एक तरफ ग्रीन कॉफी हमें ऊर्जा और ताजगी देती है और वही दूसरी ओर ग्रीन कॉफी का अधिक सेवन पाचन तंत्र को खराब कर सकती है, ब्लडप्रेशर को बढ़ा सकती है, और हृदय सम्बन्धी रोग पैदा कर हमें अस्वस्थ भी कर सकती है। इसलिए, यदि आप ग्रीन कॉफी का सेवन करते हैं, तो ग्रीन कॉफी के नुकसान (साइड इफेक्ट्स) को भी जानना आपके लिए जरुरी है। इस पोस्ट में हम आपको ग्रीन कॉफी के दुष्प्रभाव (Side effects of Green Coffee in Hindi) के बारे में जानकारी दे रहे हैं और साथ ही ग्रीन कॉफी की खुराक के बारे में भी बता रहे हैं। जिससे आप यह जान पाएं की आपको ग्रीन कॉफी की कितनी मात्रा लेनी है।
आइये अब इस पोस्ट को शुरू करते हैं।
ग्रीन कॉफी क्या होती है? | What is Green Coffee in Hindi
Green Coffee in Hindi
ग्रीन कॉफी (Green coffee in Hindi) सामान्य कॉफी की तरह होती है, जो कच्चे हरे बीजों से बनती है।
अगर सामान्य कॉफी की बात करें तो यह भुने हुए या सीके हुए बीजों से तैयार की जाती है, लेकिन ग्रीन कॉफी को बनाने के लिए इन्हें भुना नहीं जाता बल्कि पूरी तरह कच्चा ही रखा जाता है।
दोनों ही प्रकार की कॉफी के बीजों में कैफीन मौजूद रहता है। अगर कैफीन को सीमित मात्रा में लिया जाए तो यह स्वास्थ के लिए लाभकारी होती है, परन्तु इसका अधिक सेवन स्वास्थ के लिए हानिकारक भी हो सकती है।
सामान्य कॉफी को भुनने से कैफीन की मात्रा कम हो जाती है, जबकि ग्रीन कॉफी में कैफीन की मात्रा बनी रहती है। इसलिए, यदि ग्रीन कॉफी का अधिक मात्रा में सेवन किया जाए तो यह शरीर को नुकसान पंहुचा सकती है।
ग्रीन कॉफी के साइड इफेक्ट्स | Green Coffee Pine Ke Nuksan | Side effects of Green Coffee in Hindi
ग्रीन कॉफी के नुकसान – Green Coffee Side effects in Hindi
ग्रीन कॉफी का अधिक सेवन स्वास्थ के लिए हानिकारक हो सकता है। शोध के अनुसार, ग्रीन कॉफी के दुष्प्रभाव निम्नलिखित हो सकते हैं जिसमें –
- होमोसिस्टीन का उच्च स्तर,
- किडनी रोग,
- चिंता और घबराहट,
- दस्त,
- ग्लूकोमा,
- फैलोपियन ट्यूब की खराबी,
- मधुमेह,
- उच्च रक्तचाप,
- हड्डियों का पतला होना (ऑस्टियोपोरोसिस),
- भ्रूण का नुकसान।
आदि शामिल हैं।
और पढ़ें – कैफीन क्या है, जानिए इसके स्रोत, मात्रा, फायदे और नुकसान
1. ग्रीन कॉफी के साइड इफेक्ट्स है रक्त में होमोसिस्टीन के स्तर का बढ़ना – Green coffee ke side effects in Hindi
ग्रीन कॉफी में मौजूद क्लोरोजेनिक एसिड (Chlorogenic acid), रक्त में प्लाज्मा होमोसिस्टीन के स्तर को बढ़ा सकता है।
होमोसिस्टीन के उच्च स्तर से रक्त के थक्के (Blood clots) या रक्त वाहिका में रुकावट (Blood vessel blockage) भी हो सकती हैं, जो हृदय रोग संबधी बिमारियों को जन्म दे सकती हैं। इसलिए ग्रीन कॉफी का अधिक मात्रा में सेवन करने से यह हृदय को नुकसान पंहुचा सकता है। इसलिए ग्रीन कॉफी के दुष्प्रभाव (Green Coffee Side effects) से बचना है तो इसके सेवन को सिमित रखें।
2. ग्रीन कॉफी पीने के नुकसान है किडनी रोग के जोखिम का बढ़ना – Side effects of Green Coffee in Hindi
