ब्लीच जैसे रासायनिक पदार्थों से ट्रीट भी करवाए जाते हैं जिसकारण इनका अधिक इस्तेमाल स्वस्थ के लिए हानिकारक हो जाता है।

साथ ही रिफाइंड तेल में ट्रांस और सेचुरेटेड वसा की अधिक मात्रा भी मौजूद हो सकती है।

Q. शुगर में कौन सा तेल खाना चाहिए?

शुगर में एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल, एवोकैडो तेल, तिल का तेल, कुसुम का तेल और सरसों का तेल आदि खा सकते हैं।

Q. सफोला तेल किससे बनता है?

सफोला का तेल कुसुम के बीज और राइस ब्रैन (चावल की भूसी) से बनाया जाता है।

Q. कौन सा तेल खाना चाहिए?

ऑलिव ऑयल, एवोकैडो तेल, तिल का तेल, कुसुम का तेल, सरसों का तेल और बादाम का तेल को अच्छे विकल्प के रूप में चुन सकते हैं।


ये हैं कुकिंग ऑयल के बारे में बताई गई पूरी जानकारी। कमेंट में बताएं आपको Cooking Oils in Hindi पोस्ट कैसी लगी। अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई हो, तो इसे शेयर जरूर करें।

Disclaimer : ऊपर दी गई जानकारी पूरी तरह से शैक्षणिक दृष्टिकोण से दी गई है। इस जानकारी का उपयोग किसी भी बीमारी के निदान या उपचार हेतु बिना विशेषज्ञ की सलाह के नहीं किया जाना चाहिए। इसके अलावा किसी भी चीज को अपनी डाइट में शामिल करने या हटाने से पहले किसी योग्य डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ (Dietitian) की सलाह जरूर लें।

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