ग्रीन कॉफी पीने से आपको बार-बार पेशाब जाना पड़ सकता है। जिससे आपके शरीर में पानी की कमी हो जाती है।
पानी की कमी किडनी रोगों (जैसे क्रोनिक किडनी डिजीज) को जन्म दे सकती हैं।
क्रोनिक किडनी डिजीज (Chronic kidney disease) एक ऐसी स्थिति है जिसमें गुर्दे क्षतिग्रस्त (Kidney damage) होने लगते हैं और उनकी कार्यप्रणाली धीरे-धीरे कम हो जाती है।
किडनी के खराब हो जाने से हृदय रोग, खून की कमी (एनीमिया), उच्च रक्तचाप, पेशाब में खून आना, भूख न लगना आदि से शरीर को नुकसान होने लगता है, जो कभी-कभी मौत का कारण भी बन सकता है।
इसलिए ग्रीन कॉफी का अधिक सेवन करना स्वास्थ के लिए नुकसान दायक है। इसलिए ग्रीन कॉफी के दुष्प्रभाव (Side effects) से बचना है तो इसकी मात्रा को सिमित रखें।
और पढ़ें – नींद के दौरान सांस का बार-बार रुकना (लक्षण, कारण और आयुर्वेदिक इलाज)
3. ग्रीन कॉफी का नुकसान है चिंता और घबराहट का बढ़ना – Green coffee disadvantages in Hindi
4. ग्रीन कॉफी के नुकसान है पाचन क्रिया खराब होना – Green coffee side effects in Hindi
ग्रीन कॉफी में मौजूद कैफीन, पेट में एसिड (Acid) की मात्रा को बढ़ा सकती है। जिससे आपको एसिडिटी (Acid reflux) की समस्या हो सकती है।
पेट में मौजूद एसिड पाचन क्रिया को प्रभावित कर सकता है, जिससे गैस, दस्त और पेट की अन्य बीमारियां होने लगती हैं।
5. ग्रीन कॉफी का दुष्प्रभाव है ग्लूकोमा रोग – Green coffee drawbacks in Hindi
ग्रीन कॉफी में मौजूद कैफीन के सेवन से आंखों के अंदर का दबाव (Green coffee beans side effects in Hindi) बढ़ सकता है।
दबाव के बढ़ने से यह ग्लूकोमा जैसी बीमारी को जन्म दे सकती है, जिसमें आँख की रोशनी दिन प्रति दिन कम होती चली जाती है और इलाज ना करने पर अंधापन (Blindness) भी हो सकता है।
इसलिए ग्रीन कॉफी के साइड इफेक्ट्स से बचना है तो इसके सेवन को सिमित रखें।
6. ग्रीन कॉफी का साइड इफेक्ट्स है फैलोपियन ट्यूब की खराबी – Green coffee health risks in Hindi
7. ग्रीन कॉफी के नुकसान हैं मधुमेह रोग – Green coffee pine Ke Nuksan in Hindi
रिसर्च के अनुसार, ग्रीन कॉफी में मौजूद क्लोरोजेनिक एसिड (Chlorogenic acid), मधुमेह के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। परन्तु, ग्रीन कॉफी में मौजूद कैफीन मधुमेह वाले लोगों के रक्त शर्करा (Blood sugar) में वृद्धि कर सकती है। इसलिए, यदि आपको पहले से ही मधुमेह रोग है तो ग्रीन कॉफी की खुराकनियंत्रित रखें और अपने रक्त शर्करा की देख-रेख डॉक्टर की निगरानी में करें।
8. ग्रीन कॉफी पीने के दुष्प्रभाव है उच्च रक्तचाप का होना – Green coffee side effects in Hindi
यदि आप ग्रीन कॉफी की खपत की मात्रा को प्रति-दिन 3 कप से ज्यादा रखेंगे तो ग्रीन कॉफी में मौजूद कैफीन उच्च रक्तचाप (Blood pressure) का कारण बन सकता है।
हालांकि ग्रीन कॉफी के सीमित मात्रा में सेवन करने से यह स्वस्थ लोगों का रक्तचाप नियंत्रित रखती है। इसलिए ग्रीन कॉफी पीने से पहले इस बात का ध्यान जरूर रखें।
9. ग्रीन कॉफी के नुकसान है हड्डियों का पतला होना – Adverse effects of Green coffee in Hindi
ग्रीन कॉफी या अन्य स्रोतों से मिलने वाला कैफीन, मूत्र में निकलने वाले कैल्शियम की मात्रा को बढ़ा सकती है जो हड्डियों के कमजोर होने का कारण बन सकता है। यदि आपको ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) है, तो कैफीन की खपत को प्रति-दिन लगभग 2-3 कप तक सिमित करें।
10. ग्रीन कॉफी पीने के हानिकारक प्रभाव है भ्रूण की हानि- Green coffee Ke Nuksan in Hindi
अध्ययनों के अनुसार एक दिन में लगभग तीन कप कॉफी, प्रेगनेंसी के समय अनेक समस्याओं को जन्म दे सकती हैं जिसमें गर्भपात होना (Miscarriage), भ्रूण की वृद्धि में कमी (Decreased fetal growth), भ्रूण की असामान्य धड़कन (Abnormal fetal heartbeat) का होना आदि शामिल हैं। इसलिए यदि आप प्रेग्नेंट हैं तो ग्रीन कॉफी का सेवन डॉक्टर के अनुसार ही करें।
और पढ़ें –नजरअंदाज न करें गर्भावस्था में होने वाली इन समस्याओं को
ग्रीन कॉफी की खुराक | Dose Green Coffee in Hindi
ग्रीन कॉफी की उपयुक्त खुराक की मात्रा अभी तक निर्धारित नहीं हुए है। अगर देखा जाए तो ग्रीन कॉफी की उपयुक्त खुराक की मात्रा कई कारकों पर निर्भर करती है जिसमें उपयोगकर्ता की उम्र, स्वास्थ्य और कई अन्य स्थितियां शामिल हैं। फिर भी शोधकर्ता 300 मिलीग्राम से कम कैफीन के सेवन की सलाह देते हैं।
अक्सर लोगों का प्रश्न होता है कि ग्रीन कॉफी दिन में कितनी बार पीनी चाहिए? इसका जवाब है लगभग 2 से 3 कप (300 मिलीग्राम) तक ग्रीन कॉफी का सेवन किया जा सकता है।
हालांकि कैफीन की एक सुरक्षित और प्रभावी खुराक निर्धारित करने के लिए अभी और अधिक शोध की आवश्यकता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
अगर नियमित मात्रा में ग्रीन कॉफी का सेवन किया जाए तो यह वजन घटाने और रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में उपयोगी हो सकती है। साथ ही ग्रीन कॉफी रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल जैसे स्वास्थ्य मार्करों में सुधार कर सकती है।
हालांकि ग्रीन कॉफी का अधिक सेवन स्वास्थ पर दुष्प्रभाव (Green Coffee Side effects) भी डाल सकता है। जिसका कारण ग्रीन कॉफी में मौजूद कैफीन का होना है।
इसलिए ग्रीन कॉफी में मौजूद कैफीन की मात्रा का सेवन 300 मिलीग्राम/ दिन तक सिमित रखें।
ध्यान रखें कि प्राकृतिक उत्पाद (Natural products) हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए ग्रीन कॉफी का उपयोग करने से पहले अपने फार्मासिस्ट (Pharmacist) या चिकित्सक (Doctor) या आहार विशेषज्ञ (Dietitian) का परामर्श जरूर लें कि आप एक दिन में कितनी कैफीन ले सकते हैं।
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Disclaimer : ऊपर दी गई जानकारी पूरी तरह से शैक्षणिक दृष्टिकोण से दी गई है। इस जानकारी का उपयोग किसी भी बीमारी के निदान या उपचार हेतु बिना विशेषज्ञ की सलाह के नहीं किया जाना चाहिए। इसके अलावा किसी भी चीज को अपनी डाइट में शामिल करने या हटाने से पहले किसी योग्य डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ (Dietitian) की सलाह जरूर लें।
